UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi काव्यांजलि Chapter 4 कविवर बिहारी
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कवि का साहित्यिक परिचय और कृतियाँ
प्रश्न 1.
बिहारी के संक्षिप्त जीवन-परिचय एवं उनकी कृतियों पर प्रकाश डालिए।
या
बिहारी का जीवन-परिचय लिखिए।
या
कविवर बिहारी की जीवनी और साहित्यिक प्रदेय (योगदान) पर प्रकाश डालिए।
या
बिहारी का साहित्यिक परिचय लिखते हुए उनकी कृतियों का उल्लेख कीजिए।
साहित्यिक सेवाएँ–बिहारी को निश्चय ही रीतिकाल का प्रतिनिधि कवि कहा जा सकता है; क्योंकि उनमें रीतिकालीन काव्य की सभी प्रमुख प्रवृत्तियाँ मिलती हैं। रीतिकाल में एक धारा रीतिबद्ध कवियों की थी तथा दूसरी धारा रीतिमुक्त कवियों की। बिहारी ने रीतिकाल की बँधी-बँधाई परिपाटी के अन्तर्गत भी अपने लिये एक मध्यम मार्ग का निर्माण किया। यही बिहारी की वह विशेषता है, जिसने उन्हें रीतिसिद्ध काव्यधारा का एकमात्र कवि बना दिया। उन्होंने ही इस धारा का प्रवर्तन किया और उन्हीं के साथ यह समाप्त भी हो गयी। यह बिहारी की असाधारण प्रतिभा का एक ज्वलन्त प्रमाण है।
ग्रन्थ-बिहारी ने कुल 719 दोहे लिखे हैं, जिन्हें ‘बिहारी-सतसई के नाम से संग्रहीत किया गया है। इसकी अनेक टीकाएँ लिखी जा चुकी हैं। ‘बिहारी-सतसई’ के समान लोकप्रियता रीतिकाल के किसी अन्य ग्रन्थ को प्राप्त न हो सकी।
साहित्य में स्थान–निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं कि बिहारी उच्चकोटि के कवि एवं कलाकार थे। असाधारण कल्पना-शक्ति, मानव-प्रकृति के सूक्ष्म ज्ञान तथा कला-निपुणता ने बिहारी के दोहों में अपरिमित रस भर दिया है। इन्हीं गुणों के कारण इन्हें रीतिकालीन कवियों को प्रतिनिधि कवि कहा जाता है।
पद्यांशों पर आधारित प्रश्नोत्तर
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