UP Board Solutions for Class 10 Hindi आधुनिक काल
UP Board Solutions for Class 10 Hindi आधुनिक काल
आधुनिक काल
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1
आधुनिक काल के उन दो साहित्यकारों के नाम लिखिए, जिनके नाम के साथ ‘युग’ जुड़ गया। उन दोनों की एक-एक रचना का नाम भी लिखिए।
उत्तर
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र–प्रेम माधुरी तथा
- महावीरप्रसाद द्विवेदी—अद्भुत आलाप।
प्रश्न 2
आधुनिक काल के तीन अन्य नाम लिखिए।
उत्तर
आधुनिक काल के तीन अन्य नाम हैं—
- गद्य-काल,
- नवीन विकास-काल तथा
- पुनर्जागरण-काल।
प्रश्न 3
आधुनिक काल कविता की प्रमुख विशेषताओं (प्रवृत्तियों) का उल्लेख कीजिए।
या
आधुनिक काल की दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। [2012, 16]
उत्तर
आधुनिक कविता की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं—
- जीवन के यथार्थ का चित्रण।
- देश-प्रेम की भावना।
- खड़ी बोली में काव्य-रचना।
- बौद्धिकता की प्रधानता।
- गीति-काव्य की प्रधानता।
- नये उपमानों के प्रयोग एवं
- प्रतीकात्मकता।।
प्रश्न 4
आधुनिक हिन्दी काव्य की दो मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए और इस काल के दो कवियों तथा उनकी एक-एक महाकाव्य रचनाओं का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर
आधुनिक हिन्दी काव्य की दो मुख्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं—
- ब्रजभाषा के स्थान पर खड़ी बोली का प्रचलन।
- प्रबन्ध मुक्तक शैली के स्थान पर मधुर गीत और मुक्त छन्दों की रचना का प्रचलन। आधुनिक काल के दो कवि जयशंकर प्रसाद तथा मैथिलीशरण गुप्त हैं। इनमें से प्रसाद जी ने ‘कामायनी’ तथा गुप्त जी ने ‘साकेत’ महाकाव्य की रचना की।
प्रश्न 5
हिन्दी खड़ी बोली में काव्य-रचना करने वाले किन्हीं दो प्रमुख कवियों के नाम बताइए और उनकी रचनाओं का भी उल्लेख कीजिए।
उत्तर
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’-प्रियप्रवास तथा
- मैथिलीशरण गुप्त– साकेत; हिन्दी की खड़ी बोली में काव्य-रचना करने वाले दो प्रमुख कवि हैं।
प्रश्न 6
‘भारतेन्दु युग’ किस काल के अन्तर्गत आता है ? इस युग के ब्रजभाषा के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
‘भारतेन्दु युग’ आधुनिक काल के अन्तर्गत आता है। इस युग के ब्रजभाषा के दो कवि हैं
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र तथा
- श्रीधर पाठक।
प्रश्न 7
आधुनिक हिन्दी-साहित्य में राष्ट्रीय भावना के दर्शन सर्वप्रथम किस कवि की रचनाओं में होते हैं ?
उत्तर
आधुनिक हिन्दी-साहित्य में राष्ट्रीय भावना के दर्शन सर्वप्रथम भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की रचनाओं में होते हैं।
प्रश्न 8
द्विवेदी युग के दो प्रसिद्ध कवियों के नाम लिखिए। [2011, 12, 14]
या
द्विवेदी युग के दो प्रमुख महाकाव्यों तथा उनके रचयिताओं के नाम लिखिए। [2012, 13]
या
द्विवेदी युग के दो प्रमुख कवियों तथा उनकी एक-एक रचना के नाम लिखिए। [2012]
या
मैथिलीशरण गुप्त और अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की एक-एक प्रमुख रचना का नाम लिखिए।
या
‘प्रियप्रवास’ तथा ‘साकेत’ महाकाव्यों की रचना हिन्दी-साहित्य के किस युग में हुई ? इनके रचनाकारों का नामोल्लेख कीजिए।
या
द्विवेदी युग के किसी एक प्रतिनिधि कवि का नाम लिखकर उसके द्वारा रचित प्रसिद्ध प्रबन्धकाव्य का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर
- मैथिलीशरण गुप्त-साकेत, यशोधरा, भारत-भारती।
- अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’–प्रियप्रवास, वैदेही वनवास, रस कलश।
प्रश्न 9
छायावाद के आधार-स्तम्भ कहे जाने वाले प्रकृति के सुकुमार कवि का नाम बताइट।
उत्तर
छायावाद के आधार-स्तम्भ कहे जाने वाले और प्रकृति के सुकुमार कवि सुमित्रानन्दन पन्त हैं।
प्रश्न 10
छायावादी युग के दो प्रमुख कवियों और उनकी दो-दो रचनाओं के नाम लिखिए। [2010, 12]
या
छायावादी युग के दो कवियों के नाम और उनकी एक-एक सर्वाधिक प्रसिद्ध रचना का उल्लेख कीजिए। [2009, 16]
या
छायावाद की दो प्रमुख कृतियों का नाम लिखिए। [2011, 17]
या
जयशंकर प्रसाद के दो प्रमुख काव्य-ग्रन्थों के नाम लिखिए। [2012]
या
महादेवी वर्मा की किसी एक काव्य-कृति का नामोल्लेख कीजिए। [2014]
उत्तर
- जयशंकर प्रसाद–कामायनी और आँसू।
- महादेवी वर्मा—यामा और दीपशिखा।
प्रश्न 11
छायावाद के दो महाकाव्य बताइए। [2011]
उत्तर
छायावाद के दो महाकाव्य हैं—
- जयशंकर प्रसाद रचित कामायनी तथा
- सुमित्रानन्दन पन्त रचित ‘तुलसीदास’।
प्रश्न 12
पन्त के काव्य-साहित्य को कितने सोपानों में बाँटा जा सकता है ? उनके नाम भी लिखिए।
उत्तर
सुमित्रानन्दन पन्त के काव्य-साहित्य को निम्नलिखित तीन सोपानों में बाँटा जा सकता है
- छायावादी काव्य,
- प्रगतिवादी काव्य तथा
- अरविन्द के दर्शन से प्रभावित काव्य।।
प्रश्न 13
कवि पन्त के काव्य की दो मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर
- पन्त जी के काव्य में मानवता, विश्व-बन्धुत्व और भ्रातृत्व के प्रति सहज आस्था है।
- पन्त जी की भाषा चित्रमयी एवं अलंकृत है तथा स्पष्ट और सशक्त बिम्ब-योजना ने उसे अधिक प्रभावशाली बना दिया है।
प्रश्न 14
तीन कवियों के नाम लिखिए, जिनको छायावाद का आधार-स्तम्भ कहा जाता है।
या
छायावाद के चार स्तम्भ किन्हें कहा जाता है ?
उतर
छायावाद का आधार-स्तम्भ माने जाने वाले तीन कवि हैं-जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानन्दन पन्त और सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला’ और एक कवयित्री हैं–श्रीमती महादेवी वर्मा।
प्रश्न 15
महादेवी वर्मा ने अपने गीतों में किस भावना को अभिव्यक्ति दी है ?
उत्तर
महादेवी वर्मा ने अपने गीतों में विरह की वेदना को मार्मिक अभिव्यक्ति दी है।
प्रश्न 16
‘एकलव्य’ तथा ‘उत्तरायण’ कैसे काव्य-ग्रन्थ हैं और इनके रचयिता कौन हैं ?
या
डॉ० रामकुमार वर्मा की एक रचना का नाम लिखिए। [2012, 18]
उत्तर
‘एकलव्य’ तथा ‘उत्तरायण’ दोनों ही काव्य-ग्रन्थ प्रबन्धकाव्य हैं। इनके रचयिता रामकुमार वर्मा हैं।
प्रश्न 17
लोकगीतों का सर्वप्रथम संकलनकर्ता किसे माना जाता है ?
उत्तर
रामनरेश त्रिपाठी को लोकगीतों का प्रथम संकलनकर्ता माना जाता है।
प्रश्न 18
रामनरेश त्रिपाठी किस युग के साहित्यकार थे ?
उत्तर
रामनरेश त्रिपाठी ‘द्विवेदी युग’ के साहित्यकार थे।
प्रश्न 19
कवि माखनलाल चतुर्वेदी के काव्य का मूल स्वर क्या है ?
उत्तर
कवि माखनलाल चतुर्वेदी के काव्य का मूल स्वर राष्ट्रीयतावादी है।
प्रश्न 20
माखनलाल चतुर्वेदी के भाषणों के दो संग्रहों के नाम बताइए।
उत्तर
- चिन्तन की लाचारी तथा
- आत्मदीक्षा; माखनलाल चतुर्वेदी के भाषणों के दो संग्रह हैं।
प्रश्न 21
‘कुंकुम’ बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ की किस विधा की रचना है और इसका प्रकाशन-वर्ष क्या है ?
उत्तर
कुंकुम’ नवीन जी की प्रथम कविता-संग्रह है। यह 1936 ई० में प्रकाशित हुआ।
प्रश्न 22
हिन्दी काव्य में प्रगतिवादी युग का आरम्भ किन परिस्थितियों में हुआ ?
उत्तर
प्रगतिवादी कवियों ने मार्क्स को साम्यवादी विचारधारा से प्रभावित होकर किसान तथा मजदूरों की दयनीय दशा और रोटी-कपड़ा-मकान की समस्या को अपनी कविता का विषय बनाया। इन कवियों ने सरल और व्यावहारिक भाषा को अपनाया तथा सामाजिक अन्याय, ऊँच-नीच, शोषण और अत्याचार के प्रति कठोर प्रतिक्रिया का स्वर मुखरित किया।
प्रश्न 23
प्रगतिवादी युग के किन्हीं दो कवियों के नाम लिखकर उनकी एक-एक साहित्यिक रचना का उल्लेख कीजिए। [2015]
या
‘निराला’ अथवा रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की किसी एक रचना का नाम लिखिए। [2013]
या
प्रगतिवाद से सम्बन्धित किसी एक प्रसिद्ध कवि और उसकी एक रचना का नाम लिखिए। [2015]
उत्तर
- सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’-अपरा तथा
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’-रेणुका।।
प्रश्न 24
प्रगतिवाद के किसी ऐसे कवि का नाम और उसकी दो रचनाएँ बताइए जो दो युगों से सम्बन्धित हों।
उत्तर
कविवर सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला’ दो युगों-छायावाद और प्रगतिवाद-से सम्बन्धित कवि हैं। इनकी दो रचनाएँ हैं—
- अनामिका एवं
- अणिमा।
प्रश्न 25
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पहली प्रसिद्ध कविता कौन-सी थी ?
उत्तर
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की पहली प्रसिद्ध कविता ‘हिमालय’ थी।
प्रश्न 26
‘दिनकर’ के काव्य की दो. भावगत विशेषताएँ कौन-कौन-सी हैं ?
उत्तर
रामधारी सिंह ‘दिनकर’ के काव्य की दो भावगत विशेषताएँ हैं—
- वर्तमान युग की दयनीय दशा के प्रति असन्तोष, अतीत का गौरव-गान तथा प्रगति-निर्माण के पथ पर अग्रसर होने का सन्देश।
- राष्ट्रीयता की भावना तथा विश्व-प्रेम की झलक भी पर्याप्त मात्रा में इनके काव्य में दृष्टिगत होती है।
प्रश्न 27
‘दिनकर’ जी की कविताओं में किस रस की प्रधानता है ?
उत्तर
‘दिनकर’ जी की अधिकांश कविताओं में वीर रस की प्रधानता है।
प्रश्न 28
ओज की कविता लिखने वाली हिन्दी की एकमात्र कवयित्री का नाम बताइए।
उत्तर
सुभद्राकुमारी चौहान ओज की कविता लिखने वाली हिन्दी की एकमात्र कवयित्री हैं।
प्रश्न 29
‘वीरों का कैसा हो वसन्त’ कविता सुभद्राकुमारी चौहान के किस काव्य-संग्रह से ली गयी है ?
उत्तर
‘वीरों का कैसा हो वसन्त’ कविता ‘मुकुल’ नामक काव्य-संग्रह से ली गयी है।
प्रश्न 30
सुभद्रा जी की कविताएँ किन मुख्य रसों से आप्लावित हैं ?
उत्तर
सुभद्रा जी की कविताएँ मुख्य रूप से वीर और वात्सल्य रसों से आप्लावित हैं।
प्रश्न 31
‘बिखरे मोती’ तथा ‘उन्मादिनी’ किस विधा की रचनाएँ हैं ?
उत्तर
ये दोनों ही रचनाएँ सुभद्रा जी के कहानी-संकलन हैं।
प्रश्न 32
उस कवि का नाम लिखिए, जिसे छायावाद को आस्थावादी कवि कहा जाता है।
उत्तर
हरिवंशराय बच्चन को छायावाद का आस्थावादी कवि कहा जाता है।
प्रश्न 33
कवि नागार्जुन की कविता का मुख्य स्वर क्या है ?
उत्तर
दलित वर्ग के प्रति संवेदना, अत्याचार-पीड़ित, त्रस्त व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति, अनीति और अन्याय का विरोध करने की प्रेरणा देना, सम-सामयिक, राजनीतिक तथा सामाजिक समस्याओं पर चोट करना कवि नागार्जुन की कविता के मुख्य स्वर रहे हैं।
प्रश्न 34
प्रयोगवाद का आरम्भ किस कविता-संकलन से माना जाता है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
‘अज्ञेय’ द्वारा सम्पादित तथा सन् 1943 ई० में प्रकाशित प्रथम ‘तार सप्तक’ के संकलन से प्रयोगवाद का प्रारम्भ माना जाता है।
प्रश्न 35
प्रयोगवादी धारा के किन्हीं दो कवियों और उनकी एक-एक रचना का उल्लेख कीजिए। [2014, 18]
या
‘आँगन के पार द्वार’ के रचयिता का नाम लिखिए। [2011, 16]
या
‘प्रयोगवाद’ के किन्हीं दो कवियों का नामोल्लेख कीजिए। [2013]
उत्तर
- सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’–आँगन के पार द्वार तथा
- धर्मवीर भारती–कनुप्रिया।।
प्रश्न 36
प्रथम ‘तार सप्तक’ किस सन में प्रकाशित हुआ ? उसके सम्पादक का नामोल्लेख करते हुए उसमें संकलित किसी एक कवि का नाम लिखिए। [2009, 10]
या
प्रथम ‘तार सप्तक’ के चार कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
प्रथम ‘तार सप्तक’ का प्रकाशन सन् 1943 ई० में हुआ। इसके सम्पादक सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ थे। इसमें जिन सात कवियों की रचनाएँ संकलित थीं, उनके नाम हैं-
- सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’,
- गजानन माधव मुक्तिबोध’,
- नेमिचन्द्र जैन,
- भारत भूषण,
- प्रभाकर माचवे,
- गिरिजाकुमार माथुर तथा
- रामविलास शर्मा।
प्रश्न 37
‘दूसरा सप्तक’ के कवियों के नाम तथा प्रकाशन-वर्ष लिखिए।
या
‘दूसरा सप्तक’ कब प्रकाशित हुआ था ? [2011]
उत्तर
‘दूसरा सप्तक’ के कवियों के नाम हैं—
- भवानीप्रसाद मिश्र,
- शकुन्त माथुर,
- हरिनारायण व्यास,
- शमशेर बहादुर सिंह,
- नरेश मेहता,
- रघुवीर सहाय तथा
- धर्मवीर भारती। इस सप्तक का प्रकाशन सन् 1951 ई० में हुआ। इसके सम्पादक भी सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ हैं।
प्रश्न 38
‘तीसरा सप्तक’ कब प्रकाशित हुआ ? इसके सात कवियों का नामोल्लेख कीजिए।
या
‘तीसरा सप्तक’ के सम्पादक का नाम लिखकर उसके प्रकाशन-वर्ष का उल्लेख कीजिए। [2009]
उत्तर
‘तीसरा सप्तक’ सन् 1959 ई० में प्रकाशित हुआ। इसमें सात कवियों–
- प्रयाग नारायण त्रिपाठी,
- कीर्ति चौधरी,
- मदन वात्स्यायन,
- केदारनाथ सिंह,
- कुँवर नारायण,
- विजयदेव नारायण साही तथा
- सर्वेश्वरदयाल सक्सेना की कविताएँ संकलित हुई हैं। इसके सम्पादक भी सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ हैं।
प्रश्न 39
‘चौथा सप्तक’ कब प्रकाशित हुआ ? इसके सात कवियों के नाम लिखिए।
उत्तर
चौथा ‘सप्तक’ का प्रकाशन सन् 1979 ई० में हुआ। इसमें जिन सात कवियों की रचनाएँ संकलित हैं, उनके नाम हैं–
- अवधेश कुमार,
- राजकुमार कुम्भज,
- स्वदेश भारती,
- नन्द- किशोर आचार्य,
- सुमन राजे,
- श्रीराम वर्मा तथा
- राजेन्द्र किशोर।
प्रश्न 40
रामनरेश त्रिपाठी और धर्मवीर भारती की एक-एक काव्य-कृति का नाम लिखिए। [2012]
या
“कनुप्रिया’ किसकी रचना है ? [2013]
उत्तर
रामनरेश त्रिपाठी-मिलन तथा धर्मवीर भारती-कनुप्रिया।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1
आधुनिक हिन्दी कविता का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
या
हिन्दी-साहित्य के आधुनिक काल के नामकरण पर विचार कीजिए।
उत्तर
आधुनिक हिन्दी कविता का प्रारम्भ संवत् 1900 वि० से माना जाता है। आधुनिक युग में देश में राष्ट्रीय आन्दोलनों के प्रारम्भ होने से लोगों के आत्म-गौरव का प्रभाव हिन्दी कविता पर पड़ना स्वाभाविक था। अत: देश-हित, देश-प्रेम, समाज-सुधार, धर्म-सुधार आदि नवीन विषयों पर कविताएँ लिखी जाने लगीं, जिससे पद्य में नवीन वादों और नवीन शैलियों का प्रचलन हुआ और इनमें कविताएँ रची जाने लगीं।
प्रश्न 2
आधुनिक पद्य की विकासधारा को कितने भागों (युगों) में बाँटा जा सकता है ?
उत्तर
आधुनिक पद्य की विकासधारी को निम्नलिखित आठ युगों में विभाजित किया जा सकता है-
प्रश्न 3
आधुनिक हिन्दी कविता के अन्तर्गत भारतेन्दु युग का परिचय दीजिए।
उत्तर
आधुनिक हिन्दी कविता का प्रारम्भ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से माना जाता है। इस युग में समाज-सुधार के आन्दोलनों के प्रारम्भ होने के साथ-साथ धार्मिक और राजनीतिक चेतना का भी आरम्भ हुआ। इस युग के कवियों ने देश-प्रेम, समाज-सुधार, अतीत के गौरव की कविता के माध्यम से प्रसार किया। काव्य के क्षेत्र में ब्रजभाषा की जगह खड़ीबोली को भी स्थान दिया जाने लगा।
प्रश्न 4
भारतेन्दु युग के काव्य-साहित्य की विशेषताएँ लिखिए।
या
भारतेन्दु युग की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
भारतेन्दु युग के काव्य की विशेषताएँ इस प्रकार हैं–
- कविता में स्वदेश-प्रेम का स्वर।
- देश-प्रेम, भाषा-प्रेम, समाज-सुधार आदि विषयों पर काव्य-रचना।
- जनवादी प्रवृत्तियों को अपनाकर काव्य और जीवन की धारा का समन्वय।
- ब्रजभाषा और खड़ी बोली में काव्य-रचना।
- प्रबन्ध काव्य की अपेक्षा मुक्तक काव्य की अधिक रचना
- कविता में हास्य और व्यंग्य के पुट का समावेश।
- विषय, भाव, छन्द और शैली की दृष्टि से नवीन और प्राचीन दोनों रूपों के प्रयोग।
- मुक्त प्रकृति-चित्रण।
प्रश्न 5
द्विवेदी युग के काव्य-साहित्य का सामान्य परिचय दीजिए।
या
हिन्दी-काव्य को द्विवेदी युग की क्या देन है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
द्विवेदी युग के प्रवर्तक आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी माने जाते हैं। इस युग के कवियों की कविता पर समाज सुधार की भावना और उपदेशात्मकता का भाव परिलक्षित होता है। राष्ट्रीय भावना, समाज-सुधार, अतीत-गौरव, नारी की महत्ता आदि इस युग की कविता के मुख्य विषय हैं।
खड़ीबोली को काव्य में स्थान दिलाने और उसको समृद्ध एवं परिष्कृत करने का सर्वाधिक श्रेय द्विवेदी जी को जाता है। द्विवेदी जी के लेखन से अनेकानेक युवा कवियों को प्रेरणा मिली, जिसके परिणामस्वरूप हिन्दी-साहित्य को अनेक कवि मिले।।
प्रमुख कवि-मैथिलीशरण गुप्त, द्विवेदी युग के प्रतिनिधि कवि हैं। श्रीधर पाठक, अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’, मुकुटधर पाण्डेय, लोचनप्रसाद पाण्डेय, रामनरेश त्रिपाठी, रामचरित्र उपाध्याय आदि द्विवेदी युग के अन्य प्रमुख कवि हैं।
प्रश्न 6
द्विवेदीयुगीन कविता की सामान्य विशेषताएँ बताइए।
या
द्विवेदी युग की कविता की दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। [2011, 18]
उत्तर
द्विवेदीयुगीन कविता की सामान्य विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
- खड़ीबोली का गद्य एवं पद्य दोनों क्षेत्रों में प्रयोग,
- देशभक्ति और राष्ट्रीय भावना की प्रधानता,
- इतिवृत्तात्मकता,
- नारी-स्वातन्त्र्य पर बल,
- अतीत के गौरव और भारतीय संस्कृति का निरूपण तथा
- मानवतावादी विचारधाराएँ।।
प्रश्न 7
हिन्दी कविता के छायावादी युग का परिचय दीजिए। छायावाद के प्रमुख कवियों के नाम बताइए। [2009]
या
छायावादी किन्हीं दो कवियों के नाम लिखिए। [2012, 15, 17]
या
‘छायावाद’ के किसी एक प्रमुख कवि का नाम लिखिए। [2016, 17]
या
‘छायावादी युग’ की किसी एक कवयित्री का नाम लिखिए। (2017)
उत्तर
द्विवेदी युग की इतिवृत्तात्मकता एवं कोरी उपदेशात्मकता की प्रतिक्रिया में छायावादी काव्यधारा’ का प्रारम्भ हुआ। इस युग की कविता में प्रेम, सौन्दर्य, कल्पना और प्रकृति-चित्रण की प्रधानता है।
प्रमुख कवि–जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानन्दन पन्त, सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला’, महादेवी वर्मा-ये चार छायावाद के सुदृढ़ स्तम्भ हैं। इनके अतिरिक्त डॉ० रामकुमार वर्मा, नरेन्द्र शर्मा, हरिवंशराय बच्चन, बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ आदि इस युग के प्रमुख कवि हैं।
प्रश्न 8
छायावादी काव्य की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। या छायावाद की दो विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ) संक्षेप में लिखिए। [2009, 11, 13, 14, 15, 16, 17, 18]
या
छायावाद की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए तथा दो प्रमुख कवियों का नामोल्लेख कीजिए।
या
छायावादी काव्य की उन दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए, जो महादेवी वर्मा के काव्य में पर्याप्त रूप से मिलती हैं।
उत्तर
छायावादी युग के काव्य की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं—
- प्रेम-सौन्दर्य का चित्रण।
- प्रकृति का मानवीकरण।
- अंग्रेजी के रोमैण्टिसिज़्म (स्वच्छन्दतावाद) से प्रभावित।
- वैयक्तिक अनुभूति की तीव्रता।
- रहस्यवादी भावना।
- करुणा एवं नैराश्य की प्रधानता।
- नये अलंकारोंविशेषण विपर्यय, ध्वन्यर्थ व्यंजना आदि का प्रयोग।
- लाक्षणिक, प्रतीकात्मक शैली तथा चित्रमयी कल्पना। ये सभी विशेषताएँ महादेवी वर्मा के काव्य में पर्याप्त रूप से मिलती हैं।
प्रमुख कवि–जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानन्दन पन्त, महादेवी वर्मा, सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला’।
प्रश्न 9
प्रगतिवादी कविता का जन्म क्यों हुआ ? किन्हीं चार प्रगतिवादी कवियों के नाम लिखिए।
या
प्रगतिवादी युग के किन्हीं दो कवियों के नाम लिखकर उनकी एक-एक साहित्यिक रचना का उल्लेख कीजिए। [2008]
या
प्रगतिवादी काव्य के दो कवियों तथा उनकी दो-दो रचनाओं के नाम लिखिए। [2010]
या
प्रगतिवादी युग के दो प्रमुख कवियों के नाम लिखिए। [2010, 12, 13, 16]
उत्तर
प्रगतिवाद से पहले छायावादी कविता का युग था। छायावादी कवियों ने वास्तविकता के धरातल से हटकर सूक्ष्म वायवीय कल्पना का सहारा लेकर काव्य-रचना की थी। उनकी इसी सूक्ष्मता और अति काल्पनिकता के प्रति विद्रोह के रूप में प्रगतिवादी कविता का जन्म हुआ।
प्रगतिवादी कवि–
- सुमित्रानन्दन पन्त,
- सूर्यकान्त त्रिपाठी “निराला’,
- रामधारी सिंह ‘दिनकर’,
- भगवतीचरण वर्मा,
- नरेन्द्र शर्मा,
- रामविलास शर्मा,
- शिवमंगल सिंह ‘सुमन’,
- नागार्जुन तथा
- केदारनाथ अग्रवाल।।
[संकेत-रचनाओं के लिए प्रमुख काव्य ग्रन्थ और उनके रचयिता’ शीर्षक की सामग्री देखें।]
प्रश्न 10
प्रगतिवादी युग की प्रमुख प्रवृत्तियों पर प्रकाश डालिए। [2009]
या
प्रगतिवादी युग की दो प्रमुख विशेषताओं (प्रवृत्तियों) का उल्लेख कीजिए। [2010, 11, 12, 13, 15, 16]
या
प्रगतिवादी साहित्य की किन्हीं दो प्रवृत्तियों का नाम लिखिए। [2018]
या
प्रगतिवादी कविता की दो प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख करते हुए दो प्रमुख कवियों का नामोल्लेख कीजिए।
उत्तर
प्रगतिवाद काव्य की वह धारा है, जिसमें पूँजीवादी व्यवस्था का विरोध करते हुए साम्यवाद का काव्यात्मक रूपान्तरण हुआ है। प्रगतिवादी युग के काव्य की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
- साम्यवादी विचारधारा (विशेष रूप से कार्ल मार्क्स) से प्रभावित।
- मानवमात्र के कल्याण के लिए मानवतावादी दृष्टिकोण।
- सामाजिक असमानता और पूँजीपतियों के अत्याचारों के प्रति विद्रोह की भावना और शोषितों के प्रति सहानुभूति।
- जनसाधारण के समझने योग्य सरल और व्यावहारिक भाषा का प्रयोग।
- छन्दों के बन्धन की उपेक्षा।
- कला को कला के लिए न मानकर ‘कला जीवन के लिए’ का सिद्धान्त अपनाया गया।
[संकेत–कवियों के नाम प्रश्न सं० 9 में देखें।
प्रश्न 11
प्रगतिवादी कवियों ने किसके दर्शन को आधार बनाया ? स्पष्ट कीजिए। [2011]
उत्तर
प्रगतिवादी कवियों ने मुख्य रूप से कार्ल मार्क्स के दर्शन को आधार बनाया।
प्रश्न 12
प्रयोगवादी धारा अथवा नयी कविता का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
या
आधुनिक काल की प्रयोगवादी धारा पर संक्षेप में प्रकाश डालिए।
या
नयी कविता के चार प्रमुख कवियों के नाम लिखिए।
या
नयी कविता के किसी एक कवि का नामोल्लेख कीजिए। [2014]
या
किसी एक प्रयोगवादी कवि का नाम लिखिए। [2018]
या
प्रयोगवादी कविता की चार रचनाओं के नाम लिखिए।
या
प्रयोगवादी काव्यधारा के दो प्रसिद्ध कवियों के नाम लिखिए। [2009, 10, 14, 15]
उत्तर
प्रयोगवाद हिन्दी-साहित्य की आधुनिकतम विचारधारा है, जिसका उद्देश्य प्रगतिवाद के जनवादी दृष्टिकोण का विरोध करना है। प्रयोगवादी रचनाकार अपने मानसिक विकास की तुष्टि के लिए ही काव्य-सृजन करते हैं। इनके काव्य में कला–पक्ष और भाव-पक्ष दोनों में नवीन प्रयोगों को महत्त्व दिया गया है। इस युग की कविता का आरम्भ 1943 ई० के ‘तार सप्तक’ के प्रकाशन से होता है। बाद में 1954 ई० में प्रयोगवादी कविता का नाम ही नयी कविता’ पड़ गया।
प्रमुख कवि–सच्चिदानन्द हीरानन्द वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ (प्रवर्तक), गिरिजाकुमार माथुर, प्रभाकर माचवे, भारतभूषण, गजानन माधव मुक्तिबोध’, नेमिचन्द्र जैन, रामविलास शर्मा, भवानीप्रसाद मिश्र, शकुन्त माथुर, धर्मवीर भारती, जगदीश गुप्त आदि। | | संकेत–रचनाओं के लिए प्रमुख काव्य-ग्रन्थ और उनके रचयिता’ शीर्षक की सामग्री देखें।
प्रश्न 13
प्रयोगवादी कविता की प्रमुख विशेषताएँ (प्रवृत्तियाँ) लिखिए।
या
प्रयोगवादी कविता की किन्हीं दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। [2009, 11, 14, 16]
या
प्रयोगवाद की किसी एक प्रवृत्ति का उल्लेख कीजिए। [2018]
या
प्रयोगवादी काव्यधारा की दो प्रमुख प्रवृत्तियों का उल्लेख कीजिए। [2018]
या
भाषा और शिल्प की दृष्टि से प्रयोगवादी कविता की मुख्य विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर
प्रयोगवादी कविता की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
- नवीन बिम्ब एवं नवीन प्रतीकों का मोह।
- कुण्ठा और निराशा का स्वर।
- अति यथार्थवादी दृष्टिकोण।
- सामाजिक असमानता और असंगतियों के प्रति तीक्ष्ण व्यंग्य और कटूक्तियाँ।
- नितान्त वैयक्तिक अनुभूतियों की काव्य में अभिव्यक्ति।
- मुक्तक शैली का प्रयोग।
- छन्द-योजना में नवीनता।
- अंग्रेजी, उर्दू, बांग्ला तथा आंचलिक शब्दों के प्रयोग।
- नवीन उपमानों की योजना।
- विरूप का चित्रण।
प्रश्न 14
नयी कविता की प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर
सन् 1953 ई० के बाद प्रयोगवादी कविता के नये रूप का शुभारम्भ हुआ। प्रयोगवादी धारा ही विकसित होकर नयी कविता के रूप में आयी। इन वर्षों में ऐसी वादमुक्त कविता रची गयी, जो किसी विशेष प्रवृत्ति ‘स्कूल’ या ‘वाद’ से बँधकर नहीं चली। यह नया काव्य परम्परागत स्वरूप से इतना अलग हो गया कि इसे कविता न कहकर अकविता कहा जाने लगा। नयी कविता की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं—
- अति यथार्थता,
- नये बिम्ब तथा प्रतीकों के प्रयोग,
- बौद्धिकता की प्रधानता,
- वैयक्तिकता,
- निराशावादे,
- पलायन की प्रवृत्ति आदि।
प्रश्न 15
मैथिलीशरण गुप्त किस युग के कवि हैं ? उनकी एक रचना का नाम लिखिए। [2015]
उत्तर
मैथिलीशरण गुप्त द्विवेदी युग के कवि हैं। उनकी रचना का नाम है–साकेत।
प्रश्न 16
अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ किस युग के कवि हैं? उनकी किसी एक रचना का नाम लिखिए। [2015]
उत्तर
अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ द्विवेदी युग के कवि हैं। प्रियप्रवास उनकी एक रचना का नाम हैं।
प्रश्न 17
‘पलाश वन’ के रचनाकार का नाम लिखिए। [2015, 17]
उत्तर
नरेन्द्र शर्मा।
प्रश्न 18
त्रिलोचन के दो प्रसिद्ध काव्यों के नाम लिखिए। [2016]
उत्तर
- धरती तथा
- गुलाब और बुलबुल।
प्रश्न 19
हिन्दी काव्य की प्रमुख धाराओं से सम्बद्ध दो प्रमुख रचनाकारों और उनकी एक-एक कृतियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
हिन्दी काव्य की प्रमुख धाराओं से सम्बद्ध दो प्रमुख रचनाकार और उनकी एक-एक कृतियाँ निम्नलिखित है-
प्रश्न 20
निम्नलिखित कवियों और उनकी रचनाओं का सुमेल कीजिए-
उत्तर
प्रश्न 21
निम्नलिखित रचनाओं के कवियों के नाम लिखिए
(i) बादल को घिरते देखा है
(ii) हिन्दुस्तान हमारा है।
(iii) वर्षा सुन्दरी के प्रति
(iv) चन्द्रलोक में प्रथम बार
उत्तर
प्रश्न 22
निम्नलिखित रचनाओं में से किन्हीं दो रचनाओं के कवियों के नाम लिखिए-
(i) चींटी
(ii) सत्कर्त्तव्य
(iii) आग की भीख
(iv) पथ की पहचान
उत्तर