UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 10 ईदगाह (मंजरी)
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 10 ईदगाह (मंजरी)
महत्वपूर्ण गद्यांश की व्याख्या
वकील साहब …………………. डाल दी गई।
संदर्भ – प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘मंजरी’ से महान साहित्यकार मुंशी प्रेमचन्द जी द्वारा लिखित ‘ईदगाह’ नामक कहानी से लिया गया है।
प्रसंग – ईदगाह से लौटने के बाद बच्चों, खासकर नूरे के खिलौने के टूटने का सरस वर्णन है।
व्याख्या – वकील महान प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति होता है; अतः उसके लिए द्वार में दो खूटियाँ गाड़कर उन पर लकड़ी का एक पटरा रखा गया। पटरे पर सुन्दर कालीन बिछाया गया। इसके बाद पटरे पर उसे रखा गया, मानो वह राजा भोज का सिंहासन हो। अदालत में गर्मी से बचने के लिए खसे की टटियाँ और विद्युत् पंखे लगे होते हैं। इस बात का ध्यान रखते हुए नूरे ने अपने खिलौने ‘वकील’ के लिए बॉस का पंखा मँगाकर हवा.करना शुरू कर दिया। पंखे की टक्कर से वकील ऊपर से नीचे गिर पड़े, मानो वे स्वर्गलोक से मृत्युलोक में आ पड़े हों। वे मिट्टी के तो थे ही, बिलकुल मिट्टी हो गए। बहुत शोर मचा, क्योंकि वकील साहब पंचतत्व में विलीन हो गए। उनकी हडुडियाँ घूरे के ढेर पर फेंक दी गईं।
पाठका सार (सारांश)
आज ईद आई है। गाँव में हलचल है। सभी ईदगाह जाने की तैयारी में हैं। लड़के ईदगाह जाने की खुशी में सबसे प्रसन्न, मगन हैं। हामिद भी अपनी दादी से ईदगाहे जाने की जिद कर रहा है। उसके माँ-बाप नहीं हैं। वह दादी अमीना की गोद में सोता है। हामिद के पाँव में जूते नहीं हैं, टोपी भी पुरानी है, फिर भी वह प्रसन्न है। . लोग गाँव से मेले की ओर चले। हामिद भी अपने दोस्तों के साथ निकल पड़ा। सभी अपने पैसे गिन रहे हैं। किसी के पास बारह पैसे हैं, किसी के पास पन्द्रह परन्तु हामिद के पास केवल तीन पैसे हैं, फिर भी वह सबसे ज्यादा प्रस्न्न है। ईदगाह पर बहुत भीड़ है। लाखों लोग एक साथ खड़े हो जाते हैं, एक साथ झुकते हैं। और घुटनों के बल बैठ जाते है। अत्यन्त अपूर्व दृश्य है।
नमाज खत्म होने पर सब गले मिलते हैं। बच्चे मेले का आनन्द लेने लगते हैं। महमूद, मोहसिन आदि बच्चे घोड़ों और ऊँटों पर बैठते हैं। हामिद दूर खड़ा होता है, क्योंकि उसके पास केवल तीन पैसे हैं। अब बच्चे खिलौने तथा मिठाइयाँ खरीदते हैं। हामिद दूर खड़ा है। वह साथी बच्चों से नाराज होता है; क्योंकि किसी ने उसे एक भी मिठाई नहीं दी।
हामिद ने एक दुकानदार से तीन पैसों में एक चिमटा खरीद लिया और उसे कंधे पर रख लिया; मानो वह उसकी बन्दूक हो। महमूद बोला कि चिमटा खिलौना नहीं है। हामिद ने अपने चिमटे को बहादुर शेर बताया।
आखिरकार, सब बच्चों ने हामिद को विजेता माना। वे सब बहुत पैसे खर्च करके भी काम की चीज नहीं खरीद सके। हामिद खुश था। उसे विश्वास था कि दादी चिमटा देखकर खुश होगी। यह चिमटा उसका रुस्तमे-हिन्द था, सब खिलौनों का बादशाह । चिमटा लेने के लालच में हामिद को महमूद ने केला खाने को दिया।
ईदगाह जाने वाले ग्यारह बजे लौट गए। हामिद भी उन्हीं के साथ था। सबं बच्चों के खिलौने धीरे-धीरे टूट गए और घूरे के ढेरों पर पहुँच गए, लेकिन हामिद का चिमटा सही-सलामत उसके हाथ में था। अमीना ने चिमटा देखकर गुस्से से उससे पूछा कि किसी और चीज के स्थान पर चिमटा क्यों उठा लाए। तुमने अन्य बच्चों की तरह खाया-पिया क्यों नहीं । हामिद ने अपराधी भाव से कहा, “तुम्हारी अंगुलियाँ तवे से जल जाती थीं, इसलिए मैंने यह खरीद लिया।” अमीना का क्रोध स्नेह में बदल गया। उसका मन गद्गद हो गया। उसने आँसू बहाते हुए दामन फैलाया और हामिद को दुआएँ दीं।
प्रश्न – अभ्यास
कुछ करने को
(क) किस कैलेण्डर में चन्द्रमा के अनुसार महीने के दिन दिए गए हैं?
उत्तर :
ऊपर दिए गए कैलेण्डरों में से पहले कैलेण्डर में चन्द्रमा के अनुसार महीने के दिन दिए गए हैं।
(ख) 26 जनवरी को कौन-सा दिन है?
उत्तर :
26 जनवरी को शुक्रवार है।
(ग) शुक्ल द्वादशी को कौन-सा दिन है?
उत्तर :
शुक्ल द्वादशी को शनिवार है।
विचार और कल्पना –
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से स्वयं करें।
कहानी से
प्रश्न 1.
नीचे लिखे शब्दों में से सही शब्द छाँटकर रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके) –
(क) हामिद के अब्बाजान का नाम आबिद था। (कायमअली, आबिद, महमूद, मोहसिन)।
(ख) दुकानदार ने चिमटे का दाम ठीक-ठीक पाँच पैसे बताया। (तीन, चार, पाँच, छह)
(ग) हामिद के पास कुल तीन पैसे थे। (तीन, चारे, पाँच, छह)
प्रश्न 2.
किसने क्या खरीदा, तीर (→) के निशान द्वारा जोड़ी बनाइए (जोड़ी बनाकर) –
प्रश्न 3.
जब सभी बच्चे घोड़ों और ऊँटों पर बैठकर पच्चीस चक्करों का मजा ले रहे थे, तब हामिद दूर खड़ा क्या सोच रहा था?
उत्तर :
जब बच्चे पच्चीस चक्करों का मजा ले रहे थे, तब हामिद यही सोच रहा था कि मेरे पास तो तीन ही पैसे हैं। जरा-सा चक्कर खाने के लिए अपने कोष का एक तिहाई भाग नहीं दे सकता।
प्रश्न 4.
हामिद महँगे खिलौने न खरीद सकने पर अपने-आपको कैसे समझा रहा था?
उत्तर :
बच्चा और खिलौना दोनों एक-दूसरे के पूरक होते हैं। हामिद कितना भी होशियार सही, लेकिन उसके अन्दर के बच्चे का मन भी खिलौनों के लिए तरसता था। वह शायद ले भी लेता; परन्तु तीन ही तो पैसे थे, अतः उसने स्वयं को समझाया कि इन खिलौनों की क्या हस्ती है; अभी हैं और हाथों से छूट गए; तो नहीं हैं। वह मन-ही-मन उनकी निन्दा करने लगा।
प्रश्न 5.
हामिद ने चिमटा क्यों खरीदा?
उत्तर :
रोटी पकाते समय दादी की अंगुलियाँ जलने से बचाने के लिए ही हामिद ने चिमटा खरीदा।
प्रश्न 6.
हामिद के क्या कहने पर बुढ़िया अमीना का क्रोध तुरन्त स्नेह में बदल गया?
उत्तर :
हामिद के यह कहते ही कि तुम्हारी अंगुलियाँ तवे से जल जाती थीं, इसलिए मैंने यह ले लिया। यह सुनकर बुढ़िया अमीना का क्रोध तुरन्त स्नेह में बदल गया।
प्रश्न 7.
नीचे लिखे गए वाक्यों को कहानी के क्रम में लिखिए (क्रम में लिखकर) –
- अमीना परेशान थी, हामिद को अकेले मेले कैसे जाने दे।
- सहसा ईदगाह नजर आया।
- नमाज खत्म होने पर सब गले मिले।
- हामिद ने चिमटा खरीदा।
- चिमटे ने सबको मोहित कर लिया।
- बुढ़िया का क्रोध स्नेह में बदल गया।
- अमीना दामन फैलाकर दुआएँ दे रही थी।
प्रश्न 8.
इस कहानी में आपको कौन-सी बात सबसे अच्छी लगी और क्यों
उत्तर :
इस कहानी में मुझे हामिद का अपनी बूढ़ी दादी अमीना के लिए मेले में चिमटा खरीदना सबसे अच्छा लगा। क्योंकि हामिद एक अनाथ बच्चा है। उसके माता-पिता नहीं हैं और वह अपनी बूढ़ी दादी अमीना के साथ रहता है। वह गाँव के अन्य बच्चों के साथ मेला देखने गया था। उसके पास कुल तीन पैसे थे। उसके सभी दोस्त मेले में मिठाइयाँ खा रहे थे, शर्बत पी रहे, खिलौने खरीद रहे थे। हामिद का बालमन भी अन्य बच्चों की तरह वही सब खाना और खरीदना चाह रहा होगा। लेकिन उसके पास कुल तीन पैसे ही थे। उसने अपने मन की एक न सुनी और उस छोटे बच्चे ने एक जिम्मेदार आदमी की तरह अपनी बूढ़ी दादी की उँगलियों को जलने से बचाने के लिए चिमटा खरीदा।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
इस पाठ के आधार पर निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द लिखिए (लिखकर) –
उत्तर :
प्रश्न 2.
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए (प्रयोग करके) –
आँखें बन्द करना = अनदेखी करना
वाक्य प्रयोग – अपने अवगुणों के प्रति आँखें बन्द करना ठीक नहीं होता।
पैरों में पर लग जाना = तेज चलना
वाक्य प्रयोग – बालक हामिद इतना तेज चल रहा था, मानो उसके पैरों में पर लग गए हों।
राई का पर्वत करना = छोटी बात बड़ी करना
वाक्य प्रयोग – जरा-सी बात पर इतना झगड़ा! तुमने तो राई का पर्वत बना दिया!
एड़ी-चोटी का जोर लगाना = पूरी कोशिश करना
वाक्य प्रयोग – कक्षा में प्रथम आने के लिए हामिद को एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा।
बाल बाँका न होना = कुछ भी हानि नहीं होना
वाक्य प्रयोग – जिसका ईश्वर रक्षक होता है, उसका कभी बाल बाँका नहीं होता।
प्रश्न 3.
नीचे दिए गये उदाहरणों के अनुसार दिए गए शब्दों का संधि-विच्छेद कीजिए (संधि-विच्छेद करके) –
उत्तर :
- इच्छा + अनुकूल = इच्छानुकूल (आ + अ = आ)
- धर्म + अनुकूल = धमोनुकूल (अ + अ = आ)
- यथा + अवसर = यथावसर (आ + अ = आ)
- देव + आशीष = देवाशीष (अ + आ = आ)
प्रश्न 4.
सूई-धागा और सानी-पानी जैसे पाठ में आए योजक चिह्न (-) वाले शब्द-जोड़ों को छाँटकर लिखिए। ध्यान रहे कि दोनों शब्द एक जैसे न हों, जैसे – धीरे-धीरे में दोनों शब्द एक ही हैं।
उत्तर :
योजक चिहून युक्त भिन्न शब्द वाले शब्द युग्म – मिलना-भेटना, बड़े-बूढ़े, एक-दो, दस-बारह, दुबला-पतला, पुरानी-धुरानी, मरने-जीने (मरना-जीना), दल-बल, भीड़-भाड़, क्लब-घर, दो-तीन, फोड़े-फुसियाँ, भाई-बहन, मार-पीट, जोर-शोर, आनन-फानन।।
प्रश्न 5.
‘छोने वाले, जागते लहो’ तोतली बोली में है, इसे शुद्ध भाषा में लिखिए।
उत्तर :
‘सोने वाले, जागते रहो!’
प्रश्न 6.
निम्नलिखित वाक्यों को पढ़िए –
(क) वृक्षों पर कुछ अजीब हरियाली है।
(ख) खेतों में कुछ अजीब रौनक है।
(ग) आसमान पर कुछ अजीब लालिमा है।
इसी प्रकार ‘कुछ अजीब’ से पाँच वाक्य और बनाइए।
उत्तर :
(क) उनमें कुछ अजीब ऐब हैं।
(ख) एकाएक कुछ अजीब घटित हो जाना चौंका देता है।
(ग) समझकर भी नासमझ बनने वाले लोग कुछ अजीब होते हैं।
(घ) मितली आते समय कुछ अजीब-सा अनुभव होता है।
(ङ) दुनिया में कुछ अजीब बनकर रहना हास्यास्पद बना देता है।
इसे भी जानें –
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
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