UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 15 नीतिश्लोकाः
UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 15 नीतिश्लोकाः
शब्दार्थाः
न्यसेत् = रखे
कदर्यम् = कृपाणता को
अनुतम् = झूठ को
पिपीलिकः = नर चींटी
वैनतेयः = गरुड़ (तेज उड़ने वाला पक्षी, विनता का पुत्र)
कः = नर
दिनान्ते = दिन के अन्त में (सायं काल)
निशान्ते = रात के अन्त में
पयः = जल
तक्रम् = मट्ठा
हातव्या = छोड़ देना चाहिए
भू. तिमिच्छता = सम्पत्ति ऐश्वर्य चाहते वाले
तन्द्रा = जागते हुए सोना
दीर्घसूत्रता = धीरे-धीरे कार्य करना
आलस्यम् = शिथिलता
समाविशतु = आये
यथेष्टम् = इच्छानुसार
अद्यैव = आज ही
अस्तु = होवे। (हो जाय)
युगान्तरे = युगों के बाद
वा = अथवा
प्रविचलन्ति = विचलित होते हैं
धीराः = धैर्यवान लोग।
अक्रोधेन ……………………………….. चानृतम् ।।1।।
हिन्दी अनुवाद – क्रोध को अक्रोध (शान्ति) से से जीतना चाहिए। दुष्टता को सज्जनता से जीतना चाहिए। कंजूसी को दान से जीतना चाहिए। और झूठ को सत्य से जीतना चाहिए।
गच्छन् ……………………………………….. गच्छति ।।2।।
हिन्दी अनुवाद – जाता हुआ नर चींटी सौ योजन भी जाता है। न जाता हुआ गरुड़ (तेज उड़ने वाला पक्षी) एक कदम भी नहीं जाता। (अर्थातू चींटी की तरह कार्य करने की लगन होनी चाहिए।)
दिनान्ते ………………………………….प्रयोजनम् ।।3।।
हिन्दी अनुवाद – दिन के अन्त में दूध पीना चाहिए। भोजन के अन्त में मट्ठा पीना चाहिए। वैद्य का क्या प्रयोजन है? (अर्थात् वैद्य की आवश्यकता ही नहीं है, यदि उपर्युक्त बातों का ध्यान रखा जाए।)
पडूदोषाः ……………………………दीर्घसूत्रता ।।4।।
हिन्दी अनुवाद – सम्पति/ऐश्वर्य चाहने वाले पुरुष के द्वारा ये- नींद, तन्द्रा (ऊँघना), डर, क्रोध, आलस्य, दीर्घसूत्रता (किसी भी कार्य को धीरे-धीरे करने की आदत) छः दोष त्याग दिये जाने चाहिये।
निन्दन्तु ……………………………………. धीरा ।।5।।
हिन्दी अनुवाद – नीति में कुशल (व्यक्ति) निन्दा करें या प्रशंसा करें, लक्ष्मी (धन) आये या इच्छानुसार ५ जाये। आज ही मृत्यु हो या युर्गों के बाद हो, धैर्यवान (व्यक्ति) न्याय के पथ से कदम नहीं डगमगाते।
अभ्यासः
प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत –
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत –
(क) अनृतं केन जयेत?
उत्तर :
सत्येन
(ख) पिपीलकः कति दूरं गच्छन याति?
उत्तर :
भोजनानांशतानि
(ग) भोजनान्ते किं पिबेतू?
उत्तर :
तक्रम्
(घ) न्याय्यात् पथः पदं के न प्रविचलन्ति?
उत्तर :
धीरा
प्रश्न 3.
‘क’ स्तम्भं ‘ख’ स्तम्भेन योजयत (मिलान करके) –
प्रश्न 4.
पाठे आगतानि विधिलिङ्/लोट्लकारस्य रूपाणि चित्वा लिखत (लिखकर) –
यथा – जयेत्, पिबेत्, सामाविशतु, गच्छतु।
प्रश्न 5.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत –
प्रश्न 6.
पाठातू वाक्यानि पूरयत –
(क) गच्छन् पिपीलिको याति योजनानां शतान्यपि।
अगच्छन् वैनतेयपि पदमेकं न गच्छति।
(ख) निन्दन्तु नीतिनिपुणा यदि वा स्तुवन्तु।
लक्ष्मीः समाविशतु गच्छतु वा यथेष्टम् ।
अद्यैव वा मरणमस्तु युगान्तरे वा
न्याय्यातू पथः प्रविचलन्ति पदं न धीराः ।।
प्रश्न 7.
विलोम-पदानि लिखत (लिखकर) –
यथा
- क्रोधेन – अक्रोधेन,
- साधु – असाधु,
- सत्यम् – असत्यम्
- भयम् – अभयम्
- दिनान्ते – निशान्ते
नोट – विद्यार्थी शिक्षण-सङ्केतः स्वयं करें और ‘एतदपि जानीत’ ध्यान से पढ़ें।
We hope the UP Board Solutions for Class 6 Sanskrit Chapter 15 नीतिश्लोकाः help you.