UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 4 The Homecoming

By | May 31, 2022

UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 4 The Homecoming

UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 4 The Homecoming

LESSON at a Glance

In The Homecoming by Rabindranath Tagore we have the theme of conflict, control, responsibility, love and isolation. Taken from his Collected Stories collection the story is narrated in the third person by an unnamed narrator and from the beginning of the story the reader realises that Tagore may be exploring the theme of conflict. Makhan will not listen to Phatik when he tells him to get off the log. If anything Makhan is being defiant though he does pay a price for his defiance. Phatik and his friends roll the log over and Makhan falls off. This causes Makhan to hit Phatik and it is interesting that Phatik doesn’t retaliate. However this is not how Phatik’s mother sees things when Makhan returns home and tells his version of events. Phatik is the one who is blamed for hitting his brother and bringing conflict into the home. What is also interesting about Phatik’s mother is the fact that she has no control over him. He is not necessarily doing things that are dangerous or overly wrong. He is acting as many fourteen year old boys would do. Something which is too much for Phatik’s anything Phatik is not allowed to be a young adolescence boy by his mother. Which might be the reason why she is only too pleased to have Bishambar take him to Calcutta. The reader aware that Phatik’s mother is unable to manage him. Something that is her fault and not Phatik’s.

If anything Phatik’s mother lacks the responsibility that is required to raise Phatik. She considers him to be wild though as mentioned he is just an average fourteen year old boy who likes mischief as many fourteen year old boys do. Bishambar’s wife isn’t much better when it comes to rearing Phatik and it is noticeable that she never really embraces Phatik as being a member of the family. She may be his aunt by marriage but that is the closet that Bishambar’s wife wants to get to Phatik. Even though Phatik is on his best behaviour he is still not loved by Bishambar’s wife. For her he is no more than a man child. Yet to be a man and no longer a child. He is at an awkward stage in life. A stage that Bishambar’s wife wants no involvement with. Bishambar on the other hand is supportive of Phatik. Something that is noticeable by the fact that he not only promises him that he can go home for the holidays but there is a sense that Bishambar will make a decent man out of Phatik in Calcutta. He is giving him every opportunity.

Phatik’s school days are also a miserable occasion for him. If he is not being beaten by the teachers he is being beaten by some of the other students. If anything Phatik may feel isolated. When he lived in the village Phatik was the leader of his gang. Now that he is in Calcutta things are very much different. Rather than being a leader he has become a victim. A difficult role for any fourteen year old to play particularly when they are not getting the support that they need from the adults around them, Bishambar’s wife being an example. Even Phatik’s cousins do not help Phatik when he is in school although they may be afraid of being isolated themselves by the bullies in the school. The unity that Phatik had in the village. He does not have in Calcutta. As mentioned Phatik is isolated from others. How deeply affected Phatik feels and how much he misses the village is noticeable by the fact that he attempts to walk home to the village but instead manages to make himself sick.

The end of the story is also interesting as it becomes clear to the reader that Phatik due to his illness is delusional. When he sees his mother he believes that the holidays (October) have come. Yet those in the room know that Phatik is gravely ill and is about to die. What was once a healthy boy in every sense of the world has become a frail wreck in such a short period of time. Tagore possibly suggesting that Phatik should never have been taken out of the village environment he was used to. Some children will succeed in the city or with schooling. Phatik was not that sort of character. He was a lover of nature but he ended his life surrounded by the walls of Calcutta. Though no blame can be placed on Bishambar for what has happened. He was simply trying to help Phatik. The same cannot be said for the two characters in the story who are mothers. Phatik’s mother due to her impatience and readiness to get rid of Phatik and Bishambar’s wife for judging Phatik as being no more than an awkward young boy. Who she really didn’t want to deal with. It is there where the blame for Phatik’s premature death lays. Neither woman has shown Phatik the love he deserved and needed.

पाठ का हिन्दी अनुवाद

(1) Phatik Chakravorti ……………….. comfortable position.
फटिक चक्रवर्ती गाँव के लड़कों का सरदार था। एक नयी शैतानी उसके दिमाग में आई। नदी के समतल कीचड़ में लकड़ी का एक लट्टा पड़ा हुआ था जो कि एक नाव के मस्तूल के आकार में आने की प्रतीक्षा कर रहा था। उसने निश्चय किया कि वे सब मिलकर उस लट्टे को पूरी ताकत से उसकी जगह से लुढ़काते हुए दूर ले जाएँ। इस लट्टे का मालिक क्रोधित होगा और आश्चर्यचकित होगा तथा वे सब उससे मजे लेंगे। प्रत्येक ने इस प्रस्ताव को मान लिया और सर्वसम्मति से इसे ले जाया गया।

लेकिन जैसे ही मजा आने वाला था, माखन, फटिक का छोटा भाई घूमते हुए आया और उन सबके सामने बिना कुछ कहे उस लट्टे पर बैठ गया। एक सेकण्ड के लिए वे उस समय हैरान हो गये। उनमें से एक लड़के ने डरते-डरते उसे उठाने के लिए धक्का दे दिया लेकिन वह बेपरवाह ही रहा। वह एक छोटे दार्शनिक की तरह खेलों की निरर्थकता पर ध्यान लगाता रहा। फटिक को गुस्सा आ गया। वह चिल्लाया, “माखन अगर तुम इसी क्षण नहीं उतरे तो मैं तुम्हें पीयूँगा।” माखन और आराम से सँभल कर बैठ गया।

(2) Now, f Phatik ……………….. was over
अब यदि फटिक को अपना शाही गौरव सबके सामने रखना था, तो यह साफ था कि उसे अपनी धमकी को पूरा करना था। लेकिन संकट के समय उसका साहस जवाब दे गया। ऐसा लगा कि उसका शातिर दिमाग । उसके भाई से युक्ति चालन में नाकाम हो गया था और इससे उसके अनुयायियों को उसका मजाक बनाने का अवसर मिल गया। उसने आदेश दिया कि लट्टे के साथ माखन को भी लपेटकर लुढ़का दिया जाये। माखन-ने यह आदेश सुना और अपने सम्मान पर अडिग रहा। लेकिन उसने तथ्य की अनदेखी इस तरह कर दी, जैसे कोई व्यक्ति सांसारिक प्रसिद्धि के लिए उससे जुड़े जोखिम को उठा लेता है।

