UP Board Solutions for Class 12 Chemistry Chapter 15 Polymers (बहुलक)
UP Board Solutions for Class 12 Chemistry Chapter 15 Polymers (बहुलक)
अभ्यास के अन्तर्गत दिए गए प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
बहुलक क्या होते हैं? (2018)
उत्तर :
ऐसे वृहदाणु (macromolecules) जो कि पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयों के वृहत पैमाने पर जुड़ने से बनते हैं बहुलक कहलाते हैं। बहुलकों के कुछ उदाहरण हैं-पॉलिथीन, नाइलॉन-6, 6, बैकलाइट, रबर आदि।
प्रश्न 2.
संरचना के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण कैसे किया जाता है?
उत्तर :
संरचना के आधार पर बहुलक तीन प्रकार के होते हैं
(1) रैखिक बहुलक (Linear polymers) :
इन बहुलकों में लम्बी और रेखीय श्रृंखलाएँ होती हैं। उच्च घनत्व पॉलिथीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड आदि इसके उदाहरण हैं। इन्हें निम्नानुसार निरूपित करते हैं
(2) शाखित श्रृंखला बहुलक (Branched chain polymers) :
इन बहुलकों में रेखीय श्रृंखलाओं में कुछ शाखाएँ होती हैं। उदाहरण-निम्न घनत्व पॉलिथीन। इन्हें निम्नांकित प्रकार से चित्रित करते
(3) तिर्यकबन्धित अथवा जालक्रम बहुलक (Cross linked polymers) :
यह साधारणत: द्विक्रियात्मक और त्रिक्रियात्मक समूहों वाले एकलकों से बनते हैं तथा विभिन्न रेखीय बहुलक श्रृंखलाओं के बीच प्रबल सहसंयोजक बन्ध होते हैं।
उदाहरणार्थ :
बँकेलाइट, मेलैमीन आदि। इन बहुलकों को व्यवस्थात्मक रूप में निम्नलिखित प्रकार से प्रदर्शित करते हैं
प्रश्न 3.
निम्नलिखित बहुलकों को बनाने वाले एकलकों के नाम लिखिए
उत्तर :
(i) हेक्सामेथिलीनडाइऐमीन, (H2N – (CH2)6– NH2) और ऐडिपिक अम्ल, (HOOC – (CH2)4– COOH)
(ii) कैपरोलैक्टम
(iii) टेट्राफ्लुओरोएथीन (F2C = CF2)
प्रश्न 4.
निम्नलिखित को योगज और संघनन बहुलकों में वर्गीकृत कीजिए टेरिलीन, बैकलाइट, पॉलिवाइनिल क्लोराइड, पॉलिथीन।
उत्तर :
- योगज बहुलक : पॉलिवाइनिल क्लोराइड, पॉलिथीन;
- संघनन बहुलक : टेरीलीन, बैकेलाइट।
प्रश्न 5.
ब्यूना – N और ब्यूना – S के मध्य अन्तर समझाइए।
उत्तर :
ब्यूना – N ब्यूटा -1, 3 -डाइईन और ऐक्रिलोनाइट्राइल का सहबहुलक है। जबकि ब्यूना -S ब्यूटा -1, 3-डाइईन और स्टाइरीन का सहबहुलक है।
प्रश्न 6.
निम्नलिखित बहुलकों को उनके अन्तराआण्विक बलों के बढ़ते क्रम में व्यवस्थित कीजिए
- नाइलॉन-6, 6, ब्यूना-S, पॉलिथीन
- नाइलॉन-6, निओप्रीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड।
उत्तर :
अंतराआण्विक आकर्षण बलों को बढ़ता हुआ क्रम निम्न होता है। प्रत्यास्थ बहुलक (इलास्टोमर) < प्लास्टिक < रेशे। अत:
- ब्यूना – S < पॉलिथीन < नाइलॉन 6, 6
- निओप्रीन < पॉलिवाइनिल क्लोराइड < नाइलॉन 6
अतिरिक्त अभ्यास
प्रश्न 1.
बहुलक और एकलक पदों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर :
- बहुलक : ऐसे वृहदाणु जो कि पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयों के वृहत पैमाने पर जुड़ने से बनते हैं, बहुलक कहलाते हैं।
- एकलक : ऐसे सरल और क्रियाशील अणु जिनके योग तथा संघनन मे व्रहुलकों का निर्माण होता है, एकलक कहलाते हैं।
प्रश्न 2.
