UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi सन्धि

By | June 2, 2022

UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi सन्धि

UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi सन्धि

परिभाषा
दो शब्दों के पास आने पर पहले शब्द के अन्तिम वर्ण और दूसरे शब्द के प्रथम वर्ण अथवा दोनों में आए विकार अर्थात् परिवर्तन को सन्धि कहते हैं।
जैसे- हिम + आलय = हिमालय
सत् + जनः = सज्जनः आदि।

सन्धि के भेद
सन्धि के तीन भेद होते हैं, जो निम्न हैं

1. स्वर सन्धि

परिभाषा स्वर का स्वर के साथ मेल को स्वर सन्धि कहते हैं। इसके निम्नलिखित भेद हैं।
1. दीर्घ सन्धि (सूत्र अकः सवर्णे दीर्घः) इस सन्धि में पूर्व पद का अन्तिम और उत्तर पद का प्रथम वर्ण समान होने पर दोनों मिलकर दीर्घ स्वर हो जाता है।
जैसे-
UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi सन्धि img 1

⇒ ध्यान दें उक्त सन्धियों में निर्दिष्ट नियम है-अकः सवर्ण दीर्घः

2. गुण सन्धि (सुत्र आदगुणः) इस सन्धि में पूर्व पद के अन्त में अ/आ तथा उत्तर पद का प्रथम वर्ण इ/ई, ऊ, ऋ, कोई हो, तो दोनों के स्थान पर क्रमशः ए, ओ, अर्, अल् हो जाता है।
जैसे-
UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi सन्धि img 2
⇒ ध्यान दें उक्त सन्धियों में निर्दिष्ट नियम है- आद्गुणः।

3. वृद्धि सन्धि (सूत्र वृदिरेचि) इस सन्धि में पूर्व पद का अन्तिम वर्ण अ/आ तथा उत्तर पद का प्रथम वर्ण ए/ए, ओ हो, तो दोनों वर्गों के स्थान पर क्रमशः है। • तथा औं हो जाता है।
जैसे-
UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi सन्धि img 3
⇒  ध्यान दें उक्त सन्धियों में निर्दिष्ट नियम है- वृद्धिरेचि।

4. यण सन्धि (सूत्र इकोयणचि) इस सन्धि में इ/ई, उऊ, ऋ/लू किसी भी वर्ण के बाद असमान वर्ण आने पर दोनों मिलकर क्रमशः य, व, र, ल हो जाते हैं।
UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi सन्धि img 8
UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi सन्धि img 4
⇒ ध्यान दें उक्त सन्धियों में निर्दिष्ट नियम है-इकोयणचि।

5. अयादि सन्धि (सूत्र एचोऽयवायावः) इस सन्धि में ए, ओ, ऐ, औं में से किसी भी वर्ण के बाद कोई स्वर आए तो ये वर्ण क्रमशः अय्, अव्, आयू, आद् में बदल जाते हैं।
जैसे-
हरे + ए = (हर् + ए + ए) = हर् + अय् + ए = हरये
ने + अनम् = (न् + ए + अनम्) = न् + अय् + अनम् = नयनम् (2018, 10)
शे + अनम् = (श् + ए + अनम्) = श् + अय् +अनम् = शयनम् (2015, 12)
नै + अकः = (न् + ऐ + अकः) + न् + आय् + अकः = नायकः (2013, 12, 10)
पौ + अकः = (प् + आ + अकः) = प् + आ + अकः = पावकः (2018, 13, 12, 10)
पो + अनः = (प् + आ + अनः) = प् + अय् + अनः = पवनः (2018, 14)
नौ + इकः = (न् + औ + इकः) = _ + आ + इकः = नाविकः (2014, 13, 12)
गै + अकः = (गु + ऐ + अकः) = ग् + आय् + अकः = गायकः (2013, 10)
पौ + अनम् = (१ + औ + अनम्) = १ + आ + अनम् = पावनम् (2018, 14)
भों + अनम् = (भू + ओ + अनम्) = + + अ + अनम् = भवनम् (2014)
⇒ ध्यान दें उक्त सन्धियों में निर्दिष्ट नियम हैं-एचोऽयवायावः।

