UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 6 गीतामृतम् (अनिवार्य संस्कृत)

By | May 26, 2022

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 6 गीतामृतम् (अनिवार्य संस्कृत)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 6 गीतामृतम् (अनिवार्य संस्कृत)

यद् यदाचरति ………………………………………… लोकस्तदनुवर्तते ॥1॥

हिन्दी अनुवाद:
जैसा श्रेष्ठ लोग आचरण करते हैं, वैसा ही और दूसरे लोग  करते हैं। वह जो प्रमाण प्रस्तुत करते हैं, लोग उनका अनुकरण करते हैं।

चञ्चलं …………………………………. सुदुष्करम् ॥2॥

हिन्दी अनुवाद:
हे कृष्ण! मन चंचल, मन्थन करने वाला और दृढ़ है। इसका निग्रह करना वायु को निग्रह करने के समान कठिन कार्य है।

काम एष क्रोध …………………………… वैरिणम् ॥3॥

हिन्दी अनुवाद:
रजोगुण से उत्पन्न काम और क्रोध महान शत्रु और पापात्मा है।  इसको ही संसार का वैरी जानो।

त्रिविधं …………………….. त्रयं त्यजेत् ॥4॥

हिन्दी अनुवाद:
आत्मा का नाश करने वाले नरक के तीन द्वार काम,  क्रोध और लोभ हैं। इसलिए इन तीनों को छोड़ देना चाहिए।

सर्वधर्मान् …………………………….. मा शुचः ॥5॥

हिन्दी अनुवाद:
हे अर्जुन! सारे धर्मों को छोड़कर मुझ एक ईश्वर की शरण में आ जाओ। मैं तुझे सब पापों से मुक्ति दे दूंगा। इसलिए शोक मत करो।

अभ्यास

प्रश्न 1:
उच्चारण करें।
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2:
एक पद में उत्तर दें।
(क) लोकः किम् अनुवर्तते?                                                                              प्रमाणं।
(ख) कस्य निग्रहः सुदुष्करः?                                                                            मनः।
(ग) कामः क्रोधस्तथा लोभः कस्य वारम्?                                                      नरकस्य।
(घ) अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि” इति कः अकथयत्?                   श्री कृष्णः।

प्रश्न 3:
मजूषा से उचित पदों को चुनकर वाक्य पूरा करें  (वाक्य पूरा करके)

(क) श्रेष्ठः जनः यथा आचरति तथैव इतरः जनः आचरति।
(ख) हे कृष्ण! मन: चञ्चलम् भवति।
(ग) कामः क्रोधः लोभः च त्रिविधम् नरकस्य द्वारम् अस्ति।
(घ) कृष्णः अवदत्- हे अर्जुन! मामेकम् शरणम् व्रज।।

We hope the UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 6 गीतामृतम् (अनिवार्य संस्कृत) help you.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *