UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 8 भारत के महान चिकित्सक (महान व्यक्तिव)
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 8 भारत के महान चिकित्सक (सश्रत,चरक) (महान व्यक्तिव)
पाठ का सारांश
आयु सम्बन्धी ज्ञान (वेद) को आयुर्वेद कहते हैं। आयुर्वेद सम्बन्धी सिद्धांतों का संकलन ऋषियों द्वारा संहिताओं में हुआ है। सुश्रुत संहिता शल्य तंत्र प्रधान तथा चरक संहिता काय चिकित्सा प्रधान ग्रंथ है। इनके लेखक सुश्रुत और चरक हैं।
सुश्रुत – छह सौ वर्ष ईसा पूर्व में जन्मे सुश्रुत आज भी ‘प्लास्टिक सर्जरी’ के जनक माने जाते हैं। इन्होंने वैद्यक और शल्य चिकित्सा का ज्ञान वाराणसी में दिवोदास धन्वंतरि के आश्रम में प्राप्त किया। ये मूत्र नलिका से पत्थर निकालने, टूटी हड्डी को जोड़ने और मोतियाबिंद की शल्यचिकित्सा में दक्ष थे। ऑपरेशन से पहले कीटाणु मारने के लिए उपकरण गर्म करना और बीमार को नशीला द्रव पिलाना आज भी मान्य है। सुश्रुत ने अपने शिष्यों से कहा था, “अच्छा वैद्य वही है, जो सिद्धांत और अभ्यास दोनों में पारंगत हो।” सुश्रुत ने अपनी सुश्रुत संहिता में 101 उपकरणों की सूची दी है। आज भी उनके समान यंत्र वर्तमान चिकित्सक प्रयोग में लाते हैं।
चरक – चरक ने आयुर्वेद चिकित्सा के क्षेत्र में शरीर विज्ञान, निदान शास्त्र और भ्रूण विज्ञान पर चरक संहिता लिखी, जो आज भी चिकित्सा जगत् में सम्मानित है। ये सम्भवतः नागवंश में पैदा हुए और पश्चिमोत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। चरके पहले चिकित्सक थे, जिन्होंने पाचन प्रक्रिया और शरीर प्रतिरक्षा की अवधारणा दी। इनके अनुसार शरीर में वात, पित्त और कफ के कारण दोष उत्पन्न हो जाता है। इन्होंने स्पष्ट किया कि एक शरीर दूसरे से भिन्न होता है। शरीर के तीनों दोष असन्तुलित होने से बीमारी पैदा हो जाती है। इन दोषों के सन्तुलन के लिए इन्होंने दवाइयाँ बनाईं।
चरक को शरीर में जीवाणुओं की उपस्थिति का ज्ञान था। चरक ने आनुवंशिकी के सम्बन्ध में मान्यता दी कि बच्चों में आनुवंशिक दोष जैसे- अन्धेपन, लँगड़ेपन जैसी विकलांगता माता-पिता की कमी के कारण नहीं, बल्कि डिंबाणु या शुक्राणु की त्रुटि के कारण होती है। यह मान्यता आज भी मान्य है। चरक ने दाँतों सहित शरीर में तीन सौ साठ हड्डियों का होना बताया। इन्होंने शरीर रचना और भिन्न अंगों का अध्ययन किया और धमनियों में विकार आना बीमारी का कारण बताया।
अभ्यास
प्रश्न 1.
सुश्रुत ने पीड़ित यात्री की किस प्रकार चिकित्सा की?
उत्तर :
सुश्रुत ने पीड़ित यात्री की चिकित्सा निम्न प्रकार की –
- पीड़ित यात्री को साफ-सुथरे कमरे में ले गए और दवा मिला पानी मुँह धोने के लिए दिया।
- फिर उन्होंने एक गिलास में कुछ द्रव्य यात्री को पीने के लिए दिया और शल्य चिकित्सा की तैयारी करने लगे।
- फिर उन्होंने एक बड़े पत्ता से यात्री की नाक नापी।
- फिर एक चाकू और चिमटी लेकर उसे आग की लौ पर गरम किया। उसी गर्म चाकू से उन्होंने यात्री के गाल से कुछ माँस काटा।
- इसके बाद गाल पर पट्टी बाँधकर बड़ी सावधानी से यात्री की नाक में दो नलिकाएँ डाली। गाल से कटा हुआ माँस और दवाइयाँ नाक पर लगाकर उसे पुनः आकार दे दिया, फिर नाक पर मुँघची व लाल चंदन का महीन बुरादा छिड़क कर हल्दी का रस लगा दिया और पट्टी बाँध दी।
प्रश्न 2.
सुश्रुत किस प्रकार की शल्य चिकित्सा में दक्ष थे?
उत्तर :
सुश्रुत को प्लास्टिक सर्जरी का जनक माना जाता है। वे मूत्र नलिका से पत्थर निकालने, टूटी हड्डियों को जोड़ने व मोतियाबिंद की शल्य चिकित्सा में दक्ष थे।
प्रश्न 3.
सुश्रुत ने अपने शिष्यों से क्या कहा?
उत्तर :
“अच्छा वैद्य वही है, जो सिद्धांत और अभ्यास दोनों में पारंगत हो।”
प्रश्न 4.
आयुर्वेद’ किसे कहते हैं?
उत्तर :
आयु सम्बन्धी ज्ञान (वेद) को आयुर्वेद कहते हैं।
प्रश्न 5.
चरक ने आनुवंशिकी के सम्बन्ध में क्या मान्यता दी थी?
उत्तर :
चरक ने आनुवंशिकी के सम्बन्ध में यह मान्यता दी थी- “बच्चों में आनुवंशिक दोष जैसे अन्धेपन, लँगड़ेपन जैसी विकलांगता माता-पिता की कमी के कारण नहीं, बल्कि डिंबाणु या शुक्राणु की कमी के कारण होती है।”
प्रश्न 6.
सुश्रुत और चरक ने किन ग्रन्थों की रचना की? ये किस क्षेत्र में उपयोगी हैं?
उत्तर :
सुश्रुत ने सुश्रुत संहिता और चरक ने चरक संहिता की रचना की। सुश्रुत संहिता शल्य तंत्र प्रधान और चरक संहिता काय चिकित्सा प्रधान ग्रंथ है।
प्रश्न 7.
सुश्रुत को प्लास्टिक सर्जरी का जनक क्यों कहा जाता है?
उत्तर :
आज से ढाई हजार वर्ष पूर्व सुश्रुत ने जो किया था उसी का विकसित रूप आज प्लास्टिक सर्जरी है। अतः सुश्रुत को प्लास्टिक सर्जरी का जनक कहा जाता है।
प्रश्न 8.
नीचे लिखे वाक्यों पर सही (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर) –
(क) सुश्रुत एक सफल राजनीतिज्ञ थे। (✗)
(ख) सुश्रुत को प्लास्टिक सर्जरी का जनक कहा जाता है। (✓)
(ग) चरक को शरीर में जीवाणुओं की उपस्थिति का ज्ञान था। (✓)
(घ) चरक जादू से मरीजों की चिकित्सा किया करते थे। (✗)
प्रश्न 9.
सही विकल्प चुनिए (सही विकल्प चुनकर)
चरक ने शरीर में दाँतों सहित हड्डियों की संख्या –
(ग) तीन सौ साठ बताई।
सुश्रुत ने ऑपरेशन के पहले उपकरण को गर्म करने को कहा, जिससे –
(क) कीटाणु समाप्त हो जाएँ।
नोट – प्रश्न 10, 11, 12 तथा 13 विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।
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