6. पूर्वरूप सन्धि (सूत्र एङ पदान्तादति) इस सन्धि के अन्तर्गत पूर्व पद के अन्त में एड् = ‘ए’ अथवा ‘ओ’ रहने तथा दूसरे पद के प्रारम्भ में ‘अ’ के आने पर ‘अ’ का लोप हो जाता है और पूर्वरूप हुए ‘अ’ को दर्शाने के लिए अवग्रह (5) का प्रयोग किया जाता है।
जैसे-
ग्राम + अपि = ग्रामेऽपि (इस ग्राम में भी) (2014, 12)
देवो + अपि = देवोऽपि (देवता भी) (2018, 02)
हरे + अत्र = हरेऽत्र (हे हरि! रक्षा कीजिए)। (2012)
विष्णो + अव = विष्णोऽब (हे विष्णु! रक्षा कीजिए) (2013, 12, 11)
हरे + अव = हरेऽव (हे हरि! रक्षा कीजिए) (2013, 12, 11)
पुस्तकालये + अस्मिन् = पुस्तकालयेऽस्मिन् (इस पुस्तकालय में) विद्यालये + अस्मिन = विद्यालयेऽस्मिन् (2018)
⇒ ध्यान दें उक्त सन्धियों में निर्दिष्ट नियम है-एङ पदान्तादति।
विशेष

  1. पद से तात्पर्य धातु के लकार एवं शब्द के विभक्ति में बने रूप से है।
  2. पूर्वरूप सन्धि अयादि सन्धि का अपवाद है।

7. पररूप सन्धि (सूत्र एङि पररूपम्) इस सन्धि के अन्तर्गत अकारान्त उपसर्ग के बाद ए = ए अथवा ओं से प्रारम्भ होने वाली धातुओं के आने पर उपसर्ग का अ अपने बाद वाले ए अथवा ओं में बदल जाता है।
जैसे-
प्र + एजते = प्रेजत (अधिक काँपता है) (2018, 14, 13, 12)
उप + औषति = उपौषति (जलता है) (2018, 14, 13, 19)
⇒ ध्यान दें उक्त सन्धियों में प्रयुक्त नियम है-एड़ि पररूपम्।
विशेष पररूप सन्धि वृद्धि सन्धि का अपवाद है।

2. व्यंजन सन्धि
परिभाषा व्यंजन का स्वर अथवा व्यंजन के साथ मेल को व्यंजन सन्धि कहते हैं। इसके निम्नलिखित भेद हैं, जो निम्न हैं।

1. श्चुत्व सन्धि (सूत्र स्तोः श्चुना श्चुः) इस सन्धि के अन्तर्गत सकार या तवर्ग (त्, थ, ६, ७, न्) के बाद शकार अथवा चवर्ग (चु, छ, ज, झू, ,) के आने पर सकार शकार में और तवर्ग क्रम से चवर्ग में बदल जाता है।
जैसे-
निस् + छलम् = निश्छलम् (2011)
निस् + चय = निश्चय हरिस् + शेते = हरिश्शेते (2013, 12, 11, 10)
सत् + चित् = सच्चित् (2014, 13)
सत् + चयनम् = सच्चयनम् (2012, 11, 10)
कस् + चित् = कश्चित् सत् + चरितम् = सच्चरितम् (2018)
⇒ ध्यान दें उक्त सन्धियाँ स्तोः बुना श्वुः नियम पर आधारित हैं।।

