UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 17 समाज निर्माणे नारीणां भूमिका

By | May 26, 2022

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 17 समाज निर्माणे नारीणां भूमिका

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 17 समाज निर्माणे नारीणां भूमिका

शब्दार्थाः- ब्रह्मवादिनी = ब्रह्मविषयक ज्ञान में निष्णात, परमतत्वचिन्तने = अध्यात्म तत्व के चिन्तन में, प्रज्ञावती = बुद्धिमती, दक्षा = समर्थ, समकक्षतां = समानता को, आपणेषु = दुकानों में, सहयोगितया = ;सहयोगी के रूप में कन्धे से कन्धा मिलाकर,  भूषयन्तः = शोभित  करती हुई, पुष्णाति = पुष्ट करता है, सरस्वत्यवतारभूता = सरस्वती का अवतार, अग्रेसरन्ति = आगे चलती हैं, आपणेष्वपि = बाजारों में भी, सांसदेत्यादीनि = सांसद इत्यादि, अभ्युन्नत = अधिक ऊँचा।

वैदिकवाङ्मये ……………………………………………………………………… सन्ति।

हिन्दी अनुवाद – वैदिक साहित्य (के काल) में – अपाला, घोषा, लोपामुद्रा, आदि विदुषी स्त्रियाँ हुई हैं। गार्गी ब्रह्मवादिनी, तीक्ष्णबुद्धि, अध्यात्मतत्व की विवेचिका थीं उन्होंने याज्ञवल्क्य के साथ शास्त्रार्थ किया तथा याज्ञवल्क्य को निरुत्तर (पराजित) किया।  याज्ञवल्क्य की पत्नी मैत्रेयी भी बुद्धिमती और सूक्ष्म विवे.

चिका थीं। आचार्य मण्डनमिश्र की पत्नी भारती अतीव विदुषी, साक्षात् सरस्वती (माता) का अवतार थीं। उनकी विशिष्टता यह थी कि वे शङकराचार्य के साथ मण्डनमिश्र के (होने वाले) शास्त्रार्थ में निर्णायिका बनी थीं जब मण्डनमिश्र पराचित (शास्त्रार्थ में पराजित) हो गये, तब उन्होंने स्वयं भी शङ्कर (आचार्य) के साथ शास्त्रार्थ किया।

आधुनिक काल में विमानचालन में, चन्द्रमा पर जाने में, जलयान चालन में महिलायें आगे चल रही हैं। पुरुष के समान स्त्रियाँ भी सार्वजनिक व्यापार में, दुकानों में (बाजारों में भी उनकी संख्या पुरुषों की अपेक्षा कम नहीं है। अब राजनीति में भी स्त्रियाँ  पुरुषों के साथ सहयोगी के रूप में (कन्धे से कन्धा मिलाकर) प्रगति कर रही हैं। वे पार्षद, विधायक, सांसद इत्यादि पदों पर भी शोभित हो रही हैं। भाषण में भी उनकी ओजस्विता दिखाई देती है। अधिक क्या (अर्थात् इससे अधिक और क्या हो सकता है कि) राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री आदि महत्त्वपूर्ण पदों को सुशोभित करती हुई (स्त्रियाँ) गौरव प्राप्त कर रही हैं। क्रिकेट बालीबॉल, टेनिस इत्यादि पश्चिमी खेलों के क्षेत्रों में भी आधुनिक युवतियाँ और लड़कियाँ विदेशों में जाकर विजय प्राप्त करके संसार में भारत का मान बढ़ा रही हैं। आधुनिक समस्य में तो कबड्डी, भारोत्तोलन जैसे भारतीय खेलों में भी वे (स्त्रियाँ) होड़ कर रही हैं। विगत ओलम्पिक खेलों की प्रतिस्पर्धा में भारोत्तोलन में कर्णममल्लेश्वरी ने पदक प्राप्त किया है। शिक्षा के क्षेत्र में भी युवतियाँ प्रधानाध्यापिका के पदों पर प्रतिष्ठित हुई हैं। न केवल कुलपति के पद को बल्कि मन्त्री पद को भी वे (स्त्रियाँ) सुशोभित कर रही हैं इस प्रकार निश्चय ही स्त्रियाँ समाज के सब कर्मक्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान करती हुई राष्ट्र की उन्नति में संलग्न हैं।

अभ्यास

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत-
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) समाजस्य निर्माणे कासां महती भूमिका स्वीक्रियन्ते?
उत्तर :
समाजस्य निर्माण नारीणां महती भूमिका स्वीक्रियन्ते। अर्थात् समाजस्य निर्माणे स्त्रीपुरुषयोः समानतायाः महती भूमिका स्वीक्रियन्ते ।।।
(ख) समाजस्य कल्याणं कदा भवति?
उत्तर :
यदा स्त्रीपुरुषयोः समभावो भवेत्।
(ग) प्राचीनकाले अस्माकं देशे काः विदुष्यः आसन्?
उत्तर :
प्राचीनकाले अस्माकं देशे स्त्रियः विदुष्यः आसन्

(घ) विदुषयः नायैः काः?
उत्तर :
अपाला, घोषा, रोमगा, विश्ववारा, प्रभृतयः विदुष्यः नार्थ्यः अभवन्
(ङ) गार्गी केन सह शास्त्रार्थमकरोत?
उत्तर :
गार्गी याज्ञवल्क्येन सह शास्त्रार्थमकरोत्।
(च) मैत्रेयी कीदृशी आसीतू?
उत्तर :प्रज्ञावती, सूक्ष्मविवेचिका, परमत्वचिन्तने दक्षा आसीत्।

(छ) आधुनिके समाजे स्त्रियः केषु क्षेत्रेषु स्वीकार्य योगदानं कुर्वाणः दृश्यन्ते?
उत्तर :
आधुनिके समाजे स्त्रियः सर्वेषु कर्मक्षेत्रेषु स्वं महत्वपूर्ण योगदानं कुर्वाणाः दृश्यन्ते।

प्रश्न 3.
पदेषु सन्धि-विच्छेदं कुरुत (सन्धि-विच्छेद करके) –
पदम्                      सन्धि–विच्छेदः
तथैव                       तथा + एव
चन्द्रोपरि                  चन्द्र + उपरि
क्षेत्रेऽपि                    क्षेत्रे + अपि
शास्त्रार्थे                   शास्त्र + अर्थे

प्रश्न 4.
निम्नलिखितपदेषु उपसर्गं लिखत (लिखकर) –
पदम्                   उपसर्गः
विजयम्                   वि
संलग्नः                    सम्
प्रचलितः                   प्र
प्राध्यापकः                प्र

प्रश्न 5.
मञ्जूषातः पदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत (पूरा करके) –
(क) वैदिक वाङ्मये नार्यः विदुष्यः अभवन्।
(ख) साम्प्रतं मनुष्याणां जीवनदृष्टिः परिवर्तिता।
(ग) मण्डनमिश्रस्य पत्नी भारती अतीव विदुषी आसीत्।
(घ) भारोत्तोलने कर्णमूमल्लेश्वरी पदं प्राप्तवती।।

प्रश्न 6.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके) –
(क) समाज में स्त्री और पुरुष का महत्त्व समान है।
अनुवाद : समाजे स्त्रीपुरुषयोः समानः महत्वः।।
(ख) स्त्री और पुरुष की समानता की भावना प्राचीनकाल से है।
अनुवाद : स्त्री पुरुषयोः समताभावः प्राचीनकालादेव प्रचलितः अस्ति।
(ग) वह युद्ध तथा यज्ञों में भी भाग लेती थी।
अनुवाद : सा युद्धे यज्ञे च सम्मिलिता आसीत्।
(घ) माता बच्चों की प्रथम शिक्षिका  होती है।
अनुवाद : माता बालकानां प्रथमा शिक्षिका भवति।।
(ङ) इस समय भारतीय राजनीति में महिलाओं की महती भूमिका है।
अनुवाद : अधुना भारतीय राजनीत्यां महिलानां महती भूमिका अस्ति।

प्रश्न. 7.
‘मम माता’ इति विषये संस्कृतभाषायां पंच वाक्यानि लिखत।
उत्तर :
विद्यार्थी स्वयं करें।

नोट –
विद्यार्थी शिक्षण-संकेत  स्वयं करें।

पुनरावृत्तिः

प्रश्न 1.
दीर्घस्वराः के-के सन्ति, इति लिखत।
उत्तर :
आ, ई, ऋ, लू, ए, ऐ, ओ, औ।।

प्रश्नँ 2.
संयुक्तव्यञ्जनानां पञ्च उदाहरणानि लिखत।
उत्तर :
पञ्कजः, पीताम्बरः, कृष्णः, चञ्चु, पञ्च।

प्रश्न 3. निम्नलिखित-वर्णानाम् उच्चारणस्थानानि लिखत (लिखकर)
उत्तर :
ई, व – तालु, ण – मूर्ख, ए – कंठतालु, ब – ओष्ठ

प्रश्न 4.
“अक्’ प्रत्याहारे ‘ए’ प्रत्याहारे च के के वर्णाः भवन्ति, इति लिखत।
उत्तर :
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ऋ, लु, लु, क (अक्)।

प्रश्न 5.
‘श’, ‘ष’ ‘स’ चैतेषाम् उच्चारणस्थानानि वदत।
उत्तर :
ए, ऐ, ओ, औ, ख, ग, घ, ङ (ए)।

प्रश्न 6.
निम्नलिखितपदेषु सन्धि-विच्छेदं कृत्वा  सन्धिनाम लिखत (सन्धि-विच्छेद करके)
पदम्                          सन्धि–विच्छेदः                सन्धि-नाम
सूक्तिः                              सु + उक्ति                        दीर्घ
औषधालयः                    औषध + आलयः                  दीर्घ
तथापि                              तथा + अपि                       दीर्घ
सूर्योदयः                           सूर्य + उदयः                       गुण

प्रश्न 7.
निर्देशानुसारेण शब्दरूपाणि लिखत (लिखकर) –
शब्दः                                                                         रूपम्
‘राम’ शब्दस्य तृतीया विभक्ति बहुवचने                            रामैः
रमा’ शब्दस्य षष्ठीविभक्तेः एकवचने।                              रमायाः
‘पुस्तक’ शब्दस्य सप्तमी विभक्ति बहुवचने                     पुस्तकेषु
नदी’ शब्दस्य षष्ठीविभक्तेः एकवचने                                  नद्याः

प्रश्न 8.
शुद्धेषु उत्तरेषु (✓) चिह्नं योजयत्  (लगाकर) –
(क) कारकाणि सन्ति।              (सप्त/अष्ट)
(ख) विभक्तयः सन्ति।             (षट्/सप्त/अष्ट)
(ग) त्वं पठसि।                      (पुस्तकम्/पुस्तकी)
(घ) सीता फलं खादति।            (मधुरः/मधुरम्)

We hope the Sanskrit Class 7 UP Board Solutions for chapter 17 समाज निर्माणे नारीणां भूमिका help you.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *