UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण
UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण
शब्द-रूप-प्रकरण
नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुसार शब्द-रूपों के लिए प्रश्नपत्र में 2 अंक निर्धारित है। प्रश्न बहुविकल्पीय होगे। ये दो प्रकार से पूछे जा सकते हैं (1) किसी शब्द का निश्चित विभक्ति और निश्चित वचन का रूप तथा (2) शब्द-रूप देकर उसकी विभक्ति तथा वचन को पहचान से सम्बद्ध।
संस्कृत में शब्दों के रूप अन्त्य वर्ण और लिङ्ग के अनुसार चलते हैं; जैसे-‘बालक’ अकारान्त पुंल्लिङ्ग शब्द है तो ‘फल’ अकारान्त नपुंसकलिङ्ग। पाठ्यक्रम में निर्धारित शब्द-रूप निम्नवत् हैं
(1) आत्मन् (आत्मा) संज्ञा (पुंल्लिङ्ग)
(2) राजन् (राजा) संज्ञा (पुंल्लिङ्ग)
(3) जगत् (संसार) संज्ञा (नपुंसकलिङ्ग)
(4) नाम (नाम) संज्ञा (नपुंसकलिङ्ग)
(5) सरित् (नदी) संज्ञा (स्त्रीलिङ्ग)
(6) सर्व (सब) सर्वनाम
(अ) पुंल्लिङ्ग प्रथमा
(ब) स्त्रीलिङ्ग प्रथमा
(स) नपुंसकलिङ्ग प्रथमा
(7) इदम् (यह)
(अ) पुंल्लिङ्ग प्रथम
(ब) स्त्रीलिङ्ग विभक्ति एकवचन
(स) नपुंसकलिङ्ग प्रथमा
(8) यत् (जो)
(अ) पुंल्लिङ्ग
(ब) स्त्रीलिङ्ग
(स) नपुंसकलिङ्ग
[ संकेत – तृतीया से सप्तमी तक के शेष रूप पुंल्लिङ्ग की तरह चलेंगे।]
[ध्यान दें – एतद् (यह), अदस् (वह) और किम् (कौन) शब्दों के रूप पाठ्यक्रम में निर्धारित नहीं हैं। अनुवाद में सहायक होने के कारण यहाँ दिये जा रहे हैं।]
(9) एतद् (यह)
(अ) पुंल्लिङ्ग
(ब) स्त्रीलिङ्ग प्रथमा
(स) नपुंसकलिङ्ग प्रथमा एतत्, एतद्
[ संकेत-तृतीया से सप्तमी तक के शेष रूप पुंल्लिङ्ग की तरह चलेंगे।]
(10) अदस् (वह)
(अ) पुंल्लिङ्ग
(ब) स्त्रीलिङ्ग
(स) नपुंसकलिङ्ग
[ संकेत–तृतीया से सप्तमी तक के शेष रूप पुंल्लिङ्ग की तरह चलेंगे। ]
(11) किम् (कौन)
(अ) पुंल्लिङ्ग
(ब) स्त्रीलिङ्ग
(स) नपुंसकलिङ्ग
[ संकेत – तृतीया से सप्तमी तक के शेष रूप पुंल्लिङ्ग की तरह चलेंगे।]
पाठ्य-पुस्तक ‘संस्कृत दिग्दर्शिका’ में आये शब्द-रूपों के हल
पाठ 1:
पाठ 2:
पाठ 4:
पाठ 5:
पाठ 7:
पाठ 8:
पाठ 9:
पाठ 10:
(1) ‘जगदभिः ‘ शब्द रूप है ‘जगत् के
(i) तृतीया, एकवचन का,
(ii) तृतीया, बहुवचन को,
(iii) षष्ठी, द्विवचन का,
(iv) चतुर्थी, बहुवचन का।
(2) “किम्’ (पुंल्लिङ्ग) षष्ठी बहुवचन का रूप होगा
(i) केभ्यः
(ii) केषाम्
(iii) केषु
(iv) कान्।
(3) ‘आत्मनः’ शब्द रूप है ‘आत्मन् के
(i) चतुर्थी, एकवचन का
(ii) पञ्चमी, एकवचन का
(iii) तृतीया, द्विवचन का
(iv) सप्तमी, बहुवचन का
(4) ‘सर्व’ (स्त्रीलिङ्ग) शब्द के चतुर्थी एकवचन का रूप होगा
(i) सर्वस्यै
(i) सर्वस्मै
(iii) सर्वस्मिन्
(iv) सर्वेण
(5) ‘जगत्सु’ शब्द रूप है ‘जगत् के
(i) चतुर्थी, एकवचन का
(ii) सप्तमी, बहुवचन का
(iii) षष्ठी, बहुवचन का
(iv) तृतीया, द्विवचन का
(6) ‘सरित्’ (नदी) शब्द के सप्तमी बहुवचन का रूप होगा
(i) सरिताम्
(i) सरितौ
(iii) सरित्सु
(iv) सरिभिः
(7) ‘राज्ञा’ शब्द रूप बनता है राजन् के
(i) षष्ठी में
(ii) चतुर्थी में
(iii) तृतीया, एकवचन में
(iv) सप्तमी में
(8) ‘इदम’ (पुंल्लिङ्ग) शब्द का सप्तमी एकवचन का रूप होगा
(i) अस्य
(ii) अस्याम्
(iii) अस्मत्
(iv) अस्मिन्
(9)’राजानम्’ शब्द-रूप है
(i) चतुर्थी, एकवचन का
(ii) द्वितीया, एकवचन का
(iii) पञ्चमी, द्विवचन का
(iv) प्रथमा, बहुवचन का
(10) ‘इदम्’ (पुंल्लिङ्ग) द्वितीया एकवचन का रूप होगा
(i) अयं
(ii) अस्मै
(iii) इमम् (एनम्)
(iv) अस्य
(11) ‘नामसु’ की सही विभक्ति एवं वचन का विकल्प होगा
(i) सप्तमी, बहुवचन
(ii) पञ्चमी, एकवचन
(iii) तृतीया, द्विवचन,
(iv) षष्ठी, बहुवचन
(12) आत्मना’ शब्द रूप है
(i) प्रथमा, एकवचन का
(ii) द्वितीया, बहुवचन का
(iii) तृतीया, एकवचन का
(iv) पञ्चमी, एकवचन का
(13) ‘राज्ञे’ शब्द-रूप है
(i) चतुर्थी, एकवचन का
(ii) पञ्चमी, द्विवचन का
(iii) सप्तमी, एकवचन का
(iv) सप्तमी, द्विवचन का
(14) ‘येषाम्’ शब्द-रूप है
(i) षष्ठी, बहुवचन (स्त्री०) का
(i) षष्ठी, बहुवचन (पुं०) का
(iii) चतुर्थी, एकवचन (नपुं०) को
(iv) चतुर्थी, एकवचन (पुं०) का
(15) ‘जगति’ शब्द-रूप है ‘जगत् का
(i) तृतीया, बहुवचन
(ii) सप्तमी, एकवचन
(iii) प्रथम, द्विवचन
(iv) पञ्चमी, एकवचन
(16) ‘इदम्’ (पुंल्लिङ्ग) चतुर्थी, एकवचन का रूप है
(i) अस्मै
(ii) अस्यै
(iii) अनेन
(iv) अन्या
(17) ‘आत्मने’ रूप है ‘आत्मन् का
(i) सप्तमी, द्विवचन
(ii) चतुर्थी, एकवचन
(iii) द्वितीया, बहुवचन
(iv) षष्ठी, एकवचन
(18) ‘यत्’ (स्त्रीलिङ्ग) सप्तमी, बहुवचन का रूप है
(i) यासाम्
(ii) येषु
(iii) येषाम्
(iv) यासु
(19) ‘अयम्’ रूप है
(i) द्वितीया, एकवचन का
(ii) प्रथम, द्विवचन का
(iii) प्रथमा, एकवचन का
(iv) तृतीया, बहुवचन का
(20) ‘सर्वेण रूप है
(i) तृतीया, एकवचन का
(ii) द्वितीया, द्विवचन का
(iii) तृतीया, बहुवचन का।
(iv) चतुर्थी, एकवचन का
(21) ‘राजानः रूप है
(i) प्रथमा, बहुवचन का
(ii) प्रथम, द्विवचन का
(iii) द्वितीया, एकवचन का
(iv) पञ्चमी, एकवचन का
(22) ‘राजन्’ (पुंल्लिग) द्वितीया, द्विवचन का रूप है
(i) राजानम्
(ii) राज्ञाम्
(iii) राजानौ
(iv) राज्ञे
(23) ‘सरिता’ रूप है ‘सरित्’ का
(i) प्रथमा, एकवचन
(ii) तृतीया, एकवचन
(iii) सप्तमी, द्विवचन
(iv) चतुर्थी, बहुवचन
(24) ‘यत्’ स्त्रीलिङ्ग, चतुर्थी, एकवचन का रूप होगा
(ii) यस्यै
(ii) यस्म
(iii) यस्याः
(iv) यस्य
(25) ‘राज्ञः’ रूप है ‘राजन्’ शब्द का
(i) द्वितीया, द्विवचन
(ii) तृतीया, एकवचन
(iii) षष्ठी, एकवचन
(iv) षष्ठी, द्विवचन
(26) ‘जगते’ रूप है ‘जगत्’ शब्द का
(i) द्वितीया, एकवचन
(ii) तृतीया, एकवचन
(iii) सप्तमी, द्विवचन
(iv) चतुर्थी, एकवचन
(27) ‘सर्व’ स्त्रीलिङ्ग, पञ्चमी, एकवचन का रूप होगा
(i) सर्वा
(ii) सर्वस्याः
(iii) सर्वे
(iv) सर्वाम्
(28) ‘नाम्ने’ रूप है ‘नाम’ शब्द का
(i) चतुर्थी, एकवचन
(ii) पञ्चमी, एकवचन
(iii) सप्तमी, एकवचन
(iv) द्वितीया, द्विवचने
(29) ‘इदम्’ पुल्लिग, तृतीया, एकवचन का रूप है
(i) अनया
(ii) अनेन
(iii) अस्य
(iv) आसु
(30) ‘सर्व’ पुल्लिग चतुर्थी, एकवचन का रूप होगा
(i) सर्वाय
(ii) सर्वस्य
(iii) सर्वस्मै
(iv) सर्वेषु
We hope the UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi शब्द-रूप-प्रकरण help you.