लड़कों ने अपनी पूरी ताकत से उस लट्टे को एक, दो, तीन, गो (जाओ) बोलते हुए उठाना शुरू किया और शब्द (गो) जाओ बोलते ही लट्ठा चला गया; और माखन का ध्यान, उसकी प्रतिष्ठा सब-कुछ चला गया। सभी अन्य लड़के अपनी कर्कश आवाज में खुशी मनाने लगे लेकिन फटिक थोड़ा डर गया था। वह समझ गया था कि क्या होने वाला था? और जैसा कि उसे यकीन था, माखन आवेश में जमीन पर से उठा। वह फटिक की तरफ दौड़ा और उसका मुंह नोंच लिया तथा उसे पीटा व लात मारी, और फिर रोते हुए घर चला गया। नाटक का पहला अंक समाप्त हो चुका था।

(3) Phatik wiped ……………….. umpotent ruge. फटिक ने अपना चेहरा साफ किया तथा नदी किनारे पड़े एक पेड़ के नँठ पर बैठ गया, और घास का तिनका चबाने लगा। एक नाव किनारे पर आकर रुकी और एक मध्यम उम्र का व्यक्ति, जिसके सफेद बाल और काली पूँछे थीं, किनारे पर उतरा। उसने वहाँ खाली बैठे हुए लड़के को देखा और उससे पूछा कि चक्रवर्ती कहाँ रहते थे। फटिक घास चबाता रहा और बोला, “वहाँ’ लेकिन यह पता लगाना असंभव था कि उसका इशारा किस तरफ था। उस अजनबी ने दोबारा पूछा। वह अपने पैर को इधर-उधर घुमाता रहा और बोला, जाओ और ढूंढ़ लो और पहले की तरह घास चबाता रहा।

लेकिन अब एक नौकर घर से आया और फटिक को बताया कि उसकी माँ उसे बुला रही थी। फटिक ने जाने से इनकार कर दिया। लेकिन नौकर इस स्थिति के लिए तैयार था। उसने जबरदस्ती फटिक को उठाया और उसे धकेलते हुए तथा गुस्से से संघर्ष करते हुए ले गया।

(4) When Phatik ……………….. telling lies”.
जब फटिक घर में आया, उसकी माँ ने उसे देखा। वह गुस्से से बोली, “तो तुमने फिर माखन को मारा?” फटिक ने उत्तर दिया, “नहीं मैंने नहीं मारा; आपसे यह किसने कहा?” . उसकी माँ चीखी, “झूठ मत बोलो! तुमने मारा है।” फटिक ने अचानक कहा, “मैं आपसे कह रहा हूँ कि मैंने नहीं मारा। आप माखन से पूछ लो।” लेकिन माखन ने सोचा कि वह अपनी पहले वाली बात पर अडिग रहेगा। उसने कहा, “हाँ, माँ।

फटिक ने मुझे मारा।” फटिक का धैर्य पहले ही जवाब दे चुका था। वह गलत बात (अन्याय) को नहीं सुन सकता था। वह माखन की तरफ दौड़ा और यह कहते हुए उस पर वार किये-“ये ले” वह चीखा “और ले, और ले, झूठ बोलने के लिए।

(5) His Mother ……………….. where she was.
उसकी माँ ने उसी क्षण माखन की तरफदारी की और फटिक को खींचते हुए अपने हाथों से पीटने लगी। जब फटिक ने उन्हें अपने से अलग किया, तो वह चीखी, “क्या, अरे दुष्ट! क्या तू अब अपनी माँ को भी धक्को देगा?”

उसी जटिल परिस्थिति में एक सफेद बालों वाला अजनबी वहाँ आ पहुँचा। उसने पूछा कि क्या बात है। फटिक डरा और शर्म से देखने लगा। लेकिन जब उसकी माँ ने पीछे मुड़कर उस अजनबी को देखा, तो उनका गुस्सा आश्चर्य में बदल गया, क्योंकि उसने अपने भाई को पहचान लिया था और बोली, “क्यों दादा! आप कहाँ से आये?’ ये शब्द कहते-कहते वे जमीन पर झुकी और उनके पैर छुए। जैसे ही उनकी शादी हुई थी उनके भाई चले गये थे और उन्होंने बॉम्बे में अपना व्यवसाय शुरू कर दिया था। जब वे बॉम्बे में थे तो उनकी बहन के पति की मृत्यु हो गयी। बिशम्भर अब कलकत्ता वापस आ गये थे और तुरंत उन्होंने अपनी बहन के बारे में पूछा था। और जैसे ही उन्हें अपनी बहन के बारे में पता चला वे उससे मिलने चले आये थे।

(6) The next ……………….. meant it.
अगले कुछ दिन बड़ी प्रसन्नता से बीते। भाई ने दोनों लड़कों की शिक्षा के बारे में पूछा। उसे बताया गया कि फटिक तो बिल्कुल बेकार है। वह कामचोर, कहना न मानने वाला और उपद्रवी था। लेकिन माखन सोने के समान अच्छा था, वह भेड़ के बच्चे के समान सज्जन और पढ़ने में मन लगाने वाला था। बिशम्भर ने दयालुता से फटिक को अपनी बहन से अपने साथ ले जाने को कहा और अपने बच्चों के साथ कलकत्ता ले जाकर पढ़ाने की बात कही। विधवा माँ तुरन्त मान गयी। जब फटिक के मामा ने उसे अपने साथ कलकत्ता ले जाने की बात की तो उसकी खुशी का ठिकाना न रहा, और वह बोला, “ओह, हाँ, मामा जी।’ एक तरीके से ऐसा लगता था कि जैसे वह यही चाहता था।

