UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 24 बाल गंगाधर तिलक (महान व्यक्तित्व)

By | May 26, 2022

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 24 बाल गंगाधर तिलक (महान व्यक्तित्व)

UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 24 बाल गंगाधर तिलक (महान व्यक्तित्व)

पाठ का सारांश

सन् 1857 ई० की क्रान्ति भारतीय इतिहास में विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है। इस क्रान्ति के फलस्वरूप देश स्वाधीन तो नहीं हो सका; किन्तु इससे स्वाधीनता प्राप्ति के प्रयासों को बल मिला। बाल गंगाधर तिलक एक आदर्श शिक्षक और सफल पत्रकार थे। 1881 में तिलक की सामाजिक सेवा का दूसरा दौर चला। इन्होंने मराठी भाषा में ‘केसरी’ समाचार पत्र का प्रकाशन प्रारम्भ किया। अँग्रेज़ी भाषा में ‘मराठा’ पत्र भी साथ ही निकलने लगा। ‘मराठा’ और  ‘केसरी’ समाचार पत्रों में अँग्रजों की अनुचित नीतियों और अत्याचारी का खुलकर विरोध किया जाता था।

कलकत्ता में होने वाले कांग्रेस अधिवेशन के अवसर पर एक सार्वजनिक सभा में गीता पर इनका भाषण सुनकर छात्रों ने इन्हें मानपत्र दिया तथा इनका निर्देशक प्राप्त करना चाहा। तब से वे ‘लोकमान्य’ कहे जाने लगे। इन्होंने धार्मिक  उत्सव का आधार लेकर राजनीति की जड़ें मजबूत कीं। इस प्रकार तिलक को स्वदेशी आन्दोलन का सच्चा जन्मदाता कहा जा सकता है।
तिलक में असीम सहिष्णुता थी। देश के लिए इन्होंने बहुत यातना भोगी। जेल से छूटने के बाद ये । पुनः देश सेवा में लग गए। इन्होंने जनता को स्वशासन की प्रेरणा दी और होमरूल लीग की स्थापना की। वे देश में अपना शासन और  अपनी व्यवस्था चाहते थे। कांग्रेस में तिलक को प्रभुत्व जम रहा था। तिलक पूर्ण स्वराज्य हेतु निरन्तर संघर्ष करते रहे। 1 अगस्त, 1920 को भारतीयों को पूर्ण स्वराज्य हेतु उत्प्रेरित कर भारत-माता के ये सपूते सदा के लिए सो गए। इनकी मृत्यु के अवसर पर जन समूह की बाढ़ को देखकर विट्ठलभाई पटेल ने कहा था- “राजनीति को आराम कुर्सी वाले राजनीतिज्ञों से जनता तक ले आने का श्रेय लोकमान्य तिलक को ही है।” इनकी उँगली राष्ट्र की नाड़ी पर थी। ये जानते थे कि स्वाधीनता संग्राम में त्याग और कष्ट झेलने की  क्षमता जनता में कितनी है; इसीलिए इन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलन को आगे बढ़ाया। वे सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता थे।”

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1:
बाल गंगाधर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर:
बाल गंगाधर का जन्म 23 जुलाई, 1856 ई० को  भारत के पश्चिमी समुद्र तट पर स्थित रत्नागिरि गाँव में हुआ था।

प्रश्न 2:
“बाल गंगाधर तिलक स्वराज के मन्त्रदाता थे’, इस कथन की पुष्टि करिए।
उत्तर:
जेल में तिलक ने ‘गीता-रहस्य’ नामक विश्वविख्यात  पुस्तक लिखी। इस पुस्तक ने देश की राजनीति को स्वराज्य की ओर उत्प्रेरित किया। तिलक ने जनता को बताया कि कर्म का राष्ट्रीय फल ‘स्वराज्य’ है।

प्रश्न 3:
बाल गंगाधर तिलक ने किन पत्रों का सम्पादन किया?
उत्तर:
बाल गंगाधर तिलक ने मराठी भाषा में ‘केसरी’ समाचार पत्र तथा अँग्रेजी भाषा में ‘मराठा’ पत्र का भी सम्पादन किया।

प्रश्न 4:
भारत की स्वाधीनता के लिए तिलक के योगदान का वर्णन करिए।
उत्तर:
राजनीति को आराम कुर्सीवाले राजनीतिज्ञों से जनता तक ले जाने का श्रेय लोकमान्य तिलक को ही है। इनकी उँगली राष्ट्र की नाड़ी पर थी; इसलिए ये जानते थे कि स्वतन्त्रता संग्राम में त्याग और कष्ट झेलने की क्षमता जनता में कितनी है; इसलिए इन्होंने राष्ट्रीय आन्दोलन को आगे बढ़ाया। वे सच्चे अर्थों में भारत के निर्माता थे।

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