प्राकृतिक और संश्लिष्ट बहुलक क्या हैं? प्रत्येक के दो उदाहरण दीजिए। (2018)
उत्तर :
(i) प्राकृतिक बहुलक : प्रकृति (जन्तुओं और पौधों) में पाए जाने वाले बहुलक, प्राकृतिक बहुलक कहलाते हैं।
उदाहरणार्थ :
स्टार्च, सेलुलोस, प्रोटीन, रबर आदि।
(ii) संश्लिष्ट बहुलक : ऐसे बहुलक जो प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से बनाए जाते हैं, संश्लिष्ट बहुलक कहलाते हैं।
उदाहरणार्थ :
पॉलिथीन, PVC, नाइलॉन 6, 6 आदि।
प्रश्न 3.
समबहुलक और सहबहुलक पदों (शब्दों) में विभेद कर प्रत्येक को एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
समबहुलक :
जिन बहुलकों में पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाई की उत्पत्ति केवल एक ही प्रकार की एकलक इकाइयों से होती है, समबहुलक कहलाते हैं।
उदाहरणार्थ :
पॉलिथीन, PVC, पॉलिस्टाइरीन, नाइलॉन 6 आदि। सहबहुलक-जिन बहुलकों में पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाई की उत्पत्ति दो या अधिक प्रकार की एकलक इकाइयों द्वारा होती है, सहबहुलक कहलाते हैं। उदाहरणार्थ-ब्यूना – S, ब्यूना – N आदि।
प्रश्न 4.
एकलक की प्रकार्यात्मकता को आप किस प्रकार समझाएँगे?
उत्तर :
किसी एकलक में उपस्थित आबन्धी स्थलों (bonding sites) की संख्या उसकी प्रकार्यात्मकता कहलाती है।
उदाहरणार्थ :
एथीन, प्रोपीन तथा स्टाइरीन की प्रकार्यात्मकता 1 है जबकि 1, 3-ब्यूटाडाइईन, हेक्सामेथिलीनडाइऐमीन तथा ऐडिपिक अम्ल की प्रकार्यात्मकता 2 है।
प्रश्न 5.
बहुलकन पद (शब्द) को परिभाषित कीजिए।
उत्तर :
वह प्रक्रम जिसमें एक अथवा अधिक एकलकों से व्युत्पन्न पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयाँ आपस में एक नियमित क्रम में जुड़कर अत्यधिक अणुभार वाले वृहदाणु (बहुलक) का निर्माण करती हैं। बहुलकन कहलाता है।
प्रश्न 6.
(NH-CHR-CO)n, एक समबहुलक है या सहबहुलक?
उत्तर :
एक समबहुलक है क्योंकि पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाई में केवल एक ही प्रकार के एकलक अणु अर्थात् NH2– CHR– COOH विद्यमान हैं।
प्रश्न 7.
आण्विक बलों के आधार पर बहुलक किन संवर्गों में वर्गीकृत किए जाते हैं? आण्विक बलों के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है? प्रत्येक का एक उदाहरण भी दीजिए। (2018)
उत्तर :
आण्विक बलों के आधार पर, बहुलकों का वर्गीकरण निम्नलिखित वर्गों में किया जाता है
- इलास्टोमर्स, (वल्कनीकृत रबड़)
- फाइबर (रेशे) (नायलॉन 6, 6)
- ताप सुघट्य बहुलक (पॉलिथीन)
- ताप दृढ़ बहुलक (बैकेलाइट)
प्रश्न 8.
संकलन और संघनन बहुलकन के मध्य आप किस प्रकार विभेद करेंगे? ।
उत्तर :
योगात्मक बहुलकन में बहुत से समान अथवा असमान एकलक अणु आपस में जुड़कर बहुलक श्रृंखला बनाते हैं। एकलक इकाइयों में प्रायः द्वि या त्रिबंध उपस्थित रहते हैं। इस प्रक्रिया में H2O, NH3 जैसे छोटे अणुओं का निराकरण नहीं होता है। इसके विपरीत, संघनन बहुलकन में संघनन अभिक्रियाओं की एक श्रेणी सम्पन्न होती है जिसमें H2O, NH3 जैसे छोटे अणुओं का निराकरण होता है। इस प्रकार का बहुलकन दो या अधिक क्रियात्मक समूहों युक्त एकलकों के मध्य सम्पन्न होता है।
प्रश्न 9.
