UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2 महर्षि दधीचि (महान व्यक्तिव)

By | May 28, 2022

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2 महर्षि दधीचि (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 2 महर्षि दधीचि (महान व्यक्तिव)

पाठ का सारांश

देवासुर संग्राम चल रहा था। असुर देवातओं से लड़ रहे थे; क्योंकि वे अपना प्रभुत्व चाहते थे। वे अत्याचारी थे। देवताओं ने देवराज इन्द्र को जीत का उपाय पूछने ब्रह्मा जी के पास भेजा। ब्रह्मा जी बोले, “हे देवराज! त्याग की शक्ति के बल पर असम्भव कार्य भी सम्भव हो जाते हैं। नैमिषारण्य वन में महर्षि दधीचि ने तपस्या और साधना से अपार शक्ति जुटा ली है। उनकी अस्थियों से बने वज्रास्त्र से असुरों की हार निश्चित है।”

महर्षि दधीचि को देवासुर संग्राम की जानकारी थी। वे देवताओं की विजय चाहते थे। इन्द्र ने उनके पास पहुँचकर उनकी अस्थियों से बने वज्रास्त्र की आवश्यकता बताई, जिससे वृत्रासुर का वध किया जा  सके। महर्षि ने इस कार्य को पूरा करने के लिए स्वयं को धन्य समझा और योगमाया से अपना शरीर त्याग दिया। महर्षि दधीचि की अस्थियों से बने वज्र से वृत्रासुर मारा गया। देवताओं की जीत हुई।

महान है, महर्षि दधीचि का त्याग। नैमिषारण्य में प्रतिवर्ष फाल्गुन मास में उनकी स्मृति में मेले का आयोजन होता है।

अभ्यास

प्रश्न 1.
दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

(क) असुर देवताओं से क्यों लड़ रहे थे?
उत्तर :
असुर अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए देवताओं से लड़ रहे थे।

(ख) देवताओं को महर्षि दधीचि की अस्थियों की आवश्यकता क्यों पड़ी?
उत्तर :
महर्षि दधीचि की अस्थियों से बने वज्रास्त्र से वृत्रासुर का वध निश्चित था। इस कारण देवताओं को महर्षि दधीचि की अस्थियों की आवश्यकता पड़ी।

(ग) अस्थियाँ माँगे जाने पर दधीचि ने क्या सोचा?
उत्तर :
अस्थियाँ माँगे जाने पर दधीचि ने स्वयं को धन्य समझा।

(घ) नैमिषारण्य में प्रतिवर्ष फाल्गुन माह में मेला क्यों लगता है? |
उत्तर :
नैमिषारण्य में प्रतिवर्ष फाल्गुन माह में मेला महर्षि दधीचि की स्मृति में लगता है।

प्रश्न 2.
पाठ की घटनाओं को सही क्रम दीजिए।

(क) देवताओं और असुरों में युद्ध छिड़ना।
(ख) इंद्र का महर्षि दधीचि के पास जाना।
(ग) इंद्र का ब्रह्मा जी से असुरों पर विजय के बारे में उपाय पूछना।
(घ) इंद्र का ब्रह्मा जी के पास जाना।
(ङ) दधीचि की अस्थियों से वज्र बनाया जाना।
(च) वृत्रसुर का संहार।
(छ) महर्षि दधीचि की प्राण त्यागना।

उत्तर :

(क) देवताओं और असुरों में युद्ध छिड़ना।
(घ) इन्द्र का ब्रह्मा जी के पास जाना।
(ग) इन्द्र का ब्रह्मा जी से असुरों पर विजय के बारे में उपाय पूछना।
(ख) इन्द्र का महर्षि दधीचि के पास जाना।
(छ) महर्षि दधीचि को प्राण त्यागना।
(ङ) दधीचि.की अस्थियों से वज्र, बनाया जाना।
(च) वृत्रासुर का संहार।।

प्रश्न 3.
जनमानस की भलाई के लिए महर्षि दधीचि ने अपने प्राण त्याग दिए। त्याग का यह एक अनूठा उदाहरण है। आप के समक्ष भी कभी-कभी ऐसी स्थितियाँ आती हैं, तब आप क्या करेंगे? यदि –

(क) आपके किसी साथी के पास किताब खरीदने के लिए पैसे न हों।
(ख) आपको स्कूल जाने के लिए देर हो रही हो, और घर में खाना तैयार न हो।
(ग) दो लोग आपस में झगड़ा कर रहे हों।
(घ) कोई व्यक्ति सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचा रहा हो।

नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 4.
“त्याग मानव का सर्वोपरि गुण है” इस पर शिक्षक/शिक्षिका से चर्चा कर दस वाक्य लिखिए।
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

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