UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 30 खान अब्दुल गफ्फ्फार खाँ (महान व्यक्तित्व)
UP Board Solutions for Class 8 Hindi Chapter 30 खान अब्दुल गफ्फ्फार खाँ (महान व्यक्तित्व)
पाठ का सारांश
अब्दुल गफ्फार खाँ को बादशाह खान के नाम से जाना जाता है। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा स्थानीय मदरसे (पेशावर) में हुई। इन्होंने थोड़े समय में ही पूरा कुरान याद कर लिया और हाफिजे कुरान बन गए। मदरसे की शिक्षा के बाद वे पेशावर में म्युनिसिपल बोर्ड हाईस्कूल में भर्ती हुए। फिर वे एडवर्ड्स मेमोरियल मिशन हाईस्कूल में गए। युवा होने पर ये बलिष्ठ और छह फीट तीन इंच लम्बे थे। प्रतिष्ठित परिवार के सदस्य होने के नाते इन्हें ब्रिटिश भारतीय सेना में चुन लिया गया लेकिन थोड़े दिन बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अध्ययन के लिए अलीगढ़ चले गए। वहाँ उन्होंने अबुल कलाम आजाद का अखबार ‘अले हिलाल’ पढ़ा, इससे उनमें देशप्रेम की भावना और सुदृढ़ हो गई।
क्रान्तिकारी गातिविधियों में सन्देह होने पर इन्हें पेशावर में कैद कर लिया गया। माँ की मृत्यु होने पर ये जेल से छूटकर सीधे अपने गाँव आए, जहाँ लोगों की बड़ी जनसभा में इन्हें पाठकों का गौरव की उपाधि दी गई। मई 1928 ई० में इन्होंने पश्तो भाषा का अखबार निकाला। सन् 1928 ई० में वे लखनऊ आए और गांधी जी और नेहरू जी से मिले। इन्हें विश्वास हो गया कि अहिंसा और एकता से विजय प्राप्त की जा सकती है। सन् 1929 ई० में इन्होंने एक संगठन ‘खुदाई खिदमतगार’ बनाया। इस आन्दोलन के सदस्य लाल कुर्ती वाले कहलाए। 13 मई, 1930 ई० को सेना की एक टुकड़ी ने लाल कपड़े उतारने को कहा जो उन्होंने नहीं माना। सन् 1931 ई० में उन्हें फिर कैद किया गया। तीन वर्ष बाद इन्हें छोड़ा गया लेकिन पंजाब और सीमा प्रान्त नहीं जाने दिया।
अगस्त 1942 ई० में भारत-छोड़ो आन्दोलन सीमा प्रान्त में अनुशासित ढंग से हुआ। देश के विभाजन से सीमा प्रान्त पाकिस्तान में चला गया, जिससे बादशाह खान बहुत दुखी हुए। पाकिस्तान सरकार ने इन्हें कैद कर लिया। सन् 1964 ई० में पाकिस्तान सरकार ने इलाज के लिए इन्हें लन्दन जाने की अनुमति दी। सन् 1969 ई० में महात्मा गांधी की जन्म शताब्दी पर ये भारत आए। अन्तर्राष्ट्रीय सद्भावना के लिए इन्हें नेहरू पुरस्कार दिया गया। श्रीमती इन्दिरा गांधी के निमन्त्रण पर ये सन् 1980 तथा 1981 में भारत आए। सन् 1987 ई० में बादशाह खान को भारत सरकार ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ प्रदान किया। 20 जनवरी, 1988 ई० को 98 वर्ष की परिपक्व आयु में इनका निधन हो गया।
अभ्यास-प्रश्न
प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए।
(क) बादशाह खान को सीमान्त गांधी क्यों कहा जाता है?
उत्तर :
बादशाह खान ने अपने जीवन में महात्मा गांधी के आदर्शों को माना और वे ‘सीमा प्रांत (पेशावर)’ के रहने वाले थे, इसलिए इन्हें सीमान्त गांधी कहा जाता है।
(ख) “हाफिजे कुरान’ का क्या अर्थ है?
उत्तर :
हाफिजे कुरान का अर्थ है- कुराने का ज्ञाता। बादशाह खान को पूरा कुरान याद था।
(ग) खुदाई खिदमतगार के सदस्य क्या प्रतिज्ञा करते थे?
उत्तर :
खुदाई खिदमतगार के सदस्य प्रतिज्ञा करते थे कि वे हर अत्याचार का विरोध अहिंसा और सत्याग्रह से करेंगे और हथियार नहीं उठाएँगे।
(घ) गफ्फार खाँ को सर्वोच्च भारतीय नागरिक सम्मान कब मिला?
उत्तर :
गफ्फार खाँ को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ सन् 1987 ई० में मिला।
प्रश्न 2.
सही कथन के सम्मुख सही (✓) तथा गलत कथन के सम्मुख गलत (✗) का चिन्ह लगाइए (सही-गलत का चिह्न लगाकर):
(क) खान अब्दुल गफ्फार खाँ के विचारों पर परिवार के लोगों का प्रभाव पड़ा। (✓)
(ख) गफ्फार खाँ अँग्रेजी सेना की नौकरी से निकाल दिए गए थे। (✗)
(ग) “पख्तून’ नामक समाचार पत्र अँग्रेजी भाषा में प्रकाशित होता था। (✗)
(घ) ‘अल हिलाल’ समाचार पत्र स्वतन्त्रता, प्रजातन्त्र व न्याय के प्रचार के लिए विख्यात था। (✓)
प्रश्न 3.
निम्नलिखित प्रश्नों के चार सम्भावित उत्तर हैं, जिनमें से केवल एक उत्तर सही है। सही उत्तर छॉटिए
(क) गफ्फार खाँ ने मैट्रिक परीक्षा के लिए प्रवेश लिया –
- म्युनिसिपल बोर्ड हाईस्कूल में (✓)
- हडवर्ड्स मेमोरियल मिशन हाईस्कूल में।
- सेंट स्टीफेंस कालेज में।
- मदरसा नदवतुल उलेमा लखनऊ में।
(ख) गफ्फार खाँ एक महान नेता की जन्मशताब्दी वर्ष पर भारत आए थे। वे नेता थे
- लाला लाजपत राय
- श्रीमती इन्दिरा गांधी
- डा० राधाकृष्णन
- महात्मा गांधी
प्रश्न 4.
नोट – विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।
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