UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 12 Geographical Perspective on Selected Issues and Problems (भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ)
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 12 Geographical Perspective on Selected Issues and Problems (भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ)
UP Board Class 12 Geography Chapter 12 Text Book Questions
UP Board Class 12 Geography Chapter 12 पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए-
(i) निम्नलिखित में से सर्वाधिक प्रदूषित नदी कौन-सी है—
(क) ब्रह्मपुत्र
(ख) सतलुज
(ग) यमुना
(घ) गोदावरी।
उत्तर:
(ग) यमुना।
(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा रोग जलजन्य है-
(क) नेत्रश्लेष्मला शोथ
(ख) अतिसार
(ग) श्वसन संक्रमण
(घ) श्वासनली शोथ।
उत्तर:
(ख) अतिसार।
(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा अम्ल वर्षा का एक कारण है-
(क) जल प्रदूषण
(ख) भूमि प्रदूषण
(ग) शोर प्रदूषण
(घ) वायु प्रदूषण।
उत्तर:
(घ) वायु प्रदूषण।
(iv) प्रतिकर्ष और अपकर्ष कारक उत्तरदायी हैं-
(क) प्रवास के लिए
(ख) भू-निम्नीकरण के लिए
(ग) गन्दी बस्तियाँ
(घ) वायु प्रदूषण।
उत्तर:
(क) प्रवास के लिए।
प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें-
(i) प्रदूषण और प्रदूषकों में क्या भेद है?
उत्तर:
प्रदूषण-मानवीय क्रियाकलाप से उत्पन्न अपशिष्ट उत्पादों से कुछ पदार्थ और ऊर्जा मुक्त होती है जिससे प्राकृतिक पर्यावरण से परिवर्तन होते हैं। ये हानिकारक होते हैं जिन्हें ‘प्रदूषण’ कहते हैं।
प्रदूषक-पारितन्त्र के विद्यमान प्राकृतिक सन्तुलन में ह्रास और प्रदूषण उत्पन्न करने वाले ऊर्जा या पदार्थ के किसी भी रूप को ‘प्रदूषक’ कहा जाता है। ये गैस, तरल तथा ठोस रूप में हो सकते हैं।
(ii) वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत–उद्योग, परिवहन के विभिन्न साधन, ताप विद्युतगृह, शहरी कचरा एवं खदानों से निकली धूल आदि।
(iii) भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान से जुड़ी समस्याएँ-
- मानव मल के सुरक्षित निपटान का अभाव,
- कूड़ा-कचरा संग्रहण की सेवाओं की अपर्याप्त व्यवस्था,
- औद्योगिक अपशिष्टों का जल स्रोतों में प्रवाह,
- नगरों में ठोस अपशिष्ट संग्रहण का अभाव आदि।
(iv) मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के क्या प्रभाव पड़ते हैं?
उत्तर:
मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण का प्रभाव-वायु प्रदूषण से अम्ल वर्षा, नगरीय धूम्र, कुहरा, हरितगृह प्रभाव तथा ओजोन गैस का ह्रास होता है। कैंसर, दमा, ब्रोंकाइटिस आदि जानलेवा रोग वायु प्रदूषण के. कारण उत्पन्न होते हैं।
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें-
(i) भारत में जल प्रदूषण की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जल प्रदूषण का अर्थ-जब भौतिक, रासायनिक तथा जैविक तत्त्वों द्वारा जलाशयों के जल में ऐसे अनैच्छिक परिवर्तन हो जाएँ जिनसे जैव समुदाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़े उसे ‘जल प्रदूषण’ कहते हैं। जल प्रदूषण के कारण
जल प्रदूषण के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-
- कृषि में रसायनों का उपयोग,
- नदियों में साबुन से स्नान,
- नगरीय अपशिष्ट,
- अधजली लाशें,
- नदियों के तट पर विभिन्न मेलों, उत्सवों का आयोजन
- शौचालयों की कमी,
- प्राकृतिक कारक,
- समुद्र में पेट्रोलियम का खनन,
- आण्विक कचरा आदि।
जल प्रदूषण के दुष्प्रभाव
- रोगों का प्रसार-हैजा, पीलिया, टाइफॉइड, पेचिश, फेफड़ों का कैंसर और पेट के अनेक रोग आदि।
- जलीय पौधों और जीव-जन्तुओं की मृत्यु,
- फसलों का नाश,
- मिट्टी की उर्वरता का नाश,
- कुपोषण, एवं
- सागरीय जल का प्रदूषण आदि।
जल प्रदूषण पर नियन्त्रण के उपाय
जल प्रदूषण पर नियन्त्रण के उपाय निम्नलिखित हैं-
- कूड़ा-कचरा केवल कूड़ा-घरों में ही फेंका जाए।
- शौचालयों का निर्माण किया जाए।
- विद्युत शवदाहगृहों की स्थापना की जाए।
- मृत पशुओं के जलाशयों में बहाने पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया जाए।
- औद्योगिक अपशिष्टों का उपचार किया जाए।
- नगरपालिकाओं के मल-जल का शोधन किए बिना नदियों में न डाला जाए।
- कारखानों में कम जल के प्रयोग की उन्नत प्रौद्योगिकी का विकास किया जाए।
- कठोर कानूनों का निर्माण किया जाए साथ ही इनकी पालना भी कठोरता के साथ की जाए।
(ii) भारत में गन्दी बस्तियों की समस्याओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत में गन्दी बस्तियों की प्रमुख समस्याएँ भारत में गन्दी बस्तियों की प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं-
- ऐसी बस्तियाँ सामान्यतः नागरिक सुविधाओं; जैसे—पार्क, सड़क, स्कूल आदि की भूमि पर अवैध कब्जा करके बनाई जाती हैं।
- ऐसी बस्तियों के आस-पास गन्दगी का विशाल साम्राज्य होता है।
- ये बस्तियाँ अनैतिक कार्यों, नशीले पदार्थों की बिक्री और अपराधियों की शरण-स्थलियाँ बन जाती हैं।
- नगरों के अधिकांश अपराध और अपराधी यहीं पनपते हैं।
- बिजली, पानी, चिकित्सा, यातायात जैसी मूलभूत सुविधाओं पर इन बस्तियों का दुष्प्रभाव पड़ता है।
(iii) भू-निम्नीकरण को कम करने के उपाय सुझाइए।
उत्तर:
भू-निम्नीकरण को कम करने के उपाय भ-निम्नीकरण को कम करने के उपाय निम्नलिखित हैं-
- किसानों को रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करने के लिए प्रशिक्षण देकर भूमि के प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है। उदाहरणतया, डी०डी०टी० तथा अन्य हानिकारक तत्त्वों पर तुरन्त प्रतिबन्ध लगा देना चाहिए। कई देशों में ऐसा किया भी जा चुका है।
- नगरीय एवं औद्योगिक अपशिष्ट जल को साफ करके सिंचाई के लिए प्रयोग किया जा सकता है और अपशिष्ट जल से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
- गली-सड़ी सब्जियों व फलों, पत्तों तथा पशुओं व मानवीय मल-मूत्र को उचित प्रौद्योगिकी द्वारा बहुमूल्य खाद में परिवर्तित करके लाभ उठाया जा सकता है।
- गन्दी बस्तियों में रहने वाले लोगों को ‘सुलभ शौचालय’ की सुविधा उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।
- प्लास्टिक की थैलियों की जगह पर कागज की थैलियों का प्रयोग किया जाना चाहिए। प्लास्टिक की थैलियों पर प्रभावी रूप से तुरन्त प्रतिबन्ध लगाया जाना चाहिए।
UP Board Class 12 Geography Chapter 12 Other Important Questions
UP Board Class 12 Geography Chapter 12 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
वायु प्रदूषण के नियन्त्रण के उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण के नियन्त्रण के उपाय
वायु प्रदूषण के नियन्त्रण के उपाय निम्नलिखित हैं-
- कारों में सीसा’ रहित पेट्रोल का उपयोग-ऐसे पेट्रोल के उपयोग से वायु-प्रदूषण कम होता है।
- ईंधन का पूर्ण दहन-नई प्रौद्योगिकी अपनाकर कोयले, पेट्रोल, डीजल आदि का सभी भाग पूरा जल जाना चाहिए। इस तकनीक से वायुमण्डल का प्रदूषण बढ़ाने वाले बहुत कम प्रदूषक बचते हैं।
- नई प्रौद्योगिकी से बने इंजनों का उपयोग कारखानों और मोटरवाहनों के इंजन नए और सक्षम होने चाहिए। ऐसे इंजनों से धुआँ कम निकलता है।
- कारखानों की चिमनियों में फिल्टर-फिल्टर के उपयोग से कारखानों और ताप बिजलीघरों से निकलने वाले धुएँ की जहरीली गैसों और ठोस कणों को वायु में फैलने से रोका जा सकता है। उपकरणों को निरन्तर चालू हालत में रखना भी आवश्यक है।
- कारखानों को घनी बस्तियों से दूर स्थापित करना-प्रदूषण फैलाने वाले कारखानों को घनी बस्तियों से दूर लगाना चाहिए।
- ऊर्जा के प्रदूषणरहित संसाधनों का उपयोग-कोयला और पेट्रोलियम के उपयोग से वायु प्रदूषित होती है। सौर, पवन, ज्वारीय व समुद्री लहरों से उत्पन्न ऊर्जा प्रदूषण मुक्त होती है। ये नवीकरण योग्य संसाधन भी है। पनबिजली प्रदूषण मुक्त है। इसके भी यथासम्भव अधिकाधिक उपयोग पर बल देना चाहिए।
- ऊँची चिमनी-कारखानों और ईंट भट्ठों में ऊँची चिमनियाँ लगाकर भी वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
- क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) पर रोक-सी०एफ०सी० ओजोन परत को हानि पहुँचाती है। सूर्य की हानिकारक पराबैंगनी किरणों से पृथ्वी को बचाने वाली ओजोन परत की रक्षा करना आवश्यक है। सी०एफ०सी० के उपयोग पर रोक लगाकर इस कार्य को पूरा किया जा सकता है।
प्रश्न 2.
ध्वनि प्रदूषण पर नियन्त्रण के उपायों की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण पर नियन्त्रण के उपाय ध्वनि प्रदूषण पर नियन्त्रण के उपाय निम्नलिखित हैं-
- शोर न करने वाली अथवा कम शोर करने वाली मशीनों का उपयोग किया जाना चाहिए।
- तेल व ग्रीस देकर मशीनों का ठीक प्रकार से रख-रखाव करना चाहिए।
- ध्वनि उत्पन्न करने वाली मशीनों को ध्वनिरोधी कमरों में स्थापित करना चाहिए।
- कारखानों में कार्यरत कर्मचारियों को रुई, प्लग या दस्तान लगाने चाहिए। इन चीजों के उपयोग से ध्वनि की तीव्रता को 40-50 डेसीबल तक कम किया जा सकता है।
- कारखाने आवासीय बस्तियों से दूर लगाने चाहिए।
- धार्मिक व सामाजिक उत्सवों एवं शादियों में बैंड-बाजे, गाने बजाने व डी०जे० उपयोग के दौरान सीमित ध्वनि का प्रयोग करना चाहिए।
- रात्रि में एक निश्चित समय के बाद लाउड स्पीकर का प्रयोग वर्जित होना चाहिए।
- प्रैशर हॉर्न का प्रयोग कम-से-कम करना चाहिए।
- वाहनों के इंजनों के उचित रख-रखाव, अच्छी ट्यूनिंग तथा गति सीमा निर्धारित करके वाहनों द्वारा उत्पन्न ध्वनि को कम किया जा सकता है।
- सड़कों के किनारे वृक्ष लगाने चाहिए। इससे ध्वनि प्रदूषण कम होता है।
प्रश्न 3.
वायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण के प्रमुख दुष्प्रभाव वायु प्रदूषण के प्रमुख दुष्प्रभाव निम्नलिखित हैं-
1. मौसम और जलवायु पर दुष्प्रभाव–अनेक प्रकार के रासायनिक प्रदूषकों से ओजोन की परत क्षतिग्रस्त हो जाती है। ओजोन की परत हमें हानिकारक सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाती है। कार्बन-डाइ-ऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से तापमान में वृद्धि हो रही है। इससे हिमचादरों के पिघलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
2. मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव-वायु प्रदूषण से फेफड़ों, त्वचा, आँख और गले के रोग फैलते हैं, कभी-कभी तो प्रदूषण इतना घातक होता है कि हजारों लोग मर जाते हैं। सन् 1984 में भोपाल में जहरीली ‘मिक’ गैस के वायु में फैल जाने से 2500 लोग मर गए थे तथा अन्य हजारों जीवन-भर के लिए अपंग हो गए थे।
3. जीव-जन्तुओं और पेड़-पौधों पर दुष्प्रभाव-वायु प्रदूषकों का पेड़-पौधों की पत्तियाँ और तनों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। इनकी वृद्धि रुक जाती है। जड़ों द्वारा प्रदूषक रसायन पूरे पेड़ में फैल जाते हैं। इन पेड़-पौधों की पत्तियों, फूलों और फलों को खाने वाले जीव-जन्तु बीमार पड़ जाते हैं।
4. पदार्थों पर दुष्प्रभाव-सल्फर-डाइ-ऑक्साइड, धुआँ, बालू के कण और धूल जैसे वायु प्रदूषक सम्पत्ति और पदार्थों को नुकसान पहुंचाते हैं। वायु प्रदूषण से इमारतें काली पड़ जाती हैं। वायु प्रदूषण के कारण होने वाली अम्ल वर्षा से संगमरमर की चमक नष्ट हो जाती है। यही नहीं उसमें छोटे-छोटे गड्ढे भी पड़ जाते हैं। विश्व प्रसिद्ध आगरा स्थित ताजमहल पर प्रदूषित वायु का विपरीत असर पड़ रहा है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
ध्वनि प्रदूषण क्या है?
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण-आवश्यकता से अधिक ध्वनि जो कानों को अप्रिय लगती है, ‘ध्वनि प्रदूषण’ कहलाती है।
“जब ध्वनि अपनी तीव्रता के कारण शोरगुल में बदल जाए और वह मानव में चिड़चिड़ापन, बोलने में व्यवधान, सुनने में दिक्कत और कार्यकुशलता में ह्रास कर दे तो वह प्रदूषण मानी जाती है।”
प्रश्न 2.
ध्वनि स्तर के मापन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ध्वनि स्तर का मापन–ध्वनि की तीव्रता को मापने की इकाई ‘डेसीबल’ (dB) कहलाती है। डेसीबल रिकॉर्ड करने वाला उपकरण ‘साउंड मीटर’ कहलाता है। ध्वनि मापन में ध्वनि तरंगों को विद्युतीय तरंगों में बाँटा जाता है। शून्य डेसीबल वह सबसे मन्द ध्वनि है जो सामान्य कान द्वारा सुनी जा सके। 25 डेसीबल तक खामोशी, 65 डेसीबल तक शान्त, 65-75 डेसीबल तक साधारण आवाज व 75 डेसीबल के ऊपर शोर शुरू होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 45 डेसीबल ध्वनि को मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित माना है। 90 डेसीबल से ऊपर 8 घण्टे तक का शोर दिमाग की नसें फाड़ सकता है।
प्रश्न 3.
ध्वनि प्रदूषण के प्राकृतिक स्रोतों को समझाइए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण के प्राकृतिक स्रोत-ध्वनि प्रदूषण के प्राकृतिक स्रोतों में ज्वालामुखी का फटना, बिजली का कड़कना, बादलों का गरजना, आँधी-तूफान, समुद्री लहरों की आवाज, तेज गति की पवनें आदि शामिल हैं।
प्रश्न 4.