(7) It was ……………….. get away.
माँ के लिए फटिक से छुटकारा पाना अत्यधिक आरामदायक था। दोनों भाइयों में कोई प्यार न होना, उसके मन को क्षति पहुँचाता था। उसके मन में हमेशा यह डर बना रहता था कि किसी दिन वह माखन को नदी में डुबो देगा या लड़ाई में उसका सिर फोड़ देगा या उसे किसी-न-किसी खतरे में फैसा देगा। साथ ही वह फटिक की जाने की उत्सुकता को देखकर निराश भी रहती थी।

(8) Phatik ……………….. existence.
फटिक, जब सब-कुछ निश्चित हो गया, तो बार-बार अपने मामा से पूछने लगा कि कब चलेंगे। वह पूरे दिन प्रफुल्लित और तैयार रहता तथा अक्सर रात को भी जगा रहता। उसने अपनी मछली पकड़ने की छड़ी, अपनी बड़ी पतंग और अपने कंचे सब माखन को विरासत में दे दिए थे। वास्तव में, इस जाने के समय उसकी माखन के प्रति उदारता असीमित थी।

जब वे कलकत्ता पहुँचे तो फटिक पहली बार अपनी मामी से मिला। वह अपने परिवार में अनावश्यक बढ़ोतरी देखकर बिल्कुल भी खुश नहीं थी। वह बड़ी मुश्किल से अपने तीन लड़कों का प्रबंध कर पाती थी। और एक चौदह वर्ष के गाँव के लड़के का उनके बीच आ जाना बहुत अप्रिय था। बिशम्भर को इस तरह की बात करने से पहले कम-से-कम दो बार सोचना चाहिए था।

इस मानवीय संसार के झमेलों में, एक लड़का जिसकी उम्र चौदह साल हो, इससे बड़ी कोई बाधा नहीं हो सकती। न तो वह आकर्षक (सजावटी) होता है न ही उपयोगी। उसके ऊपर एक बच्चे की तरह प्यार बरसाना असंभव होता है, और वह हमेशा रास्ते में आता रहता है। यदि वह एक बच्चे की तरह तुतलतिा है तो उसे बच्चा कहा जाता है और अगर वे एक बड़े व्यक्ति की तरह व्यवहार करता है तो उसे अनुपयुक्तं बताया जाता है। जो भी बह कहता है उसका विरोध किया जाता है। तब वह एक बदसूरत, बढ़ती हुई उम्र में होता है। वह अपने कपड़ों की अपेक्षा बहुत तेजी से बढ़ता है; उसकी आवाज भारी हो जाती है और वह अटक-अटककर काँपते हुए स्वर में गाने लगता है। बचपन की गलतियों को माफ करना आसान होता है। लेकिन एक चौदह साल के लड़के की गलतियों को सहन करना अनिवार्य होता है। लड़को स्वयं दर्द से संकोची हो जाता है। जब वह बड़े लोगों से बात करता है तो या तो घबराहट में ढीठ हो जाता है या बेचैन होकर शर्माने लगता है या फिर उसे अपने अस्तित्व पर बहुत शर्मिन्दगी होने लगती है।

(9) Yet it is ……………….. his lessons.
जबकि इस उम्र में उसके दिल में होता है कि उसे प्यार और पहचान मिले और वह उस व्यक्ति का समर्पित दास बन जाता है जो उस पर ध्यान देता है। लेकिन कोई भी खुले रूप से उस पर प्यार दर्शाता नहीं है। क्योंकि उसे अनुचित आसक्ति माना जाता है जो कि उस लड़के के लिए सही नहीं होगा। इसलिए, क्या डाँटना और तिरस्कार करना, वह बिल्कुल एक आवारा कुत्ते के समान हो जाता है जिसका मालिक उसे छोड़कर चली गया हो। एक चौदह साल के लड़के के लिए उसका खुद का घर एक स्वर्ग के समान होता है।

एक अजनबी घर में अजनबियों के साथ रहना एक छोटे से अत्याचार के समान था, किसी स्त्री के द्वारा प्यार से बात या व्यवहार किया जाना परमानन्द की चरमसीमा था और उसके द्वारा कभी भी तिरस्कार नहीं किया जाना चाहिए। यह फटिक के लिए (पीड़ा की) दुःखद था कि वह अपनी मामी के घर अवांछनीय था, हर मौके पर वह इस बुजर्ग औरत द्वारा तिरस्कृत किया जाता था। जब भी वह उससे कुछ करने को कहती तो वह इतना खुश हो जाता कि कुछ ज्यादा ही कर देता और फिर भी उसे बताती कि इतने बेवकूफ मत बनो बल्कि अपनी पढ़ाई पर (पाठ) ध्यान दो।।

(10) The cramped ……………….. with longing. अपनी मामी के घर में उपेक्षा के तंगं वातावरण ने फटिक पर इतना जुल्म किया कि उसे ऐसा लगता था कि साँस लेना भी मुश्किल है। वह खुले गाँव में जाकर अपने फेफड़ों से स्वतन्त्र साँस लेना चाहता था। लेकिन वहाँ कोई खुला गाँव नहीं था। कलकत्ता में चारों तरफ दीवारें और घर बने हुए थे। वह हर रात अपने गाँव वापस जाने के सपने देखा करता। उसे वह शानदार चरागाह याद आते जहाँ वह पूरे दिन पतंग उड़ाया करता था; चौड़ा नदी का किनारा जहाँ वह गाते और चिल्लाते हुए खुशी से पूरा दिन बिताता था; छोटा सँकरा झरना जहाँ वह कभी भी जब वह चाहे डुबकी मार सकता था और तैर सकता था। उसे अपने समूह के साथी लड़के याद आते जिनमें वह तानाशाह था; और सबसे ज्यादा,उसे अपनी आततायी माँ की याद आती, जिसने उसके विरुद्ध पक्षपात किया था, यही विचार उसे दिन-रात (काम में लगाये रहते) परेशान करते रहते। एक तरह। का शारीरिक प्रेम जैसा कि जानवरों में होता है, किसी ऐसे के सामने होना जिससे आप प्यार करते हों; किसी के न होने पर न प्रकट करने योग्य उत्कंठा; एक शान्त चीख जो दिल से उसकी माँ को याद करती थी, शाम के समय एक बछड़े के सँभाने के समान थी; यह प्यार जो कि एक जानवर के रूप में स्वाभाविक था, वे उस शर्मीले, बेचैन, पतले, भद्दे और कुरूप लड़के को उत्तेजित कर देते थे। कोई भी इसे समझ नहीं सकता था, लेकिन उसका दिमाग लगातार इसी का शिकार था या इसी में रमा हुआ था।

पूरे स्कूल में फटिक से ज्यादा पिछड़ा हुआ कोई लड़का नहीं था। जब भी अध्यापक उससे प्रश्न पूछते उसका मुँह खुला और शान्त रह जाता और एक अतिरिक्त भार से लदे हुए गधे के समान वह धैर्यपूर्वक उन सभी वारों को सहन कर जाता जो उस पर पड़ते थे। जब सब लड़के बाहर खेल रहे होते तो वह जिज्ञासा से खिड़की के पास खड़ा हो जाता तथा दूर घरों की छतों को देखा करता और अगर संयोगवश वह बच्चों को खुली छत पर खेलते हुए देख लेता तो उसका दिल भी इच्छाओं से भर जाता।

(11) One day ……………….. home?”
एक दिन उसने अपनी पूरी हिम्मत जुटाकर अपने मामा से कहा, “मामाजी, मैं घर कब जा सकता हूँ? उसके मामा ने उत्तर दिया, “जब तक छुट्टियाँ हों तब तक प्रतीक्षा करो।” लेकिन छुट्टियाँ तो नवम्बर तक नहीं आयेंगी और अभी एक लम्बे समय तक इन्तजार करना पड़ेगा।

एक दिन फटिक की अभ्यास-पुस्तिका खो गयी। यहाँ तक कि अपनी किताबों की सहायता से भी उसे अपना पाठ समझने में कठिनाई हो रही थी। अब यह असंभव था। दिन प्रतिदिन अध्यापक निर्दय होकर उसे पीटते। उसकी ऐसी हालत हो गयी कि उसके ममेरे भाइयों को भी अब उस पर शर्म आने लगी। वे दूसरे लड़कों से भी ज्यादा उसे चिढ़ाने और बेइज्जत करने लगे। आखिरकार वह अपनी मामी के पास गया और बोला कि उससे उसकी अभ्यास-पुस्तिका खो गयी है।

उसकी मामी ने गुस्से से अपने होठ भींच लिये और बोली तुम बहुत पागल, गॅवार हो मैं अपने परिवार के साथ कैसे तुम्हारा एक महीने में पाँच बार किताबों का खर्चा उठा सकती हूँ?

उस रात स्कूल से वापस घर आते हुए, फटिक को भयंकर सिरदर्द के साथ काँपते हुए दौरा पड़ गया। उसे लगा कि उसे मलेरिया बुखार का असर हो गया है। उसे सबसे ज्यादा डर इस बात का था कि उसकी मामी इसे उसी की बेवकूफी कहेगी। अगली सुबह फटिक कहीं भी दिखायी नहीं दिया। आस-पड़ोस में ढूंढ़ने से कुछ भी पता नहीं चला सब बेकार हो गया। पूरी रात बारिश होती रही थी और जो भी लड़के को ढूँढ़ने गये वे पूरी तरह भीग गये। आखिर में बिशम्बर ने पुलिस की मदद ली। दिन के आखिर में एक पुलिस वैन उनके घर के सामने रुकी। अभी भी बारिश हो रही थी और गलियों में पानी भर गया था। दो पुलिसवाले फटिक को अपनी भुजाओं में लेकर आए और बिशम्भर के आगे रख दिया। वह पूरी तरह भीगा हुआ, कीचड़ से सना हुआ था, उसका चेहरा और आँखें बुखार से लाल हो गये थे और उसका पूरा शरीर (मांसपेशियाँ) काँप रहा था। बिशम्भर उसे गोदी में उठाकर अन्दर लेकर गये। उसकी पत्नी ने जब उसे देखा, तो बोली, इस लड़के ने हमें परेशान कर दिया है। क्या अधिक अच्छा नहीं होगा कि तुम उसे उसके घर भेज दो? ”

(12) Photik ……………….. critical.
फटिक ने उनके शब्द सुनकर रोते-रोते जोर से कहा मामाजी, मैं घर ही जा रहा था, लेकिन ये मुझे वापस यहाँ घसीट लाए। बुखार बहुत तेज हो गया और लड़का पूरी रात तपता रहा बिशम्बर ने डॉक्टर को बुलाया, फटिक ने अपनी बुखार से भरी आँखें खोलीं और छत की तरफ देखते हुए शान्ति से कहा, मामा जी क्या अभी तक छुट्टियाँ नहीं हुई हैं। क्या मैं घर जा सकता हूँ? बिशम्भर ने अपने आँसू पोंछे और फटिक के पतले जलते हुए हाथों को पकड़कर पूरी रात उसके पास बैठे रहे। लड़का फिर बड़बड़ाने लगा। आखिरकार उसकी आवाज उत्तेजित हो गयी, वह चीखा, माँ मुझे ऐसे मत मारो।“माँ”, मैं सच बोल रहा हूँ। अगले दिन थोड़ी देर के लिए लड़के को होश आया। उसने कमरे में अपनी नजर घुमाई, जैसे कि उसे किसी के आने की आशा हो। आखिरकार निराशा के साथ उसका सिर वापस तकिये पर लुढ़क गया। उसने अपना चेहरा दीवार की तरफ कर लिया और एक गहरी साँस ली। बिशम्भर उसके मन की बात समझ गये थे, अपना सिर नीचे करके, धीरे से बोले फटिक मैंने तुम्हारी माँ को बुलवाया है। वह दिन बीत गया। डॉक्टर ने चिन्ताग्रस्त आवाज में कहा कि लड़के की हालत बहुत नाजुक है।

