UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 24 महाराजा रणजीत सिंह (महान व्यक्तिव)
UP Board Solutions for Class 6 Hindi Chapter 24 महाराजा रणजीत सिंह (महान व्यक्तिव)
पाठ का सारांश
पंजाब के लोक जीवन में प्रचलित लोक कथाओं से महाराजा रणजीत सिंह की उदारता, न्यायप्रियता और सभी धर्मों के प्रति सम्मान प्रदर्शित होता है।
राणजीत सिंह का जन्म सुकरचक्या जागीरदार महासिंह के घर हुआ। पिता की मृत्यु के बाद सन 1797 ई० में रणजीत सिंह ने जागीर का भार सँभाल लिया। सन 1801 ई० में बैशाखी के दिन लाहौर में ये एक स्वतंत्र भारतीय शासक के रूप में प्रतिष्ठित हुए। सन 1839 ई० तक राज्य की सीमाओं को बढ़ाया और उसे शक्तिशाली बनाया। ये महाराजा की उपाधि से विभूषित हुए। कालान्तर , में, शेर-ए-पंजाब के नाम से विख्यात हुए।
महाराजा रणजीत सिंह अनोखे शासक थे। इन्होंने खालसा पंथ के नाम से शासन चलाया। इन्होंने अँग्रेजों की तरह सुशिक्षित सेना रखी और पंजाब को एक शक्तिशाली राज्य के रूप में परिवर्तित कर दिया। इन्होंने विरोधियों के प्रति भी उदारता और दया का दृष्टिकोण रखा। इस भावना के कारण इन्हें लाखबख्श कहा जाता है।
27 जून, 1839 ई० में इनका देहावसान हो गया। दुर्भाग्यवश, इन्हें कोई योग्य उत्तराधिकारी नहीं मिला।
अभ्यास
प्रश्न 1.
महाराजा रणजीत सिंह ने मंदिरों और मस्जिदों के उत्थान के लिए क्या उल्लेखनीय कार्य किया?
उत्तर :
महाराजा राणजीत सिंह ने मन्दिरों को सोना आदि दान में दिए और अनेक मसजिदों की मरम्मत कराई।
प्रश्न 2.
विभिन्न धर्मों के प्रति महाराजा रणजीत सिंह के क्या विचार थे?
उत्तर :
विभिन्न धर्मों के प्रति महाराजा रणजीत सिंह के विचार सहिष्णुता, समानता व आदरभाव के थे।
प्रश्न 3.
किन गुणों के कारण महाराजा रणजीत सिंह को लोक गाथाओं में स्थान मिला?
उत्तर :
उदारता, न्यायप्रियता, सभी धर्मों के प्रति सम्मान की भावना आदि गुणों के कारण महाराजा रणजीत सिंह को लोक गाथाओं में स्थान मिला।
प्रश्न 4.
किसने और क्यों कहा –
(क) ईश्वर की इच्छा है कि मैं सभी धर्मों को एक नजर से देखें।
उत्तर :
रणजीत सिंह ने फकीर से कहा, क्योंकि फकीर ने उनसे कहा कि कुरान तो आपके किसी काम का नहीं है।
(ख) उनके चेहरे पर इतना तेज था कि मैंने कभी सीधा उनके चेहरे की ओर देखा ही नहीं।
उत्तर :
फकीर अजीमुद्दीन ने लॉर्ड विलियम बेंटिक से कहा, क्योंकि उससे बेंटिक ने पूछा था कि महाराजा की कौन-सी आँख खराब है।
प्रश्न 5.
सही (✓) अथवा गलत (✗) का चिह्न लगाइए (चिह्न लगाकर) –
(क) महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल में किसी को मृत्युदण्ड नहीं दिया गया। (✓)
(ख) इक्कीस वर्ष की उम्र में महाराजा रणजीत सिंह को शेर-ए-पंजाब की उपाधि दी गई। (✗)
(ग) अपने जीवनकाल में महाराजा रणजीत सिंह जनश्रुतियों के केन्द्र बन गए। (✓)
(घ) प्रतिशासक परिषद् में महाराजा रणजीत सिंह और उनकी माँ को सम्मिलित किया गया। (✗)
प्रश्न 6.
उचित शब्द का चयन करके रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए (पूर्ति करके) –
(क) ईश्वर की इच्छा है कि मैं सभी धर्मों को एक ही नजर से देखें। (आँख, विचार, नजर)
(ख) अपने जीवनकाल में ही वे जनश्रुतियों के केन्द्र बन गए थे। (विषय, केन्द्र, क्षेत्र)
(ग) महाराजा रणजीत सिंह को दरबारियों के साथ मसनद के सहारे जमीन पर बैठना अच्छा लगता था। (सोना, खेलना, बैठना)
(घ) महाराजा रणजीत सिंह ने अपनी सैन्य पद्धति को अँग्रेजी सेना के अनुसार संगठित करने का निश्चय किया। (विचार, निश्चय, काम)
नोट – प्रश्न 7.
एवं 8 विद्यार्थी अपने शिक्षक/शिक्षिका की सहायता से स्वयं करें।
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