UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 3 The Secret of Health, Success and Power

By | May 31, 2022

UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 3 The Secret of Health, Success and Power

UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 3 The Secret of Health, Success and Power

LESSON at a Glance

The essay ‘The Secret of Health, Success and Power’ deals with attaining health, success and power. According to the author these three assets of human life are interlinked; and they can be attained if one has genuine faith in goodness and unyielding purity. According to the author, if we are strong, pure and positive in our thoughts, disease will not come to us. On the other hand if we give into anger, worry, jealousy, greed or any other inharmonious state of mind and expect perfect health, we are expecting the impossible, for these are the seeds of disease. The author advises us to entertain joyful and loving thoughts because they are the elixir of goodwill. The author further suggests us to avoid tension and anxiety while we are at work. A happy worker can retain good health easily.

True health and true success go together, for they are inseparable. For getting success, we must have faith in God, in law, in our work and in our power. Success will come to us easily if we follow the dictates of our soul, are always true to the divine self, rely upon the inward Light and Voice and pursue our task with fearless and calm heart. A structure built upon the base of such a faith will give us spiritual strength which will disintegrate all the evil forces, and push success to us.

A pure and unselfish spirit and singleness of purpose evolve greatness and power. Secret of true power lies in concentrating our mind upon the task in our hands. The writer says that to acquire overcoming power, we should cultivate poise, i.e. balance of mind and passivity, i.e. ability of detachment. We must be able to stand alone like a mountain and an oak tree if we want to attain power. Power comes to calm, fearless, thoughtful and serious people in a natural way.

Distinguishing between power and passion, the writer says that passion is not power but abuse of power, the dispersion of power. Passion can be compared to a violent wind which lashes terribly and hardly upon the strife-torn rock. Power is the rock itself which keeps calm and fixed through the storm of passion.

पाठ का हिन्दी अनुवाद

(1) Where there is ……………. infected house.
जिस व्यक्ति में अडिग एवं दृढ़ विश्वास तथा गुणों की शुद्धता होगी, उसमें स्वास्थ्य, सफलता और शक्ति होगी। ऐसे व्यक्ति में बीमारी, असफलता तथा विपत्ति को रहने का स्थान नहीं मिलेगा, क्योंकि ऐसे व्यक्ति में ऐसी कोई वस्तु नहीं मिलेगी जिस पर वह पनप सके।

जितना शीघ्र हम यह अनुभव कर लें और पहचान लें कि बीमारी हमारी अपनी भूलों तथा पापों का परिणाम है, उतना ही शीघ्र हम सफलता के मार्ग पर चल पड़ेंगे। बीमारी उन्हीं व्यक्तियों को आती है जो इसे आकर्षित करते हैं, उन व्यक्तियों को आती है जिनके मस्तिष्क और शरीर उसे ग्रहण करने के लिए तैयार हैं और उन व्यक्तियों से दूर भाग जाती है जिनकी दृढ़, शुद्ध और सकारात्मक विचार शक्ति उनमें स्वस्थ, सुन्दर तथा जीवनदायिनी धारा प्रवाहित करती है।

यदि आप क्रोध, चिन्ता, ईष्र्या, लालच या अन्य किसी विचलित करने वाली मानसिक दशा के सुपुर्द हो जाओ और पूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य की आशा करो तब आप असम्भव वस्तु की आशा कर रहे हो, क्योंकि आपे लगातार अपने मस्तिष्क में बीमारी के बीज बो रहे हो। ऐसी मानसिक दशाओं से बुद्धिमान् व्यक्ति सावधानीपूर्वक बचता है, क्योंकि वह जानता है कि ये एक खराब नाली अथवा दूषित मकान से भी अधिक खतरनाक होती है।

(2) If you would ……………. with sickness.
आप समस्त शारीरिक कष्टों से मुक्त होना चाहते हो और पूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करना चाहते हो तब अपने मस्तिष्क को नियन्त्रण में रखो और अपने विचारों को सन्तुलित करो। आनन्द देने वाली बातों को सोचो, प्यार भरी बातों को सोचो और सद्भावना रूपी अमृत अपनी नसों में बहने दो, तब आपको अन्य किसी दवा की आवश्यकता नहीं होगी। अपनी ईष्र्या, सन्देहों, चिन्ताओं, घृणा एवं स्वार्थ की भावनाओं को दूर हटा दो तब आपकी बदहजमी, जिगर की गड़बड़, घबराहट और जोड़ों का दर्द समाप्त हो जाएगा। यदि आप इन कमजोर बनाने वाली और मस्तिष्क की दूषित आदतों से चिपके रहोगे तब उस समय शिकायत मत करो जब आपका शरीर बीमार हो जाए।

(3) Many people complain ……………. quickly forfeits.
बहुत से व्यक्ति शिकायत करते हैं कि अधिक कार्य करने से उनका स्वास्थ्य खराब हो गया है। ऐसे अधिकांश मामलों में स्वास्थ्य के खराब होने का कारण मूर्खतापूर्ण ढंग से शक्ति को नष्ट करने का परिणाम होता है। यदि आप स्वास्थ्य को सुरक्षित रखना चाहते हो तब आपको चिन्तारहित होकर काम करना सीखना चाहिए। चिन्तित या उत्तेजित होना या व्यर्थ की बातों पर परेशान होना स्वास्थ्य के खराब होने का न्यौता है। कार्य चाहे मानसिक हो या शारीरिक, लाभदायक और स्वास्थ्य प्रदान करने वाला होता है और वह व्यक्ति जो लगातार शान्त मस्तिष्क से समस्त चिन्ताओं से मुक्त होकर और अपने मस्तिष्क से इन सभी चिन्ताओं को भुलाकर अपने हाथ में आए कार्य को कर सकता है, वह केवल उस व्यक्ति से अधिक कार्य ही नहीं करेगा जो सदा जल्दबाजी में रहता है और चिन्तित रहता है, अपितु वह अपने स्वास्थ्य को भी बनाए रखेगा जो एक वरदान है और जिसे अन्य व्यक्ति जल्दी से खो देते हैं।

(4) True health ………………. even dream of
सच्चा स्वास्थ्य और सच्ची सफलता साथ-साथ चलती हैं, क्योंकि वे विचारों के संसार में अभिन्न रूप से जुड़े हुए हैं। विश्वास की शक्ति से प्रत्येक स्थायी कार्य पूर्ण हो जाता है। भगवान् में विश्वास, भगवान् के नियमों में विश्वास, अपने कार्य में विश्वास और उस कार्य को पूरा करने के लिए अपनी शक्ति में विश्वास और इस विश्वास को ही अपने जीवन के क्रियाकलापों का आधार बनाओ। इस आधार पर खड़े होगे तब गिरोगे नहीं अर्थात् सफलता ही-प्राप्त करोगे। सभी परिस्थितियों में अपनी अन्तरात्मा की आवाज का अनुसरण करो, अन्तरात्मा के प्रति सदा सच्चे रहो, आन्तरिक ज्ञान पर विश्वास करो तथा अन्तरात्मा की आवाज का अनुसरण करो, जो जीवन में हमारा सर्वोत्तम पथ-प्रदर्शक है, निर्भय होकर और शान्त हृदय से अपने उद्देश्य की प्राप्ति में लगो, इस विश्वास के साथ कि भविष्य तुम्हें प्रत्येक विचार और चेष्टा की आवश्यकता को प्रदान करेगा, यह जानते हुए कि संसार के नियम कभी असफल नहीं होते और इस प्रकार तुम्हें तुम्हारे अच्छे या बुरे कार्य का फल अवश्य प्राप्त होगा, यही जीता-जागता विश्वास है। ऐसे विश्वास की शक्ति से अनिश्चितता के गहरे सागर विभाजित हो जाते हैं, कठिनाई का प्रत्येक पहाड़ चकनाचूर हो जाता है और विश्वास । करने वाली आत्मा बिना हानि के आगे बढ़ती रहती है। अतः हे पाठक! ऐसे निर्भय विश्वास को प्राप्त करने के लिए जो सभी प्रकार की अमूल्य वस्तुओं से भी सर्वोपरि है, संघर्ष करो, क्योंकि यही आनन्द, सफलता, शान्ति, शक्ति तथा प्रत्येक उस वस्तु की कुंजी है जो जीवन को महान् और कष्टों से अच्छा बनाती है। ऐसे विश्वास का निर्माण करो, तब तुम एक स्थायी तथा दृढ़ नींव बनाओगे और उसमें सामग्री भी दृढ़ लगाओगे और वह ढाँचा जो तुम खड़ा करोगे, टूटेगा नहीं, क्योंकि यह उन सभी सांसारिक वस्तुओं, भौतिक सुखों तथा सम्पदाओं से महान् होगा जिनका अन्त धूल-मिट्टी है। चाहे तुम्हें दु:ख की गहराई में धकेल दिया जाए या आनन्द की ऊँचाइयों तक उठा दिया जाए, सदा इस विश्वास पर अपनी पकड़ मजबूत रखो, सदा इसे शरण लेने की चट्टान के समान समझो और इसके अमर और अडिग आधार पर अपने पैरों को जमाकर रखो।

यदि ऐसा विश्वास अपने में प्राप्त कर लोगे तब तुम्हें ऐसी आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त होगी जो काँच के खिलौनों के समान उन समस्त बुरी शक्तियों को चकनाचूर कर देगी जो तुम्हारे सामने आएँगी और तुम ऐसी सफलता प्राप्त करोगे जिनके विषय में सांसारिक उपलब्धियों को प्राप्त करने में संघर्षरत व्यक्ति कभी जान भी नहीं पाएगा और न वह उनके विषय में सोच पाएगा।

(5) If you will become ……………… utterly insignificant.
यदि तुम ऐसा विश्वास प्राप्त कर लोगे तब तुम्हें अपने भविष्य की सफलता या असफलता पर परेशान होने की आवश्यकता नहीं होगी और सफलता तुम्हें निश्चित प्राप्त होगी। तुम्हें फल के विषय में चिन्तित होने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि तुम यह जानते हुए कि उचित विचार और सही प्रयत्नों से निश्चित रूप से सही फल मिलेगा तुम आनन्दपूर्वक और शान्ति से काम करोगे। तुम्हारी सफलता, तुम्हारी असफलता, तुम्हारा प्रभाव, तुम्हारा पूरा जीवन जो तुम्हारे साथ है, तुम्हारे विचारों के प्रबल झुकाव के लिए तुम्हारे भाग्य के निर्णायक भाग हैं। जीवित, शुद्ध और आनन्ददायक विचार पैदा करो, तुम्हारे हाथों में परम आनन्द आएगा और तुम्हारी मेज पर शान्ति का कपड़ा फैल जाएगा अर्थात् तुम्हारा जीवन शान्ति से भरपूर होगा। घृणाजनक, अशुद्ध और दु:खदायी विचार पैदा करो, तुम्हारे ऊपर विपदाएँ बरस पड़ेगीं और भय तथा अशान्ति के कारण तुम आरामदायक गहरी नींद का आनन्द नहीं ले सकोगे। तुम अपने भाग्य के स्वतन्त्र निर्माता हो, चाहे भाग्य कुछ भी हो। प्रत्येक पल तुम अपने अन्दर से ऐसे प्रभाव भेज रहे हो जो तुम्हारे जीवन को या तो बना देंगे या नष्ट कर देंगे। अपने हृदय को विशाल, प्रिय और नि:स्वार्थी बनाओ, तब तुम्हारा प्रभाव और सफलता महान् और स्थायी होगी, भले ही तुम थोड़ा धन कमाओ। इसी को अपने स्वयं के स्वार्थ की संकुचित सीमाओं में बाँध दो यद्यपि तुम लखपति भी बन जाओ तब भी तुम्हारा प्रभाव और सफलता, अन्त में पूर्ण रूप से महत्त्वहीन होगी।

(6) Cultivate, then, ……………. physical excesses.
यह शुद्ध और नि:स्वार्थ भावना पैदा करो और इसे शुद्धता, विश्वास तथा एक उद्देश्य से इसे मिलाओ और तब तुम अपनी आत्मा में से ऐसे तत्त्व विकसित करोगे जो भरपूर स्वास्थ्य और चिरस्थायी सफलता से ही भरे हुए नहीं होंगे, अपितु महानती और शक्ति से भी भरपूर होंगे। तुम्हारा कार्य चाहे कुछ भी हो, अपने पूरे मस्तिष्क को इस पर केन्द्रित कर दो और इसमें अपनी पूरी शक्ति लगा दो जिसके तुम योग्य हो। छोटे-छोटे कार्यों को दोषरहित ढंग से पूरा करना निश्चित रूप से बड़े कार्यों की ओर अग्रसर करता है। इस प्रकार तुम देखोगे कि तुम लगातार चढ़ते रहने से ऊपर पहुँचोगे और कभी भी गिरोगे नहीं। और इसी बात में सच्ची शक्ति का रहस्य निहित है। लगातार अभ्यास के द्वारा यह सीखो कि अपने संसाधनों का ठीक प्रकार से प्रबन्ध कैसे करोगे और किसी भी पल किसी दिये हुए बिन्दु पर उसे कैसे केन्द्रित करोगे। मूर्ख व्यक्ति अपनी सारी मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति को निरर्थक बातों में, मूर्खतापूर्ण व्यर्थ की गपशप में, स्वार्थपूर्ण वाद-विवाद में या हानिकारक शारीरिक क्रियाओं में जैसे अधिक खाने और अधिक पीने में, जो स्वास्थ्य को नष्ट करती हैं, गॅवाते हैं।

(7) If you would. ………………. calm and unmoved.
यदि तुम नियन्त्रित करने वाली शक्ति प्राप्त करना चाहते हो, तब तुम्हें मानसिक सन्तुलन तथा मानसिक शान्ति पैदा करनी चाहिए। तुम्हें अकेले खड़े होने के भी योग्य होना चाहिए। दृढ़ता के साथ सभी शक्ति जुड़ी हुई है। पर्वत, बड़ी-बड़ी चट्टानें, तूफानों का मुकाबला करने वाला ओक का वृक्ष, सभी हमें शक्ति के विषय में बताते हैं, क्योंकि उनमें एकान्त, महानता तथा दृढ़ता है जबकि उड़ने वाला रेत, झुक जाने वाली पेड़ की शाखा और लहलहाती हुई घास सभी हमें कमजोरी के विषय में बताते हैं, क्योंकि वे उस समय गतिमान तथा दृढ़ नहीं होते जब उन्हें उनके साथियों से अलग कर दिया जाता है। वह व्यक्ति शक्तिशाली होता है जो उस समय भी शान्त और अडिग रहता है जब उसके सभी साथी किसी भावना या उत्तेजना से प्रभावित हो जाते हैं।

(8) He only is fitted ……………. valuable energy.
वही व्यक्ति आदेश देने और नियन्त्रण करने में योग्य होता है जो स्वयं को आदेश देने और नियन्त्रण करने में सफल हो गया है। भावुक, भयभीत, मूर्ख और तुच्छ व्यक्तियों को संगति हूँढ़नी चाहिए, अन्यथा सहायता के अभाव में वे गिर पड़ेंगे, किन्तु शान्त, निर्भय, विचारशील और गम्भीर व्यक्तियों को यदि जंगल, रेगिस्तान या पर्वत की चोटी के एकान्त में भी रहना पड़े तब भी उनकी शक्ति में और वृद्धि होगी तथा वे और अधिक सफलतापूर्वक दुष्प्रभाव डालने वाली भावनाओं और उत्तेजनाओं पर नियन्त्रण कर सकेंगे जो मानव जाति को घेर लेते हैं। उत्तेजना शक्ति नहीं होती है, यह तो शक्ति का दुरुपयोग तथा बरबादी होती है। उत्तेजना एक भयंकर तूफान के समान होती है जो अचल चट्टान से बहुत तेजी से टकराता है, जबकि शक्ति स्वयं चट्टान के समान होती है जो सभी परिस्थितियों में शान्त और अडिग रहती है। यदि तुम्हारे पास यह शक्ति नहीं है तब इसे अभ्यास से प्राप्त कर सकते हो और शक्ति का आरम्भ बुद्धिमानी के आरम्भ के समान होता है। ऐसी उद्देश्यहीन तुच्छ बातों पर तुम्हें काबू पाना आरम्भ कर देना चाहिए जिनके तुम जान-बूझकर शिकार रहे हो। जोर-जोर की अनियन्त्रित हँसी, व्यर्थ की मूर्खतापूर्ण बातें, केवल दूसरों का हँसाने के लिए हँसी-मजाक करना, इन सभी बातों को एक ओर रख देना चाहिए, क्योंकि यह महत्त्वपूर्ण ऊर्जा की बरबादी है।

