UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 36 डॉ० राम मनोहर लोहिया (महान व्यक्तिव)

By | May 28, 2022

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 36 डॉ० राम मनोहर लोहिया (महान व्यक्तिव)

UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 36 डॉ० राम मनोहर लोहिया (महान व्यक्तिव)

पाठ का सारांश

डॉ० राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च, सन् 1910 को उत्तर प्रदेश के फैजाबाद जिले के अन्तर्गत अकबरपुर तहसील (वर्तमान में अम्बेडकर नगर) में हुआ था। इनके पिता श्री हीरा लाल लोहिया तथा  माता श्रीमती चन्द्री देवी थीं। जब ये लगभग ढाई वर्ष के थे, तभी इनकी । माताजी का स्वर्गवास हो गया। माताजी के न रहने पर इनका पालन-पोषण इनकी दादीजी ने किया।

इनकी प्रारम्भिक शिक्षा अकबरपुर के प्राइमरी स्कूल में हुई। अकबरपुर की पढ़ाई समाप्त करने के बाद ये अपने पिता के साथ मुम्बई चले गये। इन्होंने मुम्बई से मैट्रिक, बनारस से इण्टरमीडिएट और कोलकाता के विद्यासागर कॉलेज से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। तत्पश्चात् डॉ० लोहिया ने बर्लिन (जर्मनी) से सन् 1932 में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

डॉ० धि प्राप्त की। डॉ. हि सन् 1933 के प्रारम्भ में स्वदेश लौटे। स्वदेश लौटने के बाद ये समाज के उत्थान हेतु देश में संचालित समाजवादी आन्दोलन के साथ जुड़ गए। सन् 1942 के भारत छोड़ो आन्दोलन में भी इन्होंने सक्रिय रूप से भाग लिया। ये कई माह तक भूमिगत रहे और इसी समय इन्होंने गुप्त रेडियो स्टेशन की स्थापना की। रेडियो के अनेक प्रसारणों के माध्यम से लोगों में नवीन चेतना जाग्रत की और आन्दोलन को जारी रखा। ब्रिटिश काल में ये कई बार जेल भी गए।

सन् 1963 में ये फर्रुखाबाद संसदीय क्षेत्र से उपचुनाव में लोकसभा के सदस्य चुने गए। समाजवाद के प्रेरक स्तम्भ डॉ. लोहिया का 12 अक्टूबर, सन् 1967 को देहावसान हो गया।

डॉ० राम मनोहर लोहिया एक प्रबुद्ध विचारक और लेखक भी थे। इनकी प्रमुख रचनाएँ हैं- इतिहास चक्र, अंग्रेजी हटाओ, धर्म पर एक दृष्टि, मार्क्सवाद और समाजवाद, समाजवादी चिन्तन, संसदीय आचरण आदि। ‘जंगजू आगे बढो’ और ‘मैं आज़ाद हैं। इनकी प्रमुख पुस्तिकाएँ हैं। भूमि सेना और एक घण्टा देश को दो उनके मौलिक चिन्तन के प्रमुख उदाहरण हैं।

अहिंसा के प्रति डॉ० लोहिया की आस्था, सत्याग्रह के व्यापक प्रयोग में उनका विश्वास, रचनात्मक कार्यक्रमों में उनकी निष्ठा, विकेन्द्रीकरण के आधार पर देश की राजनीति और अर्थनीति में गुणात्मक सुधार  लाने का उनका संकल्प गांधीजी की वैचारिक विरासत का प्रमाण है।

वास्तव में उनकी दृष्टि सार्वभौमिक व सम्पूर्ण थी। उनकी प्रासंगिकता इसलिए भी है कि उनकी समाजवादी विचारधारा समस्याओं का केवल विश्लेषण ही नहीं करतीं अपितु उनका समाधान भी प्रस्तुत करती है।

अभ्यास

प्रश्न 1.
डॉ० राम मनोहर लोहिया ने डॉक्टरेट की उपाधि कहाँ से प्राप्त की?
उत्तर :
डॉ० राम मनोहर लोहिया ने डॉक्टरेट की उपाधि बर्लिन (जर्मनी) से प्राप्त की।

प्रश्न 2.
डॉ० लोहिया की तीन प्रमुख रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर :
डॉ. लोहिया की तीन प्रमुख रचनाएँ हैं- इतिहास चक्र, अँग्रेजी हटाओ तथा धर्म पर एक दृष्टि।

प्रश्न 3.
डॉ० राम मनोहर लोहिया के व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर :
डॉ० राम मनोहर लोहिया एक निर्भीक व्यक्ति थे। उनके व्यक्तित्व में किसी भी स्तर पर कथनी और करनी में विरोधाभास नहीं था। उन्होंने अपने कर्म व चिंतन के द्वारा मनुष्य के व्यक्तित्व के विकास को सदैव प्राथमिकता दी

प्रश्न 4.
निम्नलिखित कथनों में सही कथन पर (✓) तथा गलत कथन पर (✗) का चिह्न लगाइए।
उत्तर :

(क) डॉ० लोहिया का जन्म अकबरपुर तहसील में हुआ था। (✓)
(ख) इन्होंने मैट्रिक की परीक्षा बनारस से उत्तीर्ण की। (✗)
(ग) डॉ० लोहिया ने ‘नमक सत्याग्रह’ पर अपना शोध प्रबन्ध पूरा किया। (✓)
(घ) डॉ० लोहिया सन् 1963 में फूलपुर से लोकसभा सदस्य चुने गए। (✗)

प्रश्न 5.
सही जोड़े बनाइए।
उत्तर :
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