UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 4 बालकः ध्रुवः (अनिवार्य संस्कृत)

By | May 26, 2022

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 4 बालकः ध्रुवः (अनिवार्य संस्कृत)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 4 बालकः ध्रुवः (अनिवार्य संस्कृत)

अयं बालकः ……………………… आसीत्।

हिन्दी अनुवाद:
यह बालक ध्रुव है। इसके पिता महाराज उत्तानपाद थे। उसकी पत्नी सुनीति रूपवती, गुणवती और पतिव्रता नारी थी। सब सुखों से सम्पन्न होकर भी राजा सन्तानहीन होने से चिन्तातुर थे। बुद्धिमती सुनीति ने उससे दूसरा विवाह करने के लिए कहा। उसके विशेष आग्रह पर राजा  ने दूसरा विवाह सुरुचि के साथ किया। सुरुचि रूपवती परन्तु कुटिल हृदय वाली थी। विवाह के बाद उसका एक पुत्र हुआ। राज़ी ने ‘उत्तम’ ऐसा उसका नाम रखा। कालातंर में सुनीति ने भी एक पुत्र को जन्म दिया। इसका नाम ध्रुव था।

एकदा नृपः ……………………अभवत्।।

हिन्दी अनुवाद:
एक दिन राजा उत्तम को गोद में बैठाकर खिला रहे थे। उसी समय ही पाँच वर्षीय बालक ध्रुव वहाँ आया। वह भी राजा की गोद में बैठना चाहता था किन्तु राजा ने उसे नहीं बैठाया। तब वहीं बैठी विमाता सुरुचि ने ध्रुव से कहा, “तुम तप के बल से जब मेरी कोख से जन्म लोगे, तब राजा की गोद में बैठने योग्य होगे।” इससे अपमानित होकर ध्रुव ने सभी बातों को अपनी माता से कहा और पूछा, “राजसिंहासन से भी उच्च स्थान क्या है? मैं उसे प्राप्त करने का प्रयत्न करूंगा।  ” चकित माता ने कहा, “भगवान ही उस स्थान को देने में समर्थ हैं, तुम उसे ही भजो।” माता की आज्ञा से ध्रुव वन को चला गया। तब रास्ते के बीच में नारद उसे मिले। इसके बाद नारद के उपदेश से उसे अपने लक्ष्य की प्राप्ति हुई। आज भी आकाश में ध्रुव की ध्रुवतारा नाम से ऊँची स्थिति है। यह देश धन्य है, जहाँ ऐसा बालक हुआ।

अभ्यास

प्रश्न 1:
उच्चारण करें
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2:
एक पद में उत्तर  दें

(क) ध्रुवस्य जनकः कः आसीत्?                        उत्तानपाद्ः।
(ख) मातुः आज्ञया ध्रुवः किम् अकरोत्?              वनमगच्छत।
(ग) कस्य उपदेशेन धुवः स्वलक्ष्य प्राप्तवान्?       नारदस्य।
(घ) ध्रुवं मार्ग कः अमिलत्?                                    नारदः।

प्रश्न 3:
किसने कहा लिखिए
(क) राजसिंहासनात् अपि उच्चस्थानं किम्?                                         ध्रुवः अकथयत्।
(ख) भगवान् एव तत्स्थान् दातुं समर्थः।                                                 सुनीतिः अकथयत्।
(ग) यदा मम कुक्षौ जन्म ग्रहीष्यसि तदा उपवेशनयोग्यः भविष्यसि।     सुरुचिः अकथयत्।

प्रश्न 4:
अधोलिखित पदों में उपसर्ग छाँटिए ( छाँटकर)

शब्द                                   उपसर्ग
उपवेशनाय                            उप
अपमानितः                            अप
उपदेशेन                               उप
प्राप्तुम्                                    प्र

प्रश्न 5:
विशेषण-विशेष्य का सही मिलान करें (मिलान करके)
‘क’                                        ‘ख’
बालकः                                     ध्रुवः
महाराजः                              उत्तानपाद:
मतिमति                                 सुनीतिः
कुटिलहृदया                           सुरुचिः

प्रश्न 6:
विलोम-पदों का मिलान करें (मिलान करके)
‘क’                                   ‘ख’
उच्चैः                                 नीच्चैः
आकाशः                          पातालम्
सरला                               कुटिला
सम्मानित:                      अपमानितः

प्रश्न 7:
अधोलिखित वाक्यों की सहायता से सही घटना क्रम बनाएँ (क्रम में लगाकर)

(क) एकः उत्तानपाद-नामकः राजा आसीत्।
(च) तस्य सुरुचिः सुनीतिः इति द्वे स्त्रियौ स्तः।
(छ) सुनीतेः पुत्रः ध्रुवः आसीत्।।
(ग) एकदा ध्रुवः स्व-विमात्रा अपमानितो जातः।
(ङ) तया अपमानित: ध्रुवः तत्सर्वं स्वमातरम् अकथयत्।
(ख) मातुः आज्ञया ध्रुवः वनम् अगच्छत्।
(घ) नारदस्य उपदेशेन सः स्वलक्ष्यप्राप्तौ सफलः अभवत्।

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