UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 14 राजेन्द्र चोल (महान व्यक्तिव)
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 14 राजेन्द्र चोल (महान व्यक्तिव)
पाठ का सारांश
दक्षिण भारत के राजाओं में चोलवंशीय राजा अति प्रसिद्ध हुए। इनमें राजराजे प्रथम चोलवंश का प्रसिद्ध शासक था। राजेन्द्र चोल इसी का पुत्र था। राजेन्द्र चोल का शासनकाल 1044 ई० तक माना जाता है। चोल राज्य दक्षिण भारत के प्रायद्वीप में स्थित था। आक्रमण से सुरक्षा हेतु राजेन्द्र चोल ने शक्तिशाली सेना का संगठन किया। इसने शक्तिशाली जल सेना का भी संगठन किया एवं लंका तथा मालद्वीप पर आक्रमण कर वहाँ अपना अधिकार किया। इसकी सेना ने उड़ीसा पार गंगा जी तक पहुँचकर बंगाल के शासक पर विजय प्राप्त की। इस पर इसने ‘गंगईकोंड’ उपाधि धारण की। इसने समुद्र पार के देशों पर भी अपना प्रभाव बढ़ाया। इसके प्रभाव से भारत का पश्चिमी एशिया और पूर्वी एशिया के देशों से व्यापार बहुत बढ़ गया। यह व्यापार दक्षिणी चीन तक फैल गया।
दक्षिण भारत में चोल राज्य का विस्तार करने के साथ ही राजेन्द्र चोल ने उड़ीसा तथा महाकौशल से बंगाल तक अपना अधिकार जमा लिया। इसके अतिरिक्त इसने श्रीलंका, निकोबार द्वीप, ब्रहमी, मलाया, सुमात्रा आदि को भी अपने अधीन कर लिया। राजेन्द्र चोल महान साम्राज्य निर्माता होने के साथ ही कुशल शासक भी था। इसने राज्य की शासन व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया। इसका साम्राज्य कई प्रांतों में विभक्त था। ये प्रांत ‘मण्डलम’ कहलाते थे। प्रत्येक मण्डलम, कई वालानाडुओं में बँटा हुआ था। प्रत्येक वालानाडु में निश्चित संख्या में गाँव होते थे। ग्रामीण विकास के लिए ग्राम सभाएँ तथा स्वायत्तशासी संस्थाएँ थीं।
राजेन्द्र चोल ने कृषि की उन्नति की ओर बहुत ध्यान दिया। उसके शासनकाल में तालाबों से सिंचाई की सुविधा बढ़ गई। इसकी सुन्दर शासनव्यवस्था के कारण समाज में शांति थी सामाजिक जीवन सुखी और सुविधापूर्ण था। राज्य की रक्षा और शासन की सुन्दर व्यवस्था आश्चर्यजनक थी।
अभ्यास
प्रश्न 1.
राजेंद्र चोल ने कृषि की उन्नति के लिए क्या किया?
उत्तर :
राजेंद्र चोल ने कृषि की उन्नति की ओर विशेष ध्यान दिया। भूमि का सर्वेक्षण करा उसे दो भागों में बाँटा। ऊर्वरता तथा पैदा की जाने वाली फसलों के आधार पर कर निर्धारण किया गया था। तालाबों से सिचाई की सुविधाएँ बढ़ाई गई। इससे कृषि का उत्पादन बड़ा और किसानों की दशा में सुधार हुआ।
प्रश्न 2.
राजेंद्र चोल एक कुशल शासक थे, स्पष्ट कीजिए ?
उत्तर :
सन् 1014 में पिता की मृत्यु के बाद राजेंद्र चोल ने राज्य का शासन संभाला और सन् 1044 ई. तक शासन किया। शासन की बागडोर सँभालने के बाद राजेंद्र चोल ने अपने पिता की विजय नीति जारी रखी। दक्षिण भारत में राज्य का विस्तार करने के साथ ही राजेंद्र चोल ने उड़िसा तथा बंगाल तक अपना साम्राज्य स्थापित किया। इसके अतिरिक्त उसने श्रीलंका, निकोबार द्वीप, ब्रहमा, मलाया प्रायद्वीप, सुमात्रा आदि को अपने अधीन किया। राजेंद्र चोल महान साम्राज्य निर्माता तो था ही इसके साथ ही वह कुशल शासक भी था।
कृषि के साथ-साथ व्यापार के विकास की ओर भी राजेंद्र चोल ने बहुत ध्यान दिया। उसके समय में व्यापारी बहुत संपन्न हो गए थे। राजेंद्र चोल की सुंदर शासन व्यवस्था के कारण समाज में शांति स्थापित रही। राजेंद्र चोल के कार्यों से पता चलता है कि वह बहुत दूरदर्शी तथा कुशल शासक था।
प्रश्न 3.
सुरक्षा के क्षेत्र में राजेन्द्र चोल के किस कार्य से उनकी दूरदर्शिता का पता चलता है?
उत्तर :
राजेन्द्र चोल बहुत ही दूरदर्शी शासक था और जल सेना के महत्त्व को समझता था, इसलिए उसने विशाल जल सेना भेजकर बंगाल पर अधिकार कर लिया। इसी प्रकार विदेशी व्यापार से चोल साम्राज्य की आय में बहुत वृद्धि हुई थी। इससे उसकी दूरदर्शिता का पता चलता है।
प्रश्न 4.
राजेन्द्र चोल के समय में गाँवों की व्यवस्था कैसी थी?
उत्तर :
चोल शासन प्रणाली की प्रमुख विशेषता यह थी कि उसने गाँवों का संगठन स्थानीय स्वशासन की इकाई के रूप में किया था। ग्राम सभाएँ स्वायत्तशासी संस्थाएँ थीं, जो गाँव के शासन के विभिन्न अंगों के कार्यों की देख-रेख करती थीं। उसने ग्राम पंचायतों की भी स्थापना की, जो अपनी कार्य कुशलता के लिए प्रसिद्ध थीं।
प्रश्न 5.
नीचे दिए गए कथनों में सही कथन पर सही (✓) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर) –
उत्तर :
(क) राजेन्द्र चोल राजराज चोल का पुत्र था। (✓)
(ख) बंगाल के शासक ने राजेन्द्र चोल की सेना को युद्ध में पराजित किया। (✗)
(ग) गंगा तक के क्षेत्र को जीतने के बाद राजेन्द्र चोल ने ‘गंगईकोंड’ की उपाधि धारण की। (✓)
(घ) राजेन्द्र चोल के समय में भारत का विदेशों के साथ व्यापार घट गया। (✗)
योग्यता विस्तार –
1. एशिया के मानचित्र में ब्रह्मा, महाकौशल, मलाया, श्रीलंका, सुमात्रा की स्थिति देखिए।
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
2. चोल कला के मंदिरों के चित्रों का एलबम तैयार कीजिए।
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
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