सहबहुलकन पद (शब्द) की व्याख्या कीजिए और दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
सहबहुलकन (copolymerisation) एक बहुलकन अभिक्रिया है जिसमें एक से अधिक प्रकार की एकलक स्पीशीज के मिश्रण का बहुलकन एक सहबहुलक बनाने के लिए किया जाता है। सहबहुलक को न केवल श्रृंखला वृद्धि बहुलकन से बनाया जा सकता है, अपितु पदशः वृद्धि बहुलकन से भी बनाया जा सकता है। अत: सहबहुलक में एक ही बहुलकन श्रृंखला में प्रत्येक एकलक की अनेक इकाइयाँ होती हैं।
उदाहरणार्थ :
ब्यूना-S; 1, 3-ब्यूटाडाईन तथा स्टाइरीन का सहबहुलक है, जबकि ब्यूना-N; 1, 3-ब्यूटाडाईन तथा ऐक्रिलोनाइट्राइल का सहबहुलक हैं।
प्रश्न 10.
एथीन के बहुलकन के लिए मुक्त मूलक क्रियाविधि लिखिए।
उत्तर :
प्रश्न 11.
तापसुघट्य और तापदृढ़ बहुलकों को प्रत्येक के दो उदाहरण के साथ परिभाषित कीजिए।
उत्तर :
1. तापसघटय बहुलक (Thermoplastic polymers) :
ये रेखीय या अल्पशाखित दीर्घ श्रृंखला अणु होते हैं। इन्हें बार-बार तापन द्वारा मृदुलित और शीतलन द्वारा कठोर बनाया जा सकता है। इन बहुलकों के अन्तराआण्विक आकर्षण बल प्रत्यास्थ बहुलकों और रेशों के मध्यवर्ती होते हैं। पॉलिथीन, पॉलिस्टाइरीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड आदि कुछ सामान्य तापसुघट्य बहुलक हैं।
2. तापदृढ़ बहुलक (Thermosetting polymers) :
ये बहुलक तिर्यकबद्ध अथवा अत्यधिक शाखित अणु होते हैं जो साँचों में तापन से विस्तीर्ण तिर्यकबन्ध में परिवर्तित हो जाते हैं और दोबारा दुर्गलनीय बन जाते हैं। इनका दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता। बैकेलाइट, यूरिया-फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन आदि कुछ सामान्य तापदृढ़ बहुलक हैं।
प्रश्न 12.
निम्नलिखित बहुलकों को प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त एकलक लिखिए
- पॉलिवाइनिल क्लोराइड
- टेफ्लॉन
- बैकलाइट
उत्तर :
- CH2,= CHCl (वाइनिल क्लोराइड)
- F2C = = CF2, (टेट्राफ्लोरोएथीन)
- C6H5O व HCHO (फीनॉल तथा फॉर्मेल्डिहाइड)
प्रश्न 13.
मुक्त मूलक योगज बहुलकन में प्रयुक्त एक सामान्य प्रारम्भक का नाम और संरचना लिखिए।
उत्तर :
बेन्जोइल परॉक्साइड।
प्रश्न 14.
रबड़ अणुओं में द्विबन्धों की उपस्थिति किस प्रकार उनकी संरचना और क्रियाशीलता को प्रभावित करती है?
उत्तर :
प्राकृतिक रबर सिस-पॉलिआइसोप्रीन है तथा इसका निर्माण आइसोप्रीन इकाइयों के 1, 4-बहुलकन द्वारा निम्न प्रकार होता है
इस बहुलक में प्रत्येक आइसोप्रीन इकाई के C2 व C3 के मध्य द्विबन्ध उपस्थित हैं। आइसोप्रीन इकाइयों की इस प्रकार सिस व्यवस्था के कारण बहुलक श्रृंखलाएँ दुर्बल अन्त:अणुक आकर्षण बल की उपस्थिति के कारण प्रभावशाली अन्तः अणुक क्रिया हेतु एक-दूसरे के समीप नहीं आ पातीं। अत: निकटस्थ श्रृंखलाओं के मध्य केवल दुर्बल वाण्डरवाल्स बल विद्यमान रहते हैं। इसलिए रबर की अनियमित कुण्डलित संरचना होती है। इसे एक स्प्रिंग की भाँति खींचा जा सकता है, अर्थात् इसमें प्रत्यास्थता का गुण पाया जाता है।
प्रश्न 15.
रबड़ के वल्कनीकरण के मुख्य उद्देश्य की विवेचना कीजिए।
उत्तर :
रबड़ का वल्कनीकरण (Vulcanization of rubber) :
प्राकृतिक रबड़ उच्च ताप (> 335 K) पर नर्म और निम्न ताप (< 283 K) पर भंगुर हो जाता है एवं उच्च जल अवशोषण क्षमता प्रदर्शित करता है। यह अध्रुवीय विलायकों में घुलनशील है और ऑक्सीकरण कर्मकों के आक्रमण के प्रति प्रतिरोधी नहीं है। इन भौतिक गुणों में सुधार के लिए वल्कनीकरण की प्रक्रिया की जाती है। इस प्रक्रिया में अपरिष्कृत रबड़ को सल्फर और उपयुक्त योगजों के साथ 373 K से 415 K के ताप परास के मध्य गर्म किया जाता है। वल्कनीकरण से द्विबन्धों की अभिक्रियाशील स्थितियों पर सल्फर तिर्यक बन्ध बनाता है और इस प्रकार रबड़ कठोर हो जाता है।
प्रश्न 16.
नाइलॉन-6 और नाइलॉन-6, 6 में पुनरावृत्त एकलक इकाइयाँ क्या हैं?
उत्तर :
नाइलॉन-6,
प्रश्न 17.
निम्नलिखित बहुलकों के एकलकों का नाम और संरचना लिखिए
(i) ब्यूना-S
(ii) ब्यूना-N
(iii) डेक्रॉन
(iv) निओप्रीन।
उत्तर :
प्रश्न 18.
निम्नलिखित बहुलक संरचनाओं के एकलक की पहचान कीजिए
(i)
(ii)
उत्तर :
(i)
(ii)
प्रश्न 19.
एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थैलिक अम्ल से डेक्रॉन किस प्रकार प्राप्त किया जाता है?
उत्तर :
डेक्रॉन को एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थैलिक अम्ल के संघनन बहुलकन से जल के अणुओं के विलोपन के साथ प्राप्त किया जाता है। अभिक्रिया को 420 – 460 K पर जिंक ऐसीटेट तथा ऐण्टीमनी ट्राइऑक्साइड के मिश्रण से बने उत्प्रेरक की उपस्थिति में कराया जाता है।
प्रश्न 20.
जैव-निम्नीकरणीय बहुलक क्या हैं? एक जैव-निम्नीकरणीय ऐलिफैटिक पॉलिएस्टर का उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
वे बहुलक जो एक समय बाद जीवाण्विक निम्नीकरण के कारण स्वयं ही विघटित हो जाते हैं, जैव-निम्नीकरणीय बहुलक (biodegradable polymers) कहलाते हैं।
उदाहरण :
पॉलि – β – हाइड्रॉक्सीब्यूटिरेट-को – β -हाइड्रॉक्सी-वैलेरेट (PHBV) :
यह 3-हाइड्रॉक्सीब्यूटेनोइक अम्ल और 3-हाइड्रॉक्सीपेन्टेनोइक अम्ल के सहबहुलकन से प्राप्त होता है। PHBV को उपयोग विशिष्ट पैकेजिंग, अस्थियों में प्रयुक्त युक्तियों और औषधों के नियन्त्रित मोचन में भी होता है। पर्यावरण में PHVB का जीवाण्विक निम्नीकरण हो जाता है।
परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित में से प्राकृतिक बहुलक है (2015)
(i)पॉलीथीन
(ii) सेलुलोस
(iii) पी० वी० सी०
(iv) टेफ्लॉन
उत्तर :
(ii) सेलुलोस
प्रश्न 2.
संश्लेषित बहुलक का उदाहरण है
(i) RNA
(ii) प्रोटीन
(iii) पॉलीऐमाइड
(iv) स्टार्च
उत्तर :
(iii) पॉलीऐमाइड
प्रश्न 3.
निम्नलिखित में संघनन बहुलक नहीं है (2017)
(i) नाइलॉन 6, 6
(ii) स्टाइरीन
(iii) डेक्रॉन
(iv) टैरोलीन
उत्तर :
(ii) स्टाइरीन
प्रश्न 4.
संघनन बहुलक है (2015)
(i) टेफ्लॉन
(ii) पॉलीथीन
(iii) पॉलीवाइनिल क्लोराइड
(iv) टेरीलीन
उत्तर :
(iv) टेरीलीन
प्रश्न 5.
बैकेलाइट है एक (2016)
(i) प्राकृतिक बहुलक
(ii) योगात्मक बहुलक
(iii) संघनन बहुलक
(iv) समबहुलक
उत्तर :
(iii) संघनन बहुलक
प्रश्न 6.
निम्नलिखित में कौन-सा थर्मोप्लास्टिक बहुलक नहीं है? (2015)
(i) बैकलाइट
(ii) टेफ्लॉन
(iii) पॉलीथीन
(iv) पी०वी०सी०
उत्तर :
(i) बैकेलाइट
प्रश्न 7.
ताप-सुनम्य प्लास्टिक का उदाहरण है (2017)
(i) बैकलाइट
(ii) टेफ्लॉन
(iii) रेजिन
(iv) मैलेमीन
उत्तर :
(ii) टेफ्लॉन
प्रश्न 8.
थर्मोसेटिंग प्लास्टिक है
(i) पी०वी०सी
(ii) पॉलीथीन
(iii) बैकेलाइट
(iv) इनमें से कोई नहीं
उत्तर :
(iii) बैकलाइट।
प्रश्न 9.
प्रबल अन्तराण्विक बल जैसे हाइड्रोजन बन्ध युक्त बहुलक हैं (2018)
(i) प्राकृतिक रबड़
(ii) पॉलिस्टाइरिन
(iii) टेफ्लॉन
(iv) नायलॉन 6, 6
उत्तर :
(iv) नायलॉन 6, 6
प्रश्न 10.
निम्नलिखित में से कौन-सा बहुलक है? (2018)
(i) पॉलिथीन
(ii) बैकेलाइट
(iii) रबड़
(iv) ये सभी
उत्तर :
(iv) ये सभी
प्रश्न11.
निम्न में से कौन-सा पॉलीएमाइड है? (2015, 16, 17)
(i) बैकेलाइट
(ii) टेरीलीन
(iii) नाइलॉन-6, 6
(iv) टेफ्लॉन
उत्तर :
(iii) नाइलॉन-6, 6 (2015)
प्रश्न12.
निम्न में से कौन-सा एकलक बहुलक निओप्रीन देता है?
(i) CH2= CHCl
(ii) CCl2= CCl2
(iii) CH2= C(Cl) -C =H2
(iv) CF2= CF2
उत्तर :
(iii) CH2= C(Cl)-C =H2
प्रश्न13.
निम्न में से किस बहुलक का विरचन संघनन बहुलकन द्वारा किया जा सकता है?
(i) पॉलीस्टाइरीन
(ii) नाइलॉन-6,6
(iii) टेफ्लॉन
(iv) रबर
उत्तर :
(ii) नाइलॉन-6,6
प्रश्न14.
फीनॉल की किसके साथ अभिक्रिया से बैकलाइट प्राप्त होता है? (2016)
(i) HCHO
(ii) (CH2OH)2
(iii) CH3CHO
(iv) CH3COCH3
उत्तर :
(i) HCHO
प्रश्न15.
पॉलीवाइनिल क्लोराइड का एकलक है (2015)
(i) वाइनिल क्लोराइड
(ii) क्लोरोप्रीन
(iii) प्रोपिलीन
(iv) वाइनिल सायनाइड
उत्तर :
(i) वाइनिल क्लोराइड
प्रश्न 16.
निओप्रीन का एकलक है (2015)
(i) एथिलीन
(ii) टेट्राफ्लुओरोएथिलीन
(iii) फ्लु ओरीन
(iv) क्लोरोप्रीन
उत्तर :
(iv) क्लोरोप्रीन
प्रश्न 17.
टेरीलीन है (2014)
(i) पॉलीएमाइड
(ii) पॉलीस्टाइरीन
(iii) पॉलीएथिलीन
(iv) पॉलीएस्टर
उत्तर :
(iv) पॉलीएस्टर
प्रश्न18.
निम्न में से कौन-सा पॉलीस्टर बहुलक है?
(i) नाइलॉन-6,6
(ii) टेरीलीन
(iii) बैकलाइट
(iv) मैलेमीन
उत्तर :
(ii) टेरीलीन
प्रश्न19.
निम्न में से किस बहुलक का प्रयोग स्नेहक तथा अचालक के रूप में किया जाता है?
(i) SBR
(ii) PVC
(iii) PTFE
(iv) PAN
उत्तर :
(iii) PTFE
प्रश्न20.
निम्न में कौन एक पॉलीएमाइड वर्ग का जैव निम्नीकरणीय बहुलक है?
(i) डेक्स्ट्रॉन
(ii) नाइलॉन-2-नाइलॉन-6
(iii) नाइलॉन-6
(iv) PHPV
उत्तर :
(ii) नाइलॉन-2-नाइलॉन-6
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
दो प्राकृतिक बहुलकों के नाम लिखिए।
उत्तर :
स्टार्च तथा प्रोटीन।
प्रश्न 2.
क्रॉस-लिंक बहुलकों के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर :
बैकेलाइट तथा यूरिया-फॉर्मेल्डिहाइड।
प्रश्न 3.
बहुलकन की कोटि से क्या तात्पर्य है?
उत्तर :
बहुलक में उपस्थित पुनरावर्तित इकाइयों की संख्या को बहुलकन की कोटि कहते हैं।
प्रश्न 4.
रेशों (fibres) के गलनांक उच्च क्यों होते हैं?
उत्तर :
प्रबल अंतरा :
अणुक बलों के कारण रेशों की बहुलक श्रृंखलाओं की व्यवस्था निविड संकुलित होती है। इसी कारण से इनके गलनांक उच्च होते हैं।
प्रश्न 5.
प्लास्टिसाइजर क्या हैं?
उत्तर :
ऐसे कार्बनिक यौगिक जिन्हें प्लास्टिकों में मिलाने पर प्लास्टिक मुलायम और कार्यन योग्य (workable) हो जाती है प्लास्टिसाइजर कहलाते हैं।
प्रश्न 6.
योगात्मक बहुलकीकरण को एक उदाहरण द्वारा समझाइए। (2016, 17)
उत्तर :
योगात्मक बहुलकीकरण में एकलक अणुओं के योग द्वारा बहुलक बनता है। उदाहरण के लिए, उच्च दाब और उच्च ताप पर ऑक्सीजन और परॉक्साइड की उपस्थिति में एथिलीन अणुओं के योग बहुलकीकरण द्वारा पॉलिएथिलीन बहुलक बनता है।
प्रश्न 7.
किस प्रकार के बहुलकन में H2O, NH3 जैसे अणुओं का विलोपन होता है। योगात्मक बहुलकन में यो संघनन बहुलकन में?
उत्तर :
संघनन बहुलकन में।
प्रश्न 8.
मुक्त मूलक बहुलकन में हमेशा शुद्धतम एकलक का प्रयोग क्यों करना चाहिए?
उत्तर :
यदि अशुद्धियाँ उपस्थित हों तब ऐल्कीन एकलक या तो श्रृंखला स्थानान्तरण कारक या संदमक का कार्य करता है। यदि यह श्रृंखला स्थानान्तरण कारक के रूप में कार्य करता है तब कम अणु द्रव्यमान का बहुलक प्राप्त होता है और जब यह संदमक का कार्य करता है तब बहुलकन की क्रिया संदमित होती है। अत: इन जटिलताओं से बचने के लिए प्रयुक्त ऐल्कीन एकलक अति शुद्ध होने चाहिए।
प्रश्न 9.
बेन्जोक्विनोन मुक्त मूलक बहुलकन में संदमक का कार्य करता है, क्यों?
उत्तर :
बेन्जोक्विनोन बहुलीकृत होने वाले मुक्त मूलकों को जकड़ लेता है तथा अक्रियाशील मुक्त मूलक बनाता है।
प्रश्न 10.
इलेक्ट्रॉन दाता समूहों युक्त विनायलिक एकलकों के लिए धनायनिक बहुलकन को वरीयता क्यों दी जाती है?
उत्तर :
इलेक्ट्रॉन दाता समूह(EDG) एकलक इकाई पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ा देते हैं जिसके परिणामस्वरूप धनायनिक आक्रमण शीघ्रता से होता है।
उदाहरणार्थ :
एक इलेक्ट्रॉन विमोचक CH समूह (+I प्रभाव)युक्त प्रोपीन का धनायनिक बहुलकन।
प्रश्न 11.
HO2CCH2CH2COOH , (सक्सिनिक अम्ल) तथा H2NCH2CH2NH2, (एथिलीनडाइऐमीन) के संयुक्त होने पर संघनन बहुलक में पुनरावर्तित इकाई क्या है?
उत्तर :
प्रश्न12.
टेफ्लॉन बनाने का रासायनिक समीकरण लिखिए। (2017)
उत्तर :
प्रश्न 13.
टेफ्लॉन के दो उपयोग लिखिए। (2017)
उत्तर :
- इसका उपयोग तेल सीलों एवं गैस्केटों को बनाने में किया जाता है।
- इसका उपयोग रसोईघर में नॉनस्टिक बर्तन बनाने में किया जाता है।
प्रश्न14.
किस बहुलक से ऑरलॉन अथवा ऐक्रिलन जैसे रेशे बनाए जाते हैं ?
उत्तर :
पॉलीऐक्रिलोनाइट्राइल।
प्रश्न15.
नाइलॉन-6, 6 क्या है? इसके एकलकों से नाइलॉन-6, 6 बहुलक बनाने की अभिक्रिया समीकरण लिखिए। (2017)
उत्तर :
नाइलॉन-6, 6 ऐडिपिक अम्ल और हेक्सामेथिलीन डाइऐमीन के संघनन बहुलीकरण द्वारा बनाया जाता है।
प्रश्न 16.
किस बहुलक का प्रयोग कॉन्टैक्ट लेन्स (contact lens) बनाने के लिए किया जाता है?
उत्तर :
पॉलीमेथिलमेथएँक्रिलेट (PMMA).
प्रश्न 17.
प्राकृतिक रबर का एकलक क्या है?
उत्तर :
आइसोप्रीन।
प्रश्न 18.
किस सहबहुलक का प्रयोग न टूटने वाली प्लास्टिक क्रॉकरी बनाने के लिए किया जाता है?
उत्तर :
मैलेमीन-फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन।
प्रश्न 19.
प्राकृतिक रबर और गुट्टा पर्चा में एक अंतर बताइए।
उत्तर :
प्राकृतिक रबर समपक्ष पॉलीआइसोप्रीन है जबकि गुट्टा पर्चा विपक्ष पॉलीआइसोप्रीन है।
प्रश्न 20.
वल्कनीकरण में सल्फर का क्या महत्त्व है? (2015)
उत्तर :
सल्फर बहुलीकृत श्रृंखलाओं में तिर्यक बन्धन उत्पन्न करता है जिससे रबर की तनन सामर्थ्य तथा प्रत्यास्थता बढ़ जाती है।
प्रश्न 21.
रेयॉन को कृत्रिम सिल्क तथा पुनर्जीनित तन्तु क्यों कहते हैं।
उत्तर :
क्योंकि इसकी चमक सिल्क के समान होती है तथा ये पुनर्जनित रेशों (regenerated fibres) से प्राप्त होता है।
प्रश्न 22.
पॉलीएथिलीन से पॉलीप्रोपिलीन को वरीयता क्यों दी जाती है?
उत्तर :
क्योकि पॉलीप्रोपिलीन पॉलीएथिलीन से कठोर तथा मजबूत होता है।
प्रश्न 23.
कोयले की खानों में निओप्रीन बैल्ट क्यों प्रयुक्त की जाती है?
उत्तर :
कोयले की खानों में निओप्रीन बैल्ट प्रयुक्त की जाती है क्योंकि यह आग नहीं पकड़ती है।
प्रश्न 24.
शल्यचिकित्सकीय ड्रेसिंग में रेयॉन कपास से श्रेष्ठ क्यों है?
उत्तर :
क्योंकि यह अपने भार का 90% जल अवशोषित कर लेती है तथा यह न चिपकने वाला होने के कारण घावों पर चिपकती नहीं है।
प्रश्न 25.
किसी एक जैव-निम्नीकरणीय पॉलीएमाइड सहबहुलक का नाम लिखिए।
उत्तर :
नाइलॉन 2-नाइलॉन 6
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
(i) एथीन के बहुलकन में बेन्जॉइल परॉक्साइड का क्या योगदान है?
(ii) LDPE तथा HDPE क्या हैं? इन्हें कैसे विरचित किया जाता है? (2015)
उत्तर :
(i) बेन्जॉइल परॉक्साइड एथीन के बहुलकन में प्रारम्भक (initiator) का कार्य करता है।
(ii) LDPE का अभिप्राय निम्न घनत्व पॉलीएथिलीन (low density polyethylene) तथा HDPE का अभिप्राय उच्च घनत्व पॉलीएथिलीन (high density polyethylene) से है।
(a)
(b)
प्रश्न 2.
पॉलीवाइनिल क्लोराइड (PVC) के निर्माण की विधि एवं उपयोग लिखिए। (2014, 17)
उत्तर :
इसका निर्माण वाइनिल क्लोराइड के योगात्मक बहुलकीकरण द्वारा किया जाता है। इसका एकलक वाइनिल क्लोराइड (CH2, = CH—Cl) है। उच्च दाब एवं निष्क्रिय विलायक C6H5 – O— O— C6H5 की उपस्थिति में वाइनिल क्लोराइड को गर्म करने पर पॉलीवाइनिल क्लोराइड (PVC) बनता है।
प्रश्न 3.
बैकेलाइट पर टिप्पणी लिखिए। (2016, 17)
उत्तर :
ये फीनॉल की अम्ल अथवा क्षार उत्प्रेरक की उपस्थिति में फॉर्मेल्डिहाइड के साथ संघनन अभिक्रिया द्वारा प्राप्त होते हैं। अभिक्रिया का आरम्भ 0-अथवा p-हाइड्रॉक्सीमेथिलफीनॉल व्युत्पन्नों के विरचन से होता है जो पुनः फोनॉल से अभिक्रिया करके ऐसे यौगिक बनाते हैं जिनमें आपस में, -CH2,-सेतुओं के माध्यम से जुड़ी वलय होती हैं। प्रारम्भिक उत्पाद एक रैखिक उत्पाद हो सकता है; जैसे-नोवोलेक, जिसका उपयोग पेंटों में किया जाता है।
फॉर्मेल्डिहाइड के साथ गर्म करने पर नोवोलेक तिर्यक बंधन निर्मित करके एक दुर्गलनीय ठोस बनाता है। जिसे बैकलाइट (bakelite) कहते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित बहुलक क्या हैं? इन्हें बनाने की विधि तथा उपयोग लिखिए।
(i) पॉलिऐमाइड
(ii) पॉलिएस्टर
(iii) फीनॉल-फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक
(iv) मेलैमीन-फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक।
उत्तर :
(i) पॉलिऐमाइड (Polyamide) :
ऐमाइड बन्ध युक्त बहुलक संश्लिष्ट रेशे के महत्त्वपूर्ण उदाहरण हैं, इन्हें नाइलॉन (nylon) कहा जाता है। इन्हें बनाने की सामान्य विधियों में डाइऐमीनों को डाइकार्बोक्सिलिक अम्लों के साथ तथा ऐमीनो अम्लों और उनके लैक्टमों का भी संघनन बहुलकन होता है। नाइलॉनों का निर्माण या विरचन (Preparation of Nylons)
(a) नाइलॉन-6, 6 (Nylon-6, 6) :
इसका विरचन हेक्सामेथिलीनडाइऐमीन एवं ऐडिपिक अम्ल के उच्च दाब और उच्च ताप पर संघनन द्वारा किया जाता है।
उपयोग (Uses) :
नाइलॉन-6,6 का उपयोग शीटों, ब्रशों के शूकों (bristles) और वस्त्र उद्योग में किया जाता है।
(b) नाइलॉन-6 (Nylon-6) :
यह कैपरोलैक्टम को जल के साथ उच्च ताप पर गर्म करके प्राप्त किया जाता है।
उपयोग (Uses) :
नाइलॉन-6 का उपयोग टायर की डोरियों, वस्त्रों और रस्सियों के निर्माण में किया जाता है।
(ii) पॉलिएस्टर (Polyester) :
ये द्विकार्बोक्सिलिक अम्लों और डाइऑल के बहुसंघनन उत्पाद हैं। पॉलिएस्टर का सबसे अधिक ज्ञात उदाहरण डेक्रॉन अथवा टेरिलीन है। बनाने की विधि (Method of preparation)— यह एथिलीन ग्लाइकॉल और टेरेफ्थैलिक अम्ल के मिश्रण को 420K से 460K ताप तक जिंक ऐसीटेट-एण्टीमनी ट्राइऑक्साइड उत्प्रेरक की उपस्थिति में गर्म करने पर उपर्युक्त अभिक्रिया की भाँति निर्मित होता है।
उपयोग (Uses) :
डेक्रॉन रेशा (टेरिलीन) क्रीजरोधी है और इसका उपयोग सूती तथा ऊनी रेशे के साथ सम्मिश्रण करने में तथा सुरक्षा हैल्मेट (helmets) आदि में काँच प्रबलन पदार्थों की तरह होता है।
(iii) फीनॉल :
फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक (Phenol-Formaldehyde Polymer)–फीनॉलफॉर्मेल्डिहाइड बहुलक सबसे प्राचीन तथा संश्लिष्ट बहुलक हैं। बनाने की विधि (Method of preparation) – ये फीनॉल की अम्ल अथवा क्षार उत्प्रेरक की उपस्थिति में फॉर्मेल्डिहाइड के साथ संघनन अभिक्रिया द्वारा प्राप्त होते हैं। अभिक्रिया का आरम्भ 0तथा/अथवा p-हाइड्रॉक्सीमेथिलफीनॉल व्युत्पन्नों के बनने से होता है, जो पुनः फोनॉल के साथ अभिक्रिया करके इस प्रकार के यौगिक बनाते हैं जिनमें आपस में -CH2, समूहों के माध्यम से जुड़ी वलय होती है। प्रारम्भिक उत्पाद एक रैखिक उत्पाद हो सकता है; जैसे-नोवोलेका
फॉर्मेल्डिहाइड के साथ गर्म करने पर नोवोलेक तिर्यकबन्धन निर्मित करके एक दुर्गलनीय ठोस बनाता है। जिसे बैकलाइट कहते हैं।
उपयोग (Uses) :
नोवोलेक का उपयोग प्रलेपों (paints) में होता है तथा बैकेलाइट का उपयोग कंघियों, फोनोग्राफ रिकॉर्ड/अभिलेखों, विद्युत स्विचों, बर्तनों के हत्थे बनाने में किया जाता है।
(iv) मेलैमीन :
फॉर्मेल्डिहाइड बहुलक (Melamine-Formaldehyde Polymer) बनाने की विधि (Method of preparation) – यह मेलैमीन और फॉर्मेल्डिहाइड के संघनन बहुलकन द्वारा प्राप्त होता है।
उपयोग (Uses) :
इसका उपयोग अभंजनीय बर्तनों (unbreakable crockery) के निर्माण में किया जाता है।
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