(9) Above all, be of ……………. secret of power.
सभी बातों से ऊपर, एक लक्ष्य बनाओ, उद्देश्य को उचित और लाभदायक रखो और दृढ़ता के साथ स्वयं को इसमें समर्पित कर दो। कोई भी बात तुम्हें इससे अलग न कर सके। याद रखो कि “दोहरे मस्तिष्क वाला व्यक्ति अपनी सभी बातों से अस्थिर होता है।” सीखने के लिए उत्सुक बनो, किन्तु माँगने के लिए धीमे। अपने कार्य का पूरा ज्ञान प्राप्त करो और इसे अपना बना लो, और जब तुम अपने आन्तरिक मार्गदर्शक का अर्थात् अन्तरात्मा का अनुसरण करोगे जो कभी भूल नहीं करती, तब तुम प्रत्येक कार्य पर विजय प्राप्त करते हुए आगे बढ़ोगे और धीरे-धीरे सम्मान के शिखर तक पहुँच जाओगे और तुम्हारा सदैव व्यापक रहने वाला दृष्टिकोण तुम्हें जीवन की आवश्यक सुन्दरता और उद्देश्य को प्रकट करेगा। यदि स्वयं को पवित्र बना लोगे तब तुम्हें स्वास्थ्य प्राप्त होगा, विश्वास को सुरक्षित रखोगे, तब तुम्हें सफलता प्राप्त होगी और
आत्म-नियन्त्रण रखोगे तब तुम्हें शक्ति प्राप्त होगी और जो कुछ भी तुम करोगे उसमें फलो-फूलोंगे तथा तुम प्रकृति के नियम के अनुरूप होगे और सार्वभौम जीवन तथा शाश्वत भलाई के लिए कार्य करोगे। और जो भी स्वास्थ्य तुम प्राप्त करोगे वह तुम्हारे पास रहेगा, जो सफलता तुम प्राप्त करोगे वह मानवीय आकलन से परे होगी और कभी समाप्त नहीं होगी और जो प्रभाव तथा शक्ति तुम प्रयोग करोगे वह युगों तक बढ़ती रहेगी, क्योंकि यह उस अपरिवर्तनीय सिद्धान्त का भाग होगी जो पूरे संसार को आश्रये देता है। तब शुद्ध हृदय और भली प्रकार से नियन्त्रित मस्तिष्क ही स्वास्थ्य का रहस्य है। अटल विश्वास और बुद्धिमानी से निर्देशित उद्देश्य सफलता का रहस्य है और इच्छाओं पर दृढ़ इच्छा-शक्ति के साथ नियन्त्रण करना शक्ति का रहस्य है।

Understanding the Text

Explanations Explain one of the following passages with reference to the context :

(1) Where there is ……………. on which they can feed. [2012],
Reference : These lines have been taken from the lesson ‘The Secret of Health, Success and Power’ written by James Allen. . [ N.B. : The above reference will be used for all explanations of this lesson.]..

Context : This is the opening paragraph of this lesson. In this lesson James Allen describes his views about the secret of health, success and power..

Explanation : In this paragraph the writer tells us his first magic principle by which we can get all the three things : health, success and power. strong and genuine faith and pure thoughts are necessary for health, success and power. Disease, failure and misfortune will run away from such a man because here they will get nothing to prosper.

(2) The sooner we realize ……………. life-giving currents… . [2015]
Context : In this essay the writer says that strong and genuine faith is very necessary for good health. Without good health success in any work is not possible and a successful man is always powerful. Hence, for good health, success and power, strong faith is very necessary.

Explanation : In these lines the writer makes us aware that we fall ill due to our own error or sin. If our body and mind are weak, they attract disease and we fall ill. So, if we want to be healthy, we should have positive thinking power. It develops a new vigor in ourselves which influences life and promotes health. So, for getting good health, it is necessary that we should recognise the cause of disease and should get rid of it.

(3) If you are given ……………. an infected house. [2011, 14]
Context : In this essay the writer says that strong and genuine faith is very necessary for good health. Without good health, success in any work is not possible and a successful man is always powerful. Hence, for good health, success and power, strong faith is very necessary.

Explanation : In these lines the writer advises us to avoid inharmonious states of mind if we want good health. Anger, worry, greed, jealousy, etc. are the inharmonious states of mind. They disturb the peace of mind and cause different types of diseases. For good health, we should keep our mind away from such evil thoughts. Joyful and loving thoughts develop a power in us which definitely prolongs our life.

(4) Many people complain ……………. invite a breakdown. [2016]
Context : Here the writer advises us to keep our mind away from evil thoughts such as anger, worry, greed, jealousy, etc. because they disturb the peace of mind and cause different kinds of diseases. We should develop loving and joyful thoughts.

Explanation : In these lines the writer discusses a general complaint of the people about over work. Many people think that due to over work they have lost their health and feel weakness. But the writer makes them clear that over work is not the cause of losing health. It is the cause of foolishly wasted energy. When we have tension, excitement and worry in our mind unnecessarily, our energy is wasted uselessly. In such a condition we gain nothing but lose our health. So we should always be free from such feelings and learn to be peaceful and tension free. We should always have positive thoughts in place of negative ones.

(5) Work, whether of brain ……………. forefeits.
Context : Here, the writer says that the people have a wrong notion that over-work is harmful for health. Breakdown is not due to over-work. It is due to the foolishly wasted energy.

Explanation : Here the writer advises that we should do our work without any tension in mind. We should not be worried or excited. We should remember that mental as well as physical work is useful for health. For keeping our health good, we should have no worry or anxiety. We should work regularly and peacefully. We should devote our all attention to our work. Then we shall be healthy and will complete our work more successfully than the man who is always in a hurry and worry.

(6) To follow, under all ……………. living of faith. . [2010]
Context : True health and success go together without good health we cannot do any work and without work we cannot be happy. Success means completion of work in a right way.

Explanation : Here the writer tells us about the importance of faith—faith in God, in our work and in the power of doing that work. Moreover our conscience always guides us to follow the right path. We should always be alert to hear it. We must be true to our conscience and should believe in internal knowledge. God is the supreme power. We should have faith that the laws of universe never fail. If we continuously work fearlessly and peacefully, we shall proceed on the path of success and our future will be very bright. All the hurdles of our way will break down into pieces.

(7) By the power of such faith ……………. superior to suffering.
Context : The writer says that faith has so much power that with its help every difficult work is completed. So, we should have faith in God, in the law of nature and in our power.

Explanation : In this paragraph the writer describes the importance of faith in our life. The man who has firm faith, will have no uncertainty about any work in his mind. No difficulty will come in his way. The path of progress will be clear before him. The inward light will guide him and he will successfully complete the work he has in his hand. Success will bring him happiness and peace. Thus, firm faith is the key of success, happiness, peace, power, etc. Such a man will be able to make his life great and prosperous.

(8) If you will become ……………. right results.
Context : The writer is explaining us the importance of faith—faith in the God, faith in work and your power-for success in life.

Explanation : The writer says that if you have faith in him, yourself and your power, you start believing in yourself and you develop positive thoughts. Under such a condition, you have everything to faith. As a result you need not worry yourself about your future, which shall bring for you nothing but success. Faith also takes away anxieties from you. You engage yourself in your work happily and peacefully because you know that you are right in your thoughts and actions. Your faithful and sincere efforts will bring desired results for you.

(9) Your success, your failure ……………. upon your pillow. [2016]
Context : The writer says that faith brings us spiritual strength which crumbles away all evil forces like toys of glass. Then we will not worry about our success or failure. We will have confidence in our efforts that they will bring us good results.

Explanation : In this paragraph the writer says that we are the maker of our own fate which depends upon our thoughts. There are mainly two types of thoughts : good and bad. If we have good thoughts, our life will be joyful and peaceful. So, our thoughts should be life giving, pure and happy. Then we shall get untold happiness in our life. Contrary to this if our thoughts are hateful, impure and unhappy, we will be worried and anxious even when we are sleeping. Thus we shall not be able to enjoy a comfortable and sound sleep.

(10) You are the unconditional ……………. be utterly insignificant [2014]
Context : Here the writer says that we are the maker of our own fate which depends upon our thoughts. We should cultivate good thoughts which will bring untold happiness in our life. Bad thoughts are the source of discomfort and disturbed sleep. So we should avoid them.

Explanation : In these lines the writer says that you are the independent maker of your fate, no matter it is good or bad. The influences which you are sending forth every moment will either make your life or will destroy it. So, for making permanent influence and for getting success in life, you should have a broad outlook and loving and unselfish behaviour with all. In doing so you should not think of money. You may get little money. But your influence and success will surely be great and permanent. Contrary to it you become narrow-minded, selfish and unloving, you may earn a lot of money but your influence will be negligible. Thus for getting a good personality and everlasting influence you should not be money-minded.

(11) Cultivate, then, ……………. power. [2018]
Context : If we are benevolent, loving and sharing and concerned about others, our moral power and success will be great and lasting.

Explanation : The writer suggests that we should have a spirit which is sincere to others and always sharing. We should add to it purity of thoughts, belief in goodness and oneself and singleness of purpose. If we do so, we shall develop gradually and naturally in us substance, lasting success and sound health. Besides, eminence and authority shall also be achieved.

(12) Whatever your task ……………. secret of true power. [2012, 17]
Context : For happiness in life we need power. For it we should have a pure and unselfish spirit. We should have a single aim in our life. Double minded man achieves nothing. Whole hearted devotion to one aim forwards us towards full health.

Explanation : Here the writer says that for getting power we should cultivate pure and unselfish spirit and combine it with purity, faith and singleness of purpose. The secret of true power lies in learning by constant practice how to control resources and concentrate then upon the task in hand. You should also cultivate poise and passivity to stand alone and immovable like a mountain. This is the secret of true power.

(13) The hysterical, fearful ……………. engulf mankind. [2018]
Context : The writer says that besides firmness, self-control also is very necessary. Firmness is the power which enables a man even to stand alone. Only the man who has the power to control over himself can command and control others.

Explanation : In this passage the writer says that the man who is emotional, fearful, thoughtless, and frivolous needs support of others. He cannot do any work single handed. On the other hand the man who always remains calm, fearless and thoughtful has the greatest power. He needs no support. He can live all alone anywhere and will do every work successfully. He will more and more successfully be able to control the evil influences and miseries which surround mankind.

(14) Passion …………. …………. through it all. [2010, 12, 15, 17, 18]
Context : The writer has discussed the power of faith and self-control. He has advised us to be calm, fearless, thoughtful and serious. Such a man will be able to over power all the evil influences which come in his way.

Explanation : Now in this paragraph he talks about passion and its evil influences. Passions are the strong emotions like anger, love, hatred, jealousy, greed, etc. These are the abnormal feelings of mind and heart. These feelings provoke the man and he misunderstands that he is very powerful. But the writer says that it is not the power but it is the scattering of power or weakening of power. He compares passion with the storm. The storm strikes against the rock very fiercely. But the rock is so firm and unmovable that storm cannot give it any harm. The powerful man is like the rock. When the storm of passions hits him, he remains unmoved, calm and quiet.

(15) Self-purified ……………. Eternal good.
Context : After describing the importance of faith and self-control, the writer has laid emphasis on having a single aim of life because double minded man is always doubtful and can achieve nothing.

Explanation : Here in this passage the writer concludes that the man who has purified himself by having pure, stainless and noble thoughts will get good health. If he has firm faith in his power, in God and in the laws of nature, he will get success in every work he does. If he has self-control and the power to command himself, he will get power. Such a man will get success in every walk of life and he will progress and will always be happy. So, purity of thoughts, firm faith and self-control are the essential qualities to get health, success and power.

(16) This, then, is the …………… secret f power. [2018]
Context : Pure, stainless and noble thoughts are helpful in getting good health. A man of good health can do a lot of work. He will get success in every walk of life and will always be happy.

Explanation : The writer has concluded in the discussion that purity of thoughts, firm faith and self control are the essential qualities to get health, success and power. Thus, we can say that the secret of health is pure heart and well balanced mind. The secret of success is firm faith and wisely directed aim of life. To control the wishes with strong willpower is the secret of power.

Short Answer Type Questions

Answer one of the following questions in not more than 30 words:
Question 1.
What are the necessities for health, success and power ? [2009]
(स्वास्थ्य, सफलता और शक्ति के लिए कौन-सी बातें आवश्यक हैं?)
Answer :
Strong faith and purity are the necessities for health, success and power.
(स्वास्थ्य, सफलता और शक्ति के लिए दृढ़ विश्वास तथा शुद्धता आवश्यक हैं।)
Or
What do you get if you have sterling faith and uncompromising purity? [2o16]
(यदि आपके पास अडिग विश्वास और दृढ़ पवित्रता होगी तब आपको क्या प्राप्त होगा?)
Answer :
If we have sterling faith and uncompromising purity, we shall get health, success and power.
(यदि हमारे पास अडिग विश्वास और दृढ़ पवित्रता होगी तब हमें स्वास्थ्य, सफलता और शक्ति प्राप्त होगी।)

Question 2.
When can we get perfect health ?
(हम पूर्ण स्वास्थ्य कब प्राप्त कर सकते हैं ?).
Or
What is the secret of good health ? [2018]
(अच्छे स्वास्थ्य का क्या रहस्य है ?)
Or
What should we do to enjoy perfect physical health ?
(पूर्ण शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए हमें क्या करना चाहिए ?)
Or
What is the secret of securing good health ? [2009, 16,17]
(अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने का रहस्य क्या है ?)
Or
What kind of thinking gives us good health and why according to James Allen ? [2011]
(जेम्स एलेन के अनुसार किस प्रकार की सोच हमें अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करती है और क्यों?)
Answer :
We can get health as soon as we realise that the sickness is the result of our own error or sin.
(हम उसी समय स्वास्थ्य प्राप्त कर सकते हैं ज्यों ही हम यह अनुभव कर लें कि बीमारी हमारी भूलों तथा पाप का परिणाम है।)

Question 3.
How does faith help to shatter the forces of evil? [2011]
(विश्वास बुराई की शक्तियों को नष्ट करने में कैसे सहायक होता है?)
Answer :
Faith helps to shatter the forces of evil like disease, failure and disaster because there is nothing on which they can feed.
(अडिग विश्वास बीमारियों, असफलता तथा विपत्ति को नष्ट करने में सहायक होता है, क्योंकि उन्हें ऐसा कुछ भी नहीं मिलेगा जिस पर वे पनप सकें।)

Question 4.
What are the inharmonious states of mind ? Why are they called so ?
(मस्तिष्क की असन्तुलित दशाएँ कौन-सी हैं.? उन्हें ऐसा क्यों कहा गया है ?)
Answer :
Anger, worry, jealousy, greed, etc. are the inharmonious states of mind. They are called so because in their presence a man loses his peace of mind and he is upset. So, he cannot take a right decision.
(क्रोध, चिन्ता, ईष्र्या, लालच आदि मस्तिष्क की असन्तुलित दशाएँ हैं। इन्हें ऐसा इसलिए कहा गया है, क्योंकि इनकी उपस्थिति में वह व्यक्ति अपनी मानसिक शान्ति खो देता है और वह घबरा जाता है। अत: वह उचित निर्णय नहीं ले सकता।)

Question 5.
What are the debilitating and demoralising habits of mind ?
(मस्तिष्क की कौन-सी आदतें कमजोर बनाने वाली और भ्रष्ट करने वाली हैं ?)
Or
What diseases can be caused by jealousy, hatred, etc. ?
(ईष्र्या, घृणा आदि से कौन-कौन-सी बीमारियाँ हो सकती हैं ?)
Answer :
Jealousy, suspicion, worry, hatred and selfish activities are the debilitating and demoralising habits of mind.
(ईष्र्या, सन्देह, चिन्ता, घृणा और स्वार्थपूर्ण कार्य मस्तिष्क को कमजोर बनाने वाली और भ्रष्ट करने वाली आदतें हैं।)

Question 6.
What does the writer say in defence of over-work ?
(अधिक कार्य के पक्ष में लेखक क्या कहता है ?)
Or
How does work help in keeping us healthy ?
(हमें स्वस्थ रखने में कार्य हमारी कैसे सहायता करता हैं ?)
Answer :
The writer does not agree with the people who say that over-work brings breakdown. Work, whether it is mental or physical, is health giving. Breakdown in health is the result of foolishly wasted energy. If we work without friction, we would secure health.
(लेखक उन व्यक्तियों से सहमत नहीं है जो कहते हैं कि अधिक कार्य स्वास्थ्य को खराब करता है। काम चाहे मानसिक हो या शारीरिक, स्वास्थ्य प्रदान करने वाला होता है। मूर्खतापूर्ण ढंग से शक्ति को नष्ट करने का परिणाम स्वास्थ्य में गिरावट होता है। यदि हम चिन्तारहित होकर कार्य करेंगे, तो हम अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रखेंगे।)

Question 7.
What is relation between health and success ?
(स्वास्थ्य और सफलता में क्या सम्बन्ध है ?)
Answer :
True health and true success have close relationship. If we have good health, we shall be able to get success in our work. Success in work brings happiness. Without good health, success is not possible.
(सच्चा स्वास्थ्य और सच्ची सफलता का घनिष्ठ सम्बन्ध है। यदि हमारा स्वास्थ्य अच्छा होगा तब हम अपने कार्य में सफलता प्राप्त कर सकेंगे। कार्य में सफलता से आनन्द प्राप्त होता है। बिना अच्छे स्वास्थ्य के सफलता सम्भव नहीं है।)

Question 8.
What sort of faith is required to be successful in our work ?
(अपने कार्य में सफल होने के लिए किस प्रकार का विश्वास चाहिए ?)
Answer :
Unmoving faith is required to be successful in our work.
(अपने कार्य में सफल होने के लिए हमें अडिग विश्वास चाहिए।)

Question 9.
What does the writer mean by the phrase frock upon which you must build, if you would achieve …………?
(लेखक का इस वाक्यांश से क्या तात्पर्य है-“वह चट्टान जिस पर तुम बनाओगे, यदि तुम प्राप्त करना चाहते हो ……………’?)
Answer :
The writer compares faith with the rock. If we have firm faith in God, in the law of Nature and in the power of work, it means we have made a foundation as strong as a rock. The building which we build upon it will also be durable. Building means life. Thus the writer means by this phrase that this faith should be the basis of our activities in life.
(लेखक इस विश्वास की तुलना एक चट्टान से करता है। यदि हमें भगवान् में, प्रकृति के नियम में और कार्य की शक्ति में दृढ़ विश्वास है, तब इसका अर्थ है कि हमने नींव एक चट्टान के समान दृढ़ बना ली है। वह इमारत जो हम इस पर बनाएँगे वह भी टिकाऊ होगी। इमारत का तात्पर्य जीवन से है। इस प्रकार विश्वास होना चाहिए।)

Question 10.
Who is our best guide ? What should we do for taking its help ?
(हमारा सबसे अच्छा मार्गदर्शक कौन है ? हमें इसकी सहायता लेने के लिए क्या करना चाहिए ?)
Answer :
The conscience is our best guide. Its voice is unfailing. So, we should understand it and should act according to it.
(अन्तरात्मा हमारा सर्वोत्तम मार्गदर्शक है। इसकी आवाज कभी भी असफल न होने वाली है। इसलिए हमें इसे समझना चाहिए और इसी के अनुसार कार्य करना चाहिए।)

Question 11.
How do foolish people waste their mental and spiritual energy ?
(मूर्ख व्यक्ति अपनी मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति को कैसे नष्ट करते हैं ?)
Answer :
Foolish people waste their mental and spiritual energy in meanless, foolish talks or selfish debate.
(मूर्ख व्यक्ति अपनी मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति को नीचता में, मूर्खता की बातों में अथवा स्वार्थपूर्ण वाद-विवाद में नष्ट करते हैं।)

Question 12.
What is the law of the universe ?
(ब्रह्माण्ड का नियम क्या है ?)
Answer :
The law of universe is that good actions bear good fruits and bad actions bring evil results.
(ब्रह्माण्ड का नियम यह है कि अच्छे कार्यो का फल अच्छा होता है और बुरे कार्यो का फल बुरा होता है।)

Question 13.
When will our influence and success be lasting ?
(हमारा प्रभाव और सफलता कब स्थायी होगी ?)
Answer :
When our heart will go large, loving and unselfish, our influence and success will be lasting.
(जब हमारा हृदय विशाल, प्यार भरा और नि:स्वार्थी होगा, तब हमारा प्रभाव और सफलता स्थाई होगी।)

Question 14.
What is the secret of power ? Who is the powerful man ? [2017]
(शक्ति का रहस्य क्या है ? शक्तिशाली व्यक्ति कौन होता है ?)
Or
Wherein lies the secret of true power? [2018]
(सच्ची शक्ति का रहस्य किसमें निहित है ?)
Or
How does the writer explain that all power is associated with immovability ?
(लेखक कैसे समझाता है कि सारी शक्ति स्थिरता से जुड़ी हुई है ?)
Answer :
Immovability is the secret of power. The man who is not moved by emotion or passion and remains calm and firm is the powerful man.
(स्थिरता शक्ति का रहस्य है। वह मनुष्य जो भावनाओं या उत्तेजनाओं से विचलित नहीं होता और शान्त तथा दृढ़ रहता है, वही शक्तिशाली मनुष्य है।)

Question 15.
What is the secret of health, success and power ? [2012, 13, 18]
(स्वास्थ्य, सफलता एवं शक्ति का क्या रहस्य है ?)
Or
What is the secret of success ? [2018]
(सफलता का क्या रहस्य है ?)
Answer :
Health, success and power stem from genuine faith in goodness and yourself as well as unyielding purity of mind and thought.
(स्वास्थ्य, सफलता एवं शक्ति का रहस्य अच्छाई एवं स्वयं में विश्वास तथा हमारे मस्तिष्क और विचारों की शुद्धता में छिपा है।)

Question 16.
Are passion and power the same things ? Discuss.
(क्या उत्तेजना और शक्ति एक ही वस्तुएँ हैं ? विवेचना कीजिए।)
Or
How is passion different from power ?
(उत्तेजना शक्ति से किस प्रकार भिन्न है ?)
Answer :
No, passion and power are not the same thing. Passion is the abuse of power. Passion is like a storm and power is like strongly protected rock. Storm strikes against rock but cannot give it any harm. In the same way passion cannot give any harm to a calm and firm man. In reality passion is the dispersion of power. (नहीं, उत्तेजना और शक्ति एक ही वस्तु नहीं हैं। उत्तेजना तो शक्ति का दुरुपयोग है। उत्तेजना एक तूफान के समान होती है और शक्ति भली प्रकार सुरक्षित चट्टान के समान। तूफान चट्टान से टकराता है, किन्तु इसे कोई हानि नहीं पहुँचा सकता। इसी प्रकार उत्तेजना एक शान्त और दृढ़ व्यक्ति को कोई हानि नहीं पहुँचा सकती। वास्तव में उत्तेजना शक्ति का बिखराव है।)

Question 17.
What does the writer mean by the phrase, “The double-minded man is unstable in all his ways’?
(लेखक का इस वाक्यांश से क्या तात्पर्य है, ‘दोहरे मस्तिष्क वाला व्यक्ति सभी बातों में अस्थिर होता है।’?)
Answer :
The writer means by this phrase that a double minded-man cannot do any work successfully.
(इस वाक्यांश से लेखक का तात्पर्य है कि दोहरे मस्तिष्क वाला व्यक्ति किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक नहीं कर सकता।)

Question 18.
What type of people attract disease and who shun it, according to James Allen ? [2014]
(जेम्स एलेन के अनुसार किस प्रकार के व्यक्ति बीमारी को आकर्षित करते हैं और कौन इससे बचता है?)
Answer :
The people who are angry, worried, jealous or greedy or have any kind of in-harmonious state of mind attract disease and wise people shun it.
(वे व्यक्ति जो क्रोधित, परेशान, ईष्र्यालु या लालची होते हैं या किसी प्रकार की असन्तुलित मानसिक स्थिति रखते हैं, वे बीमारी को आकर्षित करते हैं तथा बुद्धिमान व्यक्ति इनसे बचते हैं।)

Question 19.
What does the writer conclude in the end of this lesson ?
(इस पाठ के अन्त में लेखक क्या निष्कर्ष निकालता है?)
Answer :
In the end of the lesson the writer concludes that a pure heart and well ordered mind is the secret of health. Firm faith and a wisely directed purpose is the secret of success. To control the desires is the secret of power.
(पाठ के अन्त में लेखक निष्कर्ष निकालता है कि शुद्ध हृदय तथा भली प्रकार व्यवस्थित उद्देश्य सफलता का रहस्य है। अटल विश्वास और भली प्रकार से निर्देशित उद्देश्य सफलता का रहस्य है। इच्छाओं पर नियन्त्रण करना शक्ति का रहस्य है।)

Vocabulary

Choose the most appropriate word or phrase that best completes the sentence:
1. Many people ……………. that they have broken down through over work. [2011, 17, 18]
(a) suggest
(b) complain
(c) write
(d) refuse

2. If you would secure health you must leam to work without ………… [2018]
(a) friction
(b) tension
(c) worry
(d) none of these

3. True health and true success go together, for they are inseparably ……………. in the thought realm.. [2015, 16, 17, 18]
(a) mixed
(b) intertwined.
(c) connected
(d) joined

4. True health and true success go ………… [2013, 16, 18]
(a) long
(b) along
(c) among
(d) together

5. You are the ……….. maker of your fate, be that fate what it may be.
(a) conditional
(b) unconditional
(c) exceptional
(d) unexceptional

6. All power is associated with …………….
(a) immovability
(b) persistency
(c) concentration
(d) passivity

7. The faultless completion of small tasks leads ………… to larger tasks. [2011, 14]
(a) necessarily
(b) undoubtedly
(c) inevitably
(d) unexpectedly

8. He is the man of power who, when all his fellows are swayed by some emotion or passion, remains calm and ………..
(a) undisturbed
(b) unhurt
(c) unharmed
(d) unmoved

9. Passion is not power, it is the ……………. of power. [2013, 17, 18]
(a) use
(b) abuse
(c) amuse
(d) assuage

10. “The double-minded man is ……………. in all his ways.” [2013, 14, 15, 16, 17, 18]
(a) stable
(b) free
(c) unstable
(d) rigid

11. Self-purified……………will be yours; faith protected, …………. will be yours; self-governed, …………. will be yours.
(a) success, health, power
(b) health, success, power
(c) health, power, success
(d) power, success, health

12. Patience usually ……………. in the end.
(a) wills
(b) wilts
(c) wins
(d) wigs

13. If you will persist …………. clinging to these debilitating and demoralising habits of mind, then do not complain when your body is laid low with sickness.
(a) on
(b) upon
(c) in
(d) with

14. Above all, be of ……………. aim; have a legitimate and useful purpose, and devote yourself unreservedly to it.
(a) casual
(b) single
(c) multiple
(d) double

15. The faultless completion of small tasks ……………. inevitably to larger tasks.
(a) leaps
(b) looks
(c) leads
(d) lights

16. There are some matters ……………. which the memory works with less than its usual perfection.
(a) for
(b) in
(c) in regard to
(d) about

17. To become anxious or excited, or to worry over needless details is to invite a.. [2014]
(a) disease
(b) disaster
(c) sickness
(d) break down

18. Such conditions of mind are carefully ………… by the wise man. : [2011]
(a) shunned
(b) screened
(c) hurled
(d) swayed

19. He only is fitted to ………… who has succeeded in controlling himself. [2012]
(a) command
(b) demand
(c) reprimand
(d) remand

20. You are advised ……….. bad habits. [2012]
(a) to get rid of
(b) to continue
(c) to abjure
(d) to stick to

21. Passion is like a ………… storm. [2012, 16, 18]
(a) furious
(b) anxious
(c) dauntless
(d) dark

22. You will not need to become ……….. about the result. [2013]
(a) cautious
(b) conscious
(c) anxious
(d) contentious

23. Many people ………. that they are broken down through over work.
(a) complain
(b) claim
(c) frame
(d) name

Answers :
1. (b),
2. (a),
3. (b),
4. (d),
5. (b),
6. (a),
7. (c),
8. (d),
9. (b),
10. (c),
11. (b),
12. (c),
13. (d),
14. (b),
15. (e),
16. (c),
17. (a),
18. (a),
19. (a),
20. (a),
21. (a),
22. (c),
23. (a).

We hope the UP Board Solutions for Class 12 English Prose Chapter 3 The Secret of Health, Success and Power help you.

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