UP Board Solutions for Class 12 Samanya Hindi कथा भारती Chapter 2 पंचलाइट

By | June 1, 2022

UP Board Solutions for Class 12 Samanya Hindi कथा भारती Chapter 2 पंचलाइट

UP Board Solutions for Class 12 Samanya Hindi कथा भारती Chapter 2 पंचलाइट

 

UP Board Solutions for Class 12 Samanya Hindi कथा भारती Chapter 2 पंचलाइट (फणीश्वरनाथ ‘रेणु’)

प्रश्न 1
पंचलाइट कहानी का सारांश अपने शब्दों में लिखिए। [2009, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18]
उत्तर
‘पंचलाइट’ रेणु जी की आंचलिक कहानी है। कहानी में बिहार के एक पिछड़े गाँव के परिवेश का सुन्दर चित्रण प्रस्तुत किया गया है।
महतो टोली में अशिक्षित लोग हैं। उन्होंने रामनवमी के मेले से पेट्रोमेक्स खरीदा, जिसे वे ‘पंचलैट’ कहते हैं। ‘पंचलाइट’ को ये सीधे-सादे लोग सम्मान की चीज समझते हैं। पंचलाइट को देखने के लिए टोली के सभी बालक, औरतें और मर्द इकट्ठे हो जाते हैं। सरदार अपनी पत्नी को आदेश देता है कि शुभ कार्य को करने से पहले वह पूजा-पाठ का प्रबन्ध कर ले। सभी उत्साहित हैं, परन्तु समस्या उठती है कि ‘पंचलैट’ जलाएगा कौन ? सीधे-सादे लोग पेट्रोमैक्स को जलाना भी नहीं जानते।।

इस टोली में गोधन नाम का एक युवक है। वह गाँव की मुनरी नामक एक युवती से प्रेम करता है। मुनरी की माँ ने पंचों से गोधन की शिकायत की थी कि वह उसके घर के सामने से सिनेमा का गाना गाकर निकलता है। इस कारण पंचों ने उसे जाति से निकाल रखा है। मुनरी को पता है कि गोधन पंचलाइट जला सकता है। वह चतुराई से यह बात पंचों तक पहुँचा देती है। पंच गोधन को पुन: जाति में ले लेते हैं। वह ‘पंचलाइट’ को जला देता है। मुनरी की माँ गुलरी काकी प्रसन्न होकर गोधन को शाम के भोजन का निमन्त्रण देती है। पंच भी अति उत्साहित होकर गोधन को कह देते हैं-“तुम्हारा सात खून माफ। खूब गाओ सलीमा का गाना।” पंचलाइट की रोशनी में लोग भजन-कीर्तन करते हैं तथा उत्सव मनाते हैं।

कहानी का कथानक सजीव है। सीधे-सादे अनपढ़ लोगों की संवेदनाओं को वाणी देने में रेणु जी समर्थ रहे हैं। इस कहानी में आंचलिक जीवन की सजीव झाँकी प्रस्तुत की गयी है।

प्रम2
कथावस्तु के आधार पर ‘पंचलाइट’ कहानी की समीक्षा कीजिए।
या
‘पंचलाइट’ का कथानक लिखिए तथा उसके उद्देश्य पर प्रकाश डालिए। ‘पंचलाइट’ कहानी के उद्देश्य को स्पष्ट कीजिए। [2010, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18]
या
‘पंचलाइट’ कहानी के कथानक की विवेचना कीजिए। [2018]
या
कहानी-कला के आधार पर पंचलाइट कहानी के कथानक पर प्रकाश डालिए।
उत्तर
फणीश्वरनाथ रेणु जी हिन्दी-जगत् के सुप्रसिद्ध आंचलिक कथाकार हैं। अनेक जनआन्दोलनों से वे निकट से जुड़े रहे, इस कारण ग्रामीण अंचलों से उनका निकट का परिचय है। उन्होंने अपने पात्रों की कल्पना किसी कॉफी हाउस में बैठकर नहीं की, अपितु वे स्वयं अपने पात्रों के बीच रहे हैं। बिहार के अंचलों के सजीव चित्र इनकी कथाओं के अलंकार हैं। ‘पंचलाइट’ भी बिहार के आंचलिक परिवेश की कहानी है। कहानी-कला की दृष्टि से इस कहानी की समीक्षा (विशेषताएँ) निम्नवत् है-

(1) शीर्षक-कहानी का शीर्षक ‘पंचलाइट’; एक सार्थक और कलात्मक शीर्षक है। यह शीर्षक संक्षिप्त और उत्सुकतापूर्ण है। शीर्षक को पढ़कर ही पाठक कहानी को पढ़ने के लिए उत्सुक हो जाता है। ‘पंचलाइट’ का अर्थ है ‘पेट्रोमैक्स’ अर्थात् ‘गैस की लालटेन’। शीर्षक कथा का केन्द्रबिन्दु है।

(2) कथानक-महतो टोली के सरपंच पेट्रोमैक्स खरीद लाये हैं, परन्तु इसे जलाने की विधि वहाँ कोई नहीं जानता। दूसरे टोले वाले इस बात का मजाक बनाते हैं। महतो टोले का एक व्यक्ति पंचलाइट जलाना जानता है और वह है-‘गोधन’, किन्तु वह जाति से बहिष्कृत है। वह ‘मुनरी’ नाम की लड़की का प्रेमी है। उसकी ओर प्रेम की दृष्टि रखने के कारण ही पंच उसे बिरादरी से बहिष्कृत कर देते हैं। मुनरी इस बात की चर्चा करती है कि गोधन पंचलाइट जलाना जानता है। इस समय जाति की प्रतिष्ठा का प्रश्न है, अत: गोधन को पंचायत में बुलाया जाता है। वह पंचलाइट को स्पिरिट के अभाव में गरी के तेल से ही जला देता है। अब न केवल गोधन पर लगे सारे प्रतिबन्ध हट जाते हैं वरन् उसे मनोनुकूल आचरण की भी छूट मिल जाती है। पंचलाइट की रोशनी में गाँव में उत्सव मनाया जाता है। प्रस्तुत कहानी में कहानीकार ने यह सिद्ध करने का प्रयास किया है कि आवश्यकता किसी भी बुराई को अनदेखा कर देती है। कथानक संक्षिप्त, रोचक, सरल, मनोवैज्ञानिक, आंचलिक और यथार्थवादी है। कौतूहल और गतिशीलता के अलावा इसमें मुनरी तथा गोधन का प्रेम-प्रसंग बड़े स्वाभाविक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।

(3) उद्देश्य–इस कहानी के द्वारा रेणु जी ने अप्रत्यक्ष रूप से ग्राम-सुधार की कोशिश की है। उन्होंने ग्रामीण अंचल का वास्तविक चित्र खींचा है। गोधन के द्वारा ‘पेट्रोमैक्स’ जलाने पर उसकी सभी गलतियाँ माफ कर दी जाती हैं तथा उसे मनोनुकूल आचरण की छूट भी मिल जाती है जिससे स्पष्ट है, कि आवश्यकता बड़े-से-बड़े रूढ़िगत संस्कार और परम्परा को व्यर्थ साबित कर देती है। इस प्रकार पंचलाइट जलाने की समस्या और उसके समाधान के माध्यम से कहानीकार फणीश्वरनाथ रेणु जी ने ग्रामीण मनोविज्ञान का सजीव चित्र उपस्थित कर दिया है। ग्रामवासी जाति के आधार पर किस प्रकार टोलियों में विभक्त हो जाते हैं और आपस में ईष्र्या-द्वेष युक्त भावों से भरे रहते हैं इसका बड़ा ही सजीव चित्रण इस कहानी में हुआ है। रेणु जी ने यह भी दर्शाया है कि भौतिक विकास के इस आधुनिक युग में भी भारतीय गाँव और कुछ जातियाँ कितने अधिक पिछड़े हुए हैं। कहानी के माध्यम से रेणु जी ने अप्रत्यक्ष रूप से ग्राम-सुधार की प्रेरणा भी दी है।

प्रश्न 3
पंचलाइट कहानी के प्रमुख पात्र का चरित्रांकन कीजिए। [2016]
उत्तर
‘पंचलाइट’ फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ की एक आंचलिक कहानी है। यह कहानी ग्रामीण जीवन पर आधारित है। इसमें ग्रामवासियों की मन:स्थिति की वास्तविक झलक देखने को मिलती है। गोधन इस कहानी का एक मुख्य पात्र है, जिसे समाज के लोग बहिष्कृत कर देते हैं। गोधन के चरित्र की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं–

(1) योग्य युवक-‘गोधन’ ‘पंचलाइट’ कहानी का एक ऐसा पात्र है जो अशिक्षित होते हुए भी योग्य है। पेट्रोमैक्स जलाने के कार्य को उसकी बिरादरी का कोई भी व्यक्ति नहीं जानता, परन्तु वह उसे जला देता है।
(2) गुणवान-गोधन अशिक्षित होते हुए भी गुणवान् है। उसके इसी गुण के कारण टोले का सरदार उसकी सभी गलतियों को माफ कर देता है तथा उसे फिर से अपने टोले में सम्मिलित कर लेता है।
(3) विवेकी–गोधन अशिक्षित अवश्य है; किन्तु वह विवेकी है। पेट्रोमैक्स जलाने के लिए जब स्पिरिट उपलब्ध नहीं थी तो उसने ‘गरी’ के तेल से ही पेट्रोमैक्स को जला दिया था।
(4) वर्ग-भेद से दूर-गोधन और मुनरी परस्पर स्नेह रखते हैं। गोधन जाति-पाँति, ईष्र्या-द्वेष आदि के चक्कर में नहीं पड़ता। वह मानवीय गुणों का समर्थक है। उसके लिए सभी व्यक्ति एकसमान हैं।
(5) निडर-गोधन में निडरता का गुण भी है। वह गाने गाकर तथा आँख मटकाकर मुनरी के प्रति अपने प्रेम को प्रकट कर देता है।
अतः कहा जा सकता है कि गोधन ग्रामीण परिवेश में पलने-बढ़ने वाला उपर्युक्त गुणों से युक्त एक आदर्श लड़का है।

प्रश्न 4.
आंचलिक कहानी से आप क्या समझते हैं? पंचलाइट कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ प्रथम कथाकार हैं, जिन्होंने अपनी रचनाओं में आंचलिकता को स्थान दिया है। ‘अंचल’ किसी निश्चित भू-भाग को कहते हैं। वहाँ के निवासियों का रहन-सहन, वेशभूषा, रीति-रिवाज तथा लोक-संस्कृति का दर्शन उस आंचलिक रचना में होता है। रेणु जी से पूर्व यह शब्द केवल उपन्यासों में प्रयुक्त होता था। आंचलिकता के समावेश से इनकी कहानियाँ सजीव और मार्मिक होने के साथ-साथ ग्रामीण अंचलों की सम्पूर्ण तस्वीर भी पाठक के समक्ष प्रस्तुत करती हैं। ‘पंचलाइट’ कहानी बिहार के ग्रामीण वातावरण को पाठकों के समक्ष साकार करती है। डॉ० देवराज उपाध्याय के अनुसार-‘किसी प्रदेश विशेष का यथातथ्य और बिम्बात्मक वर्णन ही आंचलिकता है।”

‘रेणु’ की ‘पंचलाइट’ कहानी पूर्ण रूप से आंचलिक है। यह बिहार के ऐसे विशेष भाग से सम्बन्धित है, जो अभी अशिक्षित है, रूढ़िवादी और बौद्धिक चेतनाहीन है।

इस कहानी में बिहार के ग्रामीण भू-भाग की सामाजिक परिस्थितियों पर प्रकाश डाला गया है तथा गाँव में अलग-अलग टोली बनाना, उनका आपस में वैमनस्य होना, एक-दूसरे की खिल्ली उड़ाना, झूठी शान-शौकत का दिखावा करना तथा रूढ़िवादिता आदि का सफल चित्रण करके वास्तविक स्थिति का परिचय दिया गया है।

कहानी में प्रयुक्त ग्रामीण शब्दावली ने पूर्ण रूप से इसे आंचलिक बना दिया है। रोजमर्रा बोले जाने वाले शब्द, अंग्रेजी शब्दों का बिगड़ा रूप और पंचलाइट जलने पर उसकी जय-जयकार करना ग्रामवासियों के भोलेपन और स्वच्छ हृदय को प्रदर्शित करता है।

We hope the UP Board Solutions for Class 12 Samanya Hindi कथा भारती Chapter 2 पंचलाइट (फणीश्वरनाथ ‘रेणु’) help you.

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