2. ष्टुत्व सन्धि (सूत्र ष्टुनाष्टुः) इस सन्धि के नियमानुसार सकार (स्) अथवा तवर्ग (त्, थ, द, ध, न ) के बाद षकार (७) अथवा वर्ग (द्, ठ, ड, ढ, ण ) के आने पर सकार धकार में और तवर्ग क्रमशः टबर्ग में बदल जाता है।
जैसे–
रामस् + धष्ठः = रामष्य: (2014, 12)
रामस् + टीकते = रामष्टीकते (2018, 11)
पैष् + ता = पेष्टा तत् + टीका = तट्टीका (2014, 13, 12)
चक्रिन + दौकसे = चक्रिण्ढौकसे (2012)
उत् + ड्यनम् = उड्डयनम्
⇒ ध्यान दें उपर्युक्त सन्धियाँ ष्टुनाष्टुः नियम पर आधारित हैं।

3. जश्त्व सन्धि (सूत्र झलां जश् झशि) इस सन्धि के नियमानुसार झल् वर्णो अर्थात् अन्तःस्थ (य, र्, ल्, व्), शल् (श, ष, स, ह) तथा अनुनासिक व्यंजन के अतिरिक्त आए अन्य व्यंजन के बाद झश् (किसी वर्ग का तीसरा अथवा चौथा वर्ण) के आने पर प्रथम व्यंजन झल्, जश् (उसी वर्ग का तीसरा वर्ण ज्, ग्, ड्, द्, ब्) में बदल जाता है।
जैसे-
सिध् + धिः = सिद्धिः (2018, 14, 12)
दध् + धा = दोग्ध। (2015, 13, 12, 11)
योध् + धा = योद्धा (2014, 12)
लभ् + धः = लब्धः (2014, 12)
दुधः + धम् = दुग्धम्।
⇒ ध्यान दें उक्त सन्धियों में निर्दिष्ट नियम है-झलां जश् झशि।

4. घर्त्य सन्धि (सूत्र खरि च) इस सन्धि के नियमानुसार झलू प्रत्याहार वर्णो (य्, र्, ल्, व्, ड्, ञ्, ण्, न्, म् के अतिरिक्त अन्य व्यंजन अर्थात् वर्ग के प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ वर्ण तथा श्, धू, स्, इ) के पश्चात् खर् प्रत्याहार वर्ण (वर्ग के प्रथम, द्वितीय वर्ण तथा शू, धू, सू) के आने पर प्रथम व्यंजन झलू प्रत्याहार, घर प्रत्याहार (वर्ग के प्रथम वर्ण अर्थात् क्, च्, ट्, त्, प्) में बदल जाता है।
जैसे-
सम्पद् + समयः = सम्पत्समयः (2018, 13)
विपद् + काल = विपत्काल (2014, 12)
ककुभ् + प्रान्तः = ककुप्रान्तः (2012)
उद् + साहः = उत्साहः
⇒ ध्यान दें उक्त सन्धियों में निर्दिष्ट नियम है-खरि च।

5. लत्व सन्धि (सूत्र तोलिं) इस सन्धि के नियमानुसार तवर्ग (त्, थ्, द्, ध्, न्) के पश्चात् ल के आने पर तंवर्ग परसवर्ण ल में बदल जाता है। उल्लेखनीय है। कि न के पश्चात् ल के आने पर न् अनुनासिक लै में बदल जाता है।
जैसे-
उत् + लेखः = उल्लेख: (2018, 14, 12, 11, 10)
उद् + लिखितम् = उल्लिखितम् (2012)
तत् + लयः = तल्लयः विद्वान् + लिखति = विद्वान्लिखति (2012)
⇒  ध्यान दें उक्त सन्धियाँ तोर्लि नियम पर आधारित हैं।

6. अनुस्वार सन्धि (सूत्र मोऽनुस्वारः) इस सन्धि के नियमानुसार पदान्त म् (विभक्तियुक्त शब्द के अन्त का मू) के पश्चात् किसी व्यंजन के आने पर म् अनुस्वार (-) में बदल जाता है।
जैसे-
गृहम् + गच्छ = गृहंगच्छ (2018)
गृहम् + गच्छति = गृहं गच्छति (2013)
धनम् + जय = धनञ्जय (2014)
हरिम् + वन्दे = हरि बन्दै (2000)
दुःखम् + प्राप्नोति = दुःखं प्राप्नोति
⇒ ध्यान दें उक्त सन्धियों में निर्दिष्ट नियम है-मोऽनुस्वारः।

7. परसवर्ण सन्धि (सूत्र अनुस्वारस्य ययि परसवर्णः) इस सन्धि के नियमानुसार पद के मध्य अनुस्वार के पश्चात् श्, ष्, स्, हू के अतिरिक्त किसी व्यंजन के आने पर अनुस्वार आने वाले वर्ग के पाँचवें वर्ण में बदल जाता है।
जैसे-
सम् + धिः = सन्धिः
त्वम् + करोषि = त्वङ्करोषि = त्वं करोषि (2012)
नगरम् + चलति = नगरचलति = नगरं चलति
रामम् + नमामि = रामन्नमामि = रामं नमामि
सम् + नद्ध = सन्नद्धः (2018)
⇒ ध्यान दें उक्त सन्धियों में निर्दिष्ट नियम है– अनुस्वारस्य ययि परसवर्णः।

3. विसर्ग सन्धि

परिभाषा विसर्ग का स्वर अथवा व्यंजन के साथ मेल को विसर्ग सन्धि कहते हैं। इसके निम्नलिखित भेद हैं-
1. सत्व सन्धि (सूत्र विसर्जनीयस्य सः) इस सन्धि में विसर्ग के पश्चात् खर् प्रत्याहार वर्गों के प्रथम वर्ण, द्वितीय वर्ण तथा शु, ष, स् के आने पर विसर्ग स् में बदल जाता है।
जैसे-
नमः + ते = नमस् + ते = नमस्ते
गौः + चरति = गौस् + चरति = गौश्चरति (2014, 12)
पूर्णः + चन्द्रः = पूर्णस् + चन्द्रः = पूर्णश्चन्द्रः (2018, 13, 12)
हरिः + चन्द्रः = हरिस् + चन्द्रः = हरिश्चन्द्रः (2014, 10)
हरिः + चरति = हरिस् + चरति = हरिश्चरति (2013, 10)
⇒ ध्यान दें उक्त सन्धियों में निर्दिष्ट नियम है-विसर्जनीयस्य सः।
विशेष उपर्युक्त प्रथम उदाहरण को छोड़कर शेष सभी उदाहरण स् और चवर्ग का मेल होने से श्चुत्व सन्धि के ‘स्तोः श्चुनी श्चुः’ नियम पर भी आधारित है।’

2. रुत्व सन्धि (सूत्र 1 ससजुषोः रुः) इस सन्धि के नियमानुसार पदान्त सू एवं सजु शब्द का ष् रू ()र् में बदल जाता है। (सूत्र 2 खरवसानयोर्विसर्जनीय) पदान्त र के पश्चात् खर् प्रत्याहार के किसी वर्ण के आने अथवा न आने पर है विसर्ग में बदल जाता है।
जैसे-
सजु = सजुर् = सजुः।
कवेः + आभावात् = कवेरभावात् (2013)
रामस् = राम = रामः
रामस् + पठति = राम + पठति = रामः पठति

3. उत्त सन्धि (सूत्र 1 अतोरोरप्लुतादप्लुते) स् के स्थान पर आए र के पूर्व अ एवं पश्चात् में अ अथवा (सूत्र 2 हशि च) हश् प्रत्याहार के किसी वर्ण (वर्ग तृतीय, चतुर्थ, पंचम के वर्षों एवं य, र, ल, व, ह) के आने पर १ छ में बदल जाता है।
जैसे- सस् + अपि = सर् + अपि = स + उ + अपि = सो + अपि = सोऽपि (2013)
शिवस् + अर्थ्यः = शिबर् + अर्व्यः = शिव + उ + अर्व्यः = शिव + अर्ध्यः = शिवोऽर्थ्यः (2012)
रामस् + अस्ति = रामर् + अस्ति = राम + उ + अस्ति = राम + अस्ति = रामोऽस्ति
बालकस् + अति = बालक + अपि = बालक + उ । अपि = बालको + अपि = बालकोऽपि

4. विसर्ग लोप (सुत्र 1 रोरि) विसर्ग अथवा र बाद र के आने पर प्रथम र् का लोप हो जाता है। (सूत्र 2 ठूलोपे पूर्वस्य दीर्घाs:) पूर्ववर्ती र के पहले अ, इ, उ के आने पर वे दीर्घ हो जाते हैं।
जैसे-
गौः + रम्भते = गौर् + रम्भते = गौरम्भते (2012)
हरेः + रमणम् = हरेर् + रमणम् = हरेरमणम् (2012)
हरिः + रम्यः = हरिर् + रम्यः = रम्यः (2012)
पुनः + रमते = पुनर् + रमते = पुनारमते (2014, 12)
भानुः + राजते = भानुर् + राजते = भानुराजते।

बहविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘नयनम्’ का सन्धि विच्छेद होगा। (2018)
(क) ने + अन्नम्।
(ख) नय + नम्।
(ग) नै + अनम्
(घ) नय + अनम् प्रश्न

प्रश्न 2.
‘पावनः’ का सन्धि विच्छेद होगा। (2018)
(क) पाव + अनः
(ख) पो + अनः
(ग) पौ + अनमः
(घ) पद + अनः प्रश्न

प्रश्न 3.
उत् + लेख’ की सन्धि होगी। (2018)
(क) उत्लेख
(ख) उद्लेख
(ग) उज्लेख
(घ) उल्लेख प्रश्न

प्रश्न 4.
‘प्रेजतेः’ में सन्धि है। (2018)
(क) गुण सन्धि
(ख) पररूप सन्धि
(ग) पूर्वरूप सन्धि
(घ) अयादि सन्धि

प्रश्न 5.
‘नायक’ का सन्धि विच्छेद होगा (2018, 16)
(क) नै + अकः
(ख) नाय + अकः
(ग) नाय + क
(घ) नौ + अक:

प्रश्न 6.
‘तद् + लीन’ की सन्धि होगी। (2016)
(क) तल्लीनः
(ख) तलीनः
(ग) तल्लिनः
(घ) तद्दीनः

प्रश्न 7.
‘रमयागच्छ’ का सन्धि विच्छेद होगा। (2016)
(क) रमें + आगछ
(ख) रमा + आगच्छ
(ग) राम + आगच्छ
(घ) रमया + गछ

प्रश्न 8.
‘नश्चलति’ का सन्धि विच्छेद होगा
(क) नरस् + चलति
(ख) नरश् + चलति
(ग) नर् + सचलि
(घ) न + चलति

प्रश्न 9.
‘विद्वान् + लिखति’ की सन्धि है। (2016)
(क) विद्वन्लिखति।
(ख) विद्वांलिखति
(ग) विद्वाल्लिखति
(घ) विद्वांलिखति

प्रश्न 10.
‘पुनारमते’ में सन्धि है। (2016)
(क) रोरि
(ख) खरि च
(ग) विसर्जनीयस्य सः
(घ) ष्टुना ष्टुः

प्रश्न 11.
‘पौ + इत्रम्” की सन्धि है। (2016)
(क) पवित्र
(ख) पवित्रम्
(ग) परित्राण
(घ) परित्रम्

प्रश्न 12,
‘विष्णोऽव’ का सन्धि विच्छेद होगा (2016)
(क) विष्णु + अव
(ख) विष्णु + इव
(ग) विष्णो + अव
(घ) विष्णों + आव

