UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 15 Sources of Income and Items of Expenditure of Central Government (केन्द्रीय सरकार की आय के स्रोत तथा व्यय की मदें)

By | May 29, 2022

UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 15 Sources of Income and Items of Expenditure of Central Government (केन्द्रीय सरकार की आय के स्रोत तथा व्यय की मदें)

UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 15 Sources of Income and Items of Expenditure of Central Government (केन्द्रीय सरकार की आय के स्रोत तथा व्यय की मदें)

विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (6 अंक)

प्रश्न 1
भारत में केन्द्र सरकार की आय के प्रमुख स्रोतों का वर्णन कीजिए। [2009, 10, 12, 14, 16]
या
भारत में केन्द्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले प्रमुख करों का संक्षिप्त विवरण दीजिए। [2013, 16]
या
भारत में केन्द्र सरकार की आय के प्रमुख स्रोत क्या हैं? विवेचना कीजिए। [2015]
उत्तर:
केन्द्र सरकार की आय के स्रोत
केन्द्र सरकार की आय के स्रोतों को मुख्यत: निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है

(अ) करों से प्राप्त आय
विभिन्न प्रकार के करों के द्वारा केन्द्र सरकार को आय प्राप्त होती है, जिनमें मुख्य कर निम्नलिखित हैं

1. संघीय उत्पादन शुल्क – संघीय उत्पादन कर केन्द्रीय सरकार की आय का प्रमुख स्रोत है। यह कर देश में उत्पन्न होने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है। कुछ वस्तुओं को छोड़कर (जैसे-शराब-भाँग आदि) देश में उत्पन्न होने वाली प्राय: सभी वस्तुओं पर संघ सरकार द्वारा उत्पादन कर लगाया जाता है; जैसे-कपड़ा, चीनी, दियासलाई, टायर-ट्यूब, बिजली के सामान, रेडियो, मोटरगाड़ियाँ आदि। इस कर से प्राप्त आय का एक पूर्वनिश्चित भाग राज्यों में बाँट दिया जाता है।

2. आयकर – यह एक प्रत्यक्ष कर है जो गैर-कृषि आय पर लगाया जाता है। इस कर को लगाने व वसूल करने का अधिकार केन्द्र सरकार को है। आयकर से प्राप्त निवल आय का विभाजन केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच होता है। आयकर भारत में प्रगतिशील कर है। इस कर से केन्द्र सरकार को पर्याप्त आय प्राप्त होती है।

3. निगम कर – निगम कर से अभिप्राय, देशी व विदेशी कम्पनियों की वार्षिक आय पर लगाये गये अति कर Super Tax से है। यह कर सम्पूर्ण आय पर एक निश्चित दर से लगाया जाता है। सरकार को इससे भी आय होती है।

4. सम्पत्ति कर – भारत में यह कर 1957-58 से लागू किया गया है। जिन व्यक्तियों के पास 15, लाख रुपये से अधिक की सम्पत्ति होती है, उन्हें सम्पत्ति कर देना पड़ता है। इस कर से कुछ खम्पत्तियों को मुक्त रखा गया है; जैसे – कृषि भूमि, गाँवों में रहने के मकान, धार्मिक स्थानों की सम्पत्ति, बीमा व भविष्य निधि कोष आदि। इस कर की दर आरोही है। केन्द्रीय सरकार को इस कर से भी आय प्राप्त होती है।

5. उपहार कर – यह कर केन्द्रीय सरकार द्वारा 1958-59 ई० से लागू किया गया। यह कर उन व्यक्तियों पर लगाया जाता है जो अपने जीवन काल में निश्चित मूल्य से अधिक के उपहार अपने सम्बन्धियों या अन्य व्यक्तियों को देते हैं। इस कर का उद्देश्य मृत सम्पत्ति, कर की चोरी रोकना तथा धन के वितरण की विषमता को कम करना है। अब इस कर को समाप्त कर दिया गया है।

6. सीमा शुल्क-आयात – निर्यात कर को ही सीमा शुल्क कहते हैं। जब ये शुल्क मूल्य के आधार पर लगाये जाते हैं, तब इन्हें मूल्यानुसार शुल्क और जब ये शुल्क परिमाण या संख्या के अनुसार लगाये जाते हैं, तब इन्हें परिमाणानुसार शुल्क कहते हैं। भारत में ये दोनों प्रकार के शुल्क लगाये जाते हैं।
केन्द्रीय सरकार को निर्यात शुल्क की अपेक्षा आयात शुल्क से अधिक आय प्राप्त होती है। विगत दस, बारह वर्षों में सीमा शुल्कों से प्राप्त आय में निरन्तर वृद्धि हो रही है।

(ब) गैर-कर आय
भारत सरकार की आय के कुछ गैर-कर साधन निम्नलिखित हैं

1. ब्याज एवं लाभांश से प्राप्तियाँ – केन्द्रीय सरकार राज्य सरकारों के अन्य संस्थाओं को एक बहुत बड़ी मात्रा में ऋण देती है। अत: इसको प्रतिवर्ष इन ऋणों की ब्याज से करोड़ों रुपये की आय होती है।

2. प्रशासनिक प्राप्तियाँ – केन्द्रीय सरकार नागरिक प्रशासन, न्याय, शान्ति एवं व्यवस्था आदि के रूप में मनुष्यों को अनेक महत्त्वपूर्ण सेवाएँ प्रदान करती है जिनसे उसे प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये की आय होती है।

3. मुद्रा एवं टकसाल – केन्द्रीय सरकार को नोट छापने व सिक्कों को ढालने का एकाधिकार प्राप्त है जिससे सरकार को आय होती हैं। सरकार की ओर से यह कार्य देश में रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया’ करता है।

4. सरकारी व्यवसायों में विशुद्ध आय – इस मद के अन्तर्गत केन्द्रीय सरकार को निम्नलिखित स्रोतों से आय होती है

  • डाक एवं तार विभाग से आय-इस पर भी केन्द्रीय सरकार का एकाधिकार है। इससे सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये की आय प्राप्त होती है।
  •  रेलों से आय-इस पर भी केन्द्रीय सरकार का एकाधिकार है। इससे सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये आय प्राप्त होती है।
  • अन्य स्रोतों से आय-इसके अन्तर्गत अफीम, जंगलात, सड़क यातायात आदि से भी केन्द्रीय सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये की आय प्राप्त होती है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)

प्रश्न 1
भारत में केन्द्र सरकार के व्यय के प्रमुख स्रोतों का वर्णन कीजिए। [2009, 10, 12, 16]
उत्तर:
केन्द्र सरकार के व्यय के स्रोत (मदे)
केन्द्र सरकार अपनी आय को निम्नलिखित मदों पर व्यय करती है

1. करों को एकत्रित करने पर व्यय – केन्द्रीय सरकार को प्रतिवर्ष करों की धनराशि को एकत्रित करने पर बहुत बड़ी धनराशि व्यय करनी पड़ती है।

2. ऋण सेवाओं पर व्यय – केन्द्रीय सरकार ने अपनी विभिन्न प्रकार की योजनाओं को पूरा करने के लिए अनेक प्रकार के ऋण लिये हैं। इन ऋणों पर दी जाने वाली ब्याज की धनराशि इस शीर्षक के अन्तर्गत आती है। इस मद पर भी केन्द्रीय सरकार का व्यय निरन्तर बढ़ता जा रहा है।

3. रक्षा व्यय – चीन व पाकिस्तान के आक्रमण के भय के कारण हमारी सरकार को अपने देश की रक्षा पर प्रतिवर्ष होने वाले व्यय पर वृद्धि करनी पड़ रही है। इसके अन्तर्गत जल, थल और नभ सेनाओं पर होने वाला व्यय सम्मिलित किया जाता है।

4. नागरिक प्रशासन पर व्यय – इस मद के अन्तर्गत संसद, मन्त्रिपरिषद्, राष्ट्रपति, सचिवालय, सामान्य प्रशासन, न्याय, पुलिस लेखा परीक्षण आदि पर होने वाले व्यय सम्मिलित हैं। इस मद पर होने वाले व्यय में निरन्तर वृद्धि होती जा रही है।

5. मुद्रा एवं टकसाल पर व्यय –  केन्द्रीय सरकार, जो नोट छापने व सिक्कों को ढालने का कार्य करती है, इस पर होने वाले व्यय में प्रतिवर्ष वृद्धि कर रही है।

6. सामाजिक विकास पर व्यय – इस मद में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, चिकित्सा, पिछड़ी तथा परिगणित जातियों के कल्याण, सामाजिक कल्याण पर किया जाने वाला व्यय आदि सम्मिलित होते हैं। प्रत्येक सरकार को उद्देश्य कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना है; अतः इस मद पर होने वाले व्यय में अत्यधिक वृद्धि हुई है।

7. पेन्शन व्यय – केन्द्रीय सरकार को प्रतिवर्ष अवकाश प्राप्त कर्मचारियों एवं अधिकारियों को पेन्शन देनी होती है। अवकाश प्राप्त कर्मचारियों की संख्या में निरन्तर वृद्धि होने के कारण इस मद पर व्यय होने वाली धनराशि में भी वृद्धि होती जा रही है।

8. राज्यों को अनुदान – केन्द्रीय सरकार राज्यों को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का अनुदान देती है। विकास कार्यों में वृद्धि होने के कारण इस मद में होने वाले व्यय में भी निरन्तर वृद्धि होती जा रही है।

9. अन्य व्यय – उपर्युक्त प्रमुख मदों के अतिरिक्त केन्द्रीय सरकार को अन्य कई मदों पर व्यय करने होते हैं; जैसे-अकाल, बाढ़, सूखा, भूकम्प, शिक्षा संस्थाओं को दिया गया अनुदान आदि।

प्रश्न 2
केन्द्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले किन्हीं चार करों का उल्लेख कीजिए। [2015]
उत्तर:
केन्द्र सरकार की आय के स्रोतों को मुख्यत: निम्नलिखित भागों में बाँटा जा सकता है

(अ) करों से प्राप्त आय
विभिन्न प्रकार के करों के द्वारा केन्द्र सरकार को आय प्राप्त होती है, जिनमें मुख्य कर निम्नलिखित हैं

1. संघीय उत्पादन शुल्क – संघीय उत्पादन कर केन्द्रीय सरकार की आय का प्रमुख स्रोत है। यह कर देश में उत्पन्न होने वाली वस्तुओं पर लगाया जाता है। कुछ वस्तुओं को छोड़कर (जैसे-शराब-भाँग आदि) देश में उत्पन्न होने वाली प्राय: सभी वस्तुओं पर संघ सरकार द्वारा उत्पादन कर लगाया जाता है; जैसे-कपड़ा, चीनी, दियासलाई, टायर-ट्यूब, बिजली के सामान, रेडियो, मोटरगाड़ियाँ आदि। इस कर से प्राप्त आय का एक पूर्वनिश्चित भाग राज्यों में बाँट दिया जाता है।

2. आयकर – यह एक प्रत्यक्ष कर है जो गैर-कृषि आय पर लगाया जाता है। इस कर को लगाने व वसूल करने का अधिकार केन्द्र सरकार को है। आयकर से प्राप्त निवल आय का विभाजन केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच होता है। आयकर भारत में प्रगतिशील कर है। इस कर से केन्द्र सरकार को पर्याप्त आय प्राप्त होती है।

3. निगम कर – निगम कर से अभिप्राय, देशी व विदेशी कम्पनियों की वार्षिक आय पर लगाये गये अति कर Super Tax से है। यह कर सम्पूर्ण आय पर एक निश्चित दर से लगाया जाता है। सरकार को इससे भी आय होती है।

4. सम्पत्ति कर – भारत में यह कर 1957-58 से लागू किया गया है। जिन व्यक्तियों के पास 15, लाख रुपये से अधिक की सम्पत्ति होती है, उन्हें सम्पत्ति कर देना पड़ता है। इस कर से कुछ खम्पत्तियों को मुक्त रखा गया है; जैसे – कृषि भूमि, गाँवों में रहने के मकान, धार्मिक स्थानों की सम्पत्ति, बीमा व भविष्य निधि कोष आदि। इस कर की दर आरोही है। केन्द्रीय सरकार को इस कर से भी आय प्राप्त होती है।

5. उपहार कर – यह कर केन्द्रीय सरकार द्वारा 1958-59 ई० से लागू किया गया। यह कर उन व्यक्तियों पर लगाया जाता है जो अपने जीवन काल में निश्चित मूल्य से अधिक के उपहार अपने सम्बन्धियों या अन्य व्यक्तियों को देते हैं। इस कर का उद्देश्य मृत सम्पत्ति, कर की चोरी रोकना तथा धन के वितरण की विषमता को कम करना है। अब इस कर को समाप्त कर दिया गया है।

6. सीमा शुल्क-आयात – निर्यात कर को ही सीमा शुल्क कहते हैं। जब ये शुल्क मूल्य के आधार पर लगाये जाते हैं, तब इन्हें मूल्यानुसार शुल्क और जब ये शुल्क परिमाण या संख्या के अनुसार लगाये जाते हैं, तब इन्हें परिमाणानुसार शुल्क कहते हैं। भारत में ये दोनों प्रकार के शुल्क लगाये जाते हैं।
केन्द्रीय सरकार को निर्यात शुल्क की अपेक्षा आयात शुल्क से अधिक आय प्राप्त होती है। विगत दस, बारह वर्षों में सीमा शुल्कों से प्राप्त आय में निरन्तर वृद्धि हो रही है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)

प्रश्न 1
वित्त आयोग पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारतीय संविधान की धारा 180 के अन्तर्गत यह व्यवस्था की गयी है कि भारत का राष्ट्रपति प्रति पाँच वर्ष के लिए एक वित्त आयोग का गठन करेगा। इसका कार्य केन्द्र व राज्यों के बीच आय, अनुदान आदि को सुनिश्चित करना तथा वित्त सम्बन्धी महत्त्वपूर्ण सुझाव देना है।

प्रश्न 2
घाटे की वित्त-व्यवस्था पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
घाटे की वित्त-व्यवस्था एक ऐसी स्थिति को बतलाती है जिसमें सरकार का व्यये उसकी कुल आय से अधिक होता है। सरकार बजट के इस घाटे को पूरा करने के लिए या तो केन्द्रीय बैंक से अथवा जनता से ऋण लेती है या नई मुद्रा जारी करती है। इस प्रकार कोई भी व्यय जो सार्वजनिक ऋण से पूरा किया जाता है, घाटे की वित्त-व्यवस्था के अन्तर्गत आ जाता है। किसी प्रकार के वित्त-प्रबन्ध को घाटे की वित्त-व्यवस्था कहने से पूर्व इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि उसके परिणामस्वरूप समाज में मुद्रा की पूर्ति में वृद्धि होती है अथवा नहीं। जब सरकार की आये उसके द्वारा किये जाने वाले व्यय से कम रह जाती है तो बजट में इस प्रकार उत्पन्न होने वाले घाटे को पूरा करने के लिए जो व्यवस्था की जाती है, उसे घाटे की वित्त-व्यवस्था कहते हैं। ऐसा दो प्रकार से किया जा सकता है

  • नई मुद्रा के निर्गमन द्वारा तथा
  • संचित नकद बकाया को खातों से निकालकर।

रोजगार बढ़ाने, मन्दी की दशाओं को दूर करने तथा आर्थिक विकास की योजनाओं को पूरा करने के लिए विकासशील देशों में घाटे की वित्त-व्यवस्था को अपनाया जाना आवश्यक है, किन्तु इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जाने चाहिए।

निश्चित उतरीय प्रश्न, (1 अंक)

प्रश्न 1
केन्द्र सरकार द्वारा कौन-कौन से कर लगाये जाते हैं ?
या
केन्द्र सरकार की कर-आय के दो प्रमुख स्रोतों के नाम बताइए। [2010]
या
केन्द्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले किन्हीं दो करों के नाम लिखिए। [2013]
उत्तर:
केन्द्र सरकार द्वारा लगाये जाने वाले कर हैं

  1. सीमा कर,
  2. संघीय उत्पादन कर,
  3. आयकर,
  4. सम्पत्ति कर,
  5. उपहार कर आदि।

प्रश्न 2
संघीय उत्पादन शुल्क के दो उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
संघीय उत्पादन शुल्क के दो उद्देश्य हैं

  1. आर्थिक विकास के कार्यों को कार्यान्वित करने के लिए तथा,
  2. देश में मुद्रास्फीति की दशाओं पर रोक लगाने के लिए।

प्रश्न 3
आयात शुल्क लगाने के दो उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
आयात शुल्क लगाने के दो उद्देश्य हैं

  1. आय प्राप्त करना तथा
  2. स्वदेशी उद्योगों को संरक्षण प्रदान करना।

प्रश्न 4
भारत में ‘आयकर’ किस प्रकार का कर है ?
उत्तर:
भारत में आयकर प्रगतिशील कर है, क्योंकि कर की दर, आय की वृद्धि के साथ बढ़ती जाती है।

प्रश्न 5
केन्द्रीय सरकार की व्यय की सबसे बड़ी मद कौन-सी है?
उत्तर:
केन्द्रीय सरकार की व्यय की सबसे बड़ी मद प्रतिरक्षा सेवा है।

प्रश्न 6
आयकर किसके द्वारा लगाया जाता है ? [2009, 11, 12, 13]
उत्तर:
आयकर केन्द्रीय सरकार द्वारा लगाया जाता है।

प्रश्न 7
केन्द्रीय सरकार की व्यय को दो मदें लिखिए। [2011]
उत्तर:

  1. देश की सुरक्षा पर व्यय तथा
  2. विकास योजनाओं पर व्यय।

प्रश्न 8
केन्द्र सरकार की विकास व्यय की मदें क्या हैं ?
उत्तर:

  1. सामाजिक एवं सामुदायिक सेवाएँ तथा
  2.  सामान्य आर्थिक सेवाएँ।

प्रश्न 9
भारत सरकार की आय में किस प्रकार के करों का अधिक महत्त्व है ?
उत्तर:
भारत सरकार की आय में परोक्ष करो का अधिक महत्त्व है।

प्रश्न 10
काले धन को बाहर निकालने के लिए सरकार ने कौन-सी योजना चलाई ?
उत्तर:
केन्द्र सरकार ने काले धन को बाहर निकालने के लिए 12 जनवरी, 1981 ई० को ‘विशेष धारक बॉण्ड योजना प्रारम्भ की।

प्रश्न 11
विशेष धारक बॉण्ड योजना क्या है ?
उत्तर:
विशेष धारक बॉण्ड योजना में यह घोषित किया गया कि जो लोग इस योजनान्तर्गत विशेष बॉण्ड खरीदेगे, उनसे यह नहीं पूछा जाएगा कि यह धन उनके पास कहाँ से आया।

प्रश्न 12
भारत में योजना आयोग का अध्यक्ष कौन होता है ?
उत्तर:
भारत में योजना आयोग का अध्यक्ष प्रधानमन्त्री होता है।

प्रश्न 13
ऐसे कर जिनका प्रभाव सम्पूर्ण देश पर पड़ता है, लगाने का अधिकार किसे है ?
उत्तर:
ऐसे कर जिनका प्रभाव सम्पूर्ण देश पर पड़ता है, को लगाने का अधिकार केन्द्र सरकार को है।

प्रश्न 14
उत्पाद शुल्क किस सरकार से सम्बन्धित है? [2006]
उत्तर:
केन्द्र सरकार।

प्रश्न 15
निगम कर कैसा कर है? [2007]
उत्तर:
प्रत्यक्ष कर।

प्रश्न 16
निगम कर किसके द्वारा लगाया जाता है? [2007, 12]
उत्तर:
केन्द्र सरकार द्वारा।

प्रश्न 17
प्रतिरक्षा व्यय को कौन-सी सरकार वहन करती है ? [2010, 12, 16]
उत्तर:
प्रतिरक्षा व्यय’ को केन्द्रीय सरकार वहन करती है।

प्रश्न 18
कौन-सी सरकार सेवा कर लगाती है? [2010]
उत्तर:
केन्द्रीय सरकार।

बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)

प्रश्न 1
निम्नलिखित में से किस कर को केन्द्रीय सरकार नहीं लगाती है ? [2006]
या
निम्नलिखित में से कौन-सा कर राज्य सरकार द्वारा लगाया जाता है? [2015]
(क) आय कर
(ख) निगम कर
(ग) सम्पत्ति कर
(घ) मनोरंजन कर
उत्तर:
(घ) मनोरंजन कर।

प्रश्न 2
संघीय सरकार की व्यय की सबसे बड़ी मद कौन-सी है ?
(क) प्रतिरक्षा सेवा
(ख) सामाजिक तथा विकासार्थ व्यय
(ग) ऋण सेवा
(घ) प्रशासनिक सेवा
उत्तर:
(क) प्रतिरक्षा सेवा।

प्रश्न 3
निम्नलिखित में से किस कर को केन्द्रीय सरकार लगाती है ? [2013]
(क) आय कर
(ख) बिक्री कर
(ग) मनोरंजन कर
(घ) भू-राजस्व
उत्तर:
(क) आय कर।

प्रश्न 4
भारत के वर्तमान वित्त मन्त्री हैं
(क) मनमोहन सिंह
(ख) पी० चिदम्बरम्
(ग) अटल बिहारी वाजपेयी
(घ) अरुण जेटली
उत्तर:
(घ) अरुण जेटली।

प्रश्न 5
भारत में योजना आयोग का अध्यक्ष होता है।
(क) राष्ट्रपति
(ख) प्रधानमन्त्री
(ग) वित मन्त्री
(घ) योजना मन्त्री
उत्तर:
(ख) प्रधानमन्त्री।

प्रश्न 6
भारत में आय कर लगाया जाता है [2014]
(क) केन्द्र सरकार द्वारा
(ख) राज्य सरकार द्वारा
(ग) स्थानीय सरकार द्वारा
(घ) इन सभी के द्वारा
उत्तर:
(क) केन्द्र सरकार द्वारा।

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