UP Board Solutions for Class 10 Hindi आदिकाल (वीरगाथाकाल)

By | May 21, 2022

UP Board Solutions for Class 10 Hindi आदिकाल (वीरगाथाकाल)

UP Board Solutions for Class 10 Hindi आदिकाल (वीरगाथाकाल)

हिन्दी पद्य-साहित्य का संक्षिप्त इतिहास

विशेष—पाठ्यक्रम के नवीनतम प्रारूप के अनुसार हिन्दी पद्य-साहित्य के संक्षिप्त इतिहास के अन्तर्गत रीतिकाल से आधुनिककाल तक का इतिहास सम्मिलित है, किन्तु अध्ययन की दृष्टि से यहाँ सभी कालों के विकास से सम्बन्धित प्रश्न दिये जा रहे हैं; क्योंकि एक-दूसरे से घनिष्ठता के कारण कभी-कभी निर्धारित काल से अलग काल के प्रश्न भी पूछ लिये जाते हैं। इसके अन्तर्गत कवियों और उनकी रचनाओं से सम्बन्धित प्रश्न भी पूछे जाते हैं। इसके लिए कुल 5 अंक निर्धारित हैं।

प्रश्न 1
हिन्दी पद्य-साहित्य के इतिहास को किन-किन कालों में बाँटा गया है ? प्रत्येक काल की अवधि एवं विभाजन के आधार का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
हिन्दी-साहित्य का आविर्भाव सर्वप्रथम पद्य से हुआ था। विद्वानों ने हिन्दी पद्य-साहित्य के इतिहास को प्रत्येक युग की विशेष प्रवृत्तियों के आधार पर निम्नलिखित चार कालों में विभाजित किया है–

  1. आदिकाल (वीरगाथाकाल) – । सन् 743 से 1343 ई० तक।
  2. पूर्व मध्यकाल ( भक्तिकाल) – सन् 1343 से 1643 ई० तक।
  3. उत्तर मध्यकाल (रीतिकाल) – सन् 1643 से 1843 ई० तक।
  4.  आधुनिककाल सन् 1843 ई० से आज तक।

प्रश्न 2
काव्य के दो भेद कौन-कौन से हैं ? इनके अन्तर को भी स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
ऐसी पद्य रचना जिसमें छन्दों का विधान होता है, उसे काव्य कहते हैं। काव्य के दो भेद होते हैं—

  1. प्रबन्ध काव्य और
  2. मुक्तक काव्य। जिस काव्य में किसी कथा का आश्रय लेकर कविता रची जाती है, वह प्रबन्ध काव्य कहलाता है। लेकिन मुक्तक काव्यों में किसी कथा का आश्रय न लेकर स्वतन्त्र पदों में अपनी भावाभिव्यक्ति की जाती है।

प्रश्न 3
प्रबन्ध काव्य के प्रमुख भेद कौन-कौन से हैं ? इनका अन्तर स्पष्ट करते हुए एक-एक उदाहरण भी दीजिए।
उत्तर
प्रबन्ध काव्य के मुख्य रूप से दो भेद होते हैं–

  1. महाकाव्य और
  2. खण्डकाव्य। जिस काव्य में किसी विशिष्ट व्यक्ति के जीवन का विस्तारपूर्वक वर्णन किया जाता है, उसे महाकाव्य कहते हैं; जैसे-गोस्वामी तुलसीदास कृत ‘श्रीरामचरितमानस’। इसके विपरीत जिस काव्य में सम्पूर्ण जीवन का वर्णन ने होकर उसके किसी अंश या खण्ड का वर्णन हो, उसे खण्डकाव्य कहते हैं; जैसे-रामधारी सिंह ‘दिनकर’ कृत ‘रश्मिरथी’

आदिकाल (वीरगाथाकाल)

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1
आदिकाल का समय कब-से-कब तक माना जाता है ? इस काल के अन्य और कौन-से नाम दिये गये हैं ?
उत्तर
आदिकाल का समय सन् 743 से 1343 ई० तक माना जाता है। इस काल के उत्थानकाल, वीरगाथाकाल तथा चारणकाल अन्य नाम हैं।

प्रश्न 2
वीरगाथाकाल के नामकरण की सार्थकता बताइट। या हिन्दी-साहित्य के आदिकाल को वीरगाथाकाल क्यों कहते हैं ? इस काल की किसी एक प्रमुख रचना का नाम लिखिए।
उत्तर
वीर रस से परिपूर्ण रचनाओं की अधिकता के कारण हिन्दी-साहित्य के आदिकाल को ‘वीरगाथाकाल’ नाम दिया गया है, जो सर्वथा उपयुक्त है। इस काल की प्रमुख रचना है—पृथ्वीराज रासो, जिसके रचयिता चन्दबरदाई हैं।

प्रश्न 3
आदिकाल की भाषा का क्या नाम है ?
या
रासो ग्रन्थों में किस भाषा का प्रयोग किया गया है ?
उत्तर
आदिकाल की भाषा का नाम डिंगल है। रासो ग्रन्थ इसी भाषा में लिखे गये हैं।

प्रश्न 4
आदिकाल की रचनाएँ किन-किन रूपों में मिलती हैं ?
उतर
आदिकाल की रचनाएँ दो रूपों में मिलती हैं-

  1. प्रबन्धकाव्यों के रूप में तथा
  2. वीर गीतों के रूप में। चन्दबरदाई का ‘पृथ्वीराज रासो’ प्रबन्धकाव्य है और जगनिक का ‘परमाल रासो’ वीर गीत काव्य है।।

प्रश्न 5
वीरगाथाकाल के प्रमुख कवियों तथा उनकी रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर
वीरगाथाकाल के प्रमुख कवि और उनकी रचनाएँ हैं-

  1.  दलपति विजय-खुमान रासो,
  2. चन्दबरदाई-पृथ्वीराज रासो,
  3. शारंगधर-हमीर रासो,
  4. नल्ल सिंह-विजयपाल रासो,
  5. जगनिक–परमाल रासो या आल्हा खण्ड,
  6.  नरपति नाल्ह-बीसलदेव रासो,
  7. केदार भट्टजयचन्द्र प्रकाश,
  8. मधुकर-जयमयंक जसचन्द्रिका।।

प्रश्न 6
वीरगाथाकाल की रचनाओं में प्रयुक्त छन्दों के नाम बताइए।
उत्तर
वीरगाथाकाल में

  1. छप्पय,
  2. दूहा (दोहा),
  3. सोरठा,
  4. त्रोटक,
  5. तोमर,
  6. चौपाई,
  7. गाथा,
  8. आर्या,
  9. सट्टक,
  10.  रोला,
  11.  कुण्डलिया आदि छन्दों का प्रयोग किया गया।

प्रश्न 7
वीरगाथाकाल के चार प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
वीरगाथाकोल के चार प्रमुख कवि हैं—

  1. दलपति विजय,
  2. चन्दबरदाई,
  3. जगनिक तथा
  4. नरपति नाल्ह।

प्रश्न 8
वीरगाथाकाल की चार प्रमुख रचनाओं के नाम लिखिए।
उत्तर
वीरगाथाकाल की चार प्रमुख रचनाएँ हैं—

  1. पृथ्वीराज रासो,
  2. खुमान रासो,
  3. बीसलदेव रासो तथा
  4. परमाल रासो या आल्हा खण्ड।

प्रश्न 9
वीर गीत काव्यों में सर्वाधिक लोकप्रिय ग्रन्थ कौन-सा है ? संक्षेप में उसका परिचय दीजिए।
उत्तर
वीर गीत काव्य-ग्रन्थों में सर्वाधिक लोकप्रिय ग्रन्थ कवि जगनिक का ‘परमाल रासो’ या ‘आल्हा खण्ड’ है। इसमें महोबे के दो प्रसिद्ध वीरों आल्हा तथा ऊदल (उदयसिंह) के वीरोचित चरित्र का सुन्दर वर्णन हुआ है।

प्रश्न 10
आदिकाल (वीरगाथाकाल) के साहित्य की प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
या
आदिकाल की किन्हीं दो प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
आदिकाल में प्रमुख रूप से चारण या भाट कवियों द्वारा काव्य-रचनाएँ की गयीं। प्राय: सभी कवि राजाओं के दरबार में रहकर काव्य-रचना करते थे। आदिकाल या वीरगाथाकाल की कविता की सामान्य विशेषताएँ या प्रमुख प्रवृत्तियाँ इस प्रकार हैं—

  1. आश्रयदाताओं की प्रशंसा,
  2. युद्धों का सुन्दर और सजीव वर्णन,
  3. सामूहिक राष्ट्रीयता की भावना का अभाव,
  4. वीर रस के साथ-साथ श्रृंगार का पुट,
  5. ऐतिहासिक तथ्यों के प्रस्तुतीकरण में कल्पना की अधिकता तथा
  6. जनसम्पर्क का अभाव।

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