UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 14 प्रकाश

By | May 26, 2022

UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 14 प्रकाश

UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 14 प्रकाश

 

प्रकाश

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1.
निम्नलिखित प्रश्नों में सही विकल्प छाँटिए –
(क) वे पदार्थ जिनसे प्रकाश आंशिक रूप से निर्गत होता है, कहलाते हैं-
(i) प्रदीप्त
(ii) पारदर्शक
(iii) अपारदर्शक
(iv) पारभासी (✓)

(ख) किस प्रकाश स्रोत से उपछाया नहीं बनती
(i) बिन्दु प्रकाश स्रोत (✓)
(ii) सूर्य
(iii) सभी प्रकाश स्रोत
(iv) उपर्युक्त में से कोई नहीं

(ग) जब पृथ्वी की उपछाया से होकर चन्द्रमा गुरता है तब होता है-
(i) पूर्ण चन्द्र ग्रहण
(ii) सूर्य ग्रहण
(iii) खण्ड चन्द्र ग्रहण (✓)
(iv) खण्ड सूर्य ग्रहण

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
उत्तर:
(क) सूर्य और तारे प्राकृतिक प्रकाश स्रोत है, जबकि जलती हुयी मोमबत्ती और विद्युत बल्व मानव निर्मित स्रोत है।
(ख) दीप्त वस्तुएँ स्वयं प्रकाश उत्पन्न करती है जबकि अदीप्त वस्तुएँ स्वयं प्रकाश उत्पन्न नहीं करती हैं।
(ग) सूर्य ग्रहण दिखायी देता है जब चन्द्रमा सूर्य और पृथ्वी के मध्य आ जाता है।
(घ) चन्द्र ग्रहण की घटना पूर्णिमा के दिन होती है।
(ङ) निर्यात में प्रकाश की चाल 3 लाख किमी/सेकेण्ड होती है।

प्रश्न 3.
निम्नलिखित में स्तम्भ 1 के कथनों का मिलान स्तम्भ 2 के कथनों से कीजिए। (मिलान करके)-
उत्तर:
UP Board Solutions for Class 6 Science Chapter 14 प्रकाश 1

प्रश्न 4.
प्रकाश स्रोत किसे कहते हैं? दो प्राकृतिक तथा दो मानव निर्मित प्रकाश स्रोतों के नाम लिखिए तथा उनकी विशेषतायें बताइये।
उत्तर:
जिन साधनों से हमें प्रकाश ऊर्जा प्राप्त होती है, उन्हें प्रकाश स्रोत कहते हैं।

  1. प्राकृतिक प्रकाश स्रोत
  2. कृत्रिम प्रकाश स्रोत या मानव निर्मित्त प्रकाश स्रोत।।

ऐसे प्रकाश स्रोत जो हमें प्राकृतिक रूप से प्राप्त होते हैं, प्राकृतिक प्रकाश स्रोत कहलाते हैं। सूर्य तथा तारे प्राकृतिक प्रकाश स्रोत हैं। हमें पृथ्वी पर पर्याप्त मात्रा में प्रकाश सूर्य से ही प्राप्त होता है। कुछ तारे भले ही सूर्य से कई गुना बड़े हैं किन्तु पृथ्वी से उनकी दूरी बहुत अधिक है। अतः वे कम चमकदार तथा छोटे दिखायी पड़ते है। सूर्य भी एक तारा है तथा यह सभी तारों की अपेक्षा पृथ्वी के अत्यंत निकट है। अतः यह सभी तारों की अपेक्षा अत्यधिक चमकदार दिखायी पड़ता है।

प्रश्न 5.
अपने आस-पास दिखायी पड़ने वाली वस्तुओं में से दीप्त तथा अदीप्त वस्तुओं को छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
दीप्त- मोमबत्ती, सूर्य, तारे, लैम्प, बल्ब, ट्यूब लाइट, सी.एफ.एल. एल.ई.डी आदि।
अदीप्त- मेज, कुर्सी, चारपायी, पुस्तक, दर्पण, चन्द्रमा आदि।

प्रश्न 6.
पारदर्शी, पारभाषी तथा अपारदर्शी वस्तुओं की परिभाषा लिखिए। अपने आस-पास दिखायी पड़ने वाली वस्तुओं में से पारदर्शी, पारभाषी एवं अपारदर्शी वस्तुओं के नाम लिखिए।
उत्तर:
पारदर्शी-ऐसी वस्तुएँ जिनसे होकर प्रकाश आर-पार निकल जाता है, उन्हें पारदर्शी (Transparent) वस्तुएँ कहते हैं। जैसे- स्वच्छ, काँच, स्वच्छ, जल, ग्लिसरीन आदि।

पारभाषी- ऐसी वस्तुएँ जिनसे होकर प्रकाश का केवल आंशिक भाग बाहर निकलता है उन्हें पारभाषी (Transluecent) वस्तुएँ कहते हैं। जैसे- घिसा हुआ काँच, ट्रेसिंग पेपर, तेल लगा हुआ कागज आदि।

अपारदर्शी- ऐसी वस्तुएँ जिनसे होकर प्रकाश बिलकुल नहीं निकल पाता है उन्हें अपारदर्शी (Opaque) वस्तुएँ कहते हैं। जैसे- दफ्ती का टुकड़ा, लकड़ी का टुकड़ा, धातु की चादर, दर्पण आदि।

प्रश्न 7.
किसी प्रयोग द्वारा सिद्ध कीजिए कि प्रकाश किरणें सरल रेखा में गति करती हैं।
उत्तर:

  • समान आकार की तीन आयताकार दफ्ती का टुकड़ा तथा एक मोमबत्ती लीजिए। दफ्ती के टुकड़ों को एक । दूसरे के ऊपर रखकर उनके बीच छेद करें।
  • मोमबत्ती को जलाकर मेज पर रखिए।
  • दफ्ती के तीनों टुकड़ों को चित्र 14.2 की भाँति गीली मिट्टी की सहायता से सीधा खड़ा करके इस प्रकार रखिए कि चित्र 14-2 प्रकाश सीधी रेखा में चलता है। कि तीनों टुकड़ों में बने छिद्र एक सरल रेखा में हों।
  • मोमबत्ती को इस प्रकार प्रथम टुकड़े के सामने रखिए ताकि इसकी लौ छिद्रों के सामने हो।
  • अब अंतिम दफ्ती के टुकड़े के सामने नेत्र द्वारा मोमबत्ती के लौ को देखिए। क्या आप को मोमबत्ती की लौ दिखायी पड़ती है? हम मोमबत्ती की लौ को अंतिम दफ्ती के टुकड़े के छिद्र द्वारा देख सकते हैं।
  • अब बीच वाले टुकड़े को थोड़ा इधर-उधर खिसकाइए क्या देखते हैं?

अब मोमबत्ती की लौ दिखायी नहीं देती है। इसका क्या कारण है? बीच की दफ्ती के टुकड़ों को थोड़ा इधर-उधर खिसकाने पर सभी छिद्र एक सरल रेखा में नहीं रहते हैं जिससे मोमबत्ती के लौ का प्रकाश बीच वाले दफ्ती के टुकड़े से नहीं निकल पाता है। इसी कारण मोमबत्ती की लौ नहीं दिखाई पड़ती है। अतः इस क्रियाकलाप से यह सिद्ध होता है कि प्रकाश का गमन सरल रेखा में होता है।

प्रश्न 8.
छाया, प्रच्छाया तथा उपछाया से क्या समझते हैं? प्रयोग द्वारा इनमें अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जब प्रकाश के विस्तारित स्रोत से अपारदर्शी वस्तु की छाया बनती है तब यह छाया एक समान काली नहीं होती है। इस छाया में दो भाग होते हैं। छाया का मध्य भाग अधिक काला होता है, वह प्रच्छाया कहलाता है। प्रच्छाया के चारों ओर का कम काला भाग उपछाया कहलाता है। निम्नलिखित क्रियाकलाप द्वारा छाया, प्रच्छाया एवं उपछाया के बनने की प्रक्रिया समझी जा सकती है।

  • एक टॉर्च, काला कागज तथा एक छोटी गेंद लीजिए।
  • काले कागज में एक छोटा छेद करके टॉर्च के काँच से। चिपका दीजिए। टॉर्च को जलाकर कमरे के दीवार की । ओर लाइये। क्या देखते हैं? गोलाकार आकृति में दीवार छाया का कुछ भाग प्रकाशित हो जाता है।
  • अब जलती हुई टॉर्च के सामने कुछ दूरी पर गेंद रखिए। क्या देखते हैं? दीवार पर प्रकाशित भाग के स्थान पर गोलाकार अंधेरी आकृति दिखायी देती है। गोलाकार
    चित्र 14.4 अंधेरी आकृति गेंद द्वारा प्रकाश की किरणों को रोक उपछाया – लेने के कारण बनती हैं। गोलाकार अंधेरी आकृति को गेंद की छाया कहते हैं। इसे चित्र 14.4 से प्रदर्शित टार्च। किया जाता है।
  • टॉर्च के काँच से काले कागज को हटाकर पुनः टॉर्च जलायें तथा उतनी ही दूरी पर गेंद को रखिए। क्या देखते हैं?
  • दीवार पर गोल आकृति का अंधेरा स्थान और उसके चारों ओर धुंधले प्रकाश से प्रकाशित चौड़ा छल्ला दिखायी पड़ता है जैसा कि 14.5 में दर्शाया गया है। अंधेरी गोल आकृति को प्रच्छाया (Umbra) तथा धुंधले गोल छलले को प्रच्छाया (Penumbra) कहते हैं। प्रकाश स्रोत बिन्दुवतू होने पर छाया तथा बड़ा होने पर प्रच्छाया व उपछाया प्राप्त होती है। इससे हम आकृति में होने वाली अद्भुत खगोलीय घटना सूर्यग्रहण एवं चन्द्रग्रहण को सरलता से समझ सकते हैं।

प्रश्न 9.
सूर्य ग्रहण कब और चन्द्रग्रहण कब और कैसे लगता है? चित्र खींचकर समझाइये।
उत्तर:

पृथ्वी तथा चन्द्रमा द्वारा चक्कर लगाते-लगाते एक । ऐसी स्थिति आ जाती है कि सूर्य, चन्द्रमा तथा पृथ्वी तीनों एक सरल रेखा में इस प्रकार आ जाते हैं कि चन्द्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। इस स्थिति में चन्द्रमा, सूर्य से आने वाली प्रकाश की किरणों को पृथ्वी तक आने से रोकता है, जिसके कारण चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ने लगती है और सूर्य दिखायी नहीं देता है, इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं। सूर्यग्रहण सदैव अमावस्या के दिन पड़ता है।

जब सूर्य और चन्द्रमा के मध्य पृथ्वी आ जाती है। तो सूर्य का प्रकाश चन्द्रमा तक नहीं पहुँच पाता क्योंकि पृथ्वी सूर्य से आने वाले प्रकाश की किरणों के मार्ग में अवरोध उत्पन्न करती है जिसके फलस्वरूप चन्द्रग्रहण लगता है। चन्द्रग्रहण सदैव पूर्णिमा के दिन पड़ता है।

● नोट- प्रोजेक्ट कार्य विद्यार्थी स्वयं करें।

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