(13) Photik ……………….. come.
” फटिक जोर से चिल्लाने लगा, “वह निशान! तीन फैदम। वह निशान:::::::::::::”चार फैदम। वह निशान:::::::” उसने नदी में स्टीमर के नाविक को साहुल रेखा के पास यह बोलते हुए सुना था। अब वह स्वयं अथाह सागर की गहराई नाप रहा था। अगले दिन फटिक की माँ चक्रवात की तरह कमरे में प्रविष्ट हुई और तेज आवाज में इधर-से-उधर गिरकर विलाप करने लगी। बिशम्भर ने उनकी बेचैनी को शान्त करने की कोशिश की लेकिन वह उसके पलंग से चिपककर चिल्लाने लगी, फटिक मेरा प्यारा, मेरा बेटा। फटिक अपनी बेचैनी में एक क्षण रुका। उसके हाथ ऊपर नीचे होने बन्द हो गए। उसने कहा, आह? उसकी माँ फिर चीखी, फटिक मेरा प्यारा, मेरा बेटा। फटिक ने बहुत धीरे से अपना सिर घुमाया और बिना किसी की तरफ देखे, बोला, “माँ छुट्टियाँ आ गयी हैं।”

Understanding the Text

Explanations
Explain one of the following passages with reference to the context :
(1) Phatik Chakravorti ……………….. unanimously.
Reference : This extract has been taken from the chapter The Homecoming by Rabindranath Tagore. [ N.B. : The above reference will be used for all explanations of this lesson.]

Context: In this chapter the feeling of a fourteen year old naughty boy’s have been discussed.

Explanation : Phatik chakravorti was a head of village boys. A new naughtiness come into his mind. There was a heavy log which was lying at the bank of river to be shaped for being a mast for a boat. He decided that all of his friends should try to shift the log from its place and roll it towards other side. He wanted to trouble the owner and to have fun for himself. All of them had same thinking regarding that offer.

(2) Now, if Phatik ……………….. perit in it.
Context : In this extract Phatik and Makhan both brother’s have shown their mischieviousness.

Explanation : Now it had become compulsory for Phatik to keep his words to maintain his position. But his courage was lagging him behind. His active mind in that situation, at once caught upon a new trick which would defeat his brother and allow his attendants an increasing entertainment. He ordered then to roll the log and Makhan over together. Makhan heard his brothers and decided to stick on to the log to maintain his position. But the could not see those things which were related to the bubble reputation and the risk which could have fall upon him.

(3) Phatik wiped his face ……………….. grass as before.
Context : In the given extract Phatik’s reaction against his brother Makhan has been described.

Explanation : After cleaning his face Phatik sat down on river bank and started chewing a piece of grass. Just then a boat came on the river bank and a middle aged man, with grey hair and dark moustache came to him and asked where the chakravortis lived. Phatik did not take care of him and pointed in such direction that it was impossible to understand where he pointed. On asking again by the stranger he replied ‘go and find out roughly and continued to move his legs and chewing the grass as before.

(4) The next few ……………….. he meant it.
Context : In this passage Phatik’s attitude’s changes have been described. When his uncle asked him to take away with himself his joy was boundless.

Explanation : When Phatik’s uncle came to his home he felt happy. His uncle asked his mother about the education of her sons and his sister told him about the difference of attitude of her two children. Phatik was lazy, disobedient, and wild. But Makhan was as good as gold, as quiet as a lamb and very fond of reading. Bishambhar asked his sister to take Phatik with him at calcutta and to look after him as his own son. Phatik’s mother agreed with her brother. When Phatik became to know about this he readily accepted the offer as he himself wanted to go away from his village.

(5) In this ……………….. very existence.
Context : In this extract the feelings of a teenager child has been shown. What situations he/she has to face.

Explanation : In this extract the narrator says that teenage specially age of fourteen years in itself is a bad thing. A boy of this age is not considered gorgeous nor useful. It is not possible to show love on him as is shown on littly boy. He is always felt as if he is coming in somebody’s way. If he speaks in a childish way he is called a baby and if he behaves in a grown-up way he is not respected. In fact whatever he speaks makes angry to others. Then he does not get attraction at his growing age his height grows fast and his clothes becomes short for him; his voice also becomes rough and breaks and shivers. His face looks angular and ugly. Eary childhood’s shortcomings can easily be given up but it is hard to bear the mistakes of a fourteen year old boy. The boy becomes shy. When he talks with elderly people he feels extremely forward or shy that he looks ashamed of his very presence.

(6) The cramped ……………….. day and night.
Context : In this extract Phatik’s feeling against his aunt’s behaviour is shown.

Explanation : The bad atmosphere of dishonor in his aunt’s house depressed Phatik so
that he felt that he could not take a breathe comfortably there. He wanted to roam in a country freely as he did in his earlier days. But in calcutta there was no open place for him to go the city was surrounded by houses and walls, he only could dream continuously of his village and to be back there. He was unable to forget the beautiful grasslands where he used to fly his kite whole day long; the broad river-bank where he used to wander about the livelong day singing and shouting for joy. There was a · narrow river also where he could go and enjoy himself with his friends at any time he liked. He thought about his friend circle over whom he used to command; and above all the remembrance of his cruel mother who was always partial to for him.

(7) At the end ……………….. sent him home?”
Context : When Phatik did not come for whole day his uncle took help from police.

Explanation : At last in the evening a police van stopped in front of their home. Rain had not stopped yet and the streets were full of water. Two constables brought phatik inside the house in front of Bishambhar. He was completely wet and muddy allover, his face and eyes were red with fever and his body was trembling. Bishambhar himself took Phatik in his lap towards inner room. When his wife saw him she said, “this boy has come to us as a heap of troubles shouldn’t you send him to his home back?”

(8) The fever rose ……………….. telling the truth!”
Context : Phatik wanted to go his home back. So, he tried to do so but was caught back to his uncle’s home by two constables.

Explanation :
 Phatik was suffering from high fever and was insensible whole night. Bishambhar called a doctor. Phatik opened his red eyes and looked up to the ceiling, and said calmly “Uncle have the holidays come yet? May I go home?” Bishmbhar cleaned his own face which was wet with tears and took Phatik’s weak and hot (burning with fever) hands in his own hand and sat near him whole night. The boy again started speaking slowly finally his sound became hig
vly finally his sound became high, he cried, mother don’tbeat me like that! Mother! I am not lying. I am telling the truth!”

Short Answer Type Questions

Answer one of the following questions in not more than 30 words:
Question 1.
What did Phatik and his friends decide to do?
(फटिक और उसके मित्रों ने क्या करने का निश्चय किया? )
Answer :
Phatik Chakravorti was a typical naughty village boy about fourteen years old. He was the ring leader of his gang. He never went to school but spent the whole day flying kites, swimming in the river and playing mischief. He was inventive and full of ideas. One day a new mischief got into his head. There was a heavy log lying on the mud flat of the river waiting to be shaped into to mast for a boat. Phatik and his friends decided that they should shift the log by force from its place and roll it away. The owner of the log would be angry and surprised and they would enjoy all the fun.

(फटिक चक्रवर्ती चौदह वर्ष का एक बहुत शैतान ग्रामीण लड़का था। वह अपने समूह का सरदार था। वह कभी स्कूल नहीं जाता था लेकिन पूरा दिन पतंग उड़ाने, नदी में तैरने और शैतानी करने में बिताता था। वह अच्छा आविष्कारक तथा पूर्ण विवेकशील था। एक दिन एक नयी शैतानी उसके दिमाग में आई। नदी के किनारे समतल कीचड़ में लकड़ी का एक लट्ठा नाव के मस्तूल के आकार में आने के लिए पड़ा हुआ था। फटिक और उसके दोस्तों ने निश्चय किया कि वे उसे लट्टे पर ताकत लगाकर उसे घुमाकर उसकी जगह से लुढ़काते हुए दूसरी जगह ले जायेंगे। लट्टे का मालिक आश्चर्यचकित और क्रोधित होगा और वे सब उससे मजे करेंगे।)

Question 2.
How did Makhan spoil the fun?
(माखन ने कैसे मजा किरकिरा (खराब) कर दिया?)
Answer :
Phatik and his friends decided to perform a new mischief. They decided that they should shift the log by force from its place and roll it away. The owner of the log would be angry and surprised and they would enjoy all the fun. But the fun was spoiled before it started, as Phatik’s brother Makhan went against this plan. He decides not to allow them to roll the log way. So he quietly sat down on the log without uttering. word. This made everybody puzzled for a moment. Phatik asked him to get up. But Makhan sat more confidently and appeared like a young philosopher meditating. Now it was the question of Phatik’s dignity before his gang and so he ordered the gangs to roll the log along with Makhan. As the log moved, Makhan fell into mud. So he quarreled with Phatik and went home crying. All in this way Makhan spoiled the fun.

(फटिक और उसके मित्रों को एक नयी शैतानी सूझी। उन्होंने निश्चय किया वे उस लट्टे पर ताकत लगाकर उसे लुढ़काते हुए एक जगह से दूसरी जगह ले जायेंगे। लट्टे का मालिक आश्चर्यचकित और गुस्सा होगा और वे सब उससे मजे करेंगे। लेकिन मजा आना शुरू होने से पहले ही खराब हो गया, क्योंकि फटिक का भाई माखन योजना के बीच में आ गया। उसने सोचा कि वह उन्हें लट्टे को लुढ़काकर ले जाने नहीं देगा। इसलिए वह बिना कुछ बोले चुपचाप जाकर लट्टे पर बैठ गया। इससे एक क्षण के लिए सब परेशान हो गये। फटिक ने उससे उठने को कहा। लेकिन माखन और भी अधिक आत्मविश्वास से एक तत्त्व की तरह, जैसे कि वह ध्यान लगा रहा हो, बैठ गया। अब यह फटिक की उसके समूह के सामने प्रतिष्ठा का प्रश्न था और इसीलिए उसने अपने समूह को आदेश दिया कि लट्टे के साथ ही माखन को भी लुढ़का दें। इस पर उसकी फटिक के साथ लड़ाई हो गयी और वह रोते हुए घर चला गया। इस तरह से माखन ने मजा किरकिरा कर दिया।)

Question 3.
Who arrived at Phatik’s house?
(फटिक के घर कौन आया था?)
Answer :
Bishambar brother of Phatik’s mother or his maternal uncle came to Phatik house. Bishambar had gone away soon after the marriage of Phatik’s mother and his sister and he also started business at Bombay. Bishambar now come back to Calcutta and was visiting his sister after a long period.

(बिशम्भर फटिक की माँ का भाई यानी फटिक के मामा उसके घर आए। बिशम्भर फटिक की माँ के विवाह के तुरन्त बाद बम्बई चले गये थे और उन्होंने वहाँ पर अपना व्यवसाय शुरू कर दिया था। अब बिशम्भर कलकत्ता वापस आए थे और काफी लम्बे अरसे के बाद अपनी बहन से मिले।)

Question 4.
Why did Phatik go to Calcutta?
(फटिक कलकत्ता क्यों गया?)
Answer :
Phatik Chakravorti was a typical naughty village boy about fourteen years old. He never went to school but spent the whole day flying kites and playing mischief. He was a perpetual nuisance and his widow mother did not know how to manage him. He was lazy, disobedient and wild, so not studying properly. Once his maternal uncle Bishambar visited his sister after a long. He volunteered to take Phatik to Calcutta where he would be educated. Phatik’s mother readily agreed and Phatik also was excited to go. So he readily went to Calcutta expecting a new exiting life there.

