NCERT Solutions for Class 12 Microeconomics Chapter 3 Production and Costs (Hindi Medium)
NCERT Solutions for Class 12 Microeconomics Chapter 3 Production and Costs (Hindi Medium)
प्र० 1. उत्पादन फलन की संकल्पना को समझाइए।
उत्तर: एक फर्म का उत्पादन फलन उपयोग में लाए गए आगतों तथा फर्म द्वारा उत्पादित निर्गतों के मध्य का संबंध है।
प्र० 2. एक आगंत का कुल उत्पाद क्या होता है?
उत्तर: यह आगत की सभी इकाइयों द्वारा उत्पादित किया गया उत्पाद है। अन्य शब्दों में आगत की प्रत्येक इकाई के अनुरूप यह सीमान्त उत्पाद का कुल जोड़ है। सूत्र के रूप में
TP = EMP
TP = AP x Q
प्र० 3. एक आगत का औसत उत्पाद क्या होता है?
उत्तर: यह आगत का प्रति इकाई उत्पादन है। सूत्र के रूप में,
AP =
प्र० 4. एक आगत का सीमान्त उत्पाद क्या होता है?
उत्तर: यह परिवर्ती आगत की एक अतिरिक्त इकाई का प्रयोग करने से प्राप्त होने वाली अतिरिक्त उत्पादन है जब स्थिर आगते समान रहें। सूत्र के रूप में,
MP = TPn – TPn-1
प्र० 5. एक आगत के सीमान्त उत्पाद तथा कुल उत्पाद के बीच संबंध बताइए।
उत्तर:
1. जब कुल उत्पाद बढ़ती दर से बढ़ता है तो सीमान्त उत्पाद बढ़ता है।
2. जब कुल उत्पाद घटती दर से बढ़ता है तो सीमान्त उत्पाद घटता है।
3. जब कुल उत्पाद अधिकतम होता है तो सीमान्त उत्पाद शून्य होता है।
4. जब कुल उत्पाद घटने लगता है तो सीमान्त उत्पाद ऋणात्मक होता है।
प्र० 6. अल्पकाल तथा दीर्घकाल के संकल्पनाओं को समझाइए।
उत्तर: अल्पकाल वह समयावधि है जिसमें उत्पादन के कुछ साधन स्थिर होते हैं तथा कुछ परिवर्ती साधन होते हैं। इसीलिए उत्पादन वर्ग केवल परिवर्ती साधनों को ही बढ़ाकर बढ़ाया जा सकता है। दीर्घकाल की समयावधि है। जिसमें उत्पादन के सभी साधन परिवर्ती होते हैं। इसीलिए उत्पादन को, उत्पादन के सभी साधनों की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है। दीर्घकाल में उत्पादन का पैमाना परिवर्तित किया जा सकता है। अल्पकाल में लागत दो प्रकार की होती है स्थिर लागत तथा परिवर्ती लागत, जबकि दीर्घकाल में सभी लागते परिवर्ती लागतें होती हैं।
प्र० 7. ह्रासमान सीमांत उत्पाद का नियम क्या है?
उत्तर: ह्रासमान सीमान्त उत्पाद नियम के अनुसार, “अन्य साधनों का प्रयोग स्थिर रहने पर यदि एक परिवर्ती साधन के प्रयोग में वृद्धि की जाती है, तो एक स्तर के बाद सीमान्त भौतिक उत्पाद घटने लगता है।”
प्र० 8. परिवर्ती अनुपात का नियम क्या है?
