UP Board Solutions for Class 7 Home craft Chapter 4 रोग और उनसे बचाव
UP Board Solutions for Class 7 Home craft Chapter 4 रोग और उनसे बचाव
अभ्यास
1. बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1:
सही विकल्प के सामने दिए गए गोल घेरे को काला करिए
1. जल के माध्यम से रोग होता है
(क) मलेरिया
(ख) रिकेट्स
(ग) स्कर्वी
(घ) हैजा
2. टायफाइड रोग फैलता है
(क) मलेरिया
(ख) जल
(ग) दूध
(घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 2:
मिलान कीजिए
उत्तर:
2. अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(क) अतिसार रोग किन कारणों से होता है?
उत्तर:
यह रोग भी दूषित जल एवं भोजन के सेवन से फैलता है। इससे ग्रसित व्यक्ति को बार-बार पतली दस्त आने लगता है। शरीर में पानी की कमी हो जाती है। रोगी कमजोर हो जाता है।
(ख) हैजा रोग किसके द्वारा फैलता है?
उत्तर:
हैजा फैलने का कारण- दृषित जल पीने से हैजे का रोग फैलने की संभावना होती है। हैजे के रोगी के वमन व दस्त से उसके जीवाणू शरीर से बाहर निकलते हैं। यदि दस्त व वमन को अच्छी तरह साफ न किया जाए, तो उस पर मन्दिर दैट उनी हैं। गिर न मृवियाँ ग्वाहा गूदार्थों पर वैटकर उनको रोयुक्त बना देती हैं। मक्खियाँ हैजा फैलाने में सबसे अधिक सहायक होती हैं।
3. लघु उत्तरीय प्रश्न
(क) जीवन रक्षक घोल कैसे और कब बनाते हैं?
उत्तर:
जब किसी व्यक्ति को अतिसार रोग हो जाए तो निर्जलीकरण को रोकने के लिए जीवन रक्षक घोल (एक गिलास पानी में एक चम्मच चीनी और एक चुटकी नमक मिलाकर) एवं इलेक्ट्रलि देना चाहिए।
प्रश्न 3:
पेचिश रोग के लक्षण लिखिए।
उत्तर:
पेचिश के लक्षण
- पतले दस्त के साथ आँव या खुन आने की संभावना होती है।
- कभी-कभी बुखार भी आ जाता है।
4. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
(क) टायफाइड रोग के क्या लक्षण हैं और उससे कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर :
टायफाइड के लक्षण
- यह सर्दी, जुकाम या फ्लू से शुरू होता है और इसमें नब्ज़ ढीली पड़ जाती है।
- रोगी को तेज बुखार आता है। तापमान घटता-बढ़ता रहता है।
- शरीर कमजोर हो जाता है। कभी-कभी शरीर पर दाने दिखाई देते हैं।
- उल्टी, दस्त या कब्ज की शिकायत रहती है।
बचाव के उपाय- निम्न प्रकार हैं
- डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें ।
- रोगी को पूरा आराम और सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए।
- उबला पानी ठंडा करके दिया जाए।
- रोगी को उबला दूध, साबूदाना, दलिया, मूंग की खिचड़ी दें।
(ख) भोजन संबंधी अच्छी आदतों से आप क्या समझते हैं? अपने शबदों में लिखिए।
उत्तर:
उत्तम स्वास्थ्य के लिए भोजन संबंधी अच्छी आदतें अति आवश्यक हैं जो निम्नलिखित हैं
- भोजन पौष्टिक व संतुलित हो। भोजन स्वच्छता से पकाया जाए।
- भोजन करने का स्थान एवं भोजन करने वाले दोनों को स्वच्छ होना चाहिए।
- भोजन को हमेशा चबा-चबाकर धीरे-धीरे खाना चाहिए। बासी भोजन नहीं करना चाहिए।
- आवश्यकतानुसार ही भोजन अपनी थाली में लेना चाहिए। भूख लगने पर ही भोजन किया जाए।
- भोजन करने से पूर्व हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए।
- कम से कम 8-10 गिलास पानी प्रतिदिन पिएं।
- अधिक मिर्च मसाला वाला भोजन न करके मौसमी ताजे फलें, सब्जियाँ खाना चाहिए।
- भोजन पकाने, परोसने तथा खाने से पहले हाथ धोना चाहिए।
प्रोजेक्ट कार्य
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
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