UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 9 सुभाषितानि

By | May 26, 2022

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 9 सुभाषितानि

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 9 सुभाषितानि

शब्दार्था:- क्षणशः = प्रतिपल, चिन्तयेत् = चिन्तन करना चाहिए, नार्जिता = नहीं प्राप्त किया, तुष्यन्ति = तुष्ट होते हैं, वक्तव्यम् = बोलना चाहिए, अनृतम् = झूठ, जाड्यंधियः = बुद्धि की जड़ता, पापमपाकरोति = पापों को दूर करती है, तनोति = फैलाती है, दिक्षु = दिशाओं में, पुंसाम् = व्यक्तियों का।।

क्षणशः ……………………………………………………… धनम् ॥1॥

हिन्दी अनुवाद – एक एक पल और एक एक कण से विद्या  और धेने के लिए सोचना चाहिए। क्षण त्यागने पर विद्या कहाँ और कण त्यागने पर धन कहाँ?

प्रथमे ……………………………………………………… करिष्यति ॥2॥

हिन्दी अनुवाद – पहले विद्या नहीं प्राप्त की, दूसरे धन नहीं कमाया, तीसरे पुण्य नहीं कमाया (प्राप्त किया) तो फिर चौथे और क्या करेगा अर्थात् फिर कुछ फायदा नहीं।

सर्वतीर्थमयी ……………………………………………………… पूजयेत् ॥3॥

हिन्दी अनुवाद – माता समस्त तीर्थों का रूप होती है और पिता सभी देवताओं के।  इसलिए सब यत्नों से माता-पिता की पूजा करनी चाहिए।

प्रियवाक्यप्रदानेन ……………………………………………………… दरिद्रता ॥4॥

हिन्दी अनुवाद – सभी प्राणी प्रिय वाक्य बोलने से सन्तुष्ट होते हैं, इसलिए प्रियवचन ही बोलना चाहिए, बोलने में भला कैसी दरिद्रता?

सत्यं ब्रूयात् ……………………………………………………… सनातनः ॥5॥

शब्दार्थाः- अनृतम् = झूठ।।

हिन्दी अनुवाद – सत्य बोलना चाहिए। प्रिय बोलना चाहिए। अप्रिय सत्य नहीं बोलना  चाहिए। प्रिय झूठ नहीं बोलना चाहिए। यही सनातन धर्म है।

जाड्यं ……………………………………………………… पुंसाम् ॥6॥

हिन्दी अनुवाद – सत्संगति बुद्धि की जड़ता (मन्दता) दूर करती है; वाणी में सच्चाई उत्पन्न करती है; मान बढ़ाती है; पाप दूर करती है; लक्ष्मी (सम्पत्ति) की वृद्धि करती है; चारों दिशाओं में कीर्ति फैलाती है; कहो सत्संगति व्यक्तियों का क्या नहीं करती।  अर्थात् सत्संगति से व्यक्ति सदा सुखी रहते हैं।

अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
एकपदेन उत्तरत
(क) क्षणत्यागे किं  न भवति?
उत्तर :
विद्या।
(ख) द्वितीये किं नार्जितम्?
उत्तर :
धनम्।

(ग) सर्वतीर्थमयी का अस्ति?
उत्तर :
माता।
(घ) सर्वे जन्तवः केन तुष्यन्ति?
उत्तर :
प्रियवाक्यप्रदानेन।
(ङ) कीदृशं प्रियं  न ब्रूयात्?
उत्तर :
नानृतम्।

प्रश्न 3.
वाक्यानि पूर्ति कुरुत (पूर्ति करके)
(क) कणत्यागे कुतः धनम्
(ख) तृतीये नार्जितः धर्मः
(ग) सर्वदेवमयः  पिता अस्ति।
(घ) प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे जन्तवः तुष्यन्ति।

प्रश्न 4.
संस्कृतभाषायाम् अनुवादं कुरुत
(क) माता-पिता की पूजा करनी चाहिए।
अनुवाद : मातरं-पितरं  पूजयेत्।

(ख) समय का पालन करो।
अनुवाद : समयस्य अनुपालनं कुरु।

(ग)
 बोलने में कैसी दरिद्रता?
अनुवाद : वचने का दरिद्रता।

(घ)
 प्रिय तथा सत्य बोलना चाहिए।
अनुवाद : प्रियं सत्यं  च ब्रूयात्।

(ङ)
 प्रिय वाक्य प्रदान करने से सभी जन्तु तुष्ट होते हैं।
अनुवाद : प्रिय वाक्य प्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः।

प्रश्न 5.
उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम्’ अनुपयुक्तकथनानां समक्ष ‘न’ इति लिखत (लिखकर)
(क) कणत्यागे धनं न भवति।
उत्तर : ‘आम्’

(ख)
 विद्यार्थिजीवने विद्या न अर्जनीया।
उत्तर : ‘न’
(ग) मातरं पितरं च सर्वयत्नेन पूजयेत।
उत्तर : ‘आम्’
(घ) प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे जन्तवः न तुष्यन्ति।
उत्तर : ‘न’
(ङ) सत्सङ्गतिः किमपि पुंसां न करोति।
उत्तर : ‘न’

प्रश्न 6.
अधोलिखित क्रियापदानां लकारं, पुरुषं, वचनं च लिखत (लिखकर)

प्रश्न 7.
रेखांकित पदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत (करके)
यथा – परिश्रमेण सफलता मिलति।                      केन सफलता मिलति?
(क) मधुरवचनेन जनाः प्रसन्नाः भवन्ति।               मधुरवचनेन के प्रसन्नाः भवन्ति?
(ख) व्यायामेन शरीर स्वस्थं भवति।                    केन शरीर स्वस्थं भवति।
(ग) मातुः आज्ञां पालयेत्।                                   मातुः किं पालयेत्।
(घ) वृक्षैाः प्राणवायु: प्राप्यते                                कै: प्राणवायु: प्राप्यते?

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