UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 18 स्थिर विद्युत

By | May 25, 2022

UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 18 स्थिर विद्युत

UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 18 स्थिर विद्युत

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प को छाँटकर लिखिए-
(क) निम्नलिखित में किसे घर्षण द्वारा आसानी से आवेशित नहीं किया जा सकता है-
(अ) काँच की छड़
(ब) एबोनाइट की छड़
(स) गुब्बारा
(द) लकड़ी का टुकड़ा (✓)

(ख) ऐबोनाइट की छड़ को फलालेन से रगड़ने पर-
(अ) ऐबोनाइट पर धन आवेश तथा फलालेन पर ऋण आवेश उत्पन्न होता है।
(ब) ऐबोनाइट पर ऋण आवेश तथा फलालेन पर धन आवेश उत्पन्न होता है। (✓)
(स) ऐबोनाइट व फलालेन दोनों पर धन आवेश उत्पन्न होता है।
(द) ऐबोनाइट व फलालेन दोनों पर ऋण आवेश उत्पन्न होता है।

(ग) समान प्रकार के आवेशों के बीच होता है-
(अ) आकर्षण बल
(ब) प्रतिकर्षण बल (✓)
(स) आकर्षण बल तथा प्रतिकर्षण बल दोनों
(द) न तो आकर्षण बल और न ही प्रतिकर्षण बल

(घ) आवेश कितने प्रकार के होते हैं-
(अ) एक
(ब) दो (✓)
(स) तीन
(द) चार

(ङ) तड़ित चालक बनाया जाता है।
(अ) काँच
(ब) रबर
(स) ताँबा (✓)
(द) स्टील

प्रश्न 2.
निम्नलिखित प्रश्नों में दिये गये शब्दों की सहायता से रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए-
(प्रतिकर्षण, तड़ित, ऋणात्मक, धनात्मक, विद्युत धारा).
(क) ऐबोनाइट की छड़ को फलालेन से रगड़ने पर फलालेन पर धन आवेश उत्पन्न होता है।
(ख) काँच की छड़ को रेशम से रगड़ने पर रेशम परे धन आवेश उत्पन्न होता है।
(ग) वस्तुओं के आवेशित होने का निश्चित प्रमाण प्रतिकर्षण है।
(घ) आवेशों के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते हैं।
(ङ) भवनों को आकाशीय बिजली से बचाने के लिए तड़ित चालक का उपयोग करते हैं।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित कथनों में सही कथन के सामने सही (✓) तथा गलत कथन के सामने गलत (✗) का चिह्न लगाइये-
(क) घर्षण द्वारा वस्तुओं को आकर्षित नहीं किया जा सकता। (✗)
(ख) कंघे को सूखे बालों पर रगड़ने पर वह कागज के टुकड़ों को आकर्षित करता है। (✓)
(ग) विपरीत प्रकार के विद्युत आवेशों में आकर्षण होता है। (✓)
(घ) तड़ित आघात से मिट्टी की उर्वरा शक्ति घटती है। (✗)

प्रश्न 4.
सही जोड़ी बनाइये-
UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 18 स्थिर विद्युत 4

प्रश्न 5.
आवेशित वस्तुओं में कब आकर्षण और प्रतिकर्षण होता है?
उत्तर-
आवेशित वस्तुओं में जब दोनों वस्तुओं में विपरीत प्रकार का आवेश हो तो उनमें आकर्षण होता है, परंतु जब दोनों वस्तुओं में समान प्रकार का आवेश हो, तो उनमें प्रतिकर्षण होता है।

प्रश्न 6.
विद्युत चालक व विद्युतरोधी पदार्थों का परीक्षण करने की प्रयोग विधि लिखिए।
उत्तर-
कोई पदार्थ चालक है अथवा विद्युतरोधी इसे ज्ञात करने के लिए दो विद्युतदर्शी A एव B लीजिए। इन विद्युतदर्शियों को पास-पास रखिए। विद्युतदर्शी A की चकती को एबोनाइट की आवेशित छड़ से स्पर्श कराकर आवेशित कीजिए। आवेशित होते ही इसकी पत्तियाँ फैल जायेंगी। किसी धातु (जैसे – लोहा, ताँबा या ऐलूमीनियम) का तार लीजिए और इसे थर्मोकोल की एक पट्टी में से आर-पार निकालिए ताकि थर्मोकोल का टुकड़ा विद्युत रोधी हत्थे की भाँति कार्य कर सके। अब इस थर्मोकोल पट्टी को पकड़कर तार को इस प्रकार रखिए कि वह दोनों विद्युतदर्शियों की चकतियों को स्पर्श करे। ऐसा करने पर B विद्युतदर्शी (चित्र 18.6अ) की पत्तियाँ भी फैल जाएँगी। इसका कारण यह है कि आवेशित विद्युतदर्शी में से कुछ आवेश तार से होता हुआ अनावेशित विद्युतदर्शी में प्रवाहित हो जाता है। अर्थात प्रयोग में लाया गया धातु का तार विद्युत आवेश को अपने में से प्रवाहित होने देता है। अतः यह तार विद्युत का चालक है।

वे पदार्थ जिनमें से होकर विद्युत आवेश प्रवाहित होता है, विद्युत चालक कहलाते हैं। यदि यह प्रयोग धातु के तार के स्थान पर प्लास्टिक, रबर, लकड़ी यो थर्मोकोल से करें तो अनावेशित विद्युतदर्शी की पत्तियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसका कारण यह है कि प्लास्टिक, रबर या लकड़ी जैसे पदार्थ अपने में से विद्युत आवेश को प्रवाहित नहीं होने देते हैं। वे पदार्थ जिनमें से होकर विद्युत आवेश प्रवाहित नहीं होता है, विद्युतरोधी कहलाते हैं।

प्रश्न 7.
विद्युत धारा किसे कहते हैं ?
उत्तर-
आवेश के प्रवाह की दर विद्युत धारा कहलाती है।

प्रश्न 8.
स्थिर विद्युत प्रेरण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर-
जब किसी चालक के पास कोई आवेशित वस्तु लाई जाती है, तो वह चालक भी आवेशित हो जाता है। उसके पास के सिरे पर विपरीत आवेश तथा दूर के सिरे पर समान आवेश उत्पन्न होता है। यह दोनों प्रकार के आवेश चालक के सिरों पर तभी तक रहते हैं, जब तक कि आवेशित वस्तु चालक के पास रहती है। इस प्रकार से चालक के आवेशित होने की क्रिया को स्थिर विद्युत प्रेरण कहते हैं।

प्रश्न 9.
तड़ित से होने वाली हानियाँ व लाभ लिखिए। उत्तर- तड़ित आघात से हानि व लाभ। तड़ित (आकाशीय विद्युत) से जहाँ एक ओर हानियाँ होती हैं वहीं दूसरी ओर लाभ भी है-
हानि-
1. भवनों, पेड़ों, जीव जन्तु पर घातक प्रभाव पड़ता है क्योंकि तड़ित इन्हें जला देती हैं।
2. विद्युत उपकरणों के जल जाने की सम्भावना रहती है।
लाभ-
1. तड़ित से उत्पन्न अत्यधिक ऊष्मा एवं प्रकाश के कारण वायुमण्डल में उपस्थित नाइट्रोजन ऑक्सीजन से क्रिया करके नाइट्रोजन के ऑक्साइड बनाती है। यह नाइट्रोजन ऑक्साइड वर्षा के जल में मिलकर पृथ्वी पर आता है तथा मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि करता है।
2. तड़ित से उत्पन्न ऊर्जा, तड़ित के आस पास उपस्थित वायु की ऑक्सीजन को ओजोन में परिवर्तित कर देती है। ओजोन सूर्य से आने वाले घातक विकिरणों से हमारी रक्षा करती है।

प्रश्न 10.
एक क्रियाकलाप द्वारा स्पष्ट करिये कि रगड़ने से वस्तुएँ आवेशित हो जाती हैं।
उत्तर-
एक गुब्बारे में हवा भरकर इसके मुँह को बाँध दीजिए। फूले हुए गुब्बारे को दीवार से स्पर्श करते हुए जब छोड़ते हैं तो गुब्बारा नीचे गिर जाता है। पुनः गुब्बारे को उसी कपड़े से रगड़ कर जब दीवार के संपर्क में लाते हुए छोड़ा जाता है तो गुब्बारा दीवार से चिपक जाता हैं जब गुब्बारे को ऊनी कपडे से। नहीं रगड़ा गया था जब उस पर कोई आवेश नहीं था, अत: वह दीवार से नहीं चिपका। परंतु जब गुब्बारे को ऊनी कपड़े से रगड़ा गया तो वह दीवार से चिपक गया क्योंकि उसमें आवेश उत्पन्न हो गया था। इससे स्पष्ट होता है कि रगड़ने से वस्तुएँ आवेशित हो जाती है।

प्रश्न 11.
आकाशीय बिजली से बचने के लिए इमारतों में क्या प्रबन्ध किया जाता है।
उत्तर-
आकाशीय बिजली से बचने के लिए इमारतों में तड़ित चालक का प्रबंध किया जाता है। इसके लिए इमारतों पर सुचालक धातु ताँबे का बना हुआ तड़ित चालक लगा दिया जाता है, जिससे बादलों का आवेश तडित चालक में से होकर पृथ्वी में विसर्जित हो जाता है और इमारतों की सुरक्षा हो जाती है।

प्रोजेक्ट कार्य – नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

We hope the UP Board Solutions for Class 7 Science Chapter 18 स्थिर विद्युत help you.

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