UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi गद्य-साहित्य का विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi गद्य-साहित्य का विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 8.
‘अष्टयाम’ की कौन-सी भाषा है ?
उत्तर:
‘अष्टयाम’ शीर्षक से चार लोगों-खुमान, हितहरिवंश, देव, नाभादास–ने रचनाएँ की हैं। इन चारों ही ‘अष्टयाम’ की भाषा ब्रजभाषा है।।
प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
भारतेन्दु युग के किन्हीं दो लेखकों की दो-दो कृतियों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
(1) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र–
- वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति तथा
- अकबर और औरंगजेब।
(2) प्रतापनारायण मिश्र–
- हठी हम्मीर तथा
- देशी कपड़ा।
प्रश्न 11.
भारतेन्दु युग से पूर्व किन दो राजाओं ने हिन्दी गद्य के निर्माण में योग दिया ?
या
हिन्दी गद्य की उर्दूप्रधान तथा संस्कृतप्रधान शैलियों के पक्षधर दो राजाओं के नाम लिखिए।
या
भारतेन्दु के उदय से पूर्व की खड़ी बोली के दो भिन्न शैलीकार गद्य-लेखकों के नाम लिखिए।
प्रश्न 12.
हिन्दी गद्य के विकास में ईसाई धर्म-प्रचारकों के योगदान का उल्लेख कीजिए।
प्रश्न 13.
प्रश्न 14.
प्रश्न 15.
खड़ी बोली गद्य का व्यवस्थित विकास कब हुआ ?
उत्तर:
खड़ी बोली गद्य को व्यवस्थित विकास भारतेन्दु युग में हुआ।
प्रश्न 16.
प्रश्न 17.
उत्तर:
प्रश्न 18.
भारतेन्दु युग में किन गद्य-विधाओं का विकास हुआ ?
उत्तर:
भारतेन्दु युग में नाटक, कहानी, उपन्यास एवं निबन्ध गद्य-विधाओं का विकास हुआ।
प्रश्न 19.
निम्नलिखित में से किन्हीं दो पत्रिकाओं के सम्पादकों के नाम लिखिए-
(1) आनन्द कादम्बिनी
(2) हरिश्चन्द्र चन्द्रिका
(3) नया जीवन
उत्तर:
- आनन्द कादम्बिनी – सम्पादक : बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’
- हरिश्चन्द्र चन्द्रिका – सम्पादक : भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
- नया जीवन – सम्पादक : कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’
प्रश्न 32.
प्रश्न 33.
प्रश्न 34.
मुंशी सदासुखलाल की भाषा की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
- भाषा में अस्पष्टता अधिक है तथा
- वाक्य-रचना पर फारसी शैली का प्रभाव है।
प्रश्न 35.
हिन्दी खड़ी बोली गद्य-साहित्य के विकास में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का योगदान बताइए।
या
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के गद्य की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र ने लोक-प्रचलित शब्दावली, कहावतों, लोकोक्तियों और मुहावरों के प्रभावपूर्ण प्रयोग से अपनी भाषा को अधिकाधिक सशक्त एवं सजीव बनाया तथा नाटक, कहानी, निबन्ध आदि अनेक गद्य-विधाओं में रचनाएँ कीं। इसलिए इन्हें हिन्दी खड़ी बोली गद्य का जनक’ भी कहा जाता है।
प्रश्न 36.
छायावादी युग के गद्य की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
- छायावादी युग का गद्य कलात्मक है तथा
- उसमें विशिष्ट अभिव्यंजना शक्ति, कल्पना की प्रधानता, स्वच्छन्द चेतना, अनुभूति की सघनता और भावुकता विद्यमान है।
प्रश्न 37.
किन्हीं दो छायावादी पद्य-लेखकों की एक-एक गद्य रचना का नाम लिखिए।
उत्तर:
- जयशंकर प्रसाद — चन्द्रगुप्त (नाटक)
- महादेवी वर्मा – स्मृति की रेखाएँ (संस्मरण)
प्रश्न 38.
छायावादोत्तर हिन्दी गद्य (प्रगतिवादी गद्य) की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
छायावादोत्तर काल का हिन्दी गद्य सहज, व्यावहारिक और अलंकारविहीन था। उसमें भावुकतापूर्ण अभिव्यक्ति का स्थान चुटीली उक्तियों ने ले लिया था।
प्रश्न 39.
प्रश्न 40.
प्रश्न 41.
प्रश्न 42.
प्रन 43.
निम्नलिखित गद्य-लेखकों की एक-एक प्रसिद्ध गद्य-रचना का नाम लिखिए
- राजेन्द्र यादव तथा
- धीरेन्द्र वर्मा
उत्तर:
- लेखक-राजेन्द्र यादव, रचना-चेखव : ‘एक इण्टरव्यू, विधा–भेटवार्ता (काल्पनिक)
- लेखक–धीरेन्द्र वर्मा, रचना–मेरी कॉलेज डायरी, विधा-डायरी।
प्रश्न 44.
निम्नलिखित लेखकों की एक-एक प्रसिद्ध गद्य-रचना का नाम लिखिए
- महादेवी वर्मा तथा
- लक्ष्मीचन्द्र जैन
उत्तर:
- लेखिका-महादेवी वर्मा, रचना–पथ के साथी; अतीत के चलचित्र; स्मृति की रेखाएँ, विधा-संस्मरण; संस्मरण/रेखाचित्र।
- लेखक-लक्ष्मीचन्द्र जैन, रचना–भगवान् महावीर : एक इण्टरव्यू, विधा–भेटवार्ता । (काल्पनिक)।
प्रश्न 45.
निम्नलिखित लेखकों की एक-एक रचना का नाम लिखिए
- विद्यानिवास मिश्र,
- डॉ० नगेन्द्र,
- हजारीप्रसाद द्विवेदी,
- रघुवीर सिंह।
उत्तर:
- लेखक-विद्यानिवास मिश्र, रचना-मेरे राम का मुकुट भीग रहा है, विधा-निबन्ध।
- लेखक-डॉ० नगेन्द्र, रचना-हिन्दी साहित्य का बृहद् इतिहास, विधा-आलोचना।
- लेखक-हजारीप्रसाद द्विवेदी, रचना-कल्पलता (निबन्ध-संग्रह), विधा-निबन्ध।
- लेखक–रघुवीर सिंह, रचना–शेष स्मृतियाँ, विधा-संस्मरण।।
प्रश्न 46.
निम्नलिखित कृतियों में से किन्हीं दो कृतियों के रचनाकार और उनकी विधाओं के नाम लिखिए-
- अतीत के चलचित्र,
- लहरों के राजहंस,
- श्रद्धा-भक्ति।
उत्तर:
- कृति–अतीत के चलचित्र, रचनाकार-महादेवी वर्मा, विधा–रेखाचित्र।
- कृति-लहरों के राजहंस, रचनाकार-मोहन राकेश, विधा–नाटक।
प्रश्न 47.
प्रश्न 48.
छायावादोत्तर युग में प्रारम्भ एवं समृद्ध होने वाली प्रकीर्ण गद्य-विधाओं में से किन्हीं दो विधाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
जीवनी, आत्मकथा, यात्रावृत्त, गद्यकाव्य, संस्मरण, रेखाचित्र, रिपोर्ताज, डायरी, भेटवार्ता, पत्र-साहित्य आदि हिन्दी की गौण या प्रकीर्ण गद्य-विधाएँ हैं।
प्रश्न 49.
प्रकीर्ण गद्य-विधाओं का अभूतपूर्व विकास किस युग में हुआ ?
उत्तर:
प्रकीर्ण गद्य-विधाओं का अभूतपूर्व विकास छायावादोत्तर युग में हुआ।
प्रश्न 50.
प्रश्न 51.
प्रश्न 52.
प्रश्न 53.
प्रश्न 54.
प्रश्न 55.
प्रश्न 56.
प्रश्न 57.
प्रश्न 58.
कहानी अथवा आधुनिक कहानी किस उद्देश्य से लिखी जाती है ?
उत्तर:
कहानी का मुख्य उद्देश्य मनोरंजन के साथ-साथ व्यक्ति या समाज के महत्त्वपूर्ण अनुभवों, अनुभूतियों एवं यथार्थ की कलात्मक अभिव्यक्ति करना है, जब कि मानव-जीवन की कुण्ठाओं, भटकाव, संत्रास, दिशाहीनता और यान्त्रिक जड़ता का यथार्थ और मार्मिक चित्रण करना आधुनिक कहानी के अन्यतम उद्देश्य हैं।
प्रश्न 59.
प्रश्न 60.
प्रश्न 61.
प्रश्न 62.
प्रश्न 63.
आधुनिक युग की किन्हीं दो महिला कथाकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- मन्नू भण्डारी तथा
- उषा प्रियंवदा
प्रश्न 64.
प्रश्न 65.
प्रश्न 66.
प्रश्न 67.
प्रश्न 68.
प्रश्न 69.
हिन्दी के दो कहानी-संग्रहों और उनके लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
हिन्दी कहानियों के दो संग्रहों के नाम हैं-‘आकाशदीप’ तथा ‘ज्ञानदान’। इनके लेखकों के नाम क्रमश: हैं-जयशंकर प्रसाद तथा यशपाल।
प्रश्न 70.
प्रश्न 71.
आधुनिक युग के किन्हीं दो कहानीकारों के नाम लिखिए।
या
प्रेमचन्द के बाद के किन्हीं दो प्रमुख कहानीकारों के नाम लिखिए।
या
छायावादोत्तर युग के किन्हीं दो कहानी-लेखकों के नाम लिखिए।
प्रश्न 72.
प्रश्न 73.
स्वतन्त्रता के पश्चात् के प्रमुख कंहानीकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
स्वतन्त्रता के पश्चात् के प्रमुख कहानीकारों में विष्णु प्रभाकर, कमलेश्वर, राजेन्द्र यादव, मोहन राकेश, निर्मल वर्मा आदि के नाम उल्लेखनीय हैं।
प्रश्न 74.
प्रश्न 75.
प्रश्न 76.
प्रश्न 77.
द्विवेदी युग के दो प्रमुख उपन्यासकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
द्विवेदी युग के दो प्रमुख उपन्यासकार हैं-
- किशोरीलाल गोस्वामी तथा
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
प्रश्न 78.
प्रश्न 79.
प्रश्न 80.
प्रश्न 81.
प्रश्न 82.
प्रश्न 83.
प्रेमचन्द के बाद होने वाले आधुनिक युग के प्रमुख उपन्यासकारों के नाम लिखिए।
या
आधुनिक युग के किन्हीं दो उपन्यासकारों के नाम लिखिए।
प्रश्न 84.
‘उपन्यास’ और ‘कहानी’ का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कहानी का रचना-फलक आकार में छोटा होता है, जब कि उपन्यास का पर्याप्त विस्तृत। कहानी में प्रायः किसी एक घटना अथवा मनोदशा का वर्णन होती है, जब कि उपन्यास में समग्र मानव-जीवन से सम्बन्धित विविध घटनाओं का समावेश किया जाता है।
प्रश्न 85.
उपन्यास का शाब्दिक अर्थ बताइट।
उत्तर:
उपन्यास का शाब्दिक अर्थ है-सामने रखना। इसमें प्रसादन’ अर्थात् प्रसन्न करने का भाव भी निहित है। अत: किसी घटना को इस प्रकार सामने रखना कि दूसरों को प्रसन्नता हो, उपन्यस्त करना कहा जाएगा।
प्रश्न 86.
उपन्यास की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
हिन्दी में उपन्यास को अंग्रेजी के नॉवेल ऍब्द का पर्याय माना जाता है। उपन्यास गद्य की वह विधा है, जिसमें जीवन का व्यापक चित्रण रोचक एवं संजीव शैली में किया गया हो।
प्रश्न 87.
उपन्यास को कितने भागों में विभाजित किया जा सकता है ?
उत्तर:
विषय’ के आधार पर हिन्दी उपन्यासों को निम्नलिखित आठ भागों में विभाजित किया जा सकता है—
- सामाजिक
- राजनीतिक
- ऐतिहासिक
- पौराणिक
- मनोवैज्ञानिक
- आंचलिक
- तिलिस्मी/जासूसी
- क्रान्तिकारी आदि।
प्रश्न 88.
हिन्दी के दो प्रसिद्ध उपन्यासकारों एवं उनके उपन्यासों के नाम लिखिए।
उत्तर:
हिन्दी के दो उपन्यासकारों एवं उनके उपन्यासों के नाम निम्नलिखित हैं
- आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी–बाणभट्ट की आत्मकथा, चारुचन्द्रलेख, पुनर्नवा, अनामदास का पोथा।
- श्री भगवतीचरण वर्मा-चित्रलेखा, भूले-बिसरे चित्र, तीन वर्ष, टेढ़े-मेढ़े रास्ते।
प्रश्न 89.
हिन्दी के प्रमुख मनोवैज्ञानिक उपन्यासकारों एवं उनकी रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
हिन्दी के प्रमुख मनोवैज्ञानिक उपन्यासकार एवं उनके उपन्यासों के नाम निम्नलिखित हैं
- जैनेन्द्र कुमार-परख, सुनीता, त्यागपत्र आदि।
- इलाचन्द्र जोशी-जहाज का पंछी, घृणापथ आदि।
- सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’–शेखर : एक जीवनी (दो भाग), नदी के द्वीप आदि।
प्रश्न 90.
भारतीय और पाश्चात्य दृष्टि से नाटक के तत्त्व बताइट।
उत्तर:
भारतीय आचार्यों ने नाटकों के पाँच तत्त्व माने हैं—
- वस्तु
- नेता
- रस
- अभिनय एवं
- वृत्ति
पाश्चात्य विद्वानों ने नाटक के छः तत्त्व स्वीकार किये हैं–
- कथावस्तु
- पात्र एवं चरित्र-चित्रण
- कथोपकथन
- देशकाल
- भाषा-शैली एवं
- उद्देश्य
प्रश्न 91.
प्रश्न 92.
प्रश्न 93.
प्रश्न 94.
भारतेन्दु युग के प्रमुख नाटककारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारतेन्दु युग के प्रमुख नाटककारों में भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के अतिरिक्त बालकृष्ण भट्ट, प्रतापनारायण मिश्र, बदरीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’, लाला श्रीनिवास दास आदि के नाम प्रमुख हैं।
प्रश्न 95.
जयशंकर प्रसाद के समकालीन प्रमुख नाटककारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
जयशंकर प्रसाद के समकालीन नाटककारों में प्रमुख हैं—
- हरिकृष्ण ‘प्रेमी’
- लक्ष्मीनारायण मिश्र
- गोविन्दवल्लभ पन्त
- सेठ गोविन्ददास आदि
प्रश्न 96.
प्रश्न 97.
प्रश्न 98.
प्रश्न 99.
प्रश्न 100.
प्रश्न 101.
प्रश्न 102.
प्रश्न 103.
हिन्दी गद्य की विविध विधाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
- नाटक
- उपन्यास
- एकांकी
- कहानी
- निबन्ध
- आलोचना
- आत्मकथा
- जीवनी
- यात्रावृत्त
- रेखाचित्र
- संस्मरण
- गद्यकाव्य
- रिपोर्ताज
- डायरी
- रेडियो-रूपक
- भेटवार्ता आदि
प्रश्न 104.
प्रश्न 105.
छायावादी युग के सबसे प्रसिद्ध आलोचना-लेखक (आलोचक) कौन थे ?
उत्तर:
छायावादी युग के सबसे प्रसिद्ध आलोचना-लेखक आचार्य रामचन्द्र शुक्ल थे।
प्रश्न 106.
हिन्दी के दो प्रसिद्ध आलोचकों के नाम बताइए।
उत्तर:
हिन्दी के दो प्रसिद्ध आलोचक है—
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और
- बाबू श्यामसुन्दर दास।
प्रश्न 107.
आधुनिक युग के किसी प्रसिद्ध गद्य-आलोचक का नाम लिखिए।
उत्तर:
आधुनिक युग में डॉ० नगेन्द्र हिन्दी के एक प्रसिद्ध गद्य-आलोचक हैं।
प्रश्न 108.
शुक्लोत्तर युग के आलोचना-लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
डॉ० रामकुमार वर्मा, डॉ० नगेन्द्र, डॉ० रामविलास शर्मा आदि शुक्लोत्तर युग के प्रसिद्ध आलोचना-लेखक हैं।
प्रश्न 109.
‘समालोचक पत्र किस युग में प्रकाशित हुआ था ?
उत्तर:
‘समालोचक’ पत्र, द्विवेदी युग में प्रकाशित हुआ था।
प्रश्न 110.
व्यावहारिक समीक्षा के क्षेत्र में ख्यात आलोचकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
व्यावहारिक समीक्षा के क्षेत्र में ख्यात प्रमुख आलोचक हैं-आचार्य नन्ददुलारे वाजपेयी, आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, डॉ० विनय मोहन शर्मा, डॉ० गोविन्द त्रिगुणायत आदि।।
प्रश्न 111.
मार्क्सवादी समीक्षा के क्षेत्र में ख्यातं आलोचकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
मार्क्सवादी समीक्षा के क्षेत्र में ख्यात प्रमुख आलोचक हैं-डॉ० रामविलास शर्मा, शिवदान सिंह चौहान, डॉ० विश्वम्भरनाथ उपाध्याय आदि।।
प्रश्न 112.
जीवनी किसे कहते हैं ? हिन्दी में जीवनी-लेखन का कार्य किस युग में प्रारम्भ हुआ?
उत्तर:
किसी व्यक्ति विशेष के जीवन की जन्म से लेकर मृत्यु तक की घटनाओं के क्रमबद्ध विवरण को ‘जीवनी’ कहा जाता है। हिन्दी में जीवनी-लेखन का कार्य भारतेन्दु युग में प्रारम्भ हो चुका था।
प्रश्न 113.
जीवनी लिखने वाले किसी एक लेखक तथा उसकी रचना का नाम लिखिए।
उत्तर:
लेखक–अमृतराय। रचना-‘कलम का सिपाही’
प्रश्न 114.
प्रश्न 115.
प्रश्न 116.
प्रश्न 117.
प्रश्न 118.
निम्नलिखित जीवनियाँ के लेखक कौन हैं-,
(1) सुमित्रानन्दन पन्त : जीवन और साहित्य,
(2) निराला की साहित्य-साधना।
उत्तर:
(1) शान्ति जोशी एवं
(2) डॉ० रामविलास शर्मा।
प्रश्न 119.
छायावादोत्तर युग के दो प्रसिद्ध जीवनी-लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- जैनेन्द्र कुमार तथा
- काका कालेलकर।
प्रश्न 120.
आत्मकथा का अर्थ बताइए और इसकी परिभाषा दीजिए। हिन्दी में प्रथम आत्मकथा का नाम बताइट।
उत्तर:
आत्मकथा का शाब्दिक अर्थ होता है-अपनी कहानी। यह लेखक को अपने जीवन से सम्बद्ध वर्णन है। अत: आत्मकथा किसी विशिष्ट व्यक्ति द्वारा लिखा गया वह आख्यान या वृत्तान्त है जो वह बड़ी बेबाकी से अपने जीवन के बारे में प्रस्तुत करता है। जैन कवि बनारसीदास की ‘अर्द्धकथा’ को हिन्दी के आत्मकथा साहित्य की प्रथम आत्मकथा कहा जाता है।
प्रश्न 121.
हिन्दी के प्रमुख आत्मकथा-लेखकों के नाम लिखिए।’
उत्तर:
बाबू श्यामसुन्दर दास (मेरी आत्मकहानी), वियोगी हरि (मेरा जीवन प्रवाह), डॉ० राजेन्द्र प्रसाद (मेरी आत्मकथा) आदि प्रमुख आत्मकथा लेखकों के अतिरिक्त डॉ० हरिवंशराय बच्चन, पाण्डेय बेचन शर्मा ‘उग्र’ तथा गुलाबराय आदि श्रेष्ठ आत्मकथाकार हैं।
प्रश्न 122.
प्रश्न 123.
प्रश्न 124.
रेखाचित्र अथवा आत्मकथा की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
रेखाचित्र-
- रेखाचित्र में कम-से-कम शब्दों के प्रयोग द्वारा किसी व्यक्ति या वस्तु की विशेषता को उभारा जाता है।
- रेखाचित्र में लेखक पूर्णत: तटस्थ होकर, किसी वस्तु या व्यक्ति का चित्रात्मक शैली में सजीव तथा भाबपूर्ण चित्र प्रस्तुत करता है।
आत्मकथा-
- महापुरुषों द्वारा लिखी गयी आत्मकथाएँ पाठकों को उनके जीवन के आत्मीय पहलुओं से परिचय कराती हुई मार्गदर्शन करती हैं और प्रेरणा देती हैं।
- लेखक स्वयं अपने जीवन के प्रसंगों को पूर्ण निजता के साथ भावात्मक एवं रोचक शैली में प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 125.
रेखाचित्र किसे कहते हैं ? इसको परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
रेखाचित्र साहित्य की वह गद्यात्मक विधा है, जिसमें किसी विषय-विशेष का, उसकी बाह्य विशेषताओं को उभारते और तत्सम्बन्धित विभिन्न संक्षिप्त घटनाओं को समेटते हुए शब्द-रेखाओं के माध्यम से सजीव, सरस, मर्मस्पर्शी एवं प्रभावशाली चित्रे उभारा जाता है।
प्रश्न 126.
प्रश्न 127.
प्रश्न 128.
प्रश्न 129.
संस्मरण की परिभाषा दीजिए।
उत्तर:
संस्मरण का शाब्दिक अर्थ होता है सम्यक् स्मरण, जिसके मूल में गम्भीर चिन्तन का भाव निहित होता है। मानव-जीवन की कटु, तिक्त एवं मधुर स्मृतियाँ अनुभूति और संवेदना का संसर्ग प्राप्त करके जब हृदय से निकलती हैं तब वे संस्मरण का रूप धारण कर लेती हैं।
प्रश्न 130.
संस्मरण और रेखाचित्र का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
संस्मरण में साहित्यकार अपने जीवन में आये किसी व्यक्ति विशेष पर आधारित घटना को रोचक शैली में, यथार्थ रूप में और अपने व्यक्तित्व में रँगकर प्रस्तुत करता है; जैसे-महादेवी वर्मा कृत ‘प्रणाम। रेखाचित्र में लेखक कम-से-कम शब्दों का प्रयोग करके किसी वस्तु या व्यक्ति का चित्रात्मक शैली में सजीव भावपूर्ण चित्र प्रस्तुत करता है; जैसे–महादेवी वर्मा कृत ‘गिल्लू’।
प्रश्न 131.
‘संस्मरण’ की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- संस्मरण में व्यक्तियों, घटनाओं अथवा दृश्यों को स्मृति के सहारे पुन: कल्पना में मूर्त किया जाता है।
- संस्मरण में लेखक तटस्थ रहने के बाद भी स्वयं को चित्रित कर देता है।
- संस्मरण व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना के वैशिष्ट्य को लक्षित करने वाला होता है।
प्रश्न 132.
प्रश्न 133.
प्रश्न 134.
प्रश्न 135.
प्रश्न 136.
प्रश्न 137.
प्रश्न 138.
प्रश्न 139.
प्रश्न 140.
प्रश्न 141.
प्रश्न 142.
प्रश्न 143.
‘रिपोर्ताज’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘रिपोर्ताज’ का सम्बन्ध अंग्रेजी के ‘रिपोर्ट’ शब्द से है। रिपोर्ट सामान्य रूप में समाचार-पत्रों में प्रकाशित करने तथा रेडियो-दूरदर्शन पर प्रसारित करने के लिए पत्रकार द्वारा तैयार की जाती है। यही कार्य जब सौन्दर्यचेता साहित्यकार द्वारा किया जाता है तो उसमें उसके व्यक्तित्व की विशिष्टताएँ, प्रतिक्रियाएँ और व्याख्याएँ भी समाहित हो जाती हैं। इस प्रकार साहित्यकार द्वारा विरचित घटना-विवरण ‘रिपोर्ताज’ कहलाता है।
प्रश्न 144.
प्रश्न 145.
प्रश्न 146.
प्रश्न 147.
हिन्दी में डायरी विधा का आरम्भ किस युग से हुआ ? किसी डायरी लेखक की डायरी का नाम लिखिए।
उत्तर:
हिन्दी में डायरी विधा का आरम्भ छायावाद युग से हुआ। डायरी लेखक-धीरेन्द्र वर्मा, रचना-मेरी कॉलेज डायरी।
प्रश्न 148.
हिन्दी की दो नवीन गद्य विधाओं व उन विधाओं के एक-एक प्रमुख लेखक का नाम लिखिए।
उत्तर:
- रिपोर्ताज’ हिन्दी गद्य की एक नयी विधा है। इस विधा के प्रमुख लेखक– कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ हैं।
- ‘डायरी’ हिन्दी की दूसरी नवीन गद्य विधा है। इस विधा के प्रमुख लेखक-धीरेन्द्र वर्मा हैं।
प्रश्न 149.
प्रश्न 150.
प्रश्न 151.
प्रश्न 152.
प्रश्न 153.
प्रश्न 154.
प्रश्न 155.
प्रश्न 156.
हिन्दी में गद्यकाव्य की रचना करने वाले किन्हीं दो लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- राय कृष्णदास तथा
- वियोगी हरि
प्रश्न 157.
प्रश्न 158.
‘भेटवार्ता’ अथवा ‘साक्षात्कार’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
जब रचनाकार किसी विशिष्ट व्यक्ति से मुलाकात करके उसके व्यक्तित्व, भावों, क्रिया-कलापों आदि से सम्बन्धित साहित्य की रचना प्रश्न-उत्तर रूप में करता है, तो यह रचना ‘भेटवार्ता या साक्षात्कार कहलाती है। यह विधा वस्तुतः पत्रकारिता की देन है। यह वास्तविक भी हो सकती है और काल्पनिक भी।
प्रश्न 159.
प्रश्न 161.
प्रश्न 162.
प्रश्न 163.
प्रश्न 164.
प्रश्न 165.
प्रश्न 166.
प्रश्न 167.
हिन्दी के नयी पीढ़ी के चार साहित्यिक रचनाकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कमलेश्वर, हृदयेश, मनोहरश्याम जोशी तथा सुदीप नयी पीढ़ी के रचनाकार हैं।
प्रश्न 168.
प्रश्न 169.
हिन्दी की दो प्राचीन साहित्यिक पत्रिकाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
हिन्दी की दो प्राचीन साहित्यिक पत्रिकाओं के नाम हैं—
- चरित्र एवं
- वचनका।
प्रश्न 170.
हिन्दी गद्य के विकास में ‘सरस्वती’ पत्रिका के योगदान पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
‘सरस्वती’ पत्रिका के माध्यम से हिन्दी गद्य में व्याप्त व्याकरण सम्बन्धी भूलों को दूर किया गया, वाक्य-विन्यास को सुव्यवस्थित किया गया तथा लेखकों और कवियों को प्रेरणा देकर लेखन-कार्य के लिए प्रोत्साहित किया गया।
प्रश्न 171.
द्विवेदी युग के दो प्रसिद्ध सम्पादकों के नाम लिखिए।
उतर:
द्विवेदी युग के दो प्रसिद्ध सम्पादकों के नाम हैं—
- आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी तथा
- श्री गणेश शंकर विद्यार्थी।
प्रश्न 172.
स्वतन्त्रता के बाद प्रकाशित किन्हीं दो साहित्यिक पत्रिकाओं और उनके सम्पादकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
स्वतन्त्रता के बाद प्रकाशित होने वाली हिन्दी की दो साहित्यिक पत्रिकाएँ हैं-‘कादम्बिनी तथा ‘धर्मयुग’। इनके सम्पादकों के नाम हैं-राजेन्द्र अवस्थी तथा धर्मवीर भारती। वर्तमान में केवल ‘कादम्बिनी’ को प्रकाशन ही हो रहा है।
प्रश्न 173.
निस्नलिखित में से किन्हीं दो सम्पादकों की पत्रिकाओं के नाम लिखिए
(1) महावीरप्रसाद द्विवेदी,
(2) श्यामसुन्दर दास,
(3) महादेवी वर्मा,
(4) धर्मवीर भारती।
उत्तर:
विशेष—इस सूची में दिये गये पत्र-पत्रिकाओं के सम्पादक उनकी प्रकाशनावधि के दौरान बहुधा परिवर्तित होते रहते थे। प्रस्तुत सूची में रचना-धर्मिता के कारण बहुचर्चित सम्पादकों के नामों को ही उल्लेख किया जा रहा है। प्रस्तुत सूची की अधिकांश पत्र-पत्रिकाओं का प्रकाशन वर्तमान में बाधित है। आजकल मात्र ‘कादम्बिनी’ तथा ‘हंस’ ही नियमित प्रकाशित हो रही हैं।
We hope the UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi गद्य-साहित्य का विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न help you.