UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 4 अतिलोभो न कर्तव्य

By | May 26, 2022

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 4 अतिलोभो न कर्तव्य

UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 4 अतिलोभो न कर्तव्य

 

शब्दार्थाः- कश्चिद् = कोई, प्रासादम् = राजमहल, अतोषयत् = सन्तुष्ट किया, सत्कृतः = सत्कार किया गया, अभीष्टम् = मनोवांछित, मनचाहा, वरय = वरदान माँगो, स्पृश्यमानाः = छुए गएँ, भवतु = हो जाए, तथास्तु = ऐसा ही हो, अन्तर्हितः = अन्तर्धान हो गया, प्रविष्टः = घुसा हुआ, सद्यः = तुरन्त, अस्पृशत् = स्पर्श किया, स्पृष्टानि = छुए हुए, जातानि = हो गया, नितराम् = पूरी तरह से, अतुष्यत् = सन्तुष्ट हो गया, महती = बहुत बड़ी, पिपासा’ = पीने की इच्छा, जाता = उत्पन्न हुई, पातुम् = पीने के लिए, उद्यतः = तैयार हुआ, स्पृष्टम् = छुआ हुआ या स्पर्श किया गया। सुवर्णपिण्डम् = सोने का गोला, उक्तम् = कहा गया, मृषा = झूठा, आगताः = आयी, समाश्वासयितुम = आश्वस्त करने के लिए, भरोसा दिलाने के लिए अङ्के उपवेशयति स्म = गोद में बैठाया, प्रवृत्तः = लग गया, हन्त = हाय!, प्रतिमा = मूर्ति सञ्जाता = हो गई, व्यलपत् = विलाप किया, निवर्तयतु = लौटा लें, वापस ले लें।

एकस्मिन् देशे ………………………………………………………………………….. अन्तर्हितः।

हिन्दी अनुवाद – एक देश में कोई राजा था। उसका नाम मायादोस था। अतिलोभी होने से वह दरिद्र जैसी जीवन गुजारता था। एक बार कोई मुनि मायादास के महल में आए। राजा ने उन्हें सत्कार से सन्तुष्ट किया। राजा के सत्कार से प्रसन्न मुनि बोले, “राजा  तुम्हारा कल्याण हो। मनचाहा वरदान माँगो।” मुनि द्वारा इस प्रकार कहे जाने पर वह लोभ से प्रेरित होकर बोला, “मेरे द्वारा स्पर्श किए हुए पदार्थ सोना हो जाएँ” इति। “ऐसा ही हो” यह कहकर मुनि अन्तर्धान हो गए।

मुनेः वरं ………………………………………………………………………….. भवति।

हिन्दी अनुवाद – मुनि से वरदान प्राप्त करके घर में घुसे मायादास ने वहाँ स्थित वस्तुओं को स्पर्श किया। उसके द्वारा स्पर्श की गई वस्तुएँ फौरन ही सोने की हो गईं। उन्हें देखकर वह अत्यन्त प्रसन्न हो गया। इसके बाद उसे प्यास लगी। वह जल पीने के लिए उद्धत हुआ।  उसके स्पर्श से जल भी स्वर्ण पिंड हो गया। साधु का वचन झूठा नहीं होता।

तस्मिन् ………………………………………………………………………….. व्यलपत्।

हिन्दी अनुवाद – तभी राजकुमारी फूलों की मंजरी लेकर वहाँ आई। “पिता जी! ये फूल अत्यन्त सुन्दर हैं।” वह बोली। राजा ने मंजरी को हाथ से स्पर्श किया। उसके स्पर्श से मंजरी स्वर्णमय हो गई। उसे देखकर राजकुमारी दुखी हुई। पुत्री को आश्वस्त  करने के लिए मायादास ने उसे गोद में बैठा लिया; परन्तु हाय! कुमारी स्वर्ण प्रतिमा हो गई। मायादास शोक के कारण जोर से विलाप करने लगा।

तदा भाग्यात् ………………………………………………………………………….. कारणम्।

हिन्दी अनुवाद – तभी भाग्य से वे ही मुनि राजा के सामने प्रकट हो गए। मायादास ने उनसे निवेदन किया, “महर्षि! कृपया, दिया गया वरदान वापस ले लें। मेरी पुत्री मेरा जीवन है।”

मुनि बोले, “तुम्हें अब सोने का महत्त्व समझ में आ गया होगा। वास्तव में, वह तुच्छ है। उद्यान से जल लाओ। उस जल से सींची वस्तुएँ पहली अवस्था में आ जाएगी। ऐसा कहकर मुनि वहीं अन्तर्धान हो गए।” मायादास उद्यान से जल लाया। उस जल  से सींची हुई स्वर्ण वस्तुएँ अपनी-अपनी प्रकृति (असली रूप) को प्राप्त हो गईं। राजकुमारी ने मन्द हँसी से पिता के हृदय को सन्तुष्ट किया। ज्यादा लोभ नहीं करना चाहिए। वह तो दुख का कारण है।

अभ्यासः

प्रश्न 1.
उच्चारणं कुरुत पुस्तिकायां च लिखत
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
एकवाक्येन उत्तरत
(क) मायादासः कः आसीत्?
उत्तर :
मायादासः नृपः आसीत्।

(ख) मायादासः किं अयाचत?
उत्तर :
मायादासः अयाचन- “मया स्पृश्यमानाः पदार्थः सौवर्णाः भवन्तु” इति।

(ग) “अभीष्टं वरं वरय!” इति कः अवदत्?
उत्तर :
“अभीष्टं वरं वरय!” इति मुनिः अवदत्।।

(घ) “हन्त! कुमारी सुवर्णप्रतिमा सञ्जाता!” इदं वाक्यं कः अवदत्।
उत्तर :
“हन्त! कुमारी सुवर्णप्रतिमा सञ्जाता!”  वाक्यं मायादासः अवदत्

(ङ) किं दुःखस्य कारणम्?
उत्तर :
लोभः दुखस्य कारणम्।।

प्रश्न 3.
उदाहरणानुसारं सन्धि विच्छेदं कुरुत (सन्धि-विच्छेद करके)

प्रश्न 4.
संस्कृत भाषायाम् अनुवादं कुरुत (अनुवाद करके)
(क) उसका नाम केशव था
अनुवाद : तस्य नाम केशवः आसीत्।

(ख)
 उसके पिता का नाम रामदास था।
अनुवाद : तस्य पितुः नाम रामदासः आसीत्।

(ग) उसकी माता का नाम माया देवी था।
अनुवाद : तस्य मातुः नाम मायादेवी आसीत्।

(घ)
 एक बार वह बाजार गया।
अनुवाद : एकदा सः आपणं गतः।

(ङ)
 वहाँ वह अपने मित्र से मिला।
अनुवाद : तत्र सः स्वमित्रेण सह अमिलत्।

प्रश्न 5.
मजूषातः क्रियापदानि चित्वा वाक्यानि पूरयत (पूरा करके)
(क) मुनिः अवदत् अभीष्टं वरं वरय
(ख) सः भूपतिः वरम् अयाचत्
(ग) तेन स्पृष्टानि वस्तूनि सद्यः  एवं सौवर्णानि जातानि
(घ) तेन स्पृष्टा मञ्जरी सुवर्णमयी जाता
(ङ) मायादासः उद्यानात् जलम् आनयत्

प्रश्न 6.
नोट – विद्यार्थी हिन्दी अनुवाद वाला भाग पढ़ें।

प्रश्न 7.
चित्रं दृष्ट्वा मञ्जूषाता: पदानि चे प्रयुज्य वाक्यानि रचयत (चित्र पाठ्यपुस्तक से देखकर )
उत्तर :
शिक्षकः श्यामपट्टे लिखति। छात्रः प्रश्नं पृच्छति। छात्रा: अभ्यासपुस्तिकायाम् लिखन्ति। छात्राः प्रश्नं पृच्छति। छात्रः श्यामपट्टे लिखति। छात्राः श्यामपट्ट लिखन्ति।
नोट – विद्यार्थी शिक्षण-संकेत स्वयं करें।

We hope the UP Board Solutions for Class 7 Sanskrit chapter 4 अतिलोभो न कर्तव्य help you.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *