UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 ईश्वरचन्द्रो विद्यासागरः (अनिवार्य संस्कृत)

By | May 26, 2022

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 ईश्वरचन्द्रो विद्यासागरः (अनिवार्य संस्कृत)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 7 ईश्वरचन्द्रो विद्यासागरः (अनिवार्य संस्कृत)

एकोनविंशख्रिष्ट शताब्दयां ………………………………………….. करोति स्म।

हिन्दी अनुवाद:
उन्नीसवीं शताब्दी में बंगाल प्रांत में जो विद्वान समाज सुधारक थे, उनमें से एक ईश्वरचन्द्र विद्यासागर थे। उन्होंने बहुत परिश्रम से विद्या का अध्ययन किया। उनकी अगाध विद्वता को देखकर लोग यथा नाम तथा उक्ति सार्थक मानते थे। वे अत्यन्त सरल और उदार हृदय वाले थे। वे निर्बलों और गरीबों की सदैव सहायता करते थे।

विद्यासागर यशः ………………………. मा कुरु।

हिन्दी अनुवाद:
विद्यासागर का यश सुनकर एक बार कोई धनी युवक उनके दर्शन के लिए आया। उसने पहले कभी विद्यासागर को नहीं देखा था। रेलगाड़ी से उतर कर वह अपनी पेटी ले जाने के लिए ‘कुली’ ‘कुली’ चिल्लाने लगा। किन्तु कोई कुली न आया। इसे देखकर वहाँ मौजूद विद्यासागर उसके पास गए। वह धनिक विद्यासागर को कुली मानकर उनसे बोला, “इस पेटी को ले चलो। मुझे विद्यासागर के घर जाना है।” विद्यासागर उसकी पेटी को हाथ में लेकर उसके साथ अपने घर गए। वहाँ ये ही विद्यासागर हैं, ऐसा जानकर वह युवक अत्यन्त लज्जित और विस्मित हुआ। “मुझे क्षमा कीजिए” ऐसा कहकर वह उनके पैरों पर गिर पड़ा। विद्यासागर ने उससे कहा, अपना कार्य स्वयं करो। उसमें लज्जा मत करो।”

एषः महाशयः ………………कृतानि

हिन्दी अनुवाद:
ये महाशय भारतीय संस्कृति के साथ पाश्चात्य संस्कृति के भी समर्थक थे। संस्कृत किसी वर्ग विशेष की भाषा नहीं है। सब संस्कृत पढ़े- ऐसा उनका अच्छा विचार था। नारी शिक्षा के लिए उनके किए गए प्रयास अत्यन्त अभिनन्दनीय हैं। विधवा-विवाह के लिए सन्  1855 ई० में उनके द्वारा जन आन्दोलन किया गया। बाल-विवाह और बहु-विवाह प्रथा के प्रबल विरोधी विद्यासागर द्वारा अन्य भी बहुत से प्रशंसनीय कार्य किए गए।

अभ्यास

प्रश्न 1:
उच्चारण करें
नोट- विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2:
एक पद में उत्तर दें
(क) विद्यासागरः कीदृशः आसीत्?                                      सरलः उदार हृदयः।
(ख) ‘कः भारिक! भारिक!’ इति उच्चैः शब्दम् अकरोत्?               धनिकः।
(ग) विधवाविवाह प्रवर्तनाय जनान्दोलनं केन कृतम्?                  विद्यासागरः।

प्रश्न 3:
इस पाठ का सारांश हिन्दी में लिखिए।
नोट- हिन्दी अनुवाद देखिए।

प्रश्न 4:
निम्नलिखित पदों में विभक्ति एवं वचन बतायें ( बताकर )
पद                                  विभक्ति                          वचन
श्रमेण                =              तृतीय                          एकवचन
निर्बलानाम्        =                षष्ठी                           बहुवचन
युवा                   =               प्रथमा                         बहुवचन
नारीशिक्षायै        =              चतुर्थी                         एकवचन

प्रश्न 5:
पाठ से उचित शब्द चुनकर  रिक्त स्थानों की पूर्ति करें। (पूर्ति कीजिए)

(क) सः महता श्रमेण विद्याध्ययनम् अकरोत्।
(ख) सः विद्यासागर कदापि नापश्यत्।।
(ग) मां विद्यासागरस्य गृहं प्रापय।
(घ) सर्वे संस्कृतं पठन्तु।

प्रश्न 6:
निम्नलिखित वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करें-                             अनुवाद
(क) वे उच्चकोटि के विद्वान थे।                                       सः उच्चकोटि विद्वानः  आसीत्।
(ख) उनका व्यवहार सरल था।।                                   तस्य व्यवहारः सरलः आसीत्।
(ग) अपना काम स्वयं करना चाहिए।                              स्वीयं कार्यं स्वयम् एव करन्तु।
(घ) विद्यासागर उनका बोझ लेकर घर गये।                विद्यासागरः तस्य भारम् नीत्वा गृहं अगच्छत्।।

प्रश्न 7:
खण्ड ‘क’ को खण्ड ‘ख’ से जोड़कर  वाक्य पूर्ण करें ( पूर्ण करके)

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