उत्तर: परिवर्ती अनुपात के नियम के अनुसार, “यदि अन्य साधनों का प्रयोग स्थिर रखते हुए किसी परिवर्ती साधन की इकाइयाँ बढ़ाई जाती हैं, तो कुल भौतिक उत्पाद प्रथम अवस्था शुरू में बढ़ती दर से बढ़ता है, दूसरी अवस्था में घटती दर से बढ़ती है और तीसरी अवस्था में घटने लगता है। अन्य शब्दों में, “यदि अन्य साधनों का प्रयोग स्थिर रखते हुए किसी परिवर्ती साधन की इकाइयाँ बढ़ाई जाती है। तो सीमान्त उत्पाद प्रथम अवस्था में बढ़ता है, दूसरी अवस्था में सीमान्त उत्पाद घटता है, परन्तु धनात्मक रहता है और तीसरी अवस्था में सीमान्त उत्पाद ऋणात्मक हो जाता है।
प्र० 9. एक उत्पादन फलन स्थिर पैमाना का प्रतिफल को कब संतुष्ट करता है?
उत्तर: यदि उत्पादन के सभी साधनों को दुगना करने पर उत्पादन भी दुगना हो जाए तो उत्पादन फलन स्थिर पैमाना का प्रतिफल संतुष्ट करता है।
प्र० 10. एक उत्पादन फलन वर्धमान पैमाना का प्रतिफलन को कब संतुष्ट करता है?
उत्तर: यदि उत्पादन आगतों को दुगना करने पर कुल उत्पाद दुगने से अधिक हो जाए तो उत्पादन फलन वर्धमान पैमाना को प्रतिफल संतुष्ट करता है।
प्र० 11. एक उत्पादन फलन ह्रासमान पैमाना का प्रतिफल वर्ग को कब संतुष्ट करता है?
उत्तर: यदि उत्पादन आगतों को दुगना करने पर कुल उत्पादन दुगने से कम हो जाए, तब उत्पादन फलन हासमान पैमाना का प्रतिफल संतुष्ट करता है।
प्र० 12. लागत फलन की संकल्पनाओं को संक्षिप्त में समझाइए।
उत्तर: लागत तथा उत्पादन के बीच के कार्यात्मक संबंध को उत्पादन फलन कहा जाता है। एक सूत्र के रूप में इसे निम्न प्रकार से दिखाया जा सकता है
C = F(Q)
जहाँ C = लागत, Q = उत्पादन
प्र० 13. एक फर्म की कुल स्थिर लागत, कुल परिवर्ती लागत तथा कुल लागत क्या है? वे किस प्रकार संबंधित है?
अथवा
कुल लागत, कुल स्थिर लागत तथा कुल परिवर्ती लागत में एक तालिका एवं चित्र द्वारा संबंध स्पष्ट करो।
उत्तर: कुल लागत (T) = कुल स्थिर लागत (TFC) + कुल परिवर्ती लागत (TVC)
कुल लागत – यह किसी वस्तु के उत्पादन पर किये गये कुल व्यय का योग है।
कुल स्थिर लागत – यह उन साधनों की लागत का योग है जो उत्पादन की मात्रा पर निर्भर नहीं करते अपितु स्थिर रहते हैं।
कुल परिवर्ती लागत – यह उन साधनों की लागत का योग है जो उत्पादन की मात्रा बढ़ने पर बढ़ते हैं तथा उत्पादन की मात्रा कम होने पर कम होते हैं।
तालिका से स्पष्ट है कि TVC तथा पहले घटती दर से मात्रा बढ़ रही है। तथा बढ़ती दर से बढ़ रही है। यह परिवर्ती अनुपात के नियम के कारण होता हैं जब कुल उत्पाद बढ़ती दर से बढ़ता है। तो कुल लागत घटती दर से बढ़ती है (परिवर्ती अनुपात के नियम की पहली अवस्था) जब कुल उत्पादन दर से बढ़ता है तो कुल लागत बढ़ती दर से बढ़ती है (परिवर्ती अनुपात के नियम की दूसरी अवस्था) अतः TVC तथा TC का आकार विपरीत ‘S’ के आकार जैसा होता है।
TFC प्रत्येक इकाई पर समान रहता है। इसलिए यह x अक्ष के समांतर एक सीधी रेखा होती है।
TC, TFC तथा TVC का योग है इसलिए TVC और TPC एक दूसरे के समानांतर होते हैं।
प्र० 14. एक फर्म की औसत स्थिर लगत, औसत परिवर्ती लागत तथा औसत लागत क्या है, वे किस प्रकार संबंधित है?
उत्तर: औसत लागत-उत्पादन के प्रति इकाई लागत को औसत लागत कहा जाता है।
औसत स्थिर लागत – उत्पादन की प्रति इकाई स्थिर लागत को औसत स्थिर लागत कहा जाता है।
प्र० 15. क्या दीर्घकाल में कुछ स्थिर लागत हो सकती है? यदि नहीं तो क्यों?
उत्तर: नहीं, स्थिर आगतों की लागत को स्थिर लागत कहा जाता है, परन्तु दीर्घकाल में सभी आगतें परिवर्ती होती हैं। अर्थात् सभी आगतों की मात्रा को परिवर्तित किया जा सकता है। जब कोई स्थिर आगत नहीं तो कोई स्थिर लागत भी नहीं हो सकती।।
प्र० 16. औसत लागत वक्र कैसा दिखता है? यह ऐसा क्यों दिखता है?
उत्तर: औसत लागत वक्र अंग्रेजी अक्षर ‘ए’ जैसा दिखता है। यह ऐसा परिवर्ती अनुपातों के नियम के कारण दिखता हैं। जब परिवर्ती अनुपातों के नियम के अनुसार प्रथम अवस्था में औसत उत्पाद बढ़ता है, तो औसत लागत कम होती है। तदुपरान्त जब औसत उत्पाद घटने लगता है, तो औसत लागत बढ़ने लगती है। AC वक्र AP वक्र का आइना चित्र जैसा होता है।
प्र० 17. अल्पकालीन सीमान्त लागत, औसत परिवर्ती लागत तथा अल्पकालीन औसत लागत वक्र कैसे दिखाई देते हैं?
उत्तर: यह तीनों अंग्रेजी अक्षर ‘v’ जैसे दिखाई देते हैं।
प्र० 18. क्यों अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र औसत परिवर्ती लागत वक्र को काटता है, औसत परिवर्ती लागत वक्र के न्यूनतम बिन्दु पर?
उत्तर:
1. जब तक औसत लागत घटता है तो सीमान्त लागत औसत लागत से कम होता है।
2. जब औसत लागत बढ़ता है तो सीमान्त लागत औसत लागत से अधिक होता है।
3. अतः औसत लागत और सीमान्त लागत तभी बराबर हो सकते हैं, जब औसत लागत स्थिर हो जो उसके न्यूनतम बिंदु पर होता है।
प्र० 19. किस बिन्दु पर अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र अल्पकालीन औसत लागत वक्र को काटता है। अपने उत्तर के समर्थन में कारण बताइए।
उत्तर: अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र अल्पकालीन औसत लागत वक्र को अल्पकालीन औसत लागत वक्र के न्यूनतम पर काटता है, क्योंकि
1. जब तक MC < AVC, AVC कम होता है। 2. जब MC > AVC तो AVC बढ़ता है।
3. जब MC = AVC तो AVC स्थिर होना चाहिए जो वह अपने न्यूनतम बिन्दु पर ही होता है।
प्र० 20, अल्पकालीन सीमान्त लागत वक्र ‘U’ आकार का क्यों होता है?
उत्तर: अल्पकालीन सीमान्त लागत ‘परिवर्ती’ अनुपात के नियम’ के कारण ‘U’ आकार का होता है।
प्र० 21. दीर्घकालीन सीमान्त लागत तथा औसत लागत वक्र कैसे दिखते हैं?
उत्तर: दीर्घकालीन सीमान्त लागत तथा औसत लागत वक्र ‘u’ आकार के दिखते हैं।
प्र० 22. निम्नलिखित तालिका, श्रम का कुल उत्पादन अनुसूची देती है। तदनुरूप श्रम का औसत उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद अनुसूची निकालिए।
उत्तर:
प्र० 23. नीचे दी हुई तालिका, श्रम की औसत उत्पाद अनुसूची बताती है। कुल उत्पाद तथा सीमान्त उत्पाद अनुसूची निकालिए, जबकि श्रम प्रयोगता के शून्य स्तर पर यह दिया गया है कि कुल उत्पाद शून्य है,
उत्तर:
प्र० 24. निम्नलिखित तालिका श्रम का सीमान्त उत्पाद अनुसूची देती है। यह भी दिया गया है कि श्रम का कुल उत्पाद | शून्य है। प्रयोग के शून्य स्तर पर श्रम के कुल उत्पाद तथा औसत उत्पाद अनुसूची की गणना कीजिए।
उत्तर:
प्र० 25. नीचे दी गई तालिका एक फर्म की कुल लागत अनुसूची दर्शाती है। इस फर्म का कुल स्थिर लागत क्या है? फर्म के कुल परिवर्ती लागत, कुल स्थिर लागत, औसत परिवर्ती लागत, अल्पकालीन औसत लागत तथा अल्पकालीन सीमान्त लागत अनुसूची की गणना कीजिए।
उत्तर:
प्र० 26. निम्नलिखित तालिका एक फर्म के लिए कुल लागत अनुसूची देती है। यह भी दिया गया है कि औसत स्थिर लागत निर्गत की 4 इकाइयों पर ₹ 5 है। कुल परिवर्ती लागत, कुल स्थिर लागत, औसत परिवर्ती लागत, औसत स्थिर लागत, अल्पकालीन औसत लागत, अल्पकालीन सीमान्त लागत अनुसूची फर्म के निर्गत के तद्नुरूप मूल्यों के लिए निकालिए।
उत्तर:
प्र० 27. एक फर्म का अल्पकालीन सीमान्त लागत अनुसूची निम्नलिखित तालिका में दिया गया है। फर्म की कुल स्थिर | लागत 100 ₹ है। फर्म के कुल परिवर्ती लागते, कुल लागत, औसत परिवर्ती लागत तथा अल्पकालीन औसत लागत अनुसूची निकालिए।
उत्तर:
प्र० 28. मान लीजिए, एक फर्म का उत्पादन फलन है,
निकालिए, अधिकतम संभावित निर्गत जिसका उत्पादन फर्म कर सकती है 100 इकाइयाँ L तथा 100 इकाइयाँ k द्वारा।
उत्तर:
प्र० 29. मान लीजिए, एक फर्म का उत्पादन फलन है,
Q = 2 L² k²
अधिकतम संभावित निर्गत ज्ञात कीजिए, जिसका फर्म उत्पादन कर सकती है, 5 इकाइयाँ L तथा 2 इकाइयाँ k द्वारा। अधिकतम संभावित निर्गत क्या है, जिसका फर्म उत्पादन कर सकती है शून्य इकाई L तथा 10 इकाई है द्वारा?
उत्तर: अधिकतम उत्पादन 5 इकाई L तथा 2 इकाई है द्वारा = 2 (5)² x (2)² = 2 x 25 x 4 = 200 इकाई
अधिकतम उत्पादन 0 इकाई L तथा 10 इकाई है द्वारा = 2 (0)² x (10) = 0 इकाई
प्र० 30. एक फर्म के लिए शून्य इकाई L तथा 10 इकाइयाँ K द्वारा अधिकतम संभावित निर्गत निकालिए, जब इसका उत्पादन फलन है।
Q = 5 L + 2 K
उत्तर:
Q = 5 L + 2 K
L = 0, K = 10
Q = 5 (0) + 2 (10)
= 0 + 20
= 20 इकाइयाँ
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