UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 3 दुष्यन्त पुत्र भरत (महान व्यक्तिव)
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 3 दुष्यन्त पुत्र भरत (महान व्यक्तिव)
पाठ का सारांश
हस्तिनापुर के राजा दुष्यन्त शिकार खेलते समय कण्व ऋषि के आश्रम पहुँचे। वहाँ उन्होंने शकुंतला से गंधर्व विवाह किया और निशानी में एक अँगूठी दी। दुष्यन्त की याद में खोई शकुंतला को दुर्वासा ऋषि ने शाप दे दिया। राजा दुष्यन्त शकुंतला को भूल गए। उसे कण्व ऋषि ने पति के पास भेजा। शकुंतला के पास अपनी पहचान के लिए अँगूठी नहीं थी। इस कारण उसे निराश लौटकर कश्यप ऋषि के आश्रम में रहना पड़ा। वहीं पर भरत का जन्म हुआ, जिसे आश्रमवासी सर्वदमन कहते थे। यह बचपन से ही वीर और साहसी था। दैवयोग से अँगूठी मिल जाने पर दुष्यन्त को शकुंतला की याद आ गई। वे अपने पुत्र व पत्नी को ढूंढकर जंगल से हस्तिनापुर ले आए। भरत की शिक्षा-दीक्षा हस्तिनापुर में ही हुई। आगे चलकर यही भरत चक्रवर्ती सम्राट हुआ। इसके नाम पर ही हमारे देश का नाम भारत पड़ा। भरत ने अश्वमेध यज्ञ किया। इसकी कीर्ति सारे विश्व में फैल गई।
अभ्यास
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
प्रश्न 1.
भरत किसके पुत्र थे?
उत्तर :
भरत शकुंतला और दुष्यन्त के पुत्र थे।
प्रश्न 2.
हमारे देश का नाम भारत किसके नाम पर पड़ा?
उत्तर :
हमारे देश का नाम भारत ‘भरत’ के नाम पर पड़ा।
प्रश्न 3.
शकुंतला को दुष्यन्त क्यों नहीं पहचान सके?
उत्तर :
शकुंतला के पास दुष्यन्त द्वारा दी गई अँगूठी नहीं थी, इसलिए शाप के कारण वे उसे नहीं पहचान सके।
प्रश्न 4.
ऋषि दुर्वासा शकुंतला से क्यों क्रोधित हो गए और शकुंतला को क्या शाप दिया?
उत्तर :
एक दिन शकुंतला अपनी सहेलियों के साथ बैठी दुष्यंत के बारे में सोच रही थी, उसी समय दुर्वासा ऋषि आश्रम में आए। शकुंतला दुष्यंत की याद में इतनी अधिक खोई हुई थी कि उसे दुर्वासा ऋषि के आने का पता ही नहीं चला। अतः शकुंतला ने उनका आदर सत्कार नहीं किया, जिससे क्रोधित होकर दुर्वासा ऋषि ने शकुंतला को शाप दिया कि जिसकी याद में खोए रहने के कारण तूने मेरा सम्मान नहीं किया, वह तुझको भूल जाएगा।
योग्यता विस्तार –
नोट – विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।
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