UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 20 एनी बेसेन्ट (महान व्यक्तित्व)

By | May 26, 2022

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 20 एनी बेसेन्ट (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 20 एनी बेसेन्ट (महान व्यक्तित्व)

पाठ का सारांश

जिन विदेशी महिलाओं ने भारत के राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक उत्थान में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है, उनमें एनी बेसेन्ट का स्थान बहुत ऊँचा है। इनका जन्म 1 अक्टूबर, 1847 ई० को लन्दन में हुआ था। एनी बेसेन्ट स्वतन्त्र विचारक तो थी ही। हिन्दू धर्म के पुनरुत्थान में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। अपने पादरी पति फ्रैंक बीसेन्ट के सम्पर्क में आते ही उनके मन में ईसाई धर्म के उपदेशों के विषय में शंकाएँ उत्पन्न होने लगीं। दाम्पत्य जीवन अधिक सुखमय नहीं था, फिर भी एनी बेसेन्ट अपने कर्तव्य का पालन करती रहीं।
छियालिस वर्ष की उम्र में एनी बेसेन्ट भारत आईं और फिर यही रह गईं। उन्होंने भारत की सामाजिक और धार्मिक स्थिति का गहन अध्ययन किया। उन्होंने अनुभव किया कि भारत के विद्यालयों के पाठ्यक्रम में धार्मिक और नैतिक शिक्षा को भी सम्मिलित करने की आवश्यकता है। वे भारत के विद्वानों, विचारकों, धर्म-गुरुओं और समाज सुधारकों के सम्पर्क में आईं तथा उनके साथ विचार-विमर्श किया। अडयार (तमिलनाडु), वाराणसी, मुम्बई, आगरा, लाहौर आदि स्थानों पर जाकर उन्होंने भाषण दिए। शिक्षा के प्रचार-प्रसार और शिक्षा प्रणाली में सुधार पर उनके भाषणों में विशेष बल रहता था। काशी विश्वविद्यालय
की स्थापना में उन्होंने मालवीय जी के कन्धे से कन्धा मिलाकर  कार्य किया।
एनी बेसेन्ट व्यक्ति की स्वतन्त्रता की हिमायती थीं। उनका कहना था कि व्यक्ति को अपने चिन्तन के परिणामों को स्वतन्त्रता से व्यक्त करने का अधिकार होना चाहिए। उनका विश्वास था कि एक-दूसरे के प्रति सत्य का आचरण करके ही हम स्वतन्त्रता प्राप्त कर सकते हैं। स्वेच्छाचारी और उच्छृखल व्यक्ति अपने को कभी स्वतन्त्र अनुभव नहीं कर सकता। वे कहती थीं कि आत्म-संयम की नींव पर स्वतन्त्रता का भवन खड़ा होता है। वर्ग-भेद, जाति भेद, पारस्परिक कलह और घृणा से छुटकारा पाए बिना कोई राष्ट्र स्वतन्त्र नहीं हो सकता। वे राष्ट्र को भी एक आध्यात्मिक सत्ता मानती थीं और कहती थीं राष्ट्र स्वाधीन भावना, एकता की  भावना पर आश्रित है। राष्ट्र का लक्ष्य है अपनी जातीय विशेषताओं के माध्यम से विश्व की सेवा करना। वे भारत को ऐसे ही समृद्ध राष्ट्र के रूप में देखना चाहती थीं। उनके मन में भारत से गहरा लगाव था।
एनी बेसेन्ट भारत के स्वाधीनता आन्दोलन से भी जुड़ी हुई थीं। एनी बेसेन्ट अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त महिला थीं। उनमें सत्य के लिए संघर्ष करनेवाली सशक्त आत्मा विद्यमान थी। जिस समय भारत ने स्वराज के लिए संघर्ष आरम्भ किया, उस समय अनेक ऐसी शक्तियाँ थीं, जो भारत को एक स्वतन्त्र राष्ट्र के रूप में नहीं स्वीकार करना चाहती थीं। एनी बेसेन्ट ने धर्म और आध्यात्म का मार्ग अपना कर भारतीय राष्ट्रबाद की शक्ति बढ़ाई। भूतपूर्व प्रधानमन्त्री पं० जवाहरलाल नेहरू ने कहा था- “आज की पीढ़ी के लिए नाममात्र हो सकती हैं; लेकिन मेरी और मुझसे पहले की पीढ़ी के लिए उनका व्यक्तित्व बहुत महान है, जिसने हम लोगों को बहुत प्रभावित किया। इसमें कोई शक नहीं हो सकता कि भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में उनका योगदान बहुत अधिक था। इसके अतिरिक्त वे उन लोगों में से थीं, ज़िन्होंने हमारा ध्यान अपनी सांस्कृतिक धरोहर की ओर आकर्षित  किया और हममें उसके प्रति गर्व पैदा किया।”

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1:
एनी बेसेन्ट का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर:
एनी बेसेन्ट का जन्म 1 अक्टूबर सन् 1847 ई० को लन्दन में हुआ था।

प्रश्न 2:
एनी बेसेन्ट को बचपन में किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
उत्तर:
एनी बेसेन्ट को बचपन में आर्थिक और सामाजिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।

प्रश्न 3:
एनी बेसेन्ट ने जनता की भलाई के लिए कौन-कौन से कार्य किए?
उत्तर:
एनी बेसेन्ट ने लोगों को जाति और धर्म के भेदभाव को छोड़ विश्व-बन्धुत्व सिखाया; गीता के ज्ञानयोग और कर्मयोग की साधना स्वीकार की, स्वराज्य के कार्य को भारत में लोकप्रिय बनाया और लोकहित को ही राज्य और राष्ट्र का लक्ष्य माना तथा समाज कल्याण के कार्य करना; दीन-दुखियों की सेवा करना सिखाया।

प्रश्न 4:
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एनी बेसेन्ट के योगदान के बारे में लिखिए?
उत्तर:
एनी बेसेन्ट भारत की स्वतंत्रता की हिमायती थीं। वे 46 वर्ष की उम्र में भारत आईं और फिर भारत की ही बनकर रह गईं। उनका कहना था कि व्यक्ति को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होनी चाहिए। वे भारत को समृद्ध राष्ट्र के रूप में देखना चाहती थी और यह स्वतंत्रता के पश्चात ही संभव था। उन्होंने अध्यात्म का मार्ग अपनाकर भारतीय राष्ट्रवाद की शक्ति बढाई। उनके मन में भारत के प्रति गहरा लगाव था। उन्होंने भारतीयों के साथ मिलकर भारत को आजाद कराने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें 1917 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया। महात्मा गांधी के साथ मिलकर भारत की स्वतंत्रता के  लिए लोगों को जागरूक किया तथा आजादी मिलने तक हर संघर्ष में भारतीयों के साथ रहीं।

प्रश्न 5:
सही विकल्प चुनिए
एनी बेसेन्ट भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष बनीं|
(क) 1907 में
(ख) 1911 में
(ग) 1917 में
(घ) 1927 में

We hope the Class 7 Hindi UP Board Solutions for Chapter 20 एनी बेसेन्ट (महान व्यक्तित्व) help you.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *