UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Mineral and Energy Resources (खनिज तथा ऊर्जा संसाधन)

By | May 29, 2022

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Mineral and Energy Resources (खनिज तथा ऊर्जा संसाधन)

UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Mineral and Energy Resources (खनिज तथा ऊर्जा संसाधन)

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 Text Book Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter पाठ्यपुस्तक से अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए
(i) निम्नलिखित में से किस राज्य में प्रमुख तेल क्षेत्र स्थित हैं
(क) असम
(ख) बिहार
(ग) राजस्थान
(घ) तमिलनाडु।
उत्तर:
(क) असम

(ii) निम्नलिखित में से किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया गया था
(क) कलपक्कम
(ख) नरोरा
(ग) राणाप्रताप सागर
(घ) तारापुर।
उत्तर:
(घ) तारापुर।

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज ‘भूरा-हीरा’ के नाम से जाना जाता है
(क) लौह
(ख) लिग्नाइट
(ग) मैंगनीज
(घ) अभ्रक।
उत्तर:
(ख) लिग्नाइट।

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा ऊर्जा का अनवीकरणीय स्त्रोत है
(क) जल
(ख) सौर
(ग) ताप
(घ) पवन।
उत्तर:
(ग) ताप।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों का उत्तर लगभग 30 शब्दों में दें
(i) भारत में अभ्रक के वितरण का विवरण दें।
उत्तर:
भारत में अभ्रक का वितरण-आन्ध्र प्रदेश भारत का 72 प्रतिशत से भी अधिक अभ्रक उत्पादित करता है। इस राज्य की मुख्य अभ्रक पेटी नैल्लोर जिले में है। अभ्रक उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का दूसरा स्थान है। इस राज्य की प्रमुख अभ्रक पेटी जयपुर से उदयपुर तक विस्तृत है। अभ्रक उत्पादक अन्य राज्य झारखण्ड, बिहार, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा उत्तर प्रदेश हैं।

(ii) नाभिकीय ऊर्जा क्या है? भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केन्द्रों के नाम लिखें।
उत्तर:
नाभिकीय ऊर्जा परमाणु के विखण्डन से प्राप्त ऊर्जा है। यह परमाणु के नाभिक में परिवर्तन लाकर प्राप्त की जाती है। नाभिकीय ऊर्जा के प्रमुख केन्द्र

  • तारापुर (महाराष्ट्र)
  • रावतभाटा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (राजस्थान)
  • कलपक्कम परमाणु ऊर्जा केन्द्र (तमिलनाडु)
  • नरौरा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (उत्तर प्रदेश)
  • कैगा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (कर्नाटक)
  • काकरापारा परमाणु शक्ति केन्द्र (गुजरात)।

(iii) अलौह धातुओं के नाम बताएँ। उनके स्थानिक वितरण की विवेचना करें।
उत्तर:
1. ताँबा – सिंहभूम (झारखण्ड), झुंझुनू (राजस्थान), बालाघाट (मध्य प्रदेश) एवं दुर्ग (छत्तीसगढ़)।
2. बॉक्साइट – ओडिशा, झारखण्ड, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु एवं कर्नाटक राज्य आदि।

(iv) ऊर्जा के अपारम्परिक स्रोत कौन-से हैं?
उत्तर:
ऊर्जा के अपारम्परिक स्रोत निम्नलिखित हैं—बायो गैस, जैव पदार्थ, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, लघु जलविद्युत परियोजनाएँ, सौर फोटोवोल्टाइक ऊर्जा एवं ऊर्जा ग्राम आदि।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 150 शब्दों में दें। (i) भारत के पेट्रोलियम संसाधनों पर विस्तृत टिप्पणी लिखें।
उत्तर:
भारत के पेट्रोलियम संसाधन-भारतीय भू-गर्भ सर्वेक्षण विभाग के अनुमानों के अनुसार भारत में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस (हाइड्रोकार्बन) के कुल भण्डार 17 अरब टन हैं, जिनमें से 75 प्रतिशत अब तक स्थापित हो चुके हैं।
भारत में तेल क्षेत्रों का वितरण
1. उत्तर – पूर्वी प्रदेश-यह ऊपरी असम घाटी, अरुणाचल प्रदेश तथा नागालैण्ड के विशाल क्षेत्र में विस्तृत है। इस क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण उत्पादक डिगबोई, नहरकटिया, मोरान, रुद्रसागर, गालेकी और हुगरीजन हैं।

2. गुजरात प्रदेश – इस प्रदेश के मुख्य उत्पादक अंकलेश्वर, कलोन, नवगाँव, कोसांबा, कठना, बरकोल, मेहसाना, सनंद और ल्यूनेज हैं। सौराष्ट्र के भावनगर से 45 किमी दूर पश्चिम में अलियाबेट द्वीप में भी तेल मिलता है।
UP Board Solutions for Class 12 Geography Chapter 7 Mineral and Energy Resources 1
3. मुम्बई हाई – यह मुम्बई तट के समीप मुम्बई से 176 किमी दूर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यहाँ सन् 1975 में तेल की खोज का कार्य आरम्भ किया गया। यहाँ सागर सम्राट नामक मंच बनाया गया है। अनुमान है कि यहाँ पर 80 करोड़ टन तेल संगृहीत है। मुम्बई हाई के दक्षिण में एक और तेल क्षेत्र बेसीन की खोज हुई है। यहाँ के भण्डार मुम्बई के तेल भण्डारों से बड़े माने जा रहे हैं।

4. पूर्वी तट प्रदेश – यह प्रदेश कृष्णा-गोदावरी और कावेरी की द्रोणियों में विस्तृत है। नारीमनम और कोविलप्पल कावेरी द्रोणी के प्रमुख तेल क्षेत्र हैं।

5. अन्य – राजस्थान के जैसलमेर व बाड़मेर जिलों में भी तेल के भण्डार मिले हैं।

(ii) भारत में जलविद्युत पर एक निबन्ध लिखें।
उत्तर:
भारत में जलविद्युत
सबसे सस्ती विद्युत जलविद्युत है। उसके अलावा जलविद्युत ऊर्जा का नवीकरणीय, स्वच्छ, परिमित्र और सदा रहने वाला स्रोत है।

भारत में प्रथम जलविद्युत केन्द्र सन् 1897 में दार्जिलिंग में शुरू किया गया। इसके बाद सन् 1902 में कर्नाटक में शिवसमुद्रम में जलविद्युत केन्द्र की स्थापना हुई। इसके बाद जम्मू और कश्मीर तथा महाराष्ट्र में जल-विद्युत परियोजनाएं शुरू की गईं। जलविद्युत का वास्तविक विकास आजादी के बाद पंचवर्षीय योजनाओं के लागू होने पर हुआ।

सन् 1947 में देश की कुल जलविद्युत उत्पादन क्षमता 508 मेगावाट. थी जो कि 2006-07 में 34.7 हजार मेगावाट हो गयी। 1950-51 में इसकी भागीदारी 49 प्रतिशत थी, जो कि 2006-07 में घटकर केवल 16.9 प्रतिशत रह गई। देश में ऊर्जा संकट के सन्दर्भ में जलविद्युत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुमान के अनुसार देश में 84,000 मेगावाट जलविद्युत की सम्भावित उत्पादन क्षमता है।

जलविद्युत उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ

  • प्राकृतिक जल प्रपात
  • कृत्रिम जल प्रपात
  • निरन्तर जल प्रवाह
  • उपयुक्त जलवायु
  • स्वच्छ जल
  • उपभोग के लिए माँग
  • पर्याप्त पूँजी आदि।

भारत में जलविद्युत उत्पादन में वृद्धि के लिए राष्ट्रीय जलविद्युत निगम, उत्तर-पूर्व ऊर्जा निगम (नीपको), सतलुज जलविद्युत निगम, टिहरी जलविद्युत विकास निगम, भाखड़ा-व्यास प्रबन्धन बोर्ड तथा दामोदर घाटी निगम की स्थापना की गई है।

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 Other Important Questions

UP Board Class 12 Geography Chapter 7 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

विस्तृत उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
खनिज किसे कहते हैं? खनिज संसाधनों के प्रकारों को समझाइए।
उत्तर:
खनिज का अर्थ – धरातल अथवा भूगर्भ से खोदकर प्राप्त की जाने वाली वस्तुओं को ‘खनिज’ कहा जाता है।

“खनिज प्राकृतिक रूप से मिलने वाले वे कार्बनिक या अकार्बनिक उत्पत्ति वाले पदार्थ होते हैं जिनकी अपनी एक परमाणवीय संरचना, निश्चित रासायनिक संघटन तथा भौतिक गुण-धर्म होते हैं।”
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1. धात्विक खनिज – धात्विक खनिज वे खनिज हैं जिन्हें गलाने से धातु प्राप्त होती हैं; जैसे-लोहा, मैंगनीज, बॉक्साइट, टिन, ताँबा, चाँदी, सोना व जस्ता इत्यादि। ये खनिज आग्नेय व कायान्तरित चट्टानों में मिलते हैं। इन खनिजों से प्राप्त धातुओं को पीटकर या गलाकर विभिन्न आकारों में ढाला जा सकता है।
धात्विक खनिजों के पुन: दो वर्ग हैं

  • लोहयुक्त खनिज-लौह-अयस्क, मैंगनीज, टंगस्टन, निकिल आदि।
  • अलौहयुक्त खनिज-सोना, चाँदी, ताँबा, सीसा, बॉक्साइट, टिन आदि।

2. अधात्विक खनिज – इन खनिजों से धातु प्राप्त नहीं होती। उत्पत्ति के आधार पर अधात्विक खनिज कार्बनिक अथवा अकार्बनिक दोनों प्रकार के हो सकते हैं। ये खनिज अवसादी चट्टानों में पाए जाते हैं।
अधात्विक खनिजों के दो वर्ग हैं

  • अधात्विक कार्बनिक खनिज (ईंधन खनिज)-कोयला, खनिज तेल और प्राकृतिक गैस।
  • अधात्विक अकार्बनिक खनिज (अन्य अधात्विक खनिज)-चूना पत्थर, गन्धक, जिप्सम, अभ्रक, नमक आदि।

प्रश्न 2.
खनिजों की सामान्य विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
खनिजों की सामान्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • प्रायः प्रत्येक खनिज दो अथवा दो से अधिक रासायनिक तत्त्वों से मिलकर बना होता है। उदाहरणत: क्वार्ट्स सिलिकन व ऑक्सीजन से मिलकर बना है।
  • कुछ खनिज एक ही तत्त्व से बने हुए पाए जाते हैं; जैसे-सोना, ताँबा, सीसा, ग्रेफाइट व गन्धक आदि। . .
  • अधिकांश खनिज ठोस, जड़, अजैव अथवा अकार्बनिक होते हैं। केवल कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस जैसे खनिज कार्बनिक पदार्थ हैं जो क्रमश: ठोस, तरल एवं गैस के रूप में पाए जाते हैं।
  • पृथ्वी के आन्तरिक भाग में पाया जाने वाला मैग्मा ही सभी खनिजों का मूल स्रोत है। मैग्मा के ठण्डा होने पर ही खनिजों के क्रिस्टल बनने लगते हैं।
  • खनिजों का नवीकरण हमारी आवश्यकताओं के अनुकूल नहीं हो पाता, क्योंकि इनका निर्माण भूगर्भिक प्रक्रियाओं द्वारा लाखों वर्षों में होता है, अत: इनका संरक्षण अनिवार्य है।
  • खनिज पृथ्वी पर असमान रूप से वितरित हैं।
  • खनिजों की मात्रा व गुण में ऋणात्मक सह-सम्बन्ध पाया जाता है अर्थात् मूल्यवान खनिज अत्यन्त अल्प मात्रा में और कम मूल्यवान खनिज विस्तृत क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

प्रश्न 3.
जलविद्युत उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जलविद्युत उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ निम्नलिखित हैं

  • प्राकृतिक जलप्रपात – जलविद्युत का उत्पादन लगातार ऊँचाई से गिरते जल से होता है। प्राकृतिक जलप्रपात में यह सुविधा निहित है।
  • कृत्रिम जलप्रपात – यदि प्राकृतिक जलप्रपात न हो तो नदियों पर बाँध बनाकर कृत्रिम जलप्रपात बनाकर जलविद्युत तैयार की जा सकती है। ‘
  • निरन्तर जल प्रवाह – जलविद्युत उत्पादन के लिए निरन्तर जल प्रवाह आवश्यक है।
  • उपयुक्त जलवायु – अत्यधिक ठण्डे जलवायु वाले भागों में जल जम सकता है; इसलिए विद्युत बनाने में बाधा उत्पन्न हो सकती है, लेकिन भारत की जलवायु इसके लिए अनुकूल है।
  • स्वच्छ जल – जल में रेत, बजरी इत्यादि से मशीनें खराब हो सकती हैं, अत: स्वच्छ जल होना आवश्यक है।
  • उपभोग के लिए माँग – बिजली का उपभोग उत्पादन के तुरन्त बाद ही होना चाहिए; इसलिए उपभोग के क्षेत्र समीप होने चाहिए।
  • पर्याप्त पूँजी-इसके लिए पर्याप्त पूँजी की आवश्यकता होती है। बड़ी-बड़ी परियोजनाओं के निर्माण, में अत्यधिक पूँजी होनी चाहिए।

प्रश्न 4.
खनिज संसाधनों के संरक्षण के उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
खनिज संसाधनों के संरक्षण के उपाय निम्नलिखित हैं
(1) खनिजों को भू-गर्भ से निकालने, साफ करने व गलाने की तकनीक जितनी अधिक सक्षम होगी, खनिज हमें उतनी ही अधिक मात्रा में उपलब्ध होंगे। संसाधन उपयोग के परम्परागत तरीकों के परिणामस्वरूप बड़ी मात्रा में अपशिष्ट के साथ-साथ अन्य पर्यावरणीय समस्याएँ भी उत्पन्न होती हैं।

(2) धात्विक खनिजों के मामले में स्क्रैप या कबाड़ धातुओं का उपयोग धातुओं का पुनर्चक्रण सम्भव करेगा। इससे ताँबा, सीसा व जस्ते जैसी धातुओं का बोझ कम होगा जिनके भारत में भण्डार पर्याप्त हैं।

(3) अत्यल्प धातुओं के स्थान पर यदि हम प्रतिस्थापनों का उपयोग करें तो हम उनकी खपत को घटा सकते हैं।

(4) सामरिक और अत्यल्प खनिजों के निर्यातों को भी घटाया जाना चाहिए ताकि वर्तमान आरक्षित भण्डारों का लम्बे समय तक प्रयोग किया जा सके।

(5) धातुओं को उनके प्राकृतिक क्षरण की प्रक्रिया से सुरक्षा होने पर इनका संरक्षण हो सकता है। धातुओं से बनी वस्तुओं व उपकरणों पर पेण्ट, ग्रीस, तेल का उपयोग करके उनका जीवन बढ़ाया जा सकता है।
(6) हमें ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों, जो असमाप्य हैं, पर अपनी निर्भरता बढ़ानी होगी। वे स्रोत हैं-सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा व भू-तापीय ऊर्जा।

(7) उद्योगों का विद्युतीकरण करने से भी जीवाश्म ईंधन को बचाया जा सकता है।

(8) संसाधनों की मितव्ययिता को हर व्यक्ति को अपनी जीवन-शैली का अंग बनाना होगा।

लघ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
लौहयुक्त खनिज एवं अलौहयुक्त खनिज में अन्तर को समझाइए।
उत्तर:
लोहयुक्त खनिज – जिन खनिजों में लौह अंश पाया जाता है, उन्हें ‘लौहयुक्त धात्विक खनिज’ कहा जाता है। इनके प्रमुख उदाहरण लौह-अयस्क, मैंगनीज, टंगस्टन, निकिल इत्यादि हैं।

अलौहयुक्त खनिज – इन खनिजों में लौह अंश नहीं पाया जाता। इनके मुख्य उदाहरण सोना, चाँदी, ताँबा, सीसा, बॉक्साइट, टिन व मैगनीशियम इत्यादि हैं।

प्रश्न 2.
भारत में खनिजों का अन्वेषण करने वाले संस्थानों के नाम लिखिए।
उत्तर:
भारत में खनिजों की छानबीन तथा उनके स्रोतों का पता लगाने का कार्य निम्नलिखित संस्थान करते हैं

  • जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया (GSI)
  • ऑयल एण्ड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC)
  • मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉर्पोरेशन लि. (MECL)
  • नेशनल मिनरल डेवलपमेण्ट कॉर्पोरेशन (NMDC)
  • इण्डियन ब्यूरो ऑफ माइन्स (IBM)
  • भारत गोल्ड माइन्स लि० (BGML)
  • हिन्दुस्तान कॉपर लि० (HCL)
  • नेशनल ऐलुमीनियम कम्पनी लि० (NALCO) एवं
  • विभिन्न राज्यों के खनन एवं भूगर्भशास्त्र विभाग।

प्रश्न 3.
लोहे को आर्थिक उन्नति का बैरोमीटर क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
लोहा, आर्थिक उन्नति का बैरोमीटर-सुई, कील, बर्तन, चाकू व छुरियों जैसे रोजमर्रा की सामान्य वस्तुओं से लेकर भारी-भरकम मशीनों, मशीनी औजारों, भवनों व कारखानों के निर्माण तथा रेलगाड़ियों, जहाजों व परिवहन और संचार के सभी साधनों में लोहे का प्रयोग होता है। लोहे के बिना आधुनिक जीवन-शैली की कल्पना भी सम्भव नहीं। उपर्युक्त सभी कारणों की वजह से लोहे को आर्थिक उन्नति का बैरोमीटर कहा जाता है।

प्रश्न 4.
लोहे का प्रयोग अन्य धातुओं की तुलना में अधिक किए जाने के क्या कारण हैं? अथवा लोहा धातु की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
लोहा धातु की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • लोहा भारी, कठोर, सबल व टिकाऊ होता है।
  • यह अधिक मात्रा में सुलभ होने के कारण सस्ता भी है।
  • घातवर्ध्यता के गुण से युक्त होने के कारण लोहे को चादरों के रूप में ढाला व तारों के रूप में खींचा जा सकता है।
  • लोहे में अन्य धातुएँ मिलाकर मिश्रधातुएँ बनाई जाती हैं जो लोहे से भी कठोर साबित होती हैं।
  • लोहे का चक्रीय उपयोग सम्भव है।

प्रश्न 5.
लोहे के प्रकारों को समझाइए।
उत्तर:
लोहे के प्रकार-लोहांश की मात्रा के आधार पर लौह-अयस्क चार प्रकार के होते हैं

  • मैग्नेटाइट – यह काले रंग का सर्वोत्तम चुम्बकीय लौह-अयस्क होता है। इसमें धातु का अंश 72 प्रतिशत तक होता है।
  • हैमेटाइट – इसमें धातु का अंश 60 से 70 प्रतिशत तक होता है। यह अयस्क लाल व भूरे रंग का होता है।
  • लिमोनाइट – इस पीले या बादामी रंग के अयस्क में लोहे का अंश 40 से 60 प्रतिशत तक होता है।
  • सिडेराइट – यह निम्न श्रेणी का अयस्क है। इसका रंग भूरा व राख के समान होता है। इसमें लोहे की मात्रा 48 प्रतिशत तक होती है।

प्रश्न 6.
मैंगनीज के उपयोग को समझाइए।
उत्तर:
मैंगनीज के उपयोग – युद्धक टैंक के लिए, तोप के गोलों से भी न टूटने वाली इस्पात की चादर बनानी हो या आपकी प्रात:कालीन चाय के लिए चीनीमिट्टी का मनमोहक प्याला बनाना हो, दोनों ही दशाओं में मैंगनीज की आवश्यकता होती है। इसका सर्वाधिक उपभोग इस्पात बनाने में किया जाता है। बिजली का सामान, काँच, ब्लीचिंग पाउडर, दवाएँ, सूखी बैटरी, सोने के आभूषणों पर मीना करने के लिए, वार्निश तथा रसायन उद्योगों में मैंगनीज का उपयोग होता है, अत: इसे ‘बहु उपयोगी’ या ‘Jack Mineral’ भी कहते हैं।

प्रश्न 7.
बॉक्साइट के उपयोग को समझाइए।
उत्तर:
बॉक्साइट के उपयोग – बॉक्साइट एक ऐसा कच्चा पदार्थ है जिससे ऐलुमीनियम बनाया जाता है। भार में हल्की होने के कारण ऐलुमीनियम का वायुयान निर्माण में खूब प्रयोग किया जाता है। ऐलुमीनियम का प्रयोग रेल के डिब्बे, मोटर तथा कार बनाने के लिए भी किया जाता है। वर्तमान में तो इसका प्रयोग बिजली की तारें, बर्तन तथा वैज्ञानिक यन्त्र व उपकरण बनाने में भी होने लगा है।

प्रश्न 8.
ताँबे के गुण/उपयोगिता/महत्त्व को समझाइए।
उत्तर-:
ताँबे के गुण/उपयोगिता/महत्त्व – ताँबा एक अत्यन्त उपयोगी अलौह धातु है। विद्युत का उत्तम चालक होने के कारण ताँबे का प्रयोग मोटरों, ट्रांसफार्मरों तथा जनरेटरों जैसे विद्युत उपकरणों तथा टेलीफोन एवं टेलीग्राफ उपकरणों के निर्माण में किया जाता है। इसके बर्तन व सिक्के भी बनाए जाते हैं। आभूषणों को सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए ताँबे को स्वर्ण के साथ भी मिलाया जाता है। ताँबा एक मिश्रधातु योग्य, आघातवर्ध्य तथा तन्य धातु है।

प्रश्न 9.
धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज में अन्तर समझाइए।
उत्तर:
धात्विक खनिज और अधात्विक खनिज में अन्तर

क्र० सं० धात्विक खनिज अधात्विक खनिज
1. इन खनिजों को गलाने से धातु प्राप्त होती है। इन खनिजों को गलाने से धातु प्राप्त नहीं होती है।
2. ये खनिज आग्नेय व कायान्तरित चट्टानों में पाए जाते हैं। ये खनिज अवसादी चट्टानों में पाए जाते हैं।
3. ये खनिज चोट मारने से टूटते नहीं हैं। 

उदाहरण – लोहा, मैंगनीज, बॉक्साइट, टिन, ताँबा, सोना, चाँदी व जस्ता आदि।

ये खनिज चोट मारने से टूट जाते हैं। 

 

उदाहरण – चूना पत्थर, जिप्सम, गन्धक, अभ्रक, नमक आदि।

प्रश्न 10.
तापविद्युत की विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
तापविद्युत की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं

  • तापविद्युत कोयला, डीजल अथवा परमाणु ऊर्जा से तैयार की जाती है।
  • ये साधन समाप्य साधन हैं, इसी कारण अधिक खर्चीले हैं।
  • ये पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं।
  • तापविद्युत संयन्त्र कोयला अथवा परमाणु ऊर्जा के संसाधनों के समीप ही बनाए जाते हैं।

प्रश्न 11.
जलविद्युत के लक्षणों को समझाइए।
उत्तर:
जलविद्युत के लक्षण (विशेषताएँ) निम्नलिखित हैं

  • जलविद्युत एक असमाप्य संसाधन है।
  • यह प्रदूषणरहित है।
  • यह कम खर्चीला साधन है।
  • यह नदियों पर बाँध बनाकर तैयार की जाती है।

प्रश्न 12.
पेट्रोलियम के उपयोग व महत्त्व को समझाइए।
उत्तर:
पेट्रोलियम का उपयोग एवं महत्त्व – पेट्रोलियम का अधिकांश उपयोग मोटरवाहनों, रेल और वायुयानों के अन्तर-दहन को चलाने के लिए किया जाता है। इसके अनेक सह-उत्पाद, पैट्रो-रसायन उद्योगों; जैसे कि उर्वरक, स्नेहकों, कृत्रिम रबड़, कृत्रिम रेशे, दवाइयाँ, वैसलीन, मोम, साबुन व सौन्दर्य प्रसाधनों के निर्माण में उपयोग में लाए जाते हैं।

प्रश्न 13.
खनिज तेल (पेट्रोलियम) की उत्पत्ति को समझाइए।
उत्तर:
खनिज तेल (पेट्रोलियम) की उत्पत्ति – खनिज तेल टर्शियरी युग की बालू और चूने की अवसादी शैलों में उसी तरह विद्यमान रहता है जैसे स्पंज में जल। करोड़ों वर्षों तक बड़ी मात्रा में कीचड़, मिट्टी और बालू आदि में वनस्पति एवं जीवों के दबे रहने, उन पर गर्मी, दबाव, रसायन, जीवाणु और रेडियो-सक्रियता आदि क्रियाओं के प्रभाव के फलस्वरूप खनिज तेल की उत्पत्ति होती है।

प्रश्न 14.
जैव ऊर्जा पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
जैव ऊर्जा — जैविक उत्पादों से प्राप्त की जाने वाली ऊर्जा को जैव ऊर्जा कहा जाता है। जैविक उत्पादों में कृषि अवशेष, नगरपालिका द्वारा एकत्रित अवशेष, औद्योगिक तथा अन्य अपशिष्ट शामिल होते हैं। जैव-ऊर्जा ऊर्जा परिवर्तन का सम्भावित स्रोत है। इसे बिजली, ताप ऊर्जा अथवा खाना बनाने के लिए प्रयुक्त गैस में परिवर्तित किया जा सकता है।

अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
खनिज किसे कहते हैं?
उत्तर:
धरातल अथवा भू-गर्भ से खोदकर प्राप्त की जाने वाली वस्तुओं को ‘खनिज’ कहा जाता है।

प्रश्न 2.
धात्विक खनिज किसे कहते हैं?
उत्तर:
धात्विक खनिज वे खनिज हैं जिन्हें गलाने से धातु प्राप्त होती है; जैसे—लोहा, मैंगनीज, बॉक्साइट, ताँबा आदि।

प्रश्न 3.
लौहयुक्त खनिज से आपका क्या आशय है?
उत्तर:
जिन खनिजों में लौह अंश पाया जाता है, उन्हें ‘लौहयुक्त धात्विक खनिज’ कहा जाता है; जैसे-लौह-अयस्क, मैंगनीज, टंगस्टन, निकिल आदि।

प्रश्न 4.
अलौहयुक्त खनिज क्या है?
उत्तर:
जिन खनिजों में लौह अंश नहीं पाया जाता है, उन्हें ‘अलौहयुक्त खनिज’ कहा जाता है, जैसे-सोना, चाँदी, ताँबा, सीसा आदि।

प्रश्न 5.
अधात्विक खनिज क्या है?
उत्तर:
वे खनिज जिनसे धातु प्राप्त नहीं होती ‘अधात्विक खनिज’ कहलाते हैं; जैसे-कोयला, खनिज तेल और प्राकृतिक गैस आदि।

प्रश्न 6.
धात्विक व अधात्विक खनिज के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
धात्विक खनिज के उदाहरण

  • लौह-अयस्क
  • मैंगनीज।

अधात्विक खनिज के उदाहरण

  • चूना पत्थर
  • अभ्रक।

प्रश्न 7.
कार्बनिक एवं अकार्बनिक अधात्विक खनिज के दो-दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
कार्बनिक अधात्विक खनिज के उदाहरण

  • कोयला
  • खनिज तेल।

अकार्बनिक अधात्विक खनिज के उदाहरण

  • चूना पत्थर
  • अभ्रक।

प्रश्न 8.
लौह-अयस्क के प्रकार बताइए।
उत्तर:
लौह-अयस्क के प्रकार

  • मैग्नेटाइट
  • हैमेटाइट
  • लिमोनाइट एवं
  • सिडेराइट।

प्रश्न 9.
‘Jack Mineral’ किसे और क्यों कहा जाता है?
उत्तर:
‘Jack Mineral’ मैंगनीज को उसके बहुआयामी गुण के कारण कहा जाता है।

प्रश्न 10.
बॉक्साइट से क्या बनाया जाता है?
उत्तर:
बॉक्साइट से ऐलुमीनियम बनाया जाता है।

प्रश्न 11.
अभ्रक का उपयोग बताइए।
उत्तर:
अभ्रक का उपयोग मुख्यतः विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में किया जाता है।

प्रश्न 12.
परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना कब की गई?
उत्तर:
परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना अगस्त 1948 में की गई।

प्रश्न 13.
GAIL का पूरा नाम बताइए।
उत्तर:
‘Gas Authority of India Ltd.’

प्रश्न 14.
जैव ऊर्जा क्या है?
उत्तर:
जैविक उत्पादों से प्राप्त की जाने वाली ऊर्जा ‘जैव ऊर्जा’ कहलाती है।

प्रश्न 15.
भू-तापीय ऊर्जा किसे कहते हैं?
उत्तर:
भू-गर्भ में विद्यमान ऊर्जा की अपार राशि को ‘भू-तापीय ऊर्जा’ कहते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
अलौहयुक्त खनिज का उदाहरण है
(a) सोना
(b) चाँदी
(c) ताँबा
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 2.
खनिजों का अन्वेषण करने वाला संस्थान है
(a) GSI
(b) MECL
(c) NMDC
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 3.
अधात्विक खनिज है
(a) नमक
(b) अभ्रक
(c) जिप्सम
(d) ये सभी।
उत्तर:
(d) ये सभी।

प्रश्न 4.
भारीपन, कठोरता, सबलता व टिकाऊपन आदि किस खनिज का गुण है
(a) लौह-अयस्क
(b) मैंगनीज
(c) ताँबा
(d) बॉक्साइट।
उत्तर:
(a) लौह-अयस्क।

प्रश्न 5.
सर्वश्रेष्ठ किस्म का लौह-अयस्क है
(a) मैग्नेटाइट
(b) हैमेटाइट
(c) लिमोनाइट
(d) सिडेराइट।
उत्तर:
(a) मैग्नेटाइट।

प्रश्न 6.
कोयले की संचित राशि तथा उत्पादन दोनों ही दृष्टि से देश का कौन-सा राज्य प्रथम स्थान पर है
(a) झारखण्ड
(b) छत्तीसगढ़
(c) बिहार
(d) ओडिशा।
उत्तर:
(a) झारखण्ड।

प्रश्न 7.
तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग का स्थापना वर्ष है
(a) सन् 1956
(b) सन् 1958
(c) सन् 1960
(d) सन् 1962
उत्तर:
(a) सन् 1956

प्रश्न 8.
परमाणु ऊर्जा संस्थान की स्थापना कब की गई.
(a) सन् 1954
(b) सन् 1956
(c) सन् 1960
(d) सन् 1963
उत्तर:
(a) सन् 1954

प्रश्न 9.
जैविक उत्पाद है
(a) कृषि अवशेष
(b) नगरपालिका द्वारा एकत्रित अवशेष
(c) औद्योगिक अपशिष्ट
(d) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(d) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 10.
बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है
(a) ओडिशा
(b) झारखण्ड
(c) आन्ध्र प्रदेश
(d) कर्नाटक।
उत्तर:
(a) ओडिशा।

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