up board class 9th hindi | आधुनिककाल

By | May 5, 2021

up board class 9th hindi | आधुनिककाल

 
प्रश्न 1 आधुनिककाल के उन दो साहित्यकारों के नाम लिखिए, जिनके नाम के साथ ‘युग’ जुड़
गया। उन दोनों की एक-एक रचना का नाम भी लिखिए।
उत्तर―(1) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र―प्रेम माधुरी तथा (2) महावीरप्रसाद द्विवेदी—अद्भुत आलाप।
 
प्रश्न 2 आधुनिककाल के तीन पर्यायवाची लिखिए।
उत्तर―आधुनिककाल के तीन पर्यायवाची है―(1) गद्य-काल, (2) नवीन विकास-काल तथा
(3) पुनर्जागरण-काल।
 
प्रश्न 3 आधुनिक कविता की प्रमुख विशेषताओं (प्रवृत्तियों) का उल्लेख कीजिए।
उत्तर―आधुनिक कविता की प्रमुख विशेषताएँ अग्र प्रकार हैं―
(1) जीवन के यथार्थ का चित्रण। (2) देश-प्रेम की भावना। (3) खड़ी बोली में काव्य-रचना।
(4) बौद्धिकता की प्रधानता। (5) गीति-काव्य की प्रधानता। (6) नये उपमानों के प्रयोग एवं
(7) प्रतीकात्मकता।
 
प्रश्न 4 आधुनिक हिन्दी काव्य की दो मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए और इस काल के दो
कवियों तथा उनकी एक-एक महाकाव्य-रचनाओं का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर― आधुनिक हिन्दी काव्य की दो मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं―(1) ब्रज भाषा के स्थान पर
खड़ीबोली का प्रचलन। (2) प्रबन्ध मुक्तक शैली के स्थान पर मधुर गीत और मुक्त छन्दों की रचना का
प्रचलन।
आधुनिककाल के दो कवि जयशंकर प्रसाद तथा मैथिलीशरण गुप्त हैं। इनमें से प्रसाद जी ने
‘कामायनी’ तथा गुप्त जी ने ‘साकेत’ महाकाव्य की रचना की।
 
प्रश्न 5 हिन्दी खड़ीबोली में काव्य-रचना करने वाले किन्हीं दो प्रमुख कवियों के नाम बताइए और
उनकी रचना का भी उल्लेख कीजिए।
उत्तर― (1) अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’―प्रियप्रवास तथा (2) मैथिलीशरण गुप्त―
साकेत।
 
प्रश्न 6 भारतेन्दु युग’ किस काल के अन्तर्गत आता है ? इस युग के ब्रज भाषा के दो प्रमुख कवियों
के नाम लिखिए।
उत्तर― ‘भारतेन्दु युग’ आधुनिककाल के अन्तर्गत आता है। इस युग के ब्रज भाषा के दो कवि हैं―
(1) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र तथा (2) श्रीधर पाठक।
 
प्रश्न 7 आधुनिक हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय भावना के दर्शन सर्वप्रथम किस कवि की रचनाओं में
होते हैं?
उत्तर― आधुनिक हिन्दी साहित्य में राष्ट्रीय भावना के दर्शन सर्वप्रथम भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की रचनाओं में
होते हैं।
 
प्रश्न 8 द्विवेदी युग के दो प्रमुख महाकाव्यों तथा उनके रचयिताओं के नाम लिखिए।
या      मैथिलीशरण गुप्त और अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की एक-एक प्रमुख रचना का
नाम लिखिए।
उत्तर― (1) मैथिलीशरण गुप्त―साकेत, यशोधरा, भारत-भारती। (2) अयोध्यासिंह उपाध्याय
‘हरिऔध’― प्रियप्रवास, वैदेही वनवास, रस कलश।
 
प्रश्न 9 छायावाद के आधार-स्तम्भ कहे जाने वाले प्रकृति के सुकुमार कवि का नाम बताइए।
उत्तर― छायावाद के आधार-स्तम्भ और प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानन्दन पन्त हैं।
 
प्रश्न 10 छायावादी युग के दो प्रमुख कवियों और उनकी दो-दो रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर― (1) जयशंकर प्रसाद― कामायनी और आँसू। (2) महादेवी वर्मा―यामा और दीपशिखा।
 
प्रश्न 11 छायावाद के स्तम्भ कहे जाने वाले कवियों में सम्मिलित एकमात्र कवयित्री का नाम बताइए।
उत्तर― श्रीमती महादेवी वर्मा।
 
प्रश्न 12 महादेवी वर्मा ने अपने गीतों में किस भावना को अभिव्यक्ति दी है ?
उत्तर―महादेवी वर्मा ने अपने गीतों में विरह की वेदना को मार्मिक अभिव्यक्ति दी है।
 
प्रश्न 13 “एकलव्य’ तथा ‘उत्तरायण’ कैसे काव्य-ग्रन्थ हैं और इनके रचयिता कौन हैं ?
उत्तर― ‘एकलव्य’ तथा ‘उत्तरायण’ दोनों ही काव्य-ग्रन्थ प्रबन्धकाव्य हैं। इनके रचयिता रामकुमार
वर्मा हैं।
 
प्रश्न 14 लोकगीतों का सर्वप्रथम संकलनकर्ता किसे माना जाता है ?
उत्तर― रामनरेश त्रिपाठी को लोकगीतों का प्रथम संकलनकर्ता माना जाता है।
 
प्रश्न 15 रामनरेश त्रिपाठी किस युग के साहित्यकार थे?
उत्तर― रामनरेश त्रिपाठी ‘द्विवेदी युग’ के साहित्यकार थे।
 
प्रश्न 16 ‘साहित्य-देवता’ माखनलाल चतुर्वेदी की किस प्रकार की रचना है ?
उत्तर― ‘साहित्य-देवता’ माखनलाल चतुर्वेदी की गद्य-काव्य की रचना है।
 
प्रश्न 17 कवि माखनलाल चतुर्वेदी के काव्य का मूल स्वर क्या है ?
उत्तर― कवि माखनलाल चतुर्वेदी के काव्य का मूल स्वर राष्ट्रीयतावादी है।
 
प्रश्न 18 हिन्दी काव्य में प्रगतिवादी युग का आरम्भ किन परिस्थितियों में हुआ ?
उत्तर― प्रगतिवादी कवियों ने मार्क्स को साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित होकर किसान तथा मजदूरी
की दयनीय दशा और रोटी-कपड़ा-मकान की समस्या को अपनी कविता का विषय बनाया। इन कवियों के
सरल और व्यावहारिक भाषा को अपनाया तथा सामाजिक अन्याय, ऊंच-नीच, शोषण और अत्याचार के
प्रति कठोर प्रतिक्रिया का स्वर मुखरित किया।
 
प्रश्न 19 प्रगतिवादी युग के किन्हीं दो कवियों के नाम लिखकर उनकी एक-एक साहित्यिक रचनाका
उल्लेख कीजिए।
उत्तर― (1) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’―अपरा तथा (2) रामधारी सिंह ‘दिनकर’―रेणुका।
 
प्रश्न 20 प्रगतिवाद के किसी ऐसे कवि का नाम और उसकी दो रचनाएँ बताइए जो दो युगों से
सम्बन्धित हों।
उत्तर― कविवर सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ दो युगों―छायावाद और प्रगतिवाद―से सम्बन्धित कवि
हैं। इनकी दो रचनाएँ हैं―(1) अनामिका एवं (2) अणिमा।
 
प्रश्न 21 रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पहली प्रसिद्ध कविता कौन-सी थी?
उत्तर― रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पहली प्रसिद्ध कविता ‘हिमालय’ थी।
 
प्रश्न 22 ‘दिनकर’ जी की कविताओं में किस रस की प्रधानता है ?
उत्तर― ‘दिनकर’ जी की अधिकांश कविताओं में वीर रस की प्रधानता है।
 
प्रश्न 23 ओज की कविता लिखने वाली हिन्दी की एकमात्र कवयित्री का नाम बताइए।
उत्तर―सुभद्राकुमारी चौहान ओज की कविता लिखने वाली हिन्दी की एकमात्र कवयित्री हैं।
 
प्रश्न 24 उस कवि का नाम लिखिए, जिसे छायावाद का आस्थावादी कवि कहा जाता है।
उत्तर―हरिवंशराय बच्चन’ को छायावाद का आस्थावादी कवि कहा जाता है।
 
प्रश्न 25 कवि नागार्जुन की कविता का मुख्य स्वर क्या है ?
उत्तर―दलित वर्ग के प्रति संवेदना, अत्याचार-पीड़ित, त्रस्त व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति, अनीति और
अन्याय का विरोध करने की प्रेरणा देना, सम-सामयिक, राजनीतिक तथा सामाजिक समस्याओं पर चोट
करना कवि नागार्जुन की कविता के मुख्य स्वर रहे हैं।
 
प्रश्न 26 प्रयोगवाद का आरम्भ किस कविता-संकलन से माना जाता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर―‘अज्ञेय’ द्वारा सम्पादित तथा सन् 1943 ई० में प्रकाशित प्रथम तार सप्तक’ के संकलन से
प्रयोगवाद का प्रारम्भ माना जाता है।
 
प्रश्न 27 प्रयोगवादी धारा के किन्हीं दो कवियों और उनकी एक-एक रचना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर―(1) सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’-आँगन के पार द्वार तथा (2) धर्मवीर
भारती-कनुप्रिया।
 
प्रश्न 28 ‘प्रेम-माधुरी’ भारतेन्दु जी की किस भाषा की रचना है ?
उत्तर―‘प्रेस-माधुरी’ भारतेन्दु जी की ब्रजभाषा की रचना है।
 
प्रश्न 29 रीतिकाल का अनुसरण करते हुए भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने किस कृति का प्रणयन किया?
उत्तर―रीतिकाल का अनुसरण करते हुए भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने सतसई शृंगार का प्रणयन किया।
 
प्रश्न 30 हिन्दी में अतुकान्त कविता लिखने का सर्वप्रथम प्रयास किसने किया था ?
उत्तर―श्रीधर पाठक ने हिन्दी में अतुकान्त कविता लिखने का सर्वप्रथम प्रयास किया था।
 
प्रश्न 31 ‘हरमिट’, ‘ट्रैवेलर’ तथा डेज़र्टेड विलेज का हिन्दी अनुवाद किसने किया ?
उत्तर―श्रीधर पाठक ने ‘हरमिट’, ‘ट्रैवेलर’ तथा डेज़र्टेड विलेज’ का हिन्दी अनुवाद किया।
 
प्रश्न 32 ‘हरमिट किस अंग्रेजी लेखक की रचना है और इसका श्रीधर पाठक ने किस नाम से हिन्दी
अनुवाद किया ?
उत्तर―‘हरमिट’ अंग्रेजी लेखक गोल्डस्मिथ की रचना है और इसका श्रीधर पाठक ने ‘एकान्तवासी
योगी’ के नाम से हिन्दी अनुवाद किया।
 
प्रश्न 33 खड़ी बोली को काव्य-भाषा के पद पर प्रतिष्ठित करने वाले सर्वप्रमुख कवि का नाम बताइए।
उत्तर― अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ खड़ी बोली को काव्य-भाषा के पद पर प्रतिष्ठित करने वाले
सर्वप्रमुख कवि हैं।
 
प्रश्न 34 द्विवेदी-युग के उस एक कवि का नाम लिखिए, जिसका खड़ीबोली और ब्रजभाषा दोनों पर
समान अधिकार था। उसकी खड़ीबोली की एक प्रसिद्ध कृति का नाम भी लिखिए।
उत्तर― अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध; द्विवेदी युग के कवि थे, जिनका खड़ी बोली और ब्रजभाषा
दोनों पर समान अधिकार था। इनकी खड़ीबोली की प्रसिद्ध कृति का नाम―प्रियप्रवास है।
 
प्रश्न 35 खड़ीबोली के उन्नायकों में से किसी एक कवि का नाम लिखिए।
उत्तर― मैथिलीशरण गुप्त खड़ी बोली के उन्नायकों में एक माने जाते हैं।
 
प्रश्न 36 ‘साकेत’ किस तरह की रचना है और इस पर राष्ट्रकवि को कौन-सा पुरस्कार प्राप्त हुआ
था।
उत्तर― ‘साकेत’ एक महाकाव्य है। इस पर राष्ट्रकवि (मैथिलीशरण गुप्त) को मंगलाप्रसाद पुरस्कार
प्राप्त हुआ था।
 
प्रश्न 37 छायावाद के चार स्तम्भ कहे जाने वाले कवियों में से किन्हीं दो के नाम लिखिए।
उत्तर― (1) जयशंकर प्रसाद तथा (2) सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ छायावाद के चार स्तम्भों में से दो
कवियों के नाम हैं।
 
प्रश्न 38 ‘कामायनी’ किस कवि और काल की रचना है?
उत्तर― कवि-जयशंकर प्रसाद तथा काल-छायावाद।
 
प्रश्न 39 छायावाद का प्रवर्तक किसे माना जाता है ?
उत्तर― जयशंकर प्रसाद को छायावाद का प्रवर्तक माना जाता है।
 
