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आदिकालीन काव्य का शिल्पपरक वैशिष्ट्य

आदिकालीन काव्य का शिल्पपरक वैशिष्ट्य वस्तुत: आदिकाल हर तरह से हिंदी के ‘हिंदी’ बनने का काल है। बनने की इस प्रक्रिया में वह भाषिक संरचना और साहित्य दोनों ही धरातलों पर अपने को निर्मित कर रही थी। हमें यह पता है कि इस काल में दो प्रकार के काव्य-ग्रंथ उपलब्ध होते हैं—अपभ्रंश काव्य और ‘देसभाषा… Read More »