UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi काव्य-साहित्य विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
UP Board Solutions for Class 11 Samanya Hindi काव्य-साहित्य विकास अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
उपर्युक्त काल-विभाजन आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के ‘हिन्दी-साहित्य का इतिहास के आधार पर दिया गया है।
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
प्रश्न 6.
श्रव्य काव्य के कौन-कौन से भेद होते हैं ?
उत्तर:
श्रव्य काव्य के दो भेद होते हैं—
- प्रबन्ध काव्य और
- मुक्तक काव्य।
प्रश्न 7.
दृश्य काव्य तथा अव्य काव्य का अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
दृश्य काव्य का रंगमंच पर अभिनय किया जा सकता है, जब कि श्रव्य काव्य का अभिनय नहीं किया जा सकता। दृश्य काव्य का आनन्द उसे देखकर अथवा सुनकर लिया जा सकता है, जब कि श्रव्ये काव्य का आनन्द केवल सुनकर ही लिया जा सकता है।
प्रश्न 8.
प्रश्न 9.
प्रश्न 10.
प्रश्न 11.
प्रश्न 12.
प्रश्न 13.
कुछ विद्वान् हिन्दी का प्रथम कवि ‘पृथ्वीराज रासो’ के रचयिता चन्दबरदायी को मानते हैं।
प्रश्न 14.
प्रश्न 15.
आदिकाल (वीरगाथाकाल) के प्रमुख कवियों और उनकी कृतियों के नाम बताइए।
या
आदिकाल की रचना है
या
आदिकाल के रचनाकार हैं।
या
आदिकाल के दो रचनाकारों के नाम लिखिए।
प्रश्न 16.
वीरगाथाकाल (आदिकाल) की रचनाओं में वर्णित विषय का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
आदिकाल के साहित्य में रणोन्मत्त राजपूत वीरों, रणबाँकुरों, राजपूत महिलाओं, रण-स्थल के रक्तरंजित क्रियाकलापों, गर्जन-तर्जन व हाहाकार का सजीव चित्रण है।
प्रश्न 17.
प्रश्न 18.
प्रश्न 19.
प्रबन्ध काव्य और मुक्तक काव्यों के रूप में लिखी गयी हैं।
प्रश्न 20.
उत्तर:
प्रश्न 21.
प्रश्न 22.
प्रश्न 23.
जैन धर्म के चार रास ग्रन्थों और उनके रचयिताओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
- देवसेन रचित ‘श्रावकाचार रास’,
- मुनि जिनविजय कृत ‘भरतेश्वर बाहुबली रास’,
- जिनधर्मसूरि कृत ‘स्थूलभद्र रास’ तथा
- विजयसेन सूरि कृत रेवंतगिरि रास।
प्रश्न 24.
नाथ साहित्य के प्रणेता कौन थे ?
उत्तर:
नाथ साहित्य के प्रणेता गोरखनाथ थे।
प्रश्न 25.
कवियों तथा उनके ग्रन्थों का सही मेल करें-
कवि-दलपति विजय, चन्दबरदाय, नरपति नाल्ह, नल्हसिंह भाट तथा जगनिक।
ग्रन्थ-पृथ्वीराज रासो, बीसलदेव रासो, विजयपाल रासो, आल्ह खण्ड, खुमान रासो।
उत्तर:
भक्तिकाल
प्रश्न 26.
प्रश्न 27.
भक्तिकाल की प्रमुख काव्यधाराओं और उनके कवियों के नाम लिखिए।
या
भक्तिकाल की विभिन्न धाराओं के नाम बताइए।
प्रश्न 28.
प्रश्न 29.
भक्तिकाल की निर्गुण तथा सगुण भक्तिधारा का परिचय दीजिए।
या
निर्गुण भक्ति की ज्ञानाश्रयी शाखा का परिचय संक्षेप में लिखिए।
या
निर्गुण भक्ति की प्रेमाश्रयी शाखा का संक्षेप में परिचय दीजिए।
प्रश्न 30.
ज्ञानाश्रयी निर्गुण (सन्त) काव्यधारा की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
या
भक्तिकाल की प्रमुख विशेषताओं (प्रवृत्तियों) का उल्लेख कीजिए।
या
ज्ञानाश्रयी भक्ति-शाखा की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
प्रश्न 31.
प्रश्न 32.
प्रश्न 33.
भक्तिकाल की सगुण भक्तिधारा का संक्षेप में परिचय दीजिए।
उत्तर:
सगुण भक्ति में जिन्होंने भगवान् के लोकरंजक रूप को सामने रखा, वे कृष्णोपासक कहलाये तथा जिन्होंने भगवान् के दुष्ट-दलनकारी लोकरक्षक रूप को सामने रखा, वे रामभक्ति शाखा से सम्बद्ध माने गये।
प्रश्न 34.
कृष्ण-काव्यधारा की प्रमुख विशेषताएँ बताइट।
या
भक्तिकाल की सगुण कृष्णभक्ति शाखा की प्रमुख प्रवृत्तियाँ बताइए।
उत्तर:
- श्रीमद्भागवत का आधार लेकर कृष्णलीला-गान।
- सख्य, वात्सल्य एवं माधुर्य भाव की उपासना एवं लोकपक्ष की उपेक्षा।
- काव्य में श्रृंगार एवं वात्सल्य रसों की प्रधानता; मूल आधार कृष्ण के बाल और किशोर रूप की लीला-वर्णन।
- ब्रज भाषा में मुक्तक काव्य-शैली की प्रधानता, जिसमें अद्भुत संगीतात्मकता का गुण विद्यमान है।
प्रश्न 35.
प्रश्न 36.
कृष्ण-काव्यधारा के प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
या
अष्टछाप के किन्हीं दो कवियों का नाम लिखिए।
उत्तर:
प्रश्न 37.
प्रश्न 38.
प्रश्न 39.
भक्तिकालीन काव्य को ‘हिन्दी कविता का स्वर्ण युग’ क्यों कहा जाता है ? स्पष्ट कीजिए।
या
हिन्दी साहित्य के विकास में भक्तिकाल के योगदान का उल्लेख कीजिए।
प्रश्न 40.
भक्तिकाल में भक्तिभावना के कौन-से दो रूप मिलते हैं ?
उत्तर:
निर्गुण भक्ति और सगुण भक्ति।
प्रश्न 41.
प्रश्न 42.
प्रश्न 43.
प्रश्न 44.
भक्तिकाल की चार प्रमुख काव्यकृतियों के नाम लिखिए।
या
भक्ति काव्यधारा की दो पुस्तकों के नाम लिखिए।
प्रश्न 45.
निर्गुण काव्यधारा की दो शाखाएँ कौन-सी हैं ?
उत्तर:
- ज्ञानाश्रयी (सन्त) काव्यधारा तथा
- प्रेमाश्रयी (सूफी) काव्यधारा।
प्रश्न 46.
प्रश्न 47.
प्रश्न 48.
प्रश्न 49.
प्रश्न 50.
प्रश्न 51.
कृष्णभक्ति-शाखा के किन्हीं दो कवियों की एक-एक रचना का नाम लिखिए।
या
प्रेमाश्रयी अथवा कृष्णकाव्य की दो प्रमुख काव्य-रचनाओं के नाम बताइए।
या
महाकवि सूरदास की दो रचनाओं के नाम लिखिए।
प्रश्न 52.
प्रश्न 53.
प्रश्न 54.
प्रश्न 55.
प्रश्न 56.
उत्तर भारत में भक्ति-भावना को प्रवाहित करने का श्रेय किसको है ?
उत्तर:
स्वामी रामानन्द तथा महाप्रभु वल्लभाचार्य को।
प्रश्न 57.
हिन्दी काव्य के भक्तिकाल की दो प्रमुख धाराओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
- निर्गुण काव्यधारा (ज्ञानमार्गी तथा प्रेममार्गी)।
- सगुण काव्यधारा (रामभक्ति तथा कृष्णभक्ति)।
प्रश्न 58.
ज्ञानमार्गी शाखा के दो कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- कबीर तथा
- नानक
प्रश्न 59.
हिन्दी-साहित्य की भक्तिकालीन ज्ञानाश्रयी शाखा की दो विशेषताएँ संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
- ज्ञानाश्रयी शाखा में निर्गुण ब्रह्म की उपासना हुई तथा
- जाति-पाँति, रूढ़ियों और मिथ्याडम्बरों का विरोध हुआ।
प्रश्न 60.
निर्गुण भक्ति की प्रेमाश्रयी शाखा की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
- यह फारसी की मसनवी शैली में रचित है तथा
- अवधी भाषा में काव्य-रचना हुई।
प्रश्न 61.
भक्तिकाल की प्रेमाश्रयी शाखा के एक प्रमुख कवि और उसकी एक प्रमुख रचना (महाकाव्य) का नाम लिखिए।
या
प्रेमाश्रयी शाखा के किसी एक कवि द्वारा रचित दो ग्रन्थों के नाम लिखिए।
उत्तर:
कवि-मलिक मुहम्मद जायसी और उनकी रचना का नाम है पद्मावत (महाकाव्य) और अखरावट।।
प्रश्न 62.
