UP Board Solutions for Class 10 Hindi रीतिकाल (उत्तर मध्यकाल)
UP Board Solutions for Class 10 Hindi रीतिकाल (उत्तर मध्यकाल)
रीतिकाल (उत्तर मध्यकाल)
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1
रीतिकाल के लिए कौन-कौन से नाम सुझाये गये हैं ? नामकरण करने वाले लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर
रीतिकाल के विभिन्न नाम और उसका नामकरण करने वालों के नाम निम्नलिखित हैं-
प्रश्न 2
रीतिकाल का समय किस सन् से किस सन तक माना जाता है ?
उत्तर
अपनी पाठ्य-पुस्तक के आधार पर रीतिकाल का समय सन् 1643 ई० से 1843 ई० तक माना जाता है।
प्रश्न 3
रीति ग्रन्थ कितने रूपों में मिलते हैं ?
उत्तर
रीति ग्रन्थ दो रूपों में मिलते हैं–
- अलंकारों पर आधारित तथा
- रसों पर आधारित।
प्रश्न 4
रीति-ग्रन्थकारों में से किन्हीं दो का नामोल्लेख कीजिए। [2010]
या
केशव की एक रचना का नाम लिखिए! [2011]
उत्तर
रीति-ग्रन्थकारों में से दो कवियों के नाम हैं-
- ‘बिहारी सतसई’ के रचयिता बिहारी तथा
- ‘रामचन्द्रिका’ के रचयिता केशवदास।
प्रश्न 5
रीतिकाल के सर्वाधिक ख्यातिप्राप्त कवि तथा उनकी एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर
रीतिकाल के सर्वाधिक ख्यातिप्राप्त कवि बिहारी हैं तथा उनकी रचना है—बिहारी सतसई।
प्रश्न 6
रीतिकाल के ऐसे दो कवियों के नाम लिखिए, जिन्होंने इस युग में रीति-परम्परा से हटकर ‘वीर-काव्य’ लिखे हों। इनकी एक-एक कृतियों के नाम भी लिखिए।
या
रीतिमुक्त काव्य-धारा के किन्हीं दो कवियों का नामोल्लेख कीजिए। [2009, 10, 11, 14, 16, 18]
उत्तर
- भूषण तथा
- गोरेलाल ऐसे दो कवि हैं जिन्होंने रीति-परम्परा से हटकर वीर-काव्य की रचना की। भूषण की रचना ‘शिवा बावनी’ तथा गोरेलाल की रचना ‘छत्र प्रकाश’ है।
प्रश्न 7
रीतिकाल के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए। [2011, 13, 14, 15, 16]
या
रीतिकाल के किन्हीं दो प्रमुख कवियों का नामोल्लेख करते हुए उनकी एक-एक सर्वाधिक प्रसिद्ध कृति का नाम बताइए। [2011, 16]
या
बिहारी की एकमात्र रचना का क्या नाम है और उसमें कितने दोहे हैं ?
या
रीतिकाल के किसी एक कवि का नाम लिखिए। [2016]
उत्तर
- बिहारी-बिहारी सतसई, इसमें सात सौ दोहे हैं।
- केशवदास–रामचन्द्रिका, कविप्रिया, रसिकप्रिया।
प्रश्न 8
रीतिकाल के दो प्रमुख अलंकारवादी आचार्य कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
- केशवदास तथा
- राजा यशवन्त सिंह; रीतिकाल के दो प्रमुख अलंकारवादी आचार्य कवि हैं।।
प्रश्न 9
रीतिकाल के दो रसवादी कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
- मतिराम तथा
- देव; रीतिकाल के दो प्रमुख रसवादी कवि हैं।
प्रश्न 10
रीतिकाल में कुछ ऐसे उत्कृष्ट कवि हुए, जिनकी रचनाएँ रीतिबद्ध नहीं हैं। ऐसे दो कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
- बिहारी तथा
- घनानन्द; रीतिकाल के ऐसे दो कवि हैं, जिनकी रचनाएँ रीतिबद्ध नहीं हैं।
प्रश्न 11
रीतिबद्ध तथा रीतिमुक्त काव्य में अन्तर बताइए।
उत्तर
रीतिबद्ध काव्य में रीतिकालीन काव्य के समस्त बन्धनों एवं रूढ़ियों का दृढ़ता से पालन किया जाता था, जबकि रीतिमुक्त कविता में तिकालीन परम्परा के साहित्यिक बन्धनों एवं रूढ़ियों से मुक्त स्वच्छन्द रूप से काव्य-रचना की जाती थी।
प्रश्न 12
सतसई में बिहारी ने किस छन्द का प्रयोग किया है ?
उत्तर
सतसई में बिहारी ने दोहा छन्द का प्रयोग किया है।
प्रश्न 13
बिहारी के काव्य के विषय कौन-कौन-से हैं और उनमें प्रधानता किनकी रही है ?
उत्तर
काव्यांग, भक्ति, नीति तथा ऋतु-वर्णन बिहारी के काव्य के विषय रहे हैं, परन्तु इनमें प्रधानता प्रेम और श्रृंगार की ही रही है।
प्रश्न 14
रीतिकाल में नीतिपरक तथा प्रकृति-चित्रण करने वाले एक-एक कवि का नाम लिखिए।
उत्तर
- दीनदयाल (नीतिपरक) तथा
- सेनापति (प्रकृति-चित्रण)।
प्रश्न 15
रसखान कवि का मूल नाम क्या था और इन्होंने किस भाषा में रचनाएँ की हैं ?[2013]
उत्तर
रसखान का मूल नाम सैयद इब्राहीम था। इन्होंने मुख्य रूप से ब्रजभाषा में अपनी रचनाएँ की हैं।
प्रश्न 16
रसखान किस काल की किस शाखा के कवि हैं ?
उत्तर
रसखान; रीतिकाल की कृष्णभक्ति शाखा के कवि हैं।
प्रश्न 17
किन मुख्य छन्दों को कवि रसखान ने अपनी कविता के लिए अपनाया है ?
उत्तर
कवि रसखान ने अपनी कविता के लिए कवित्त, सवैया और दोहा छन्दों को मुख्य रूप से अपनाया है।
प्रश्न 18
रीतिकाल के दो आचार्य कवियों तथा उनकी दो-दो रचनाओं के नाम लिखिए।
या
केशवदास किस काल के कवि हैं? उनकी किसी एक रचना का नाम लिखिए। [2014]
उत्तर
रीतिकाल के दो आचार्य कवियों तथा उनकी दो-दो रचनाओं के नाम निम्नवत् हैं
(1) आचार्य केशवदास–
- रामचन्द्रिका तथा
- रसिकप्रिया।
(2) आचार्य देव-
- देवशतक तथा
- भावविलास।
प्रश्न 19
घनानन्द और भिखारीदास रीतिकाल की किस धारा के कवि हैं ?
उत्तर
घनानन्द रीतिकाल की रीतिमुक्त काव्यधारा के और भिखारीदास रीतिकाल की रीतिसिद्ध (रीतिबद्ध) काव्यधारा के कवि हैं।
प्रश्न 20
मुक्तक काव्य के दो कवियों तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर
मुक्तक काव्य के दो कवियों के नाम हैं-सूरदास और बिहारी। इनकी एक-एक रचनाएँ हैं—सूरसागर और बिहारी-सतसई।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1
रीतिकाल के प्रमुख कवियों एवं उनकी रचनाओं के नाम लिखिए।
या
रीतिकाल के दो प्रमुख कवियों एवं उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए। [2012,15,16]
या
रीतिकाल की दो रचनाओं तथा इस काल के दो रचनाकारों के नाम लिखिए।
या
रीतिबद्ध कवियों में से किन्हीं दो का नामोल्लेख कीजिए। | [2011]
या
‘रामचन्द्रिका’ तथा ‘ललित ललाम’ के रचयिताओं के नाम लिखिए। [2012]
या
रीतिबद्ध काव्यधारा के किसी एक कवि का नाम लिखते हुए उसकी एक रचना का नाम लिखिए। [2013]
उत्तर
प्रश्न 2
रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियों या विशेषताओं पर संक्षेप में प्रकाश डालिए। [2017]
या
रीतिकाल की किन्हीं दो प्रमुख प्रवृत्तियों (विशेषताओं) का उल्लेख कीजिए और उस काल के दो कवियों के नाम लिखिए। [2009, 10, 12, 13, 14, 17]
या
रीतिकाल की दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। [2015, 16]
या
रीतिकाल की प्रमुख दो प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए। [2018]
उत्तर
रीतिकाल की प्रमुख प्रवृत्तियाँ या विशेषताएँ इस प्रकार हैं—
- रीति या लक्षण-ग्रन्थों की रचना।
- श्रृंगार रस की प्रधानता।
- काव्य में कलापक्ष की प्रधानता।
- मुक्तक काव्य की प्रमुखता।
- आश्रयदाताओं की प्रशंसा।
- ब्रजभाषा का चरमोत्कर्ष।
- प्रकृति का उद्दीपन रूप में चित्रण।
- नीतिपरक सूक्तियों की रचना।
- दोहा, सवैया, कवित्त छन्दों की प्रचुरता।
भूषण और बिहारी इस युग के दो प्रमुख कवि हैं।
प्रश्न 3
हिन्दी काव्य-साहित्य को रीतिकाल की मुख्य देन क्या हैं ?
उत्तर
हिन्दी काव्य-साहित्य को रीतिकाल की प्रमुख देन इस प्रकार हैं–ब्रजभाषा काव्य-भाषा के रूप में व्यापक रूप से प्रतिष्ठित हुई। अर्थ-गौरव, चमत्कार, लाक्षणिकता, सूक्ष्म भावाभिव्यंजना आदि की दृष्टि से वह पूर्ण समर्थ भाषा बन गयी। कवित्त, सवैया और दोहा मुक्तक काव्य-रचना के लिए सिद्ध छन्द बन गये।