UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 34 डॉ० राजेन्द्र प्रसाद (महान व्यक्तित्व)

By | May 26, 2022

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 34 डॉ० राजेन्द्र प्रसाद (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 34 डॉ० राजेन्द्र प्रसाद (महान व्यक्तित्व)

पाठ का सारांश

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद बचपन से ही अध्ययनशील स्वभाव के थे। इन्होंने अपने शैक्षिक जीवन की सभी परीक्षाएँ प्रथम श्रेणी में पास की। सन् 1915 ई० में कानून की परीक्षा में ये पाँच प्रांतों में प्रथम आए। मेधावी छात्र होने से इन्हें अनेक छात्रवृत्तियाँ प्राप्त हुई। अपने शिक्षार्थी जीवन में ये सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेते थे। सन् 1906 ई० में इन्होंने बिहारी युवा छात्रों का नेतृत्व किया।
पटना हाईकोर्ट में इनकी वकालत बहुत सफल थी। अफ्नी आय में से ये गरीब विद्यार्थियों की पर्याप्त मदद करते थे। इन्होंने देश सेवा के लिए वकालत छोड़कर स्वदेशी आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया। सन् 1917 ई० में चम्पारन सत्याग्रह हुआ,  जो भारत का प्रथम किसान आन्दोलन था। इसमें राजेन्द्र ने अपनी नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया, जिससे अँग्रेजों को घुटने टेकने पड़े, इस आन्दोलन ने राजेन्द्र प्रसाद और बिहार को सारे देश में ख्याति दिलाई।।

सन् 1934 ई० में बिहार भूकम्प के समय इन्होंने अपनी बेजोड़ संगठन-शक्ति का परिचय दिया। बीमार होते हुए भी इनसे जनता की पीड़ा देखी नहीं गई और इन्होंने तत्परता से जनता के लिए भोजन, कपड़े और दवाइयाँ एकत्र कीं।

सन् 1934 ई० में इन्हें कांग्रेस का अध्यक्ष चुना गया। उनकी देशभक्ति, सच्चाई और अमूल्य त्याग के लिए,जनता ने इन्हें देशरत्न की उपाधि दी। सन् 1952 के आम चुनावों में स्वाधीन भारत के प्रथम राष्ट्रपति चुने गए। ये सन् 1962 ई० तक लगातार दो बार भारत के राष्ट्रपति रहे। राष्ट्रपति भवन में पहुँचकर भी इनकी सरलता, सादगी और संस्कृति में गहन आस्था कम नहीं हुई।

डॉ० राजेन्द्र प्रसाद को सामान्यत: कभी क्रोध नहीं आता था। इनकी स्मरण-शक्ति बहुत तेज थी। हिन्दी को राजभाषा बनाने का श्रेय इनको ही जाता है। इन्होंने स्वयं भी कई ग्रन्थ लिखे। इनकी महत्त्वपूर्ण कृतियाँ हैं- ‘आत्मकथा’, ‘चम्पारन में सत्याग्रह’, ‘इण्डिया डिवाइडेड’, ‘महात्मा गांधी एवं ‘बिहार रेमिनिसन्सेज’, ‘बापू के कदमों में’, संपादन ‘साप्ताहिक देश’, संस्थापक ‘लॉन्वीकली’।
सन् 1962 ई० में राष्ट्र ने इन्हें ‘भारत रत्न’ की सर्वश्रेष्ठ  उपाधि से विभूषित किया। 28 फरवरी, सन् 1963 ई० को पटना के सदाकत आश्रम में इनका देहान्त हो गयी।

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1:
डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने वकालत क्यों छोड़ी?
उत्तर:
डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने स्वदेशी आन्दोलन में भाग लेने के लिए वकालत छोड़ी।

प्रश्न 2:
‘चम्पारन सत्याग्रह’ कब और क्यों किया गया?
उत्तर:
चम्पारन सत्याग्रह’ आन्दोलन सन् 1917 ई०  में नील की खेती करनेवालों ने, अँग्रेजों के अत्याचार के विरोध में किया।

प्रश्न 3:
उन घटनाओं का उल्लेख कीजिए जिनसे डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की देशभक्ति व देशसेवा का पता चलता है।
उत्तर:
डॉ० राजेन्द्र प्रसाद की देशभक्ति और देशसेवा से सम्बन्धित घटनाएँ निम्न हैं