प्रश्न 13.
‘इत्यादि का सन्धि विच्छेद होगा (2017, 16)
(क) इति + आदि
(ख) इत्य + आदि
(ग) इत्या + दि
(घ) इत् + यदि

प्रश्न 14.
‘पौ + अकः’ की सन्धि है (2018, 17, 16)
(क) पोअकः
(ख) पावकः
(ग) पावाकः
(घ) पौवाकः

प्रश्न 15.
‘गुरो + अनु’ की सन्धि हैं। (2016)
(क) गुरवनु
(ख) गुरोऽनु
(ग) गुरावनु
(घ) गुरोरनु

प्रश्न 16.
‘पशवश्चरन्ति’ में सन्धि हैं। (2016)
(क) हशि च
(ख) रोरि
(ग) विसर्जनीयस्य सः
(घ) खर च

प्रश्न 17.
ससजुषोः रुः सन्धि है (2015)
(क) अरिस् + गच्छति
(ख) प्रभुः + चलति
(ग) बालकः + याति
(घ) शिवः + अपि

प्रश्न 18.
‘पुत्रस् + षष्ठः’ की सन्धि है। (2015)
(क) पुत्रस्षष्ठः
(ख) पुत्रोषष्ठः
(ग) पुत्रर्षष्ठः
(घ) पुत्रष्षष्ठः

प्रश्न 19.
‘दोग्धा’ का सन्धि-विच्छेद होगा (2015, 12, 11)
(क) दोग् + धा
(ख) दो + ग्धा
(ग) दोध् + धा
(घ) दोक + धा।

प्रश्न 20.
‘सज्जनः’ का सन्धि-विच्छेद होगा (2018, 13, 12, 11)
(क) सत् + जनः
(ख) सद् + जनः
(ग) सज्ज + नः
(घ) सज़ + जनः

प्रश्न 21.
‘उज्ज्वल’ का सन्धि-विच्छेद है (2014)
(क) उद् + ज्वल
(ख) उर् + ज्वल
(ग) उज् + ज्वल
(घ) उस् + ज्वल

प्रश्न 22.
विसर्जनीयस्य सः सन्धि है (2014)
(क) शिया + अस्ति
(ख) रामः + गच्छति
(ग) हरिः + भाति
(घ) चन्द्रः + चकोर:

प्रश्न 23.
‘निस + छलम्’ की सन्धि है (2011)
(क) निस्छलम्
(ख) निष्छलम्
(ग) निश्छलम्
(घ) निलम्

प्रश्न 24.
‘तत् + चौरः’ की सन्धि हैं। (2018, 11)
(क) तदचौरः
(ख) तचौरः
(ग) तच्छौरः
(घ) तच्चौरः

प्रश्न 25.
‘एचोऽयवायावः’ सन्धि है। (2014)
(क) उप + ओषति
(ख) नौ + इकः
(ग) रामस् + च
(घ) तत् + टीका

प्रश्न 26.
अयादि सन्धि है। (2011)
(क) ने + अनम्
(ख) नय + नम
(ग) यदि + अपि
(घ) सत् + चित्

प्रश्न 27.
‘विष्णो + अत्र’ की सन्धि होगी
(क) विष्ण्वत्र
(ख) विष्णवत्र
(ग) विष्पावत्र
(घ) विष्णोऽत्र

प्रश्न 28.
‘प्रभुश्चलति’ का सन्धि-विच्छेद है। (2011)
(क) प्रभुः + चलति
(ख) प्रभु + चलति
(ग) प्रभो + चलति
(घ) प्रभा + चलति

प्रश्न 29.
‘झलां जशु झशि’ सन्धि है। (2011)
(क) लब्धम्
(ख) रामष्षष्ठः
(ग) सत्कारः
(घ) रामश्च

प्रश्न 30.
पररूप सन्धि है। (2011)
(क) प्रभो + अत्र
(ख) प्र + एजते
(ग) देव + आलयः
(घ) प्रति+ उदारः।

प्रश्न 31.
विसर्ग सन्धि है। (2011)
(क) समस्तरति
(ख) सिद्धिः
(ग) पुस्तकालयः
(घ) नयनम्

प्रश्न 32.
‘रामावग्रतः’ का सन्धि-विच्छेद है।
(क) राम + अग्रतः
(ख) रामौ + अग्रतः
(ग) राम + अग्रतः
(घ) रामे + अग्न

प्रश्न 33.
‘पूर्णश्चन्द्रः’ में कौन-सी सन्धि है? (2018, 15)
(क) रोरि
(ख) वृद्धिरेचि
(ग) वीसर्जनीयस्य सः
(घ) पररूपम्

प्रश्न 34.
‘विष्णवे’ का सन्धि-विच्छेद होगा (2018, 13, 12)
(क) विष्णु + वे
(ख) विष्णोः + ए
(ग) विष्णु+ए
(घ) विष्णो +ए।

प्रश्न 35.
अयादि सन्धि है
(क) सत् + चित्त
(ख) प्र + एजते
(ग) पौ + अकः
(घ) योघ् + धा।

प्रश्न 36.
‘सः + अक्षरः’ की सन्धि होगी। (2015)
(क) साक्षरः
(ख) सोऽक्षरः
(ग) साक्षरः
(घ) सःक्षर

प्रश्न 37.
‘लू + आकृतिः’ की सन्धि होगी (2015)
(क) लाकृतिः
(ख) लुकृति
(ग) अकृतिः
(घ) लआकृति

प्रश्न 38.
‘वधूत्सवः’ में सन्धि है। (2015)
(क) यण्
(ख) पूर्वरूप
(ग) अयादि
(घ) दीर्घ

प्रश्न 39.
चर्व सन्धि (खरि च) है। (2011)
(क) दोघ् + धा
(ख) उद् + कीर्णः
(ग) मत् + चित्ते
(घ) हरिम् + वन्दै

उत्तर
1. (क) 2. (ग) 3. (घ) 4. (ख) 5. (क) 6. (क) 7. (क) 8. (क) 9. (घ) 10. (ख) 11. (ख) 12. (ग) 13. (क) 14. (ख) 15. (ख) 16. (ग) 17. (क) 18. (घ) 19. (ग) 20. (क) 21. (ख) 22. (घ) 23. (ग) 24. (घ) 25. (ख) 26. (क) 27. (घ) 28. (क) 29. (क) 30. (ख) 31. (क) 32. (ख) 33. (ग) 34. (घ) 35. (ग) 36. (ग) 37. (क) 38. (घ) 39. (ख)

सूत्रों की व्याख्या पर आधारित प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
‘एचायवायाव: सूत्र का सादाहरण| व्याख्या ||जए!
उत्तर:
यदि ए, ओ, ऐ, औ में से किसी भी वर्ण के बाद कोई स्वर आए तो ये वर्ण क्रमशः अय्, अ, आयु, आव् में बदल जाते हैं;
जैसे–
ने + अनम् = नयनम्: पौ + अकः = पावकः, कलौ + इव = कलाविव (2018)

प्रश्न 2.
‘एछ पदान्तादति’ (अथवा पूर्वरूप) सूत्र की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यदि पूर्व पद के अन्त में ए और ओ में से कोई वर्ण रहे और उसके बाद दूसरे पद में अ आए तो अ का लोप हो जाता है और उसके स्थान पर अवग्रह (5) लिखा जाता है।
जैसे—विष्णो + अव = विष्णोऽव; देवो + अपि = देवोऽपि

प्रश्न 3.
‘एहि पररूपम्’ सूत्र की सोदाहरण परिभाषा लिखिए।
उत्तर:
यदि अकारान्त उपसर्ग के पश्चात् ए अथवा ओ से प्रारम्भ होने वाली धातु आए तो उपसर्ग का अ अपने बाद वाले ए अथवा ओ में बदल जाता हैं ।
जैसे—प्र + एजते = प्रेजते, उप + ओषति = उपोषति

प्रश्न 4.
‘स्तोः श्चुना श्चुः सूत्र की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यदि सकार या तवर्ग के बाद शकार अथवा चवर्ग का कोई वर्ण आए तो। सकार (स्) शकार (श) में तथा तवर्ग क्रमानुसार चवर्ग में बदल जाता है।
जैसे-सत् + चरितम् = सच्चरितम्, हरिस् + शेते = हरिश्शेते

प्रश्न 5.
‘टुनाष्टुः सूत्र की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यदि सकार अथवा तवर्ग के किसी वर्ण के बाद षकार अथवा वर्ग का कोई वर्ण आए तो सकार (स्) षकार (७) में तथा तवर्ग क्रमशः टवर्ग में बदल जाता है;
जैसे—रामस् + टीकते = रामष्टीकते, तत् + टीका = तट्टीका

प्रश्न 6.
‘झलां जश् झशि’ सूत्र की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यदि झल् वर्षों (य्, र, ल, व्, श, ष, स्, ह तथा अनुनासिक व्यंजनों को छोड़कर आए अन्य व्यंजन) के बाद झश् (वर्ग का तीसरा या चौथा वर्ण) आए तो प्रथम व्यंजन झलू जश् (उसी वर्ग का तीसरा वर्ण जु, बु, गु, डू, ६) में बदल जाता है;
जैसे—योध् + धा = योद्धा, दुधः + धम् = दुग्धम्।

प्रश्न 7.
‘तोर्लि’ सूत्र की सोदाहरण व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यदि तवर्ग के किसी वर्ण के पश्चात् ल आए तो तवर्ग परसवर्ण ले में बदल जाता है;
जैसे-उत् + लेखः = उल्लेखः, तद् + लयः = तल्लयः

प्रश्न 8.
‘मोऽनुस्वारः सूत्र की सोदाहरण परिभाषा लिखिए। (2013, 10)
उत्तर:
यदि पदान्त म् के पश्चात् कोई व्यंजन आए तो म् अनुस्वार हो जाता है;
जैसे—कृष्णाम् + बन्दे = कृष्णं वन्दे, गृहम् + गच्छति = गृहं गच्छति।

प्रश्न 9.
‘विसर्जनीयस्य सः’ सूत्र की सोदाहरण व्याख्या कीजिए। (2013, 10)
उत्तर:
यदि विसर्ग के पश्चात् खर् प्रत्याहार का कोई वर्ण (वर्गों का प्रथम, द्वितीय एवं श्, ५, स्) आए तो विसर्ग स् में बदल जाता है;
जैसे—नमः + ते = नमस्ते, नर: + चलति = नरश्चलति

प्रश्न 10.
‘रोरि’ सूत्र की सोदाहरण व्याख्या कीजिए। (2010)
उत्तर:
यदि विसर्ग अथवा के पश्चात् र आए तो विसर्ग अथवा प्रथम र का लोप हो जाता है तथा प्रथम र के पूर्व अ, इ, उ में से किसी के रहने पर वह दीर्घ हो जाता है;
जैसे-हरि + रम्यः = हरिर् + रम्यः = हरीरम्यः
पुन + रमते = पुनर् + रमते = पुनारमते

प्रश्न 11.
निम्नलिखित शब्दों का सन्धि-विच्छेद करते हुए सन्धि के नियम/नाम का उल्लेख कीजिए।
UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi सन्धि img 9
UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi सन्धि img 5
UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi सन्धि img 7
We hope the UP Board Solutions for Class 12 Sahityik Hindi सन्धि help you.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *