UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 16 Source of Income and Items of Expenditure of U.P. Government (उत्तर प्रदेश सरकार की आय के स्रोत तथा व्यय की मदें)
UP Board Solutions for Class 12 Economics Chapter 16 Source of Income and Items of Expenditure of U.P. Government (उत्तर प्रदेश सरकार की आय के स्रोत तथा व्यय की मदें)
विस्तृत उत्तरीय प्रश्न (6 अंक)
प्रश्न 1
अपने राज्य की सरकार की आय के प्रमुख स्रोतों और व्यय की प्रमुख मदों का विवरण दीजिए। [2006, 09, 11, 12]
या
प्रदेश सरकार की आय के किन्हीं तीन स्रोतों तथा व्यय की किन्हीं तीन मदों का वर्णन कीजिए। [2013]
या
राज्य सरकार की कर आय के प्रमुख स्रोतों का वर्णन कीजिए। [2015, 16]
उत्तर:
प्रदेश सरकार की आय के प्रमुख स्रोत
1. मालगुजारी – यह राज्य सरकार की आय का एक प्रमुख स्रोत है। यह बहुत प्राचीन समय से चला आ रहा है तथा उन व्यक्तियों को देना होता है जिनके पास कृषि भूमि होती है। मालगुजारी निर्धारित करते समय देश के विभिन्न राज्यों में पृथक्-पृथक् नीतियाँ अपनायी गयी हैं। यह भूमि पर लगाया गया एक अवरोही कर है, क्योंकि यह निर्धन तथा धनवान लोगों को समान रूप से देना होता है। मालगुजारी या तो स्थायी होती है अथवा समय-समय पर राज्य सरकार द्वारा निश्चित की जाती है। मालगुजारी या भू-राजस्व का एक प्रमुख गुण यह है कि इनसे राज्य सरकारों को एक निश्चित धनराशि प्राप्त होती है तथा दूसरा प्रमुख गुण यह है कि यह कर सुविधाजनक है, क्योंकि यह कृषकों से उनके निवास स्थान से फसल आने के पश्चात् अमीनों द्वारा वसूल किया जाता है तथा यदि फसल खराब हो जाती है तो सरकार लगान माफ भी कर देती है अथवा कुछ छूट देती है।
2. राज्य उत्पादन कर – भारत के नवीन संविधान के अनुसार केन्द्रीय उत्पादन कर का एक भाग तो राज्य सरकारों को प्राप्त होता ही है, साथ ही उन्हें कुछ नशीली वस्तुओं; जैसे-शराब, अफीम तथा औषधियों पर उत्पादन करे लगाने का अधिकार दिया गया है। ऐसी वस्तुओं के उत्पादन पर राज्य सरकार द्वारा लगाये गये कर ही राज्य उत्पादन कर’ के नाम से जाने जाते हैं। इस कर से उन राज्यों को पर्याप्त आय होती है जिनमें मद्य निषेध लागू नहीं हैं। इस कर को दो उद्देश्यों से लगाया जाता है-प्रथम, आय प्राप्त करने के लिए और द्वितीय, मादक पदार्थों के उपभोग को कम करने के लिए। अब भारत में कुछ राज्यों ने अपने यहाँ मद्य-निषेध लागू कर दिया है।
3. कृषि आयकर – भारत के संविधान के अनुसार राज्य सरकारों को अपने-अपने राज्य में कृषि आयकर लगाने का अधिकार दिया गया है। यह कर कृषकों पर प्रगतिशील दरों पर लगाया जाता है तथा उन व्यक्तियों पर ही लगाया जाता है जिनके पास सीमा से अधिक भूमि होती है।
4. बिक्री-कर – बिक्री-कर राज्य की आय का एक प्रमुख स्रोत है। समाचार-पत्रों को छोड़कर अन्य वस्तुओं की बिक्री पर कर लगाने का अधिकार संविधान के अनुसार राज्य सरकारों को दिया गया है। यह कर एक अवरोही कर होता है। इसका भार निर्धन व्यक्तियों पर अधिक पड़ता है, क्योंकि निर्धन व्यक्ति अपनी आय का लगभग शत-प्रतिशत अपनी आवश्यकता की वस्तुओं को खरीदने पर व्यय करते हैं।
5. प्रशासनिक प्राप्तियाँ – राज्य को अपने प्रशासनिक विभागो, जैसे न्यायालय, जेल, पुलिस, शिक्षा चिकित्सा आदि से फीस और शुल्क के रूप में भी कुछ आय प्राप्त होती है।
6. राजकीय व्यवसाय से प्राप्त आय – राज्य सरकार को सार्वजनिक व्यवसायों से भी आय प्राप्त होती है, उनमें से मुख्य निम्नलिखित हैं
- सार्वजनिक उद्योग – राज्य सरकार कुछ व्यावसायिक कार्यों का संचालन करती है जिनसे उन्हें प्रतिवर्ष कुछ आय प्राप्त होती हैं; जैसे – चुर्क सीमेण्ट का कारखाना आदि से आय।
- सिंचाई कार्य – सरकार ने सिंचाई व्यवस्था के लिए नहरें एवं नलकूपों की व्यवस्था की हुई है। सरकारी नहरों व नलकूपों से सिंचाई शुल्क के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार को आय प्राप्त होती है।
- सार्वजनिक निर्माण कार्य – उत्तर प्रदेश सरकार को सरकारी सम्पत्तियों, जैसे – सरकारी मकान, सड़कें, पुल आदि से भी आय प्राप्त होती है।
- वनों से आय – राज्य सरकारों को वनों से भी आय प्राप्त होती है। वनों को ठेकों पर देकर तथा उनकी लकड़ी, छाल, कत्था आदि की बिक्री से भी आय प्राप्त होती है।
- सड़क तथा जल परिवहन – उत्तर प्रदेश सरकार को सड़क परिवहन तथा जल परिवहन सेवाओं से भी आय प्राप्त होती है।
7. आय-प्राप्ति के अन्य साधन – उत्तर प्रदेश सरकार को अन्य साधनों से भी आय प्राप्त होती है, जिनमें कुछ निम्नलिखित हैं
- विद्युत शुल्क – राज्य सरकार को विद्युत शुल्क से आय प्राप्त होती है।
- यात्री कर – जो व्यक्ति राज्य सड़क परिवहन की बसों में यात्रा करते हैं, उन्हें किराये के अतिरिक्त यात्रा कर भी देना होता है, जिससे राज्य सरकार को आय प्राप्त होती है।
- स्टाम्प शुल्क – सरकार को स्टाम्प की बिक्री से भी आय प्राप्त होती है।
- रजिस्ट्रेशन शुल्क – अचल सम्पत्तियों की बिक्री के लिए सम्पत्ति की रजिस्ट्री कराना अनिवार्य है इसके लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क लिये जाते हैं इसी प्रकार संस्था समितियों आदि का रजिस्ट्रेशन कराने पर भी रजिस्ट्रेशन शुल्क देना होता है जिससे सरकार को पर्याप्त आय प्राप्त होती है।
- मनोरंजन कर – उत्तर प्रदेश सरकार चल-चित्रों, थियेटरो नाटक व अन्य मनोरंजन के साधनों पर कर लगाती है। इससे भी उत्तर प्रदेश सरकार को पर्याप्त आय प्राप्त होती है।
8. आयकर में राज्यों का भाग – आय कर लगाने और वसूल करने का अधिकार केन्द्रीय सरकार का है, परन्तु इस आय में से एक निश्चित भाग राज्यों में बाँटा जाता है। केन्द्रीय उत्पादन करों में राज्यों का हिस्सा – वित्त आयोग की सिफारिश पर केन्द्रीय उत्पादन करों से प्राप्त आय में से एक निश्चित धनराशि प्राप्त होती है।
9. सहायता एवं अनुदान – केन्द्रीय सरकार राज्य सरकारों को अनुदान देती है जिससे वे अपनी पंचवर्षीय योजनाओं एवं विकास कार्यों को क्रियान्वित कर सकें। उत्तर प्रदेश सरकार को भी केन्द्रीय सरकार से अनुदान प्राप्त होता है। इसके अतिरिक्त राज्यों को बाढ़, सूखा, भूकम्प आदि प्राकृतिक विपदाओं से निपटाने के लिए भी केन्द्रीय सरकार विशेष सहायता प्रदान करती है।
उत्तर प्रदेश सरकार की व्यय की प्रमुख मदें
राज्य सरकार के होने वाले समस्त व्ययों को निम्नलिखित दो भागों में विभाजित कर सकते हैं
(अ) विकास व्यय तथा
(ब) गैर-विकास व्यय।
(अ) विकास व्यय
विकास व्यय को पुन: निम्नलिखित दो भागों में विभाजित कर सकते हैं
(क) प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक विकास करने वाली मदे – राज्य सरकारें अपने राज्यों में प्रत्यक्ष रूप से आर्थिक विकास करने के लिए अग्रलिखित मदों पर व्यय करती हैं
1. कृषि – प्रदेश की सरकार कृषि विकास हेतु विभिन्न कार्यों पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये व्यय करती है; जैसे-कृषि प्रदर्शनियों का आयोजन, आदर्श कृषि फार्मों की स्थापना, पौधों के संरक्षण की व्यवस्था, कृषि शिक्षा, कृषि अनुसन्धान आदि।
2. सहकारिता – राज्य सरकार सहकारिता विभाग का संचालन करने के लिए तथा सहकारी समितियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिवर्ष बड़ी मात्रा में धन खर्च करती है।
3. पशुपालन – पशुपालन सम्बन्धी कार्यों पर हमारे प्रदेश की सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये व्यय करने होते हैं; जैसे-पशुओं की चिकित्सा, पशु चिकित्सालयों की व्यवस्था करना, पशुओं की नस्ल में सुधार, कृत्रिम गर्भाधान की व्यवस्था आदि।
4. उद्योग – धन्धे प्रदेश की सरकार अपने प्रदेश में लघु उद्योगों तथा बड़े उद्योगों का विकास करने के लिए प्रतिवर्ष पर्याप्त मात्रा में धन व्यय करती है। औद्योगिक एवं तकनीकी शिक्षा की व्यवस्था हेतु राज्य सरकार के व्यय में वृद्धि जा रही है।
5. सिंचाई – सिंचाई की प्रदेश में उचित व्यवस्था करने के लिए प्रदेश सरकार बड़ी मात्रा में धन व्यय करती है। यह राज्य सरकार के व्यय का एक प्रमुख साधन है। इसके अन्तर्गत नहरों व नलकूपों को खोदने व उसकी मरम्मत पर होने वाले व्यय, बाँध-निर्माण आदि व्यय होते हैं। सूखा एवं कम वर्षा की कठिनाइयों को दूर करने के लिए सिंचाई सुविधाओं का विस्तार आवश्यक है।
6. सार्वजनिक कार्य – इस मद के अन्तर्गत सड़कों, सरकारी मकानों आदि के निर्माण एवं उनकी मरम्मत पर होने वाले व्यय सम्मिलित किये जाते हैं। सरकार की आय का यह बड़ा भाग इन निर्माण कार्यों पर व्यय होता है।
7. सामुदायिक विकास परियोजनाएँ – इन परियोजनाओं का प्रमुख उद्देश्य गाँवों का सर्वांगीण विकास करना तथा कृषि की उन्नति करना है। अतः अनेक परियोजनाओं को चालू करने में बहुत-सा धन व्यय करना पड़ता है।
8. यातायात – इसके अन्तर्गत सड़क एवं जल परिवहन पर होने वाले व्यय सम्मिलित किये जाते हैं। इस मद पर भी राज्य सरकार को बड़ी धनराशि व्यय करनी पड़ती है।
9. ऋण सेवाएँ – राज्य सरकार अपने राज्य में विभिन्न विकास योजनाओं को चालू करने के लिए जो ऋण लेती है, उसका ब्याज उसे प्रतिवर्ष चुकाना पड़ता है। अतः यह राज्य के व्यय का एक महत्त्वपूर्ण साधन है। राज्य सरकार द्वारा निरन्तर आन्तरिक ऋण लिये जाने के परिणामस्वरूप ऋण सेवाओं पर ब्याज तथा अन्य भुगतानों की राशि बढ़ती ही जा रही है। राज्य सरकार द्वारा निरन्तर आन्तरिक ऋण लिये जाने के परिणास्वरूप ऋण सेवाओं पर ब्याज तथा अन्य भुगतानों की राशि बढ़ती ही जा रही है।
(ख) परोक्ष रूप से आर्थिक विकास करने वाली मदें – इस प्रकार के कार्यों की मदों का वर्णन हम संक्षेप में निम्नलिखित प्रकार से कर सकते हैं
1. शिक्षा – उत्तर प्रदेश की सरकार की व्यय की मदों में शिक्षा पर होने वाले व्यय का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है। इसके अन्तर्गत शिक्षा सम्बन्धी सुविधाओं के प्रसार पर होने वाले समस्त व्यय सम्मिलित हैं। अब इस मद पर होने वाले व्यय की राशि में भी निरन्तर वृद्धि होती जा रही है।
2. समाज कल्याण – समाज कल्याण से सम्बन्धित कार्यों को करने के लिए भी उत्तर प्रदेश सरकार को बहुत-सा धन व्यय करना पड़ता है; जैसे-वृद्ध व्यक्तियों तथा विधवाओं को पेंशन, अनाथ बच्चों की सहायता करना, पतितों का उद्धार करना आदि।
3. श्रम एवं रोजगार – उत्तर प्रदेश सरकार को श्रमिकों के कल्याण कार्यों तथा उन्हें रोजगार दिलाने की उचित व्यवस्था करने पर प्रतिवर्ष बड़ी मात्रा में धन व्यय करना पड़ता है।
4. चिकित्सा तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य – चिकित्सा तथा सार्वजनिक स्वास्थ्य के अन्तर्गत राज्य सरकार के द्वारा अस्पतालों तथा प्राथमिक चिकित्सा केन्द्रों को खोलने के व्यय तथा नि:शुल्क चिकित्सा की सुविधा प्रदान करने वाले व्यय सम्मिलित किये जाते हैं।
5. पिछड़े वर्ग के लोगों की सहायतार्थ कार्य – उत्तर प्रदेश सरकार अपने प्रदेश के उन लोगों के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए कार्य कर रही है जो कि पिछड़े हुए हैं।
(ब) गैर-विकास व्यय
इसके अन्तर्गत निम्नलिखित कुछ प्रमुख व्यय की मदें आती हैं
- पुलिस – प्रत्येक राज्य अपने क्षेत्र में शान्ति एवं सुव्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस रखता है। स्वतन्त्रता-प्राप्ति के पश्चात् इस मद पर होने वाले व्यय में भी निरन्तर वृद्धि होती जा रही है।
- सामान्य प्रशासन – सामान्य प्रशासन पर भी उत्तर प्रदेश सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये व्यय करने पड़ते हैं। इस मद के अन्तर्गत राज्यपाल, मुख्यमन्त्री, मन्त्रियों, सचिवालयों, आयुक्तों, जिलाधीशों एवं अन्य सरकारी कर्मचारियों के वेतन आदि से सम्बन्धित व्यय सम्मिलित किये जाते हैं।
- जेल – उत्तर प्रदेश सरकार को जेलों पर भी व्यय करना पड़ता है।
- न्याय – प्रदेश में न्यायालयों की उचित व्यवस्था करने के लिए भी प्रदेशीय सरकार को धन व्यय करना पड़ता है।
- कर वसूली पर आय – राज्य सरकार अपने राज्य में अनेक प्रकार के कर लगाती है। करदाताओं से इन करों को वसूल करने में राज्य सरकार को कुछ धन व्यय करना होता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न (4 अंक)
प्रश्न 1
उत्तर प्रदेश सरकार की आय, व्यय की अपेक्षा कम है, क्यों? कारण बताइए।
उत्तर:
उत्तर प्रदेश सरकार की आय, व्यय की अपेक्षा कम होने के कारण – स्वतन्त्रता-प्राप्ति के पश्चात् राज्य सरकार की आय व व्यय दोनों में वृद्धि हुई है, परन्तु व्यय में वृद्धि आय की अपेक्षा अधिक हुई है। इसका कारण निम्नलिखित है
- विकास व्यय में वृद्धि।
- ऋण सेवाओं के व्यय में वृद्धि।
- प्रशासनिक व्यय में वृद्धि।
- जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि होना।
उपर्युक्त कारणों से राज्य सरकार का व्यय निरन्तर बढ़ता जा रहा है।
राज्य सरकार की आय कम होने के कारण
- राज्य सरकार की आय के स्रोत अपर्याप्त एवं बेलोच हैं।
- राज्य सरकार का पर्याप्त ऋण प्राप्त करने में असफल रहना है।
- आय का एक बड़ा भाग प्रशासनिक व्यवस्था एवं जनतन्त्रीय संस्थाओं पर व्यय किया जाता है।
- करों का भार निर्धनों पर अधिक तथा धनिकों पर कम होना है।
- उपर्युक्त कारणों से उत्तर प्रदेश सरकार की आय, व्यय की अपेक्षा कम है।
प्रश्न 2
उत्तर प्रदेश सरकार अपने बढ़ते हुए व्यय को किस प्रकार कम कर सकती है?
उत्तर:
उत्तर प्रदेश की आय एवं व्यय दोनों में निरन्तर वृद्धि होती जा रही है, परन्तु व्यय में वृद्धि आय की अपेक्षा अधिक हुई है। इसका प्रमुख कारण विकास व्यय, ऋण-सेवाएँ व्यय एवं प्रशासनिक व्यय में तीव्र गति से वृद्धि होना है।
उत्तर प्रदेश सरकार की आय बढ़ाने के लिए निम्नलिखित उपाय किये जाने चाहिए
- प्रशासनिक एवं अनावश्यक व्यय कम किये जाने चाहिए।
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से अधिक आय प्राप्त करने का प्रयास किया जाना चाहिए।
- करों की चोरी रोकने हेतु प्रभावशाली कदम उठाये जाने चाहिए।
- नवीन करों की व्यवस्था की जानी चाहिए।
- करों को प्राप्त करने के लिए करों पर होने वाला व्यय कम किया जाए।
- प्रदेश में आवश्यक रूप से बना विशाल मन्त्रिमण्डल का आकार छोटा किया जाने की आवश्यकता है।
उपर्युक्त उपायों के द्वारा प्रदेश सरकार बढ़ते हुए व्यय के साथ समायोजन कर सकती है।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (2 अंक)
प्रश्न 1
उत्तर प्रदेश सरकार की आय के साधन कम होने के चार कारण लिखिए।
उत्तर:
उत्तर प्रदेश सरकार की आय के साधन अग्रलिखित कारणों से कम हैं
- आय स्रोतों में लोच का अभाव है।
- राज्य सरकार को केन्द्र पर निर्भर रहना पड़ता है।
- उत्तर प्रदेश की जनसंख्या अन्य राज्यों की अपेक्षा अधिक है।
- भू-राजस्व आदि से आय बहुत कम होती है।
प्रश्न 2
राज्य सरकार द्वारा लगाये जाने वाले दो करों के नाम लिखिए।
उत्तर:
राज्य सरकार द्वारा लगाये जाने वाले दो कर निम्नलिखित हैं
- कृषि आयकर – भारत के संविधान के अनुसार राज्य सरकारों को अपने-अपने राज्य में कृषि आयकर लगाने का अधिकार दिया गया है। यह कर कृषकों पर प्रगतिशील दरों पर लगाया जाता है तथा उन व्यक्तियों पर ही लगाया जाता है जिनके पास सीमा से अधिक भूमि होती है।
- बिक्री-कर – बिक्री-कर राज्य की आय का एक प्रमुख स्रोत है। समाचार-पत्रों को छोड़कर अन्य वस्तुओं की बिक्री पर कर लगाने का अधिकार संविधान के अनुसार राज्य सरकारों को दिया गया है। यह कर एक अवरोही कर होता है। इसका भार निर्धन व्यक्तियों पर अधिक पड़ता है, क्योंकि निर्धन व्यक्ति अपनी आय का लगभग शत-प्रतिशत अपनी आवश्यकता की वस्तुओं को खरीदने पर व्यय करते हैं।
प्रश्न 3
राज्य सरकार द्वारा लगाये जाने वाले किन्हीं दो प्रत्यक्ष और किन्हीं दो अप्रत्यक्ष करों के नाम लिखिए। [2013]
उत्तर:
राज्य सरकार द्वारा लगाये जाने वाले प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर निम्नवत् हैं
प्रत्यक्ष कर – (1) कृषि आयकर तथा (2) सम्पत्ति कर।
अप्रत्यक्ष कर – (1) मनोरंजन कर तथा (2) बिक्री-कर।
निश्चित उत्तरीय प्रश्न (1 अंक)
प्रश्न 1
भू-राजस्व के दो गुण बताइए।
उत्तर:
भू-राजस्व के दो गुण हैं
- भू-राजस्व से निश्चित आय प्राप्त होती है तथा
- यह कर पर्याप्त सुविधाजनक है।
प्रश्न 2
भू-राजस्व के दो दोष बताइए।
उत्तर:
भू-राजस्व के दो दोष हैं
- यह कर अन्यायपूर्ण है तथा
- कर को वसूल करने में कठिनाइयाँ आती हैं।
प्रश्न 3
उत्तर प्रदेश सरकार की आय की दो प्रमुख मदों को लिखिए।
उत्तर:
(1) भू-राजस्व या मालगुजारी तथा
(2) बिक्री-कर।
प्रश्न 4
उत्तर प्रदेश सरकार की व्यय की दो प्रमुख मदों को लिखिए।
उत्तर:
(1) करों, शुल्कों को वसूल करने पर व्यय तथा
(2) सामान्य प्रशासन पर व्यय।
प्रश्न 5
उत्तर प्रदेश सरकार की आय कम होने के दो कारण लिखिए। [2007]
उत्तर:
आय कम होने के दो कारण हैं
- राज्य सरकार की आय के स्रोत अपर्याप्त एवं बेलोच हैं तथा
- जनसंख्या का तीव्र गति से बढ़ना।
प्रश्न 6
राज्य सरकार के व्यय को कम करने के दो उपाय बताइए।
उत्तर:
- प्रशासनिक व्यय में कटौती की जाए तथा
- अनावश्यक व्यय कम किये जाएँ।
प्रश्न 7
राज्य सरकार द्वारा लगाये जाने वाले किन्हीं चार करों के नाम लिखिए। [2006]
उत्तर:
(1) कृषि आयकर
(2) बिक्री-कर
(3) राज्य उत्पादन कर
(4) मनोरंजन कर।
प्रश्न 8
उत्तर प्रदेश सरकार की व्यय की दो प्रमुख मदों को लिखिए।
उत्तर:
उत्तर प्रदेश सरकार की व्यय की दो प्रमुख मदें हैं
- सार्वजनिक या सामान्य प्रशासन पर व्यय तथा
- चिकित्सा, सार्वजनिक स्वास्थ्य व परिवार कल्याण पर व्यय।।
प्रश्न 9
रजिस्ट्री शुल्क किस सरकार की आय का स्रोत है ?
उत्तर:
रजिस्ट्री शुल्क उत्तर प्रदेश सरकार की आय का स्रोत है।
प्रश्न 10
बिक्री-कर किस सरकार के द्वारा लगाया जाता है ?
उत्तर:
बिक्री-कर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लगाया जाता है।
प्रश्न 11
उत्तर प्रदेश सरकार की आय में प्रत्यक्ष करों का अंश अप्रत्यक्ष करों की अपेक्षा कैसा है?
उत्तर:
कम है।
प्रश्न 12
व्यापार कर कौन-सी सरकार लगाती है? [2007]
उत्तर:
व्यापार कर राज्य सरकार लगाती है।
प्रश्न 13:
मनोरंजन कर किसे सरकार के राजस्व से सम्बन्धित है? [2007, 11, 13, 16]
या
मनोरंजन कर कौन-सी सरकार लगाती है? [2014, 16]
उत्तर:
राज्य सरकार।
प्रश्न 14
भारत में कृषि आय कर कौन लगाता है? [2008]
उत्तर:
राज्य सरकार।
प्रश्न 15
भारत में बिक्री कर किस सरकार की आय का प्रमुख स्रोत है? [2014]
उत्तर:
राज्य सरकार की।
बहुविकल्पीय प्रश्न (1 अंक)
प्रश्न 1
निम्नलिखित में उत्तर प्रदेश सरकार की आय की मद कौन-सी है? [2010]
(क) बिक्री कर
(ख) उपहार कर
(ग) आय कर
(घ) मृत्यु कर
उत्तर:
(क) बिक्री कर।
प्रश्न 2
भू-राजस्व किसकी आय का स्रोत है?
(क) केन्द्रीय सरकार की
(ख) भू स्वामी की
(ग) राज्य सरकार की
(घ) स्थानीय सरकार की
उत्तर:
(ग) राज्य सरकार की।
प्रश्न 3
राज्य उत्पादन शुल्क लगाया जाता है
(क) केन्द्रीय सरकार द्वारा
(ख) राज्य सरकार द्वारा
(ग) स्थानीय सरकार द्वारा।
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(ख) राज्य सरकार द्वारा।
प्रश्न 4
कौन-सा कर राज्य सरकार की आय का स्रोत नहीं है? [2006]
(क) निगम कर
(ख) व्यापार कर
(ग) मूल्य-संवर्धित कर
(घ) मनोरंजन कर
उत्तर:
(क) निगम कर।
प्रश्न 5
सिनेमा पर मनोरंजन कर का भुगतान किसके द्वारा किया जाता है? [2007, 12]
(क) निर्माता द्वारा
(ख) वित्त प्रबन्धक द्वारा
(ग) निर्देशक द्वारा
(घ) दर्शक द्वारा
उत्तर:
(घ) दर्शक द्वारा।
प्रश्न 6
निम्नलिखित में से कौन राज्य सरकारों की आय का सीधा स्रोत नहीं है? [2012]
(क) व्यापार कर
(ख) आय कर
(ग) मनोरंजन कर
(घ) रजिस्ट्री शुल्क
उत्तर:
(ग) मनोरंजन कर।