ध्वनि प्रदूषण का मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव को समझाइए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण का मानव के स्वास्थ्य पर निम्नवत् प्रभाव पड़ता है-
- अधिक तेज ध्वनि से कान का पर्दा फट सकता है और मनुष्य स्थायी रूप से बहरा भी हो सकता है।
- ध्वनि प्रदूषण मनुष्य में चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, तनाव, क्रोध तथा रक्तचाप से सम्बद्ध विकार उत्पन्न करता है।
- अकस्मात तेज ध्वनि का हृदय पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। हृदय गति की दर बढ़ जाती है, मनुष्य शिथिल हो जाता है, रुधिर नलिकाएँ सिकुड़ जाती हैं, रुधिर दाब में परिवर्तन आ जाता है।
- ध्वनि प्रदूषण से नींद नहीं आती व आराम नहीं मिलता।
प्रश्न 5.
भूमि निम्नीकरण का क्या अर्थ है?
उत्तर:
भूमि निम्नीकरण-भूमि निम्नीकरण मानव प्रेरित या प्राकृतिक प्रक्रिया है, जो किसी पारितन्त्र में भूमि को प्रभावशाली ढंग से कार्य करने की क्षमता को घटा देती है अर्थात् भूमि की जैविक अथवा आर्थिक उत्पादकता में कमी आ जाती है। फसलों का प्रति हैक्टेयर उत्पादन घट जाता है। किसानों को आर्थिक हानि उठानी पड़ती है। वनों और चरागाहों की उत्पादकता भी घट जाती है।
प्रश्न 6.
भूमि निम्नीकरण के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भूमि निम्नीकरण के निम्नलिखित कारण हैं-
- वनों की अन्धाधुन्ध कटाई,
- वन भूमि का कृषि भूमि में परिवर्तन,
- स्थानान्तरी कृषि,
- सीमान्त भूमि पर कृषि,
- दोषपूर्ण प्रबन्ध व्यवस्था,
- परती भूमि छोड़ने में निरन्तर कमी,
- रसायनों का अत्यधिक उपयोग,
- भू-जल का अत्यधिक शोषण,
- तटीय पारितन्त्र में सागर जल का प्रवेश,
- बाढ़ और सूखा।
प्रश्न 7.
भूमि निम्नीकरण के पर्यावरणीय व समाजार्थिक प्रभाव को समझाइए।
उत्तर:
भूमि निम्नीकरण के पर्यावरणीय व समाजार्थिक प्रभाव निम्नलिखित हैं-
- पर्यावरणीय प्रभाव
- जैव विविधता और पारितन्त्रीय स्थिरता का नाश हो जाता है।
- कार्बन सोखने की क्षमता में कमी, जिसका प्रभाव जलवायु पर पड़ता है।
- बाढ़ और सूखे की आवृत्ति में वृद्धि हो जाती है।
- अपरदन की गम्भीर समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं।
- जलाशय गाद से भर जाते हैं और जलचक्र परिवर्तित हो जाता है।
- सामाजिक-आर्थिक प्रभाव
- रोजगार के अवसर घट जाते हैं।
- जीविकोपार्जन खतरे में पड़ जाता है।
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
अम्लीय वर्षा होने के प्रमुख कारणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
ज्वालामुखी विस्फोट से वायुमण्डल में जहरीली गैस या राख के कारण जो वर्षा होती है वह ‘अम्ल वर्षा’ कहलाती है।
प्रश्न 2.
भारत में जल प्रदूषण के दो प्राकृतिक स्रोत बताइए।
उत्तर:
- मृदा अपरदन एवं
- भू-स्खलन।
प्रश्न 3.
संदूषित जल के उपयोग के कारण जनित कोई दो रोगों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
- पीलिया एवं
- हैजा।
प्रश्न 4.
भारत में जल को प्रदूषित करने में सबसे अधिक योगदान किसका है?
उत्तर:
भारत में जल को प्रदूषित करने में सबसे अधिक योगदान मानव स्रोतों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषकों का है।
प्रश्न 6.
यमुना को सबसे अधिक प्रदूषित करने वाला नगर कौन-सा है?