(फटिक चक्रवर्ती एक बहुत शैतान चौदह वर्ष का ग्रामीण लड़का था। वह कभी स्कूल नहीं जाता था लेकिन पूरा दिन पतंग उड़ाने और शैतानी करने में बिताता था। वह लगातार शैतानियाँ करता था और उसकी विधवा माँ समझ नहीं पाती थी कि उसके साथ कैसा व्यवहार करे। वह आलसी, कहना न मानने वाला और उद्दण्ड था, इसलिए ठीक से पढ़ता भी नहीं था। एक बार उसके मामा बिशम्भर बहुत दिनों बाद उनसे मिलने आए। उन्होंने फटिक को कलकत्ता ले जाने के लिये कहा जहाँ वे उसे पढ़ाना चाहते थे। फटिक की माँ इसके लिए तैयार हो गयी और फटिक भी जाने के लिए उत्साहित था। इसलिये वह एक उत्साहित जीवन की आशा में , खुशी से कलकत्ता चला गया।)

Question 5.
Why was Phatik unwelcome to his aunt?
(फटिक का आना उसकी मामी के लिए अनाभिलाषित क्यों था?)
Answer :
When Phatik and his uncle reached Calcutta, Phatik made the acquaintance of his aunt for the first time. His aunt was not all happy to see him. For her, Phatik was an unnecessary addition of her family because she had already three children who were quite unmanageable. To bring a village boy of 14 was very much upsetting to her. So Phatik was unwelcome to his aunt…

(जब फटिक और उसके मामा कलकत्ता पहुँचे, फटिक पहली बार अपनी मामी से मिला। उसकी मामी उसे देखकर खुश नहीं हुई। उनके लिए, उनके परिवार के लिए फटिक अनावश्यक था क्योंकि उनके पहले से तीन बच्चे थे जो काफी अनियन्त्रणीय थे। गाँव के एक चौदह वर्षीय लड़के को पालना उनके लिए काफी मुश्किल था। इसलिए फटिक का आना उसकी मामी के लिए अनाभिलाषित था।)

Question 6.
Why was Phatik unhappy in Calcutta?
(फटिक कलकत्ता में खुशे क्यों नहीं था?)
Answer :
Phatik was sent to Calcutta by his mother. She hoped that the boy would get good education and be happy there. Phatik too expected to have an exciting life but his aunt did not show him any love. She was rude with and found fault with him. He was despised and insulted every now and then his cousins also made fun of him. He was the most backward boy in the whole school. He was beaten unmercifully by the teacher day after day. He could not make any friends. He longed for his village where he was a ring leader and where he had enjoyed life. The house became a prison for him. He wanted to run away to his village. The whole his life was miserable and unhappy in Calcutta.

(फटिक को उसकी माँ ने कलकत्ता भेज दिया था। उन्हें आशा थी कि लड़के को वहाँ अच्छी शिक्षा मिल जायेगी और वह वहाँ खुश रहेगा। फटिक को भी एक उत्तेजित करने वाली जिन्दगी की आशा थी लेकिन उसकी मामी ने उसे बिल्कुल प्यार नहीं किया। वह उससे अशिष्ट व्यवहार करती थी और उसमें कमियाँ निकालती रहती थी। उसे तुच्छ समझा जाता था और उसकी बेइज्जती की जाती थी और जब तब उसके ममेरे भाई-बहन उसका मजाक उड़ाते रहते थे। वह पूरे स्कूल में सबसे पिछड़ा हुआ लड़का था। दिन प्रतिदिन उसे उसके अध्यापक द्वारा बेरहमी से पीटा जाता था। उसका कोई मित्र नहीं था। वह अपने गाँव जाना चाहता था जहाँ वह अपने समूह का सरदार था और जहाँ उसने जीवन में मजे किये थे। घर उसके लिए एक जेल बन चुका था। वह अपने गाँव भाग जाना चाहता था। कलकत्ता में उसका पूरा जीवन दु:खी और अप्रसन्न था।)

Question 7.
What happened to Phatik at school?
(स्कूल में फटिक के साथ क्या हुआ?)
Answer :
Phatik was the most backward and the dullest boys in his school. He remained silent when the teacher asked him a question, and like an ass patiently suffered all the blows that came down on his back. One day, he lost his lesson book. It was impossible to prepare lesson without it. Day by day he was beaten unmercifully by the teacher. His conditions became so miserable that even his cousins were ashamed of him. He was insulted by his classmates. These all the troubled faced by Phatik when he was at school.

(फटिक अपने स्कूल में सबसे पिछड़ा और मन्दबुद्धि लड़का था। जब अध्यापक उससे कोई प्रश्न पूछते तो वह चुप रहता था, और एक गधे की तरह उन वारों को सहन करता था जो उसकी कमर पर पड़ते थे। एक दिन, उसने अपनी अभ्यास-पुस्तिका खो दी। इसके बिना पाठ याद करना असम्भव था। दिन प्रतिदिन अध्यापक बेरहमी से उसे पीटते थे। उसकी हालत इतनी दयनीय हो गयी कि उसके ममेरे भाई-बहनों को भी उस पर शर्म आने लगी। उसके सहपाठी उसकी बेइज्जती करते। जब फटिक स्कूल में था उसे इन सब परेशानियों का सामना करना पड़ा।)

Question 8.
Why did Phatik run away?
(फटिक क्यों भाग गया?)
Answer :
Phatik was sent to Calcutta by his mother. She hoped that the boy would get good education and be happy there. Phatik too expected to have an exciting life but his aunt did not show him any love. She was rude with and found fault with him. He was despised and insulted every now and then his cousins also made fun of him. His life at school was no better. He was the most backward boy in the whole school. The house became a prison for him. The whole his life was miserable and unhappy in Calcutta. Now he longed for his village where he was a ring leader and where he had enjoyed life. He also remembered his mother. One day he fell sick and he feared that in such condition, he would be nuisance to is aunt. So he ran away from home.

(फटिक को उसकी माँ ने कलकत्ता भेज दिया था। उन्हें आशा थी कि लड़का वहाँ जाकर खुश रहेगा और उसे अच्छी शिक्षा मिल जायेगी। फटिक को भी एक उमंग भरे जीवन की आशा थी लेकिन उसकी मामी ने उसे बिल्कुल प्यार नहीं किया। वह उससे अशिष्ट व्यवहार करती और उसमें कमियाँ निकालती रहती थी। उसे तुच्छ समझकर जब तब उसके ममेरे भाइयों द्वारा उसका मजाक उड़ाया जाता था और उसकी बेइज्जती की जाती थी। स्कूल में भी उसकी जिन्दगी ज्यादा अच्छी नहीं थी। वह पूरे स्कूल में सबसे पिछड़ा हुआ लड़का था। घर उसके लिए एक जेल के समान बन गया था। कलकत्ता में उसका पूरा जीवन दु:खी और अप्रसन्न था। अब वह अपने गाँव को याद कर रहा था जहाँ वह अपने समूह का सरदार था और जहाँ वह जिन्दगी में मजे कर रहा था। उसे अपनी माँ की भी याद आ रही थी। एक दिन वह बीमार पड़ गया और उसे डर था कि ऐसी स्थिति में, वह अपनी मामी की नजरों में और गिर जायेगा (वह उसे और बाधा समझेगी) इसलिए वह घर से भाग गया था।)

Question 9.
Who come to see Phatik?
(फटिक से मिलने कौन आया?)
Answer :
Phatik was very unhappy at his uncle’s house in Calcutta. He received no love and affection. His aunt found fault with him and insulted him. Once in the state of malarial fever, He ran away from home. He was brought back in serious condition. The boy told his uncle that he wanted to go home to his mother. His uncle assured him that he would send him when holidays would come. In his delirium he kept on asking his uncle if holidays had come. Finally his mother was sent for she arrived just in times to see her son die. His mother came to see her son dying.

(फटिक कलकत्ता में अपने मामा के घर बहत द:खी था। उसे कोई प्यार नहीं करता था। उसकी मामी उसकी कमियाँ ढूंढ़ती और उसे बेइज्जत करती रहती थी। एक बार मलेरिया बुखार में, वह घर से भाग गया। उसे गम्भीर अवस्था में घर लाया गया। लड़के ने अपने मामा को बताया कि वह अपनी माँ के पास घर जाना चाहता था। उसके मामा ने उसे आश्वासन दिया कि जब छुट्टियाँ होंगी तो वे उसे भेज देंगे। अपनी बेहोशी की हालत में वह अपने मामा से पूछता रहा कि क्या छुट्टियाँ हो गयीं। आखिरकार उसकी माँ को बुलवाया गया और वो बिल्कुल उस समय पहुँची जब उनका बेटा मरने ही वाला था। उसकी माँ अपने बेटे की मृत्यु पर . आई थी।)

Question 10.
What do you think happened to Phatik?
(आपको क्या लगता है कि फटिक को क्या हुआ था?)
Answer :
“The Home coming’ is a touching story of a boy of fourteen years. Back in village he was happy and free. He played his boyish pranks and has the fun common to his age but life last all its charms when he was sent to calcutta. Instead of love he received contraption, insult and beating. This made the boy unhappy and adversely affected his progress in school; the unloved boy fell sick and died. According to me Phatik was transplanted from village life which was full of mischief and pleasure to a life to city where he had no one to love and give affection to him. He realized the values of home and love because of neglect from his uncle’s family and separation from his mother. During his illness this wild boy turned mature and understands what is home.

(‘द होम कमिंग’ (घर वापसी) एक चौदह वर्षीय लड़के की एक मार्मिक कहानी है। पहले जब वह गाँव में था खुश और स्वतन्त्र था। वह अपने लड़कपन की शरारत किया करता था और अपनी उम्र के साधारण मजे लिया करता था, लेकिन जीवन का सारा आकर्षण समाप्त हो गया जब उसे कलकत्ता भेज दिया गया। प्यार के बजाय उसे बेइज्जती और पिटाई सहन करनी पड़ी। इसी से लड़का दुःखी हो गया और स्कूल में भी उसकी प्रगति बुरी तरह प्रभावित हुई; जिस लड़के को प्यार न मिला था वह बीमार पड़ गया और मर गया। मेरे हिसाब से फटिक का ग्रामीण जीवन जो शैतानियों और जीवन की खुशियों से भरा था, से उठाकर शहरी जीवन में प्रत्यारोपित कर दिया गया था जहाँ कोई उसे प्यार नहीं करता था और उस पर ध्यान नहीं देता था। उसे घर और प्यार की कीमत महसूस हो रही थी क्योंकि उसके मामा के परिवार में उपेक्षा मिलती थी और वह अपनी माँ से दूर हो गया था। इस बीमारी के समय में वह उद्दण्ड लड़का पूर्ण रूप से सुचिंतित हो गया था और यह समझ गया था कि घर क्या होता है।)

Vocabulary

Choose the most appropriate word or phrase that best completes the sentence:
1. Phatik Chakravorti was ringleader ……………….. the boys of the village.
(a) between
(b) among
(c) and
(d) with

2. The owner of the ……………….. would be angry and surprised, and they would all enjoy the fun.
(a) log
(c) bog
(d) wog
(b) fog

3. Makhan heard the order and made it a ……………….. of honour to stick on.
(a) joint
(b) points
(c) point
(d) socket

4. All the other boys ……………….. themselves hoarse with delight.
(a) crowd
(b) shout
(c) gather
(d) shouted

5. Makhan rushed at Phatik and scratched his ……………….. and beat him and kicked him.
(a) face
(b) case
(c) chase
(d) lace

6. But the servant was the master ……………….. this occasion.
(a) with
(b) from
(c) at
(d) on

7. Phatik’s ……………….. was already exhausted.
(a) essence
(b) patience
(c) rush
(d) went

8. His sister had ……………….. her husband while he was in Bombay.
(a) host
(b) cost
(c) lost
(d) post

9. He was told by his sister that Phatik was a perpetual ………………..
(a) nuisance
(b) science
(c) demand
(d) hate

10. She had a prejudice ……………….. the boy.
(a) in front of
(b) against
(c) under
(d) above

11. In this world of human affair there is no worse nuisance than a boy at the age of ………………..
(a) twelve
(b) thirteen
(c) fourteen
(d) fifteen

12. He wanted to go out into the open country and fill his ……………….. and breathe freely.
(a) lungs
(b) ears
(c) mouth
(d) hand

13. There was no more backward boy in the ……………….. school than Phatik.
(a) hole
(b) whole
(c) hall
(d) half

14. The ……………….. rose very high and all that night the boy was delirious.
(a) lever
(b) shiever
(c) fever
(d) liver

15. Phatik stopped his restless movements ……………….. a moment.
(a) for
(b) about.
(c) into.
(d) onto

Answers :
1. (b)
2. (a)
3. (c)
4. (a)
5. (a)
6. (d)
7. (b)
8. (C)
9. (a)
10. (b)
11. (c)
12. (a)
13. (b)
14. (c)
15. (a)

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