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नाथ साहित्य

नाथ साहित्य वज्रयानी सिद्धाचार्यों की तरह ही नाथों की भी अपभ्रंश साहित्य में अपनी एक विशिष्ट परंपरा रही है। वज्रयान की सहज साधना और शैवों की साधना का सम्मिलित पल्लवन ही नाथ-संप्रदाय के रूप में प्रख्यात हुआ। सिद्धों और नाथों का सामान्य अंतर यों समझा जा सकता है कि बौद्ध तांत्रिकों के लिये ‘सिद्ध’ और… Read More »