up board class 9th hindi | उपन्यास
प्रश्न 1 उपन्यास का व्युत्पत्तिपरक अर्थ बताइए।
उत्तर―‘उपन्यास’ शब्द संस्कृत भाषा के ‘उपन्यस्त’ शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है-सामने
रखा हुआ। इस प्रकार मानव-जीवन, समाज या इतिहास के यथार्थ सत्य को संवाद एवं दृश्यात्मक घटनाओं
पर आधारित चित्रण के माध्यम से पाठकों के सम्मुख यथार्थ रूप में प्रस्तुत करने वाली विधा ही उपन्यास
कहलाती है।
प्रश्न 2 उपन्यास के कौन-कौन-से प्रमुख तत्त्व हैं ?
उत्तर― (1) कथावस्तु, (2) चरित्र-चित्रण, (3) कथोपकथन या संवाद, (4) भाषा-शैली, (5) देशकाल
अथवा वातावरण तथा (6) उद्देश्य; उपन्यास के छ: प्रमुख तत्त्व हैं।
प्रश्न 3 विषय के आधार पर हिन्दी उपन्यास कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर― विषय के आधार पर हिन्दी उपन्यासों को (1) सामाजिक, (2) ऐतिहासिक, (3) आंचलिक,
(4) मनोवैज्ञानिक, (5) पौराणिक, (6) राजनीतिक, (7) रहस्यात्मक आदि भागों में विभक्त किया जा
सकता है।
प्रश्न 4 द्विवेदी युग के तीन प्रसिद्ध उपन्यासकारों के नाम लिखिए।
उत्तर― (1) प्रेमचन्द, (2) वृन्दावनलाल वर्मा तथा (3) किशोरीलाल गोस्वामी; द्विवेदी युग के तीन
प्रसिद्ध उपन्यासकार हैं।
प्रश्न 5 प्रेमचन्द के चार उपन्यासों के नाम बताइए।
उत्तर― प्रेमचन्द द्वारा लिखित चार प्रमुख उपन्यास हैं―(1) गोदान, (2) गबन, (3) सेवासदन तथा
(4) निर्मला।
प्रश्न 6 प्रेमचन्द के उपन्यास किन विषयों पर आधारित हैं
उत्तर―प्रेमचन्द के उपन्यास दीन-हीन, किसान-मजदूरों, नारी-उद्धार, समाज-सुधार, राष्ट्रीय- चेतना
आदि विषयों पर आधारित हैं।
प्रश्न 7 उपन्यास और कहानी के क्षेत्र में प्रेमचन्द का उत्तराधिकार जिन लेखकों ने सफलतापूर्वक
वहन किया, उनमें से किन्हीं दो लेखकों के नाम लिखिए।
उत्तर―उपन्यास और कहानी के क्षेत्र में प्रेमचन्द का उत्तराधिकार वहन करने वाले दो लेखक हैं-
(1) जैनेन्द्र कुमार तथा (2) आचार्य चतुरसेन शास्त्री।
प्रश्न 8 भारतेन्दु युग के दो उपन्यासकारों और उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर―भारतेन्दु युग के दो उपन्यासकार और उनकी एक-एक रचनाएँ हैं-(1) लाला श्रीनिवास-
दास; रचना-परीक्षा-गुरु तथा (2) बालकृष्ण भट्ट रचना-नूतन ब्रह्मचारी।
प्रश्न 9 हिन्दी के प्रथम मौलिक उपन्यास का नाम बताइए।
उत्तर―सन् 1882 ई० में लाला श्रीनिवासदास द्वारा रचित परीक्षा गुरु’ को हिन्दी का प्रथम मौलिक
उपन्यास माना जाता है।
प्रश्न 10 हिन्दी के प्रथम सामाजिक उपन्यास का नाम बताइए।
उत्तर―सन् 1887 ई० में श्री श्रद्धाराम फुल्लौरी द्वारा रचित ‘भाग्यवती’ को हिन्दी का प्रथम सामाजिक
उपन्यास माना जाता है।
प्रश्न 11 प्रेमचन्द युग के चार उपन्यासकारों के नाम लिखिए।
उत्तर―(1) चतुरसेन शास्त्री, (2) विश्वम्भरनाथ ‘कौशिक’, (3) गोपालराम गहमरी तथा
(4) वृन्दावनलाल वर्मा, प्रेमचन्द युग के चार उपन्यासकार हैं।
प्रश्न 12 प्रेमचन्दोत्तर युग के तीन उपन्यासकारों के नाम लिखिए।
उत्तर―(1) जैनेन्द्र कुमार, (2) अमृतलाल नागर तथा (3) सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’
प्रेमचन्दोत्तर युग के तीन उपन्यासकार हैं।
प्रश्न 13 जयशंकर प्रसाद के दो उपन्यासों के नाम लिखिए।
उत्तर―(1) तितली तथा (2) कंकाल जयशंकर प्रसाद के दो उपन्यास हैं। ‘इरावती’ इनका तीसरा
उपन्यास है, जो पूरा नहीं हो सका।
प्रश्न 14 देवकीनन्दन खत्री के एक तिलिस्मी उपन्यास का नाम लिखकर उनके युग का उल्लेख भी
कीजिए।
उत्तर―उपन्यास-चन्द्रकान्ता। युग-भारतेन्दु।
प्रश्न 15 हिन्दी के प्रमुख सामाजिक उपन्यासकारों के नाम लिखिए।
उत्तर―मुंशी प्रेमचन्द, जयशंकर प्रसाद, वृन्दावनलाल वर्मा, आचार्य चतुरसेन शास्त्री, विश्वम्भरनाथ
‘कौशिक’ आदि हिन्दी के प्रमुख सामाजिक उपन्यासकार हैं।
प्रश्न 16 द्विवेदी युग में प्रायः किस प्रकार के उपन्यास लिखे गये ?
उत्तर― द्विवेदी युग में प्राय: तिलिस्मी, जासूसी, सामाजिक, ऐतिहासिक, पौराणिक, चरित्रप्रधान तथा
भावप्रधान उपन्यास लिखे गये।
प्रश्न 17 शुक्ल युग के दो उपन्यासकारों के नाम लिखिए।
उत्तर― (1) प्रेमचन्द तथा (2) आचार्य चतुरसेन शास्त्री शुक्ल युग के दो उपन्यासकार हैं।
प्रश्न 18 शुक्लोत्तर युग के दो उपन्यासकारों के नाम लिखिए तथा उनके एक-एक उपन्यास का
उल्लेख कीजिए।
उत्तर― शुक्लोत्तर युग के दो उपन्यासकार-यशपाल और भगवतीचरण वर्मा-हैं। इनके द्वारा लिखित
एक-एक उपन्यास के नाम क्रमश: झूठा सच और भूले-बिसरे चित्र हैं।