UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 13 अमर शहीद भगत सिंह के पत्र (मंजरी)
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 13 अमर शहीद भगत सिंह के पत्र (मंजरी)
महत्त्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या
आज ………………………… रहेगी।
संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के अमर शहीद भगतसिंह के पत्र’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक भगत सिंह हैं।
प्रसंग – बलिदान से एक दिन पहले भगत सिंह ने अपने कैदी साथियों को जो अंतिम पत्र लिखा, यहाँ उसी का वर्णन है।
व्याख्या – क्रान्तिकारी भगत सिंह ने लिखा है कि अगर मुझे फाँसी नहीं हुई, तो सभी के सामने मेरी कमजोरी प्रकट हो जाएगी और क्रान्ति का प्रतीक चिह्न कमजोर हो जाएगा या समाप्त हो जाएगा, अर्थात् हर व्यक्ति बलिदान देने की भावना को त्यागकर केवल जीने की इच्छा में लगा रहेगा। मेरी कामना है कि मैं दिलेर बनकर हँसते-हँसते फाँसी पर चढ़े, जिससे हिन्दुस्तान की माताएँ अपने बच्चों को भगत सिंह बनाने की इच्छा करेंगी, अर्थातू वे चाहेंगी कि हमारे बच्चे भी भगत सिंह के समान हों, जिससे देश में स्वाधीनता के लिए बलिदान देने वालों की अधिकता हो जाएगी; फलतः क्रान्ति को रोक पाना ब्रिटिश साम्राज्य या किसी भी शैतानी शक्ति की क्षमता से बाहर हो जाएगा। वे हमारा कुछ नहीं बिगाड़ पाएँगे।
प्रश्न-अभ्यास
कुछ करने को –
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।
विचार और कल्पना
प्रश्न 1.
भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर सन् 1907 ई० को हुआ तथा उन्हें फाँसी 23 मार्च सन् 1931 ई० को दी गयी। बताइए कि वे कुल कितने समय जीवित रहे ?
उत्तर :
भगत सिंह का जन्म 28 सितम्बर 1907 को हुआ था और उन्हें फाँसी 23 मार्च 1931 को हुई। इस प्रकार वे कुल 23 वर्ष, 5 महीने और 25 दिन जीवित रहे।
प्रश्न 2.
विद्यार्थी स्वयं करें।
पत्र से
प्रश्न 1.
भगत सिंह ने अपने पत्र में माँ के लिए क्या संदेश भेजा?
उत्तर :
भगत सिंह ने अपने पत्र में माँ के लिए संदेश भेजा कि घबराने की कोई बात नहीं, घबराने से कुछ मिलता भी नहीं।
प्रश्न 2.
भगत सिंह किस शर्त पर जिन्दा रह सकते थे?
उत्तर :
भगत सिंह ने इस शर्त पर जिन्दा रहने की इच्छा प्रकट की कि मैं कैदी या पाबन्द होकर जीना नहीं चाहता।
प्रश्न 3.
भगत सिंह हँसते-हँसते फाँसी क्यों चढ़ना चाहते थे?
उत्तर :
भगत सिंह चाहते थे कि हिन्दुस्तानी माताएँ अपने बच्चों को भगत सिंह बनने की आरजू करें, इसलिए वह हँसते-हँसते फाँसी पर चढ़ना चाहते थे।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
‘क्रान्तिकारी दल’ में ‘दल’ संज्ञापद है। ‘दल’ की विशेषता बताने वाला शब्द ‘क्रान्तिकारी’ विशेषण है। निम्नांकित शब्दों को पढ़िए और विशेषणपदों को चुनकर लिखिए (लिखकर)
उत्तर :
विशेषण पद – प्राणघातक, दृढ़, अन्तिम, शैतानी, हिन्दुस्तानी।
प्रश्न 2.
पाँचों प्रकार के योजक चिहून युक्त एक-एक अन्य उदाहरण दीजिए (उदाहरण देकर)
(क) भाई-बहन
(ख) बड़ी-बड़ी, शनैः-शनैः
(ग) राष्ट्र-गोन
(घ) लम्बा-सा
(ङ) हल्के-से-हल्के, कोई-न-कोई
प्रश्न 3.
‘बेचैन’ में ‘बे’ उपसर्ग लगा है। इसी प्रकार ‘प्र’ उपसर्ग की सहायता से ‘प्रबल’ शब्द बनाया गया है। ‘बे’ और ‘प्र’ उपसर्ग से बने दो-दो शब्द लिखिए (लिखकर) –
उत्तर :
- बे – बेशर्म, बेकार
- प्र – प्रकार, प्रसार
इसे भी जानें – ‘इन्कलाब जिन्दाबाद’ -भगत सिंह.
नोट – विद्यार्थी यह भगत सिंह का नारा था ध्यान से पढ़ें।
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