प्रश्न 40 स्वभाव से क्रान्तिकारी और छायावाद के प्रमुख स्तम्भ कहे जाने वाले कवि का नाम बताइए।
उत्तर― सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ स्वभाव से क्रान्तिकारी और छायावाद के प्रमुख स्तम्भों में से एक
कवि हैं।
 
प्रश्न 41 ‘निराला’ की कविता के मुख्य विषय क्या थे?
उत्तर― शृंगार, रहस्यवाद, राष्ट्रप्रेम, प्रकृति-वर्णन के अतिरिक्त शोषण और वर्ग-भेद के विरुद्ध
विद्रोह, शोषितों एवं दीन-हीन जन के प्रति सहानुभूति तथा पाखण्ड और प्रदर्शन के प्रति व्यंग्य ‘निराला’ जी
की कविता के मुख्य विषय थे।
 
प्रश्न 42 किसी एक गाँधीवादी कवि का नाम बताइए।
उत्तर―सोहनलाल द्विवेदी।
 
प्रश्न 43 सोहनलाल द्विवेदी जी की कविता के मुख्य विषय क्या हैं ?
उत्तर― राष्ट्रीय उद्बोधन, खादी प्रचार, ग्राम-सुधार, देश-भक्ति, सत्य, अहिंसा और प्रेम सोहनलाल
द्विवेदी की कविता के मुख्य विषय हैं।
 
प्रश्न 44 शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हिन्दी-साहित्य के किस वाद (काल) से सम्बन्धित हैं ?
उत्तर― छायावाद से।
 
प्रश्न 45 हिन्दी काव्य की प्रमुख धाराओं से सम्बद्ध दो प्रमुख रचनाकारों और उनकी एक-एक कृतियों
का उल्लेख कीजिए।
या निम्नलिखित कवियों में से किन्हीं दो की एक-एक रचना का नामोल्लेख कीजिए―
(क) कबीरदास, (ख) नरोत्तम दास, (ग) चन्दबरदायी, (घ) तुलसीदास
उत्तर― हिन्दी काव्य की प्रमुख धाराओं से सम्बद्ध दो प्रमुख रचनाकार और उनकी एक-एक कृतियाँ
निम्नलिखित हैं―
क्रम        काल/धारा/युग             कवि                        रचनाएँ
 
(1)         वीरगाथाकाल            चन्दबरदाई               पृथ्वीराज रासो
                                               जगनिक         परमाल रासो (आल्हाखण्ड)
 
(2) भक्तिकाल
 
(क)ज्ञानमार्गी (सन्त काव्यधारा)           कबीर                    बीजक
                                                     दादूदयाल               अनभैवानी
 
(ख) प्रेममार्गी (सूफी काव्यधारा)   मलिक मुहम्मद जायसी    पद्मावत
                                                        कुतुबन                 मृगावती
 
(ग) कृष्ण-काव्यधारा                   सूरदास                      सूरसागर
                                               मीराबाई                  मीरा पदावली
                                              नरोत्तमदास               सुदामा-चरित
 
(घ) राम-काव्यधारा                    तुलसीदास             श्रीरामचरितमानस
                                              केशवदास                 रामचन्द्रिका
 
(3) रीतिकाल                            बिहारी                   बिहारी सतसई
                                                भूषण                   शिवराज भूषण
 
(4)  आधुनिक काल
 
(क) भारतेन्दु युग                     भारतेन्दु हरिश्चन्द्र          प्रेम-माधुरी
                                                 श्रीधर पाठक          कश्मीर-सुषमा
 
(ख) द्विवेदी युग                       मैथिलीशरण गुप्त              साकेत
                                          अयोध्यासिंह उपाध्याय        प्रियप्रवास
                                                  ‘हरिऔध’
 
(ग) छायावाद                            जयशंकर प्रसाद            कामायनी
                                                 महादेवी वर्मा                  यामा
 
(घ) प्रगतिवाद                       सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’        अपरा
                                              रामधारी सिंह ‘दिनकर’          उर्वशी
 
(ङ) प्रयोगवाद                        सच्चिदानन्द हीरानन्द       आँगन के पार द्वार
                                                वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
                                                धर्मवीर भारती              कनुप्रिया
 
(च) नयी कविता                         भवानीप्रसाद मिश्र         खुशबू के शिलालेख
                                               गिरिजाकुमार माथुर         धूप के धान

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