उत्तर:
यमुना को सबसे अधिक प्रदूषित करने वाला नगर दिल्ली है।
प्रश्न 6.
किस प्रदूषण से अम्ल वर्षा होती है?
उत्तर:
वायु प्रदूषण से अम्ल वर्षा होती है।
प्रश्न 7.
ध्वनि प्रदूषण के प्राकृतिक स्रोत बताइए। (कोई दो)
उत्तर:
- ज्वालामुखी का फटना एवं
- बिजली का कड़कना।
प्रश्न 8.
भू-निम्नीकरण के कोई दो कारण बताइए।
उत्तर:
- मृदा अपरदन एवं
- जलाक्रान्त।
प्रश्न 9.
एशिया की विशालतम गन्दी बस्ती कौन-सी है?
उत्तर:
मुम्बई का धारावी, एशिया की विशालतम गन्दी बस्ती है।
प्रश्न 10.
जल प्रदूषण रोकने के कोई दो उपाय बताइए।
उत्तर:
- अपशिष्ट पदार्थों के जल स्रोतों में डालने पर प्रतिबन्ध।
- औद्योगिक अपशिष्टों का उपचार किया जाए।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
शोर का स्तर किस इकाई में मापा जाता है-
(a) डेसीबल में
(b) डेसीमल में
(c) डेसीमीटर में
(d) डेकामीटर में।
उत्तर:
(a) डेसीबल में।
प्रश्न 2.
प्रदूषित जल के सेवन से होने वाला रोग है-
(a) हैजा
(b) टाइफॉइड
(c) पीलिया
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।
प्रश्न 3.
जल प्रदूषण पर नियन्त्रण का उपाय है-
(a) अपशिष्टों का उपचार
(b) कठोर कानून और पालन
(c) शौचालयों का निर्माण
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 4.
जल प्रदूषण अधिनियम कब पारित किया गया-
(a) सन् 1972 में
(b) सन् 1974 में
(c) सन् 1980 में
(d) सन् 1982 में।
उत्तर:
(b) सन् 1974 में।
प्रश्न 5.
वायु प्रदूषण का दुष्प्रभाव पड़ता है-
(a) मौसम और जलवायु पर
(b) मानव स्वास्थ्य पर
(c) जीव-जन्तुओं पर
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 6.
वायु प्रदूषण के नियन्त्रण का उपाय है-
(a) ईंधन का पूर्ण दहन
(b) कारखानों की चिमनियों में फिल्टर
(c) नई प्रौद्योगिकी से बने इंजनों का उपयोग
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 7.
गन्दी बस्तियों की समस्या है-
(a) पेयजल का अभाव
(b) अपराध
(c) जीण-शीर्ण आवास
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
प्रश्न 8.
भू-निम्नीकरण का कारण है-
(a) मृदा अपरदन
(b) लवणता
(c) जलाक्रान्त
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।
मानचित्र कार्य
प्रश्न 1.
भारत में राजनीतिक मानन्नित्र में निम्नांकित को प्रदर्शित कीजिए-
(1) भारत में चावल का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य। (पश्चिम बंगाल)
(2) भारत में गेहूँ का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य। (उत्तर प्रदेश)
(3) भारत में ज्वार का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य। (महाराष्ट्र)
(4) भारत में बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य। (राजस्थान)
(5) भारत में मक्का का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य। (मध्य प्रदेश)
(6) भारत में मूंगफली का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य। (गुजरात)
(7) भारत में कपास का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य। (महाराष्ट्र)
(8) भारत में पटसन का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य। (पश्चिम बंगाल)
(9) भारत में चाय का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य। (असम)
(10) भारत में कहवा का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य। (कर्नाटक)
(11) भारत में गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य। (उत्तर प्रदेश)
उत्तर:
प्रश्न 2.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में गन्ना उत्पादक क्षेत्र को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 3.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में कपास एवं जूट उत्पादक क्षेत्र को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 4.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में ताँबा अथवा बॉक्साइट के उत्पादक केन्द्रों को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 5.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में लौह अयस्क के क्षेत्र एवं खानों को प्रदर्शित कीजिए। अथवा भारत के राजनीतिक मानचित्र में लौह अयस्क निर्यात पत्तन को प्रदर्शित कीजिए। अथवा भारत के राजनीतिक मानचित्र में मैंगनीज उत्पादक केन्द्रों को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 6.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में निम्नांकित लोहा एवं इस्पात संयंत्रों को प्रदर्शित कीजिए
(1) विजयनगर,
(2) भद्रावती,
(3) सेलम,
(4) भिलाई,
(5) विशाखापत्तनम,
(6) राउरकेला,
(7) बर्नपुर,
(8) जमशेदपुर,
(9) दुर्गापुर,
(10) बोकारो।
उत्तर:
प्रश्न 7.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में सूती वस्त्र उद्योग के महत्त्वपूर्ण केन्द्रों को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 8.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में चीनी उद्योग के महत्त्वपूर्ण केन्द्रों को प्रदर्शित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 9.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में पेट्रो-कैमिकल उद्योग के निम्नांकित केन्द्रों को प्रदर्शित कीजिए-
(1) मोदीनगर,
(2) गाजियाबाद,
(3) कोटा,
(4) वडोदरा,
(5) उधाना,
(6) ठाणे,
(7) मुम्बई,
(8) पिम्परी,
(9) पुणे,
(10) मैटूर,
(11) चेन्नई,
(12) रिसरा,
(13) बरौनी।
उत्तर:
प्रश्न 10.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में निम्नांकित तेल शोधन कारखानों के केन्द्रों को प्रदर्शित कीजिए-
(1) पानीपत,
(2) मथुरा,
(3) जामनगर,
(4) कोयली,
(5) मुम्बई,
(6) मंगलौर,
(7) कोच्चि,
(8) नागापट्टिनम,
(9) चेन्नई,
(10) तांतीपाका,
(11) विशाखापत्तनम,
(12) पारादीप,
(13) बरौनी,
(14) बोंगईगाँव,
(15) गुवाहाटी,
(16) नुमालीगढ़,
(17) डिगबोई।
उत्तर:
प्रश्न 11.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में निम्नांकित सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क के केन्द्रों को इंगित कीजिए
(1) श्रीनगर,
(2) शिमला,
(3) मोहाली (चण्डीगढ़),
(4) जयपुर,
(5) मुम्बई,
(6) पुणे,
(7) बंगलुरु,
(8) मैसूर,
(9) कोयम्बटूर,
(10) हैदराबाद,
(11) नोएडा,
(12) लखनऊ,
(13) कानपुर,
(14) कोलकाता,
(15) गुवाहाटी,
(16) चेन्नई,
(17) विशाखापट्नम।
उत्तर:
प्रश्न 12.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में निम्नांकित को प्रदर्शित कीजिए
(1) गुड़गाँव-दिल्ली मेरठ क्षेत्र,
(2) गुजरात क्षेत्र,
(3) मुम्बई-पुणे क्षेत्र,
(4) बंगलुरु-तमिलनाडु क्षेत्र,
(5) कोलम-तिरुवनंतपुरम क्षेत्र,
(6) छोटा नागपुर क्षेत्र,
(7) हुगली क्षेत्र।
उत्तर:
प्रश्न 13.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में निम्नांकित को प्रदर्शित कीजिए-
(1) स्वर्णिम-चतुर्भुज,
(2) उत्तर-दक्षिण गलियारा,
(3) पूर्व-पश्चिम गलियारा।
उत्तर:
प्रश्न 14.
भारत के राजनीतिक मानचित्र में निम्नांकित समुद्री पत्तनों को प्रदर्शित कीजिए
(1) कांडला,
(2) मुम्बई,
(3) जवाहरलाल नेहरू,
(4) मार्मागाओ,
(5) मंगलौर,
(6) कोच्चि,
(7) तूतीकोरिन,
(8) चेन्नई,
(9) इन्नौर,
(10) विशाखापत्तनम,
(11) पारादीप,
(12) हल्दिया,
(13) कोलकाता।
उत्तर: