UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 15 संस्कृतम्

By | May 26, 2022

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 15 संस्कृतम्

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 15 संस्कृतम्

शब्दार्थाः – भारतीयैकता-साधकम् = भारतीय एकता को सिद्ध करने वाला, भारतीयत्वे-सम्पादकम् = भारतीयता की भावना का सम्पोषक, ज्ञानपुञ्जप्रभादर्शकम् = ज्ञान-समूह के प्रकाश को दिखलाने वाला, आनन्दसन्दोहदम् = आनन्द समूह को देने वाला, सर्वभूतैकता = सभी प्राणियों के प्रति ऐक्यभावना, सर्वतः = चारों ओर.शान्तिसंस्थापकम् = शान्ति की स्थापना करने वाला, पञ्चशीलप्रतिष्ठापकम् = पंचशील के सिद्धान्तों की प्रतिष्ठा करने वाला, त्यागसन्तोषसेवाव्रतम् = त्याग, सन्तोष और सेवा जिसका व्रत है। विश्वकल्याणनिष्ठायुतम् = विश्व की भलाई की निष्ठा से युक्त, भुक्तिमुक्तिद्वयोभावनम् = भोग
और मोक्ष दोनों की उद्भावना (उत्पत्ति) करने वाला, सदने = घर में, चिरम् = बहुत समय तक (सदा), कल्याणी = कल्याण करने वाली।

भारतीयैकता ……………………………………………………………………… संस्कृतम् ।।1।।

हिन्दी अनुवाद – संस्कृत भारतीय एकता सिद्ध करने वाली है; भारतीयता की भावना का पोषण करने वाली है; ज्ञान समूह का प्रकाश दिखाने वाली है तथा आनन्द देने वाली है।

विश्वबन्धुत्व ……………………………………………………………………… संस्कृतम् ।।2।।

हिन्दी अनुवाद – संस्कृत विश्व बन्धुत्व बढ़ाने वाली, सब में एकता लाने वाली, हर ओर शान्ति स्थापित करने वाली एवं पंचशील के सिद्धान्तों की प्रतिष्ठा करने वाली है।।

त्याग ……………………………………………………………………… संस्कृतम् ।।3।।

हिन्दी अनुवाद – संस्कृत त्याग, सन्तोष, सेवा का व्रत वाली है; विश्व की भलाई की निष्ठा से युक्त है; ज्ञान-विज्ञान का सम्मेलन तथा योग एवं मोक्ष की उत्पत्ति करने वाली है।।

नगरे ……………………………………………………………………… कल्याणी।4।।

हिन्दी अनुवाद – नगर-नगर और गाँव-गाँव में फैले संस्कृतवाणी हर एक घर में और जन-जन में । बसे सदा कल्याणी ।

अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) संस्कृतं कस्य साधकम् अस्ति?
उत्तर :
संस्कृतं भारतीयैकतायाः साधकम् अस्ति।

(ख) संस्कृतं कस्य विस्तारकम् अस्ति?
उत्तर :
संस्कृतं विश्वबन्धुत्वस्य विस्तारकं अस्ति।
(ग) संस्कृतं कयोः सम्मेलनम् अस्ति?
उत्तर :
संस्कृतं ज्ञान-विज्ञानयोः सम्मेलनम् अस्ति।
(घ) भुक्तिमुक्तिद्वयोद्भावनं किम् अस्ति?
उत्तर :
भुक्तिमुक्तिद्वयोभावनं संस्कृतम् अस्ति।
(ङ) कल्याणी का अस्ति?
उत्तर :
कल्याणी वाणी अस्ति।

प्रश्न 3.
हिन्दीभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) पशीलप्रतिष्ठापकं संस्कृतम् ।।
हिन्दी अनुवाद : संस्कृत पंचशील के सिद्यान्तों को प्रतिष्ठा देने वाली है।
(ख) नगरे–नगरे, ग्रामे-ग्रामे विलसतु संस्कृत-वाणी।।
हिन्दी अनुवाद : नगर-नगर और गाँव-गाँव में फैले संस्कृत वाणी।
(ग) विश्वबन्धुत्व-विस्तारकं संस्कृतम्।
हिन्दी अनुवाद : संस्कृत विश्ववन्धुत्व बढ़ाने वाली है।

प्रश्न 4.
पाठे आगतानि विशेष्य-विशेषणपदानि लिखत (लिखकर) –
यथा- साधकं संस्कृतम्
सम्पादकं संस्कृतम्                          प्रभादर्शकं संस्कृतम्
सर्वदानन्द-सन्दोहदं संस्कृतम्।         विस्तारकं संस्कृतम्

प्रश्न 5.
विशेष्यपदानां पूर्वम् उपयुक्तविशेषणपदं लिखत
(क) सुन्दरम् पुष्पम् (सुन्दरः, सुन्दरम्)
(ख) मनोहरमू चित्रम् (मनोहरम्, मनोहारी)
(ग) सुन्दरे कमले। (सुन्दरे, सुन्दराः)
(घ) स्वच्छानि वस्त्राणि। (स्वच्छ, स्वच्छानि)

प्रश्न 6.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) संस्कृत विश्वबन्धुत्व को फैलाने वाली है।
अनुवाद : विश्वबन्धुत्व विस्तारकं संस्कृतम्
(ख) संस्कृत चारों ओर शान्ति की स्थापना करने वाली है।
अनुवाद : सर्वतः शान्ति स्थापकं संस्कृतम्।
(ग) संस्कृत ज्ञान-विज्ञान का मेल कराने वाली है।
अनुवाद : ज्ञान-विज्ञान सम्मेलनं संस्कृतम्।

प्रश्न 7.
मजूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत ( पूरे करके)
(क) ज्ञानपुञ्ज प्रभादर्शकम् संस्कृतम्
(ख) नगरे–नगरे, ग्रामे-ग्रामे विलसतु संस्कृतवाणी।।
(ग) सदने-सदने, जन-जनवदने जयतु चिरं कल्याणी।
(घ) सर्वदानन्द सहोदरम् संस्कृतम्।।

नोट – विद्यार्थी शिक्षण-संकेत स्वयं करें।

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