UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 31 सुभाषचंद्र बोस (महान व्यक्तिव)
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 31 सुभाषचंद्र बोस (महान व्यक्तिव)
पाठ का सारांश
सुभाषचंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, सन् 1897 ई. में उड़ीसा के कटक में हुआ था। इनके पिता का नाम जानकी नाथ बोस एवं माता का नाम प्रभावती देवी था। मात्र 15 वर्ष की आयु में इन्हों विवेकानंद साहित्य का पूर्ण अध्ययन कर लिया था। बी.ए. की परीक्षा सन् 1919 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। पिता की इच्छा थी कि सुभाष आई. सी. एस. बने। पिता की इच्छा पूर्ण करने इंग्लैंड चले गए। तथा सन् 1920 में आई. सी. एस. (भारतीय सिविल सेवा) परीक्षा उत्तीर्ण कर वरीयता सूची में चौथा स्थान प्राप्त किया। कुछ दिनों बाद नौकरी छोड़कर उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को समर्पित कर दिया।
सुभाषचंद्र बोस की क्रांतिकारी गतिविधियों से आतंकित अंग्रेजी सरकार ने सन् 1925 में उन्हें गिरफ्तार कर म्यांमार के मांडले जेल भेज दिया। सन् 1930 में जेल में रहते हुए उन्हें कोलकाता का महापौर चुना गया। 3 मई, सन 1939 को इन्होंने फॉरवर्ड ब्लॉक नामक दल का गठन किया। 4 जुलाई सन 1943 को सुभाषचंद्र बोस, ने जापान में ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन किया। ‘आजाद हिंद फौज के सिपाही उन्हें नेता जी’ कहते थे। ‘जय हिंद’, ‘दिल्ली चलो’, ‘लाल किला हमारा है’, ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ आदि उनके जीवंत नारे थे।
21 अक्टूबर, सन 1943 को आजाद हिंद फौज के सर्वोच्च सेनापति की हैसियत से उन्होंने सिंगापुर में भारत की अस्थायी सरकार की स्थापना की। इस सरकार को कुल नौ देशों ने मान्यता दी। उन्होंने आजाद हिंद फौज का मुख्यालय सिंगापुर एवं रंगून में बनाया। उन्होंने रानी झाँसी रेजीमेंट के नाम से स्त्री सैनिकों का भी एक दल बनाया।
जापानी सेना के सहयोग से आजाद हिंद फौज ने अंडमान और निकोबार द्वीप पर विजय प्राप्त की। इसी क्रम में दोनों फौजों ने मिलकर इंफाल और कोहिमा पर आक्रमण किया। इन क्षेत्रों पर जीत प्राप्त कर सुभाषचंद्र बोस ने 22 सितंबर 1944 को शहीदी दिवस मनाया। माना जाता है कि 18 अगस्त, सन 1945 को हवाई जहाज से यात्रा करते समय वे लापता हो गए। 23 अगस्त को टोकियो रेडियों ने बताया कि ताइहोक हवाई अड्डे के पास उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें उनकी मृत्यु हो गई। 18 अगस्त 1945 की वह घटना आज भी भारतीय इतिहास का अनुत्तरित रहस्य है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस लेखक, सैनिक, दार्शनिक, राजनीतिज्ञ, कुशल प्रशासक, सेना नायक तथा वक्ता के रूप में बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। भारत माता का यह वीर सपूत अपने अटूट मातृभूमि . प्रेम के कारण इतिहास में अपना नाम सदा के लिए अमर कर गया।
अभ्यास
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
प्रश्न 1.
सुभाषचंद्र बोस ने सिविल सेवा से त्यागपत्र क्यों दिया?
उत्तर :
भारत माता को गुलामी की दासता से मुक्त कराने के लिए सुभाषचंद्र बोस ने सिविल सेवा से त्याग पत्र दिया।
प्रश्न 2.
भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रति सुभाषचंद्र बोस का क्या विचारे था?
उत्तर :
भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के प्रति सुभाषचंद्र बोस का विचार था कि ब्रिटिश सत्ता के सामने विनम्रता और गिड़गिड़ाने के बजाय बुलंद आवाज में अपना पक्ष रखा जाए।
प्रश्न 3.
सुभाष सहित ‘फॉरवर्ड ब्लॉक’ के प्रमुख नेताओं को किस कारण बंदी बना लिया गया?
उत्तर :
सुभाष और उनके संगठन फॉरवर्ड ब्लॉक ने स्वाधीनता आंदोलन को और अधिक तीव्र करने के लिए जन-जागरण का अभियान प्रारंभ कर दिया। उनकी यूथ ब्रिगेड ने कोलकाता स्थित ‘हालवेट स्तंभ’ को रातोंरात मिट्टी में मिला दिया। इसके फलस्वरूप अंग्रेज सरकार ने सुभाष सहित फॉरवर्ड ब्लॉक के प्रमुख नेताओं को बंदी बना लिया।
प्रश्न 4.
बंदी रहते हुए नेताजी ने ब्रिटिश सरकार को भेजे गए चेतावनी पत्र में क्या लिखा था?
उत्तर :
बंदी रहते हुए उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए पत्र में लिखा कि “मुझे मुक्त कर दीजिए अन्यथा मैं जीवित रहने से इंकार कर दूंगा। इस बात का निश्चय करना मेरे वश में है कि मैं जीवित रहूँ या मर जाऊँ। अपने देशवाशियों को मुझे यही कहना है कि “भूलना मत की दासता मनुष्य के लिए सबसे पहला पाप है।”
प्रश्न 5.
सुभाषचंद्र बोस द्वारा दिए गए प्रसिद्ध नारों को लिखिए।
उत्तर :
‘जय हिंद’, ‘दिल्ली चलो’, ‘लाल किला हमारा है’, ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ सुभाषचंद्र बोस द्वारा दिए गए प्रसिद्ध नारे हैं।
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