UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 3 मूर्खसेवकः (लङ्लकारः) (अनिवार्य संस्कृत)
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 3 मूर्खसेवकः (लङ्लकारः) (अनिवार्य संस्कृत)
एकस्मिन नगरे ……………………………. दूरतः एव त्याज्याः
हिन्दी अनुवाद – किसी नगर में एक राजा था। उसके राजमहल में कई जानवर और पशु थे। वे सब राजा की सेवा किया करते थे। उन पशुओं में एक बन्दर भी था; जो राजा का प्रिय था। एक बार की बात है, राजा सोया था। वह बन्दर उसे पंखा झल रहा था; हठात् एक मक्खी आकर राजा की नाक पर बैठ गई। बन्दर बार-बार उसे पंखे से उड़ा देता; तथापि वह वहीं आकर बैठ जाती। इससे बन्दर को बहुत गुस्सा आया। उसने मक्खी को मारने के लिए तलवार चला दी। मक्खी तो उड़ गई; लेकिन राजा की नाक कट गई; फलतः मूर्ख सेवकों को अपने से दूर ही रखना अर्थात् त्याग देना चाहिए।
अभ्यास
प्रश्न 1.
उच्चारण करें –
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।
प्रश्न 2.
एक पद में उत्तर दें –
(क) कस्य भवने पशवः आसन्?
(ख) कः पशुः राज्ञः प्रियः आसीतू?
(ग) नृपस्य नासिकायाः उपरि का उपाविशत्?
(घ) वानरः कां हन्तुं खड्गेन प्रहारम् अकरोत?
(ङ) कस्य नासिका छिन्ना अभवतू?
उत्तर :
(क) नृपस्य।
(ख) वानरः।
(ग) मक्षिका।
(घ) मक्षिकां।
(ङ) नृपस्य।
प्रश्न 3.
पाठ के उचित शब्दों से रिक्त स्थानों की पूर्ति करें (पूर्ति करके) –
(क) एकस्मिन् नगरे एकः नृपः आसीत् ।
(ख) एकदा नृपः सुप्तः आसीत् ।
(ग) मक्षिका पुनः-पुनः आगत्य तत्रैव अतिष्ठत् ।
(घ) मूर्खसेवकाः दूरतः एव त्याज्याः ।
(ङ) वानरः व्यजनेन नृपमू अवीजयतू ।
प्रश्न 4.
प्रश्न 5.
इस पाठ में प्रयुक्त ‘लङ्लकार’ के रूपों को ढूंढ़कर लिखें।
उत्तर :
पाठ में प्रयुक्त ललकार के रूप- आसीत्, आसन्, अकुर्वन्, अभवत्, अवीजयत्, उपाविशत्, न्यवारयत्, अतिष्ठत्, अकरोत्, अगच्छत् ।
शिक्षण-संकेत –
नोट – विद्यार्थी पुस्तक में दिए गए परिशिष्ट और शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।
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