UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 18 कर्तव्यपालन (मंजरी)

By | May 26, 2022

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 18 कर्तव्यपालन (मंजरी)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 18 कर्तव्यपालन (मंजरी)

महत्त्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या

नहीं, मेरे सच्चे बहादुर मित्र …………………………… रहेगा।

संदर्भ:
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘कर्तव्यपालन’ नामक पाठ से अवतरित है। इसके लेखक रामनरेश त्रिपाठी हैं।

प्रसंग:
राजा वन में वनरक्षक से मिलता है। वनरक्षक ने उसके साथ ईमानदारी से अपने कर्तव्यपालन का ध्यान रखकर समुचित व्यवहार किया। उसे पहले राजा का परिचय न था, परन्तु बाद में एक दरबारी के कुशल पूछने पर राजा को पहचाना और क्षमा माँगी।

व्याख्या:
राजा वनरक्षक पुंडरीक के कर्तव्यपालन का ध्यान रखने  के कारण बहुत प्रसन्न हुआ। उसने उसे बहादुर मित्र कहा और अपनी योग्य पदवी के लिए उसे तलवार प्रमाण के रूप में भेंट की। उसके लिए एक हजार रुपया सालाना पुरस्कार भी घोषित किया जो उसे जीवनपर्यंत अपनी अच्छी सेवा के कारण मिलता रहेगा। राजा ने पुंडरीक को राजरत्न कहा।

पाठ का सार (सारांश)

राजा अँधेरे में जंगल में खड़ा है। वनरक्षक आकर पूछता है कि वह कहाँ जाएगा। वह राजा को बाहर निकलने को कहता है। राजा पूछता है कि उसे इसका क्या अधिकार है। वनरक्षक बताता है कि वह राजा का वनरक्षक पुंडरीक है। राजा स्वयं को एक राजा का अधिकारी बताता है, लेकिन पुंडरीक उस पर विश्वास नहीं करता। राजा उसकी ओर एक रुपया बढ़ाता है। पुंडरीक कहता है कि तुम (राजा) सच में एक दरबारी ही हो, जो आज छोटी रिश्वत देता है और कल के लिए बड़ा वायदा करता है परन्तु यह दरबार नहीं है। राजा कहता है “तू नीच आदमी है। तेरे बारे में ज्यादा परिचय चाहता हूँ।” पुंडरीक ‘तू’ और ‘तेरे शब्दों के सम्बोधने से नाराज होकर कहता है, “मैं भी उतना ही भला आदमी हूँ जितने तुम हो।” राजा मित्र कहकर उससे क्षमा माँगता है। पुंडरीक को राजा पर परिचय न देने के कारण सन्देह है। फिर भी वह राजा को राजधानी का रास्ता बताने को तैयार है। यही नहीं वह राजा को रात अपने घर में बिताने का प्रस्ताव भी देता है जिसे राजा स्वीकार लेता है।  उसी समय घोड़े पर सवार सैनिक आता है और राजा से कुशल-क्षेम पूछता है। उसके द्वारा राजा को जब महाराज कहकर संबोधित किया जाता है तब पुंडरीक राजा को पहचानता है। वह राजा से क्षमा माँगता है। राजा उसे बहादुर और सच्चा मित्र कहकर अपनी तलवार, उसकी पदवी के प्रमाण के रूप में देता है तथा उसको एक हजार रुपया सालाना पुरस्कार भी जीवनभर देने की घोषणा करता है। पुंडरीक घुटने टेककर राजा को प्रणाम करता है। राजा पुंडरीक से उसे महल तक पहुंचाने के लिए कहता है। राजा उसे रात को अपने महल में मेहमान बनाकर रखता है।

प्रश्न-अभ्यास

  • कुछ करने को
    नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
  • विचार और कल्पना
    नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
  • एकांकी से

प्रश्न 1:
राजा द्वारा ली गई परीक्षा में वनरक्षक किस प्रकार खरा उतरता है?
उत्तर:
जब राजा वनरक्षक पुंडरीक को झोपड़ी में रहने देने के बदले ह्र रुपया देना चाहता है, तब वह उसे रिश्वत बताता है और लेने से इनकार कर देता है। फिर इसके बाद जब राजा राजधानी तक चलने के लिए कहता है तो वह इनकार करता है और कहता है  कि अगर स्वयं राजा भी आ जाए, तो भी इस समय मैं राजधानी नहीं जाऊँगा। इस तरह वनरक्षक राजा की परीक्षा में खरा उतरता है।

प्रश्न 2:
नीचे लिखे वाक्य के तीन सम्भावित उत्तर दिए गए हैं, सही उत्तर पर सही (✓) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर )

राजा ने तलवार खींच ली क्योंकि
(क) वह वनरक्षक को दण्ड देना चाहता था।
(ख) वह वनरक्षक को क्षमा करना चाहता था।
(ग) वह वनरक्षक को सम्मान देना चाहता था। (✓)

प्रश्न 3:
वनरक्षक द्वारा परिचय पूछे जाने पर राजा क्या उत्तर देते हैं?
उत्तर:
राजा कहते हैं कि इन प्रश्नों का उत्तर  देने का मुझे अभ्यास नहीं है।

प्रश्न 4:
वनरक्षक को राजा पर क्या सन्देह होता है?
उत्तर:
वनरक्षक को राजा पर बदमाश होने का सन्देह होता है।

प्रश्न 5:
राजा द्वारा यह कहने पर कि यदि एक रुपया कम हो तो सवेरे और भी दूंगा, वनरक्षक ने राजदरबार और दरबारी का कैसा चित्र खींचा?
उत्तर:
वनरक्षक की नजर में राजदरबार में काम करने वाले  दरबारी हर छोटे-बड़े काम के लिए रिश्वत देते हैं या लेते हैं या आश्वासन देते हैं।

प्रश्न 6:
वनरक्षक को उसकी नेकी और ईमानदारी का क्या फल मिला?
उत्तर:
वनरक्षक को उसकी नेकी और ईमानदारी के लिए एक तलवार और 1000 रुपये सालाना का पुरस्कार जीवन भर के लिए मिला।

प्रश्न 7:
एकांकी में वनरक्षक के व्यक्तित्व की किन-किन विशेषताओं का पता चलता है?
उत्तर:
एकांकी में वनरक्षक के व्यक्तित्व की कर्तव्यपरायणता, ईमानदारी, राजभक्ति बहादुरी और स्पष्टवादिता जैसे विशेषताओं का पता चलता है।

भाषा की बात

प्रश्न 1:
निम्नलिखित शब्दों में से उपसर्ग और प्रत्यय युक्त शब्दों को छाँटकर अलग-अलग लिखिए ( छाँटकर )
उत्तर:
उपसर्ग: अभिमान, विशेष, सम्मान

प्रत्यय:
चमकीला, सच्चाई, ईमानदारी, प्रसन्नता, पुरस्कार, निकलकर

प्रश्न 2:
निम्नलिखित शब्दों के अर्थ लिखकर उनका वाक्यों  में प्रयोग कीजिए (प्रयोग करके
उत्तर:
तिरस्कार (अवहेलना)          –             राजा ने तिरस्कार से उसे नीच कहा।
यकीन (विश्वास)                    –            मुझे यकीन है कि वही लड़का चोर है।
मुनासिब (उचित)                 –            जो मुनासिब समझो वही करो।
रिश्वत (घूस)                          –            अधिकारी रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
ढिठाई (अकड़ के साथ)        –            बच्चों को बड़ों से ढिठाई के साथ बात नहीं करनी चाहिए।
फर्ज (कर्तव्य)                        –            भारतीय सैनिक अपने कार्य से कभी पीछे नहीं हटते।।

प्रश्न 3:
निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए  एक-एक शब्द लिखिए (लिखकर )
क. किसी बात की परवाह न करने वाला।         –             लापरवाह
ख. वन की रक्षा करने वाला।                            –              वनरक्षक
ग. जो विश्वास करने योग्य हो।                          –              विश्वसनीय
घ. जो रिश्वत लेता हो।                                      –              रिश्वतखोर
ङ. जो क्षमा करने योग्य न हो।                        –               अक्षम्य

प्रश्न 4:
नीचे दिये गये वाक्यों में से सरल वाक्य,  संयुक्त वाक्य और मिश्रित वाक्य अलग-अलग कीजिए ( अलग-अलग करके)
क. मुझे पता तो चल गया कि मैं मनुष्य भी हूँ ।।                       –    मिश्रित वाक्य
ख. आज मेरा सारा अभिमान मुझे झूठा जाने पड़ रहा है ।        –    सरल वाक्य
ग. तुम कहाँ रहते हो और करते क्या हो ?                               –     संयुक्त वाक्य
घ. मैंने माना कि तुम दरबारी हो, आज के लिए तो एक छोटी   –     सी रिश्वत
और कल के लिए एक बड़ा-सा वादा।।                                   –     मिश्रित वाक्य

प्रश्न 5:
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

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