रामभक्ति शाखा की दो विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
- श्रीराम की प्रतिष्ठा पूर्ण ब्रह्म के रूप में हुई है तथा
- यह काव्य ब्रज तथा अवधी दोनों ही भाषाओं में रचा गया।
प्रश्न 63.
भक्तिकाल की तीन सामान्य प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- जीव की नश्वरता का समान रूप से वर्णन है।
- प्रभु के नाम स्मरण तथा गुरु की महत्ता का वर्णन सभी कवियों ने किया है।
- कवियों के नामोल्लेख की प्रवृत्ति रही है।
प्रश्न 64.
तुलसीदास द्वारा विरचित दो प्रसिद्ध काव्यकृतियों के नाम लिखिए जिनमें एक अवधी तथा दूसरी ब्रजभाषा की हो।
उत्तर:
- श्रीरामचरितमानस-अवधी भाषा तथा
- विनयपत्रिका-ब्रजभाषा।
रीतिकाल
प्रश्न 65.
रीतिकालीन काव्य की प्रमुख विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ) लिखिए।
या
रीतिकाल की दो प्रमुख प्रवृत्तियों को उल्लेख कीजिए।
प्रश्न 66.
प्रश्न 67.
प्रश्न 68.
रीतिकाल में कौन-कौन-सी काव्यधाराएँ मिलती हैं ?
या
रीतिकालीन कविता की दोनों प्रमुख धाराओं का नाम बताइए।
उत्तर:
- रीतिबद्ध काव्यधारा तथा
- रीतिमुक्त काव्यधारा।
प्रश्न 69.
उत्तर:
प्रश्न 70.
उत्तर:
रीतिकाल में वीर रस में रचना करने वाले प्रमुख कवि भूषण’ थे। उनकी प्रमुख रचनाओं के नाम है-‘शिवराज भूषण’, ‘शिवा बावनी’, ‘शिवा शौर्य’, ‘छत्रसाल दशक आदि।
प्रश्न 71.
प्रश्न 72.
प्रश्न 73.
रीतिकाल की पाँच प्रमुख काव्यकृतियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- बिहारी-सतसई,
- रसराज (मतिराम),
- शिवराजभूषण (भूषण),
- भावविलास (देव) तथा
- घनानन्द कवित्त।
प्रश्न 74.
रीतिकाल के चार रीतिबद्ध कवियों के नाम लिखिए।
या
रीतिकालीन किसी एक कवि का नाम लिखिए।
प्रश्न 75.
प्रश्न 76.
निम्नलिखित कवियों में से रीतिबद्ध तथा रीतिमुक्त कवियों का चुनाव कीजिए
(क) भूषण,
(ख) घनानन्द,
(ग) बिहारी,
(घ) बोधा ठाकुर,
(ङ) आचार्य केशवदास।
उत्तर:
- रीतिबद्ध कवि-(ङ) आचार्य केशवदास, (ग) बिहारी, (क) भूषण।
- रीतिमुक्त कवि-(ख) घनानन्द तथा (घ) बोधा ठाकुर।
प्रश्न 77.
प्रश्न 78.
रीतिमुक्त काव्य से आप क्या समझते हैं ? इस काव्यधारा की मुख्य प्रवृत्तियाँ लिखिए।
उत्तर:
रीतिकालीन परम्परा पर आधारित रूढ़ियों एवं साहित्यिक बन्धनों से मुक्त काव्य को रीतिमुक्त काव्य कहा जाता है। इस काव्यधारा की मुख्य प्रवृत्तियाँ हैं—
- शास्त्रीय मान्यताओं एवं रूढ़ियों से मुक्त स्वच्छन्द काव्य-रचना,
- कल्पना की प्रचुरता एवं सांकेतिकता,
- अनुभूति, आवेश आदि को विशेष महत्त्व इत्यादि।
प्रश्न 79.
रीतिकाल के किन्हीं दो आचार्य कवियों के नाम लिखिए। या रीतिकाल के किसी आचार्य कवि की एक रचना का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- आचार्य केशव-रामचन्द्रिका तथा
- आचार्य चिन्तामणि-रस-विलास।
प्रश्न 80.
रीतिकाल में काव्य-रचना जिन छन्दों में की गयी है उनमें से किन्हीं दो प्रमुख छन्दों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- कवित्त तथा
- सवैया।
आधुनिककाल
प्रश्न 81.
प्रश्न 82.
प्रश्न 83.
भारतेन्दु युग के दो कवियों के नाम उनकी एक-एक रंचनासहित लिखिए।
या
भारतेन्दु युग के किन्हीं दो कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र–प्रेम माधुरी तथा
- श्रीधर पाठक-वनाष्टक।
प्रश्न 84.
प्रश्न 85.
प्रश्न 86.
प्रश्न 87.
प्रश्न 88.
द्विवेदी युग के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- मैथिलीशरण गुप्त तथा
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’।
प्रश्न 89.
प्रश्न 90.
द्विवेदीयुगीन काव्यधारा के किन्हीं दो कवियों की दो-दो रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
- श्री मैथिलीशरण गुप्त; रचनाएँ-भारत-भारती तथा यशोधरा,
- श्री अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’; रचनाएँ-रुक्मिणी परिणय तथा वैदेही वनवास।।
प्रश्न 91.
कविता के आधुनिककाल के तृतीय युग का नाम लिखिए तथा उस युग के एक प्रमुख कवि का नाम लिखिए।
उत्तर:
कविता के आधुनिककाल के तृतीय युग का नाम ‘छायावादी युग’ है तथा इस युग के प्रमुख कवि श्री जयशंकर प्रसाद जी हैं।
प्रश्न 92.
छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताओं (प्रवृत्तियों) का उल्लेख करते हुए किन्हीं दो, छायावादी कवियों के नाम लिखिए। या छायावाद की दो प्रमुख प्रवृत्तियों के नाम लिखिए।
प्रश्न 93.
छायावादी क्रविता के हास के कारण लिखिए।
उत्तर:
विदेशी शासन के दमन के कारण जनसाधारण की निरन्तर बढ़ती पीड़ा छायावाद के ह्रास का मुख्य कारण बनी। इस दमन को देखकर कविगण कल्पना लोक से उबरकरे यथार्थ के कठोर धरातल पर आ गये। पूँजी की वृद्धि तथा दीनता का प्रसार भी छायावाद के ह्रास का कारण बना।
प्रश्न 94.
प्रश्न 95.
प्रश्न 96.
प्रश्न 97.
छायावादी कविता के हास के कारण संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
- छायावादी कविता में सूक्ष्म और वायवीय कल्पनाओं की अधिकता थी।
- स्थूल जगत की कठोर वास्तविकता से उसका कोई सम्बन्धं नहीं रह गया था।
- समाज में पूँजी के विरुद्ध आवाज उठ रही थी, इसलिए अतिशय कल्पना को छोड़ रोटी, कपड़ा और मकान कविता का विषय बनने लगे थे।
प्रश्न 98.
निम्नलिखित कवियों की एक-एक प्रमुख रचना का नाम लिखिए-
या
जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’, सुमित्रानन्दन पन्त, रामधारी सिंह ‘दिनकर’।
उत्तर:
- जगन्नाथदास ‘रत्नाकर’, रचना–गंगावतरण।
- सुमित्रानन्दन फ्न्त, रचना–चिदम्बरा।।
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’, रचना-उर्वशी।
प्रश्न 99.
निम्नलिखित कवियों में से किन्हीं दो द्वारा रचित एक-एक महाकाव्य का नाम लिखिए-
- चन्दबरदायी,
- तुलसीदास,
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’,
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’।
उत्तर:
- पृथ्वीराज रासो,
- श्रीरामचरितमानस,
- प्रियप्रवास तथा
- कुरुक्षेत्र।
प्रश्न 100.
बिहारी, मैथिलीशरण गुप्त, अज्ञेय, रत्नाकर, पन्त, दिनकर में से किन्हीं दो की एक-एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर:
अज्ञेय–आँगन के पार द्वार। जगन्नाथदास रत्नाकर’-उद्धवशतक।
प्रश्न 101.
आधुनिक युग (छायावादी काव्यधारा) के किसी एक महाकाव्य और उसके रचनाकार का नाम लिखिए।
या
‘कामायनी’ महाकाव्य के सर्गों के नाम लिखिए।
उत्तर:
महाकाव्य-कामायनी; रचनाकार–जयशंकर प्रसाद।
‘कामायनी’ महाकाव्य के सर्गों के नाम हैं-
- चिन्ता,
- आशा,
- श्रद्धा,
- काम,
- वासना,
- लज्जा,
- कर्म,
- ईष्र्या,
- इडा,
- स्वप्न,
- संघर्ष,
- निर्वेद,
- दर्शन,
- रहस्य तथा
- आनन्द।।
प्रश्न 102.
प्रगतिवादी काव्य का परिचय दीजिए।
उत्तर:
प्रगतिवादी काव्य का उद्भव छायावादी काव्य की काल्पनिक एवं भावुकतापूर्ण अभिव्यक्ति के विद्रोहस्वरूप हुआ। इस वाद के काव्यों में स्थूल जगत् की वास्तविकता, सामाजिक-आर्थिक विसंगतियों एवं वर्ग-शोषण के स्वर को अलंकारविहीन तथा सरल रूप में अभिव्यक्ति दी गयी।
प्रश्न 103.
प्रश्न 104.
प्रगतिवाद के प्रमुख कवियों और उनकी रचनाओं के नाम लिखिए।
या
प्रगतिवादी काव्यधारा के किन्हीं दो कवियों की एक-एक रचना का उल्लेख कीजिए।
प्रश्न 105.
प्रश्न 106.
प्रश्न 107.
प्रश्न 108.
प्रश्न 109.
प्रयोगवादी काव्यधारा का नेतृत्व करने वाले कवि का नामोल्लेख कीजिए और उनके एक प्रमुख प्रकाशन का नाम लिखिए।
प्रश्न 110.
प्रथम तारसप्तक के कवियों के नाम लिखिए। या हिन्दी में प्रयोगवादी काव्यधारा के किन्हीं चार कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’, गजानन माधव मुक्तिबोध’, गिरिजाकुमार माथुर, प्रभाकर माचवे, नेमिचन्द्र जैन, भारत भूषण और रोमविलास शर्मा। सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय ने इन सात कवियों की रचनाएँ ‘तारसप्तक’ के नाम से सन् 1943 ई० में प्रकाशित कीं।
प्रश्न 111.
प्रश्न 112.
प्रश्न 113.
‘दूसरा सप्तक’ के कवियों के नाम लिखिए। यह कब प्रकाशित हुआ ?
उत्तर:
‘दूसरा सप्तक’ में भवानी प्रसाद मिश्र, शकुन्त माथुर, हरिनारायण व्यास, शमशेर बहादुर सिंह, नरेश मेहता, रघुवीर सहाय तथा धर्मवीर भारती की कविताएँ संकलित थीं। इस सप्तक की रचनाओं में आत्मान्वेषण पर बल दिया गया था तथा यह सन् 1951 ई० में प्रकाशित हुआ।
प्रश्न 114.
‘तीसरा सप्तक’ के कवियों के नाम लिखिए। यह कब प्रकाशित हुआ ?
या
तीसरा सप्तक के प्रकाशन-वर्ष का उल्लेख कीजिए। [2012,14]
उत्तर:
‘तीसरा सप्तक’ के अन्तर्गत प्रयागनारायण त्रिपाठी, कीर्ति चौधरी, मदन वात्स्यायन, केदारनाथ सिंह, कुंवर नारायण, विजयदेव नारायण साही तथा सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की रचनाएँ संकलित हैं। इस सप्तक की कविताओं में सौन्दर्यवादी प्रवृत्ति के साथ-साथ युगीन सत्य की भी निश्छल अभिव्यक्ति मिलती है। इसका प्रकाशन सन् 1959 ई० में हुआ।
प्रश्न 115.
‘चौथा सप्तक’ कब प्रकाशित हुआ ? इसके कवियों के नाम लिखिए।
उतर:
सन् 1979 ई० में चौथा सप्तक प्रकाशित हुआ। इसमें अवधेश कुमार, राजकुमार कुम्भज, स्वदेश भारती, नन्दकिशोर आचार्य, सुमन राजे, श्रीराम वर्मा, राजेन्द्र किशोर की रचनाएँ संकलित हैं।
प्रश्न 116.
प्रश्न 117.
प्रश्न 118.
प्रश्न 119.
नयी कविता से आप क्या समझते हैं ? इसके आरम्भ होने का समय लिखिए। ।
उत्तर:
इसका आरम्भ सन् 1954 ई० में जगदीश गुप्त और डॉ० रामस्वरूप चतुर्वेदी के सम्पादन में ‘नयी कविता’ के प्रकाशन से हुआ। यह कविता किसी वाद से बँधकर नहीं चलती।
प्रश्न 120.
प्रश्न 121.
प्रश्न 122.
प्रश्न 123.
प्रश्न 124.
प्रश्न 125.
प्रश्न 126.
प्रश्न 127.
प्रश्न 128.
प्रश्न 129.
प्रश्न 130.
प्रश्न 131.
प्रश्न 132.
प्रश्न 133.
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