NCERT Solutions for Class 12 Macroeconomics Chapter 1 Introduction (Hindi Medium)
NCERT Solutions for Class 12 Macroeconomics Chapter 1 Introduction (Hindi Medium)
[NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED] (पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न)
उत्तर:
प्र० 2. पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ क्या हैं?
उत्तर: पूँजीवादी अर्थव्यवस्था की महत्त्वपूर्ण विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
- यहाँ एक बाजार संपन्न होता है जो क्रेताओं तथा विक्रेताओं को जोड़ता है। यह बाजार स्वतंत्र माँग और पूर्ति के बलों से कार्यान्वित होता है।
- वस्तुओं तथा सेवाओं की कीमतें माँग तथा पूर्ति की बाजार शक्तियों द्वारा निर्धारित होती है।
- सरकार उत्पादकों तथा परिवारों के निर्णयों में कोई हस्तक्षेप नहीं करती है। अथवा हम कह सकते हैं कि सरकार माँग तथा पूर्ति की बाजार शक्तियों की स्वतंत्र अंतक्रिया में कोई हस्तक्षेप नहीं करती है। यह देश
की कानून एवं व्यवस्था तथा प्रतिरक्षा के रख-रखाव पर अपना ध्यान केंद्रित करती है। - अधिकारों के कारण पूँजी के संचय की अनुमति दी गई है। पूँजी उत्पादन के एक मुख्य साधन के रूप में उभरती है।
- उपभोक्ता (परिवार) प्रभुत्व होता है। वे अपनी आदतों एवं प्राथमिकताओं के अनुसार क्रय करते हैं तथा अपनी संतुष्टि को अधिकतम करते हैं उत्पादक उपभोक्ताओं द्वारा माँगी जाने वाली वस्तुओं तथा सेवाओं
के उत्पादन के द्वारा अपने लाभों को अधिकतम करते हैं।
प्र० 3. समष्टि अर्थशास्त्र की दृष्टि से अर्थव्यवस्था के चार प्रमुख क्षेत्रकों का वर्णन करें।
उत्तर:
- परिवार क्षेत्र-इसमें वस्तुओं तथा सेवाओं के उपभोक्ताओं को सम्मिलित किया जाता है। परिवार या गृहस्थ क्षेत्र उत्पादन के कारकों का स्वामी भी होता है।
- उत्पादक क्षेत्र-इनमें उन सबको सम्मिलित किया जाता है जो उत्पादन की क्रिया में लगे होते हैं। अर्थव्यवस्था की सभी उत्पादन करने वाली इकाइयाँ (या फेर्ने) क्षेत्र में सम्मिलित होती हैं। वस्तुओं तथा सेवाओं के उत्पादन हेतु फर्मे उत्पादन के कारकों (भूमि, श्रम, पूँजी तथा उद्यमशील कौशल) की सेवाओं को परिवार क्षेत्र से भाड़े पर प्राप्त करती हैं।
- सरकारी क्षेत्र-कल्याणकारी एजेंसी के रूप में कार्य करता है जैसे-न्याय तथा कानून व्यवस्था को बनाए | रखना, सुरक्षा तथा अन्य सार्वजनिक कल्याण संबंधी सेवाएँ। सरकार एक उत्पादक के रूप में भी कार्य करती
है (जैसे-सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पाद।) - विदेशी क्षेत्र-इसे शेष विश्व क्षेत्र भी कहा जाता है। इस क्षेत्र का कार्य वस्तुओं का निर्यात एवं आयात करना तथा घरेलू अर्थव्यवस्था एवं विश्व के अन्य देशों के बीच पूँजी का प्रवाह करना है।
प्र० 4. 1929 की महामंदी का वर्णन करें।
उत्तर: 1929 में महामंदी ने जन्म लिया जो 1933 तक बनी रही इस महामंदी ने विश्व के विकसित देशों को चूर-चूर कर दिया। इस महामंदी में उत्पादन था परन्तु खरीदने वाले नहीं थे। 1929-33 के दौरान संयुक्त राष्ट्र अमेरिका और यूरोपीय देशों के कुल उत्पादन तथा रोजगार के स्तरों में भारी गिरावट आई। इसका प्रभाव दुनिया के अन्य। देशों पर भी पड़ा।
- कई कारखाने बंद हो गए तथा श्रमिकों को निकाल दिया गया।
- बेरोजगारी की दर 1929 से 1933 तक 3% से बढ़कर 25% तक हो गई।
- 1929-33 के दौरान संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में समग्र निर्गत में लगभग 33% की गिरावट आई।
इन परिस्थितियों में केन्ज की पुस्तक ‘रोजगार, ब्याज एवं मुद्रा का सामान्य सिद्धान्त’ 1936 में प्रकाशित हुई जिससे समष्टि अर्थशास्त्र जैसे विषय का उद्भव हुआ।
[MORE QUESTIONS SOLVED] (अन्य हल प्रश्न)
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
1. परिवार क्षेत्रक की मुख्य भूमिका क्या है?
(क) उपभोग
(ख) निवेश
(ग) उत्पादन
(घ) आयात
2. विदेशी क्षेत्र का अन्य नाम क्या है?
(क) बाह्य क्षेत्र
(ख) उत्पादन क्षेत्र
(ग) विश्व क्षेत्र
(घ) (क) और (ख) दोनों
3. समष्टि अर्थशास्त्र का जन्मदाता किसे कहा जाता है?
(क) एड्म स्मिथ
(ख) जे एम केन्स
(ग) मार्शल
(घ) रोबिन्स
4 पूँजीवादी अर्थव्यवस्था को ………… भी कहा जाता है।
(क) समाजवादी अर्थव्यवस्था
(ख) मिश्रित अर्थव्यवस्था
(ग) बाजार अर्थव्यवस्था
(घ) उपरोक्त सभी
5. आर्थिक महामंदी किस वर्ष में उत्पन्न हुई?
(क) 1929
(ख) 1932
(ग) 1936
(घ) 1945
6. जे. एम. केन्स की किताब ‘रोजगार एवं मुद्रा का सामान्य सिद्धान्त’ कब प्रकाशित हुई?
(क) 1929
(ख) 1932
(ग) 1936
(घ) 1945
उत्तर:
1. (क)
2. (घ)
3. (ख)
4 (ग)
5. (क)
6. (ग)
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