UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 19 मैं कवि कैसे बना (मंजरी)
UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 19 मैं कवि कैसे बना (मंजरी)
महत्त्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या
मेरे साथी ………………… उत्पन्न होने लगी।
संदर्भ:
प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ के ‘मैं कवि कैसे बना’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके लेखक गोपालप्रसाद व्यास जी हैं।
प्रसंग:
कवि द्वारा कविता करने के बाद तालियों की गूंज को देखकर लेखक के मन में भी कविता सुनाने की इच्छा पैदा हुई।
व्याख्या:
लेखक अकसर समारोह में संगीत सुनने जाता था। उसने देखा कि लोग संगीत से ज्यादा कह्ण कविता की प्रशंसा करते हैं। उसके साथी मित्र भी संगीत सुनने के लिए नहीं बल्कि कविताएँ सुनने के लिए अकसर सम्मेलन में जाते थे। अधयापक संगीत में थोड़ी बहुत रुचि जरूर ले लेते थे, परन्तु उसके साथी मित्रों को संगीत पसन्द नहीं था। लोगों की कविता में रुचि का पता कविता सुनने के बाद बादल की गर्जना के समान तालियों की आवाज से चलता था, जो संगीत सुनने के बाद बहुत कम होती थी। इसी दृश्य को देखकर मेरे मन में भी कविता सुनाने की इच्छा जाग्रत् हुई।
पाठ का सार (सारांश)
सन् 1924 में मैं मथुरा के अग्रवाल विद्यालय में तीसरे दर्जे में पढ़ता था। मुझे विद्यालय में होने वाले उत्सव-आयोजन में सबसे आगे बैठने में बड़ा आनन्द आता था। संगीत मेरे परिवार में रची-बसी थी। नाना जी एवं पिताजी को संगीत का अच्छा ज्ञान था तथा जीजी को भी संगीत से लगाव था। इसलिए संगीत मुझे भी विरासत में मिली, जिसके कारण मुझे संगीत के घंटे का मॉनीटर बनाया जाता था। लेकिन यह संगीत ज्ञान विद्यालय में होने वाले समारोहों में कोई स्थान नहीं दिला पाया, जबकि कविता सुनाने वाले छात्रों को आमंत्रित किया जाता है। तब मैंने अपने पड़ोसी रामलाल जी से अपने नाम की कविता लिखवाकर समारोहों में बड़े गर्व से सुनाना शुरू किया। कुछ ही समय बाद शहर में होने वाले कवि-सम्मेलन में हमारे विद्यालय की तरफ से मेरा नाम दिया गया। जिसे सुनकर मैं स्तब्ध हो गया। फिर अपने क्लास टीचर के पास जाकर सारी बात बताई। क्लास टीचर ने धैर्य बँधाते हुए कहा कि कविता बनाना तो कोई मुश्किल नहीं क्योंकि एक कविता में चार पंक्तियाँ होती है और हर पंक्ति में 31 अक्षर होते हैं। जब तुम्हें समस्या दी जाएगी, तो समस्या के अन्तिम शब्द के चार तुकांत शब्द जमा लेना। जैसे- आई है, रहे तो छाई है, खाई है, भाई है। और उसे अपनी कविता के अन्त में जमा देना, कविता तैयार हो जाएगी। जिससे मेर उत्साह बढ़ गया और मैं ठीक समय पर कवि सम्मेलन पहुँच गया। | वहाँ पर जो समस्या दी गई उसके लिए 1 घंटे का समय दिया गया जिसे मैंने 20 मिनट में ही कर दिया। जब सम्मेलन की तरफ से मेरा नाम पुकारा गया और जब मैंने उसे सुनाया तो चारों तरफ से तालियाँ बजने लगी। हेडमास्टर जी ने मंच पर आकर मुझे गोद में उठा लिया और जनता ने मेरी पहली कविता से ही मुझे कवि बना दिया।
प्रश्न-अभ्यास
कुछ करने को
प्रश्न 1:
किसी समस्या के आधार पर भी कविता लिखी जा सकती है। यहाँ कविता की । एक पंक्ति दी गई है। इसे आगे बढ़ाएँ (आगे बढ़ाकर )
उत्तर:
प्रश्न 2:
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 3:
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
विचार और कल्पना से
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।
आत्मकथा से
प्रश्न 1:
बालक गोपालप्रसाद को संगीत के घंटे का मॉनीटर क्यों बनाया जाता था?
उत्तर:
बालक गोपालप्रसाद को संगीत का ज्ञान अपने परिवार से विरासत में मिला था। इसलिए उसे संगीत के घंटे का मॉनिटर बनाया जाता था।
प्रश्न 2:
लेखक के मन में कविताएँ सुनाने की इच्छा क्यों होने लगी?
उत्तर:
विद्यालय में होने वाले संगीत समारोह में लेखक को न बुलाकर इनके साथी लडकों को कविता सुनाने के लिए बुलाया जाता था। संगीत सुनाने पर तालियों की तड़तड़ाहट बहुत क्षीण होती जबकि कविता सुनाने के बाद तालियों की खूब तड़तड़ाहट होती थी। इसी कारण लेखक के मन में भी कविता सुनाने की इच्छा होने लगी।
प्रश्न 3:
कक्षाध्यापक द्वारा नुमाइश में नाम भेजने पर बालक गोपालप्रसाद को क्यों धक्का लगा?
उत्तर:
गोपाल प्रसाद जी स्क्यं कविता नहीं बनाया करते थे, बल्कि अपने एक पड़ोसी रामलाल जी से अपने नाम की कविता लिखवाकर स्कूलों में सुनाते थे। चूँकि नुमाइश में होने वाले कवि सम्मेलन में वाक्य दिए जाते हैं, जिस पर कविता बनानी होती है। यही सोचकर गोपालप्रसाद जी को धक्का लगा।
प्रश्न 4:
बालक गोपाल प्रसाद द्वारा ‘दूसरों की लिखी कविताओं को अपना बताकर सुनाने की चोरी’ स्वीकार करने से क्या लाभ हुआ?
उत्तर:
बालक गोपाल प्रसाद अपने अध्यापक की मदद से कविता की रचना करना सीख गए। जिससे वे कवि सम्मेलन में पहली बार अपनी लिखी कविताएँ सुना सके और अपनी पहली ही कविता
से कवि बन गए।
प्रश्न 5:
कक्षाध्यापक ने अपने छात्र को कविता बनाने के क्या गुर सिखाये?
उत्तर:
कक्षाध्यापक ने छात्र को बतलाया कि कविता में चार पंक्तियाँ होती हैं और प्रत्येक पंक्ति में .31 अक्षर होते हैं। कविता के लिए जो भी समस्या दी जाए उस वाक्य (समस्या) के अन्तिम अक्षर के चार तुकें जैसे-आई है रहे तो भाई है, छाई है, खाई है इस प्रकार के जमा लेना और उसे प्रत्येक वाक्य के अन्त में लगा देना, कविता तैयार हो जाएगी।
प्रश्न 6:
बालक गोपालप्रसाद की समस्या-पूर्ति’ को सुनकर श्रोताओं में क्या प्रतिक्रिया हुई?
उत्तर:
सभी श्रोता प्रशंसा और आश्चर्य से बालक गोपालप्रसाद को देखने लगे। हेडमास्टर मुकुल बिहारी लाल जी ने बालक को दौड़ कर गोदी में उठा लिया और जनता ने उनके कवि होने की घोषणा कर दी।
भाषा की बात
प्रश्न 1:
‘समाज-सुधार’ शब्द ‘समाज’ व ‘सुधार’ दो शब्दों से मिलकर बना है। समाज-सुधार शब्द में सामासिक चिह्न (-) के स्थान पर ‘का’ छिपा हुआ है। ऐसे शब्द तत्पुरुष समास कहलाते हैं। तत्पुरुष समास के ऐसे ही पाँच उदाहरण पाठ में से छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
तत्पुरुष समास- रासलीला, क्लासटीचर, वसन्तोत्सव, प्रधानाध्यापक, शिष्यमण्डली, शिक्षण-संस्थाएँ।
प्रश्न 2:
नीचे दिये गये मुहावरों के अर्थ लिखिए और इनका प्रयोग अपने वाक्यों में कीजिए (प्रयोग करके)
उत्तर:
मँड़ मुड़ाते ही ओले पड़ना (प्रारम्भ में ही बाधा आना):
राम का मकान अभी बना भी नहीं कि भूकम्प आ गया, बेचारे के मूड मुड़ाते ही ओले पड़ गए।
काठ मार जाना (हतप्रभ हो जाना):
दंगे से पीड़ित लोग कुछ भी नहीं बोल पा रहे हैं, जैसे उन्हें काठ मारे गया हो।
चोर से साहूकार होना (एकाएक तरक्की करना):
गोपाल प्रसाद की पहली कविता ने ही उसे कवि बना दिया अर्थात् वह चोर से साहूकार बन गया।
प्रश्न 3:
निम्नलिखित पंक्तियों में पर शब्द के तीन प्रकार के प्रयोग हुए हैं
(क) मैं मंच पर कविता पढ़ने पहुँचा।
(ख) पर वहाँ बहुत बड़े-बड़े कवि विद्यमान थे।
(ग) मैं कविता के पर लगाकर आसमान में उड़ने लगा।
तीनों पर का प्रयोग क्रमशः ‘ऊपर’ ‘लेकिन’ तथा ‘पंख’ के अर्थ में हुआ है। इसी प्रकार आप भी पर शब्द का प्रयोग अपने वाक्यों में करते हुए तीन वाक्य बनाइए (वाक्य बनाकर)
उत्तर:
(क) चिड़ियाँ छत पर बैठी हैं।
(ख) पर बच्चों के वहाँ पहुँचने से पहले उड़ गईं।
(ग) मैं भी चिड़ियों की तरह पर लगाकर आसमान में उड़ना चाहती हूँ।
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