UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 10 प्रहेलिकाः

By | May 28, 2022

UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 10 प्रहेलिकाः

UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 10 प्रहेलिकाः

शब्दार्थाः –

वने = जंगल में, जले में,
अस्थि = हड्डी,
असिवत् = तलवार की भाँति,
 = न अक्षर,
तस्य = उस पद के,
आदिः = आरम्भ में,
यः = अक्षर,
मध्ये = बीच में,
तस्यान्तः = उसके अन्त में,
तव अपि अस्ति = तुम्हारे पास भी है,
सः कः? = वह कौन है?,
एकचक्षुः = एक आँख वाला,
पन्नगः = साँप,
क्षीयते = घटता है,
पक्षिराजः = पक्षियों का राजा,
त्रिनेत्रधारी = तीन आँखों वाला,
शूलपाणिः = त्रिशूले जिसके हाथ में है,
त्वग्-वस्त्रधारी = छाल, वस्त्र वाला,
बिभन्न (बिभ्रतु+न) = भरा हुआ नहीं।

वने वसति…………….गतः।।1।।
हिन्दी अनुवाद – वन में बसता है, कौन वीर है जिसके हड्डी, मांस नहीं है। तलवार. की तरह कार्य करता है, काम करके वन में जाता है।
उत्तर– कुम्हार का डोरा।।

न तस्यादिः…………..तद् वद।।2।।
हिन्दी अनुवाद – जिसका न आदि है, न अन्त है। जिसके मध्य में य बैठा रहता है। जो मेरे पास भी है, तुम्हारे पास भी है। यदि जानते हो, तो बताओ।
उत्तर– नयन |

एकचक्षुर्न…………..चन्द्रमाः ।3।।
हिन्दी अनुवाद – एक नेत्र है, कौआ नहीं है। बिल में रहता है, साँप नहीं है। घटता और बढ़ता है, लेकिन चन्द्रमा और समुद्र नहीं है।
उत्तर– सूई धागा।

प्रकाशः…………………….सः कः।4।।
शब्दार्थाः – कलाभिः च वर्धते = कलाओं से बढ़ता है, चकोरस्य = चकोर का, वृक्षअग्रवासी = वृक्ष के अगले हिस्से पर रहता है।
हिन्दी अनुवाद – प्रकाश है, शीतल है, कलाओं से बढ़ता है, सबके ताप हरता है और चकोर को प्रिय है, वह कौन है? ।
उत्तर– चन्द्रमा।

वृक्षाग्रवासी न………………….मेघः।।5।।
हिन्दी अनुवाद – वृक्ष परे रहता है, लेकिन पक्षिराज गरुड़ नहीं। तीन आँखों वाला है, परन्तु त्रिशूलधारी शिव नहीं। छाल के वस्त्र पहनता है, मगर योगी या तपस्वी नहीं। जल धारण किए हुए है, किन्तु बादल नहीं, घड़ा नहीं।
उत्तर– नारियल।

अभ्यासः ।

प्रश्न 1. उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।

प्रश्न 2. पूर्णवाक्येन उत्तरत
यथा- कः वीरः असिवत्र कार्यं करोति? – कुम्भकारस्य तन्तु असिवतू कार्य करोति।
(क) यस्य आदी ‘न’ अस्ति तथा अन्ते ‘नः अस्ति एवं मध्ये ‘य’ अस्ति, सः कः अस्ति?

उत्तर– यस्य आदौ ‘न’ अस्ति तथा अन्ते ‘नः’ अस्ति एवं मध्ये ‘य’ अस्ति, सः नयनः अस्ति।
(ख) यस्य प्रकाशः शीतलः अस्ति तथा च कलाभिः वर्धते, सः कः अस्ति?
उत्तर– यस्य प्रकाशः शीतलः अस्ति तथा च कलाभि वर्धते, सः चन्द्रः अस्ति।
(ग) कः वृक्षाग्रवासी अस्ति परं पक्षिराजः नास्ति?
उत्तर– नारिकेलः वृक्षाग्रवासी अस्ति परं पक्षिराज़ः नास्ति।

प्रश्न 3. मञ्जूषातः समानार्थक पदानि चित्वा लिखत (लिखकर)
यथा – समुद्रः – जलधिः, चन्द्रः – शशिः, मेघः – घनः, जलम् – नीरम्, चक्षु – नेत्रम्

प्रश्न 4. विलोमपदानि परस्परं योजयत (जोड़े बनाकर)
वीरः – कायरः,
गतः – आगतः,
प्रकाशः – अन्धकारः,
शीतलः – तप्तः
प्रियः – अप्रियः।

प्रश्न 5. सन्धि-विच्छेदं कुरुत (करके) –
पदम्                       सन्धि-विच्छेदः।
तस्यान्तः                   तस्य + अन्तः
चैव                          च + एंव
वृक्षाग्रवासी               वृक्ष + अग्रवासी

प्रश्न 6. पाठात् क्रियापदानि चित्वा लिखत –
यथा – वसति – तिष्ठाति वर्धते क्षीयते हरति कुरुते ।

प्रश्न 7. वाक्यानि पूरयत (पूरा करके)
(क) प्रकाशः शीतलः यस्य यः कलाभिः च वर्धते।
(ख) बृक्षाग्रवाणी न च पक्षिराजः।

नोट – विद्यार्थी शिक्षण-सङ्केतः शिक्षक की सहायता से करें।

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