  1. पटना हाईकोर्ट में सफल वकालत छोड़कर स्वदेशी आन्दोलन में शामिल होना।
  2.  सन् 1917 ई० चम्पारन सत्याग्रह में किसानों का नेतृत्व।।
  3.  सन् 1934 ई० में बिहार भूकम्प पीड़ित जनता की बेजोड़ संगठन शक्ति से मदद करना।
  4. पटना से दरभंगा मार्ग पर रेलयात्रियों को दौड़-दौड़कर पानी पिलाना।
  5. राष्ट्रपति के वेतन (दस हजार) से केवल आंशिक वेतन लेना आदि।

प्रश्न 4:
डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के व्यक्तित्व के किन गुणों ने आपको सर्वाधिक प्रभावित किया। उनकी सूची बनाइए।
उत्तर:

  1.  सरलता, सादगी
  2. अध्ययनशीलता
  3.  मितव्यतिता
  4.  परिश्रमशीलता
  5. नेतृत्व-क्षमता
  6. संगठन-शक्ति
  7. सौम्य स्वभाव
  8.  क्षमाशीलता
  9.  सत्यनिष्ठा
  10.  ईमानदारी।
  11.  देशभक्ति
  12. सहिष्णुता आदि ने।

प्रश्न 5:
पेन टूटने वाली घटना क्या थी?  इससे डॉ० राजेन्द्र प्रसाद के किस गुण का पता चलता है?
उत्तर:
एक दिन राष्ट्रपति भवन में डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के कमरे की सफाई करते समय उनके पुराने नौकर तुलसी से गलती से हाथी के दाँत से बना पेन मेज से नीचे गिर कर टूट गया और स्याही कालीन पर फैल गई। राजेन्द्र प्रसाद बहुत गुस्सा हुए। यह पेन उन्हें किसी ने भेंट में दी थी। वह पेन उन्हें बहुत प्रिय थी। उन्होंने उसी दिन तुलसी को अपनी सेवा से हटा दिया। उस दिन व्यस्तता के बावजूद उनके दिल में एक काँटा-सा चुभता रहा। उन्हें लगा कि उन्होंने तुलसी के साथ अन्याय किया है। उन्होंने शाम को तुलसी को अपने कमरे में बुलाया। तुलसी डरता हुआ कमरे में गया। उसने देखा कि राष्ट्रपति  सिर झुकाए और हाथ जोड़े उसके सामने खड़े हैं। उन्होंने धीमे स्वर में कहा, “तुलसी मुझे क्षमा कर दो।” इससे उनकी महानता
और क्षमाशीलता का पता चलता है।

प्रश्न 6:
निम्नलिखित में सही वाक्यों के सामने सही (✓) तथा गलत के सामने सही (✘) का चिह्न लगाएँ (चिह्न लगाकर )

(क) डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने वकालत से मुँह मोड़ लिया; क्योंकि इसमें आमदनी कम थी। (✘)
(ख) डॉ० राजेन्द्र प्रसाद एक सफल किसान थे और अन्त में देश के प्रथम राष्ट्रपति निर्वाचित हुए। (✘)
(ग) अपने विद्यार्थी जीवन से ही डॉ० राजेन्द्र प्रसाद  सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लिया। करते थे। (✓)

प्रश्न 7:
निम्नलिखित घटनाओं को सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए (सही क्रम में व्यवस्थित करके)

  •  वे अपने हिन्दू और मुसलमान दोस्तों के साथ ‘चिक्का’ और ‘कबड्डी’ खेलते थे।
  • उन्होंने बिहारी युवा छात्रों को संगठित किया।
  • चम्पारन सत्याग्रह। वे संविधान निर्मात्री सभा के अध्यक्ष बने।
  • वे भारत के प्रथम राष्ट्रपति चुने गए।

प्रश्न 8:
नोट:  विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।

योग्यता विस्तार:
नोट- विद्यार्थी ‘भारत रत्न’ से सम्मानित भारत के सभी  राष्ट्रपतियों की सूची अपने अध्यापक की सहायता से स्